कलश में नारियल कैसे रखना चाहिए - kalash mein naariyal kaise rakhana chaahie

नारियल ऊर्जा का एक बहुत अच्छा स्रोत है इसलिए आप खाने की जगह चाहें तो नारियल का इस्तेमाल कर सकते हैं। नारियल की चटनी बनती है और नारियल का सब्जी में भी इस्तेमाल किया जाता है।

नारियल में प्रोटीन और मिनरल्स के अलावा सभी पौष्टिक तत्व अच्छी मात्रा में उपलब्ध होते हैं। नारियल में विटामिन, पोटेशियम, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम और खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। नारियल में वसा और कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है इसलिए नारियल मोटापे से भी निजात दिलाने में मदद करता है। यहां प्रस्तुत है नारियल के 10 चमत्कारिक टोटके...

ऋ‍ण उतारने के लिए : एक नारियल पर चमेली का तेल मिले सिन्दूर से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं। कुछ भोग (लड्डू अथवा गुड़-चना) के साथ हनुमानजी के मंदिर में जाकर उनके चरणों में अर्पित करके ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करें। तत्काल लाभ प्राप्त होगा।

दूसरा उपाय शनिवार के दिन सुबह नित्य कर्म व स्नान आदि करने के बाद अपनी लंबाई के अनुसार काला धागा लें और इसे एक नारियल पर लपेट लें। इसका पूजन करें और उसको नदी के बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। साथ ही भगवान से ऋण मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।

व्यापार लाभ के लिए : कारोबार में लगातार घाटा हो रहा हो तो गुरुवार के दिन एक नारियल सवा मीटर पीले वस्त्र में लपेटकर एक जोड़ा जनेऊ, सवा पाव मिष्ठान्न के साथ आस-पास के किसी भी विष्णु मंदिर में अपने संकल्प के साथ चढ़ा दें। तत्काल ही व्यापार चल निकलेगा।

धन संचय के लिए : यदि रुपया टिक नहीं पा रहा हो या सेविंग नहीं हो पा रही हो तो परिवार आर्थिक संकट में घिर जाता है। ऐसे में शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के मंदिर में एक जटावाला नारियल, गुलाब, कमल पुष्प माला, सवा मीटर गुलाबी, सफेद कपड़ा, सवा पाव चमेली, दही, सफेद मिष्ठान्न एक जोड़ा जनेऊ के साथ माता को अर्पित करें। इसके पश्चात मां की कपूर व देसी घी से आरती उतारें तथा श्रीकनकधारा स्तोत्र का जाप करें। आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।


कलश में नारियल कैसे रखना चाहिए - kalash mein naariyal kaise rakhana chaahie

कालसर्प या शनि दोष हेतु : शनि, राहू या केतु जनित कोई समस्या हो, कोई ऊपरी बाधा हो, बनता काम बिगड़ रहा हो, कोई अनजाना भय आपको भयभीत कर रहा हो अथवा ऐसा लग रहा हो कि किसी ने आपके परिवार पर कुछ कर दिया है, तो इसके निवारण के लिए शनिवार के दिन एक जलदार जटावाला नारियल लेकर उसे काले कपड़े में लपेटें। 100 ग्राम काले तिल, 100 ग्राम उड़द की दाल तथा 1 कील के साथ उसे बहते जल में प्रवाहित करें। ऐसा करना बहुत ही लाभकारी होता है।

जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष हो या राहु-केतु अशुभ फल दे रहे हों तो सूखा नारियल या काला-सफेद रंग का कंबल दान करना चाहिए। ऐसा समय समय पर करते रहने से उक्त दोष दूर हो जाता है।

सफलता हेतु : यदि कोई काम काफी प्रयास के बावजूद सफल नहीं हो पा रहा तो आप एक लाल सूती का कपड़ा लें और उसमें रेशेयुक्त नारियल को लपेट लें और फिर बहते हुए जल में प्रवाह कर दें। जिस वक्त आप इसे जल में बहा रहे हों उस वक्त उस नारियल से सात बार अपनी कामना जरूर कहें।

बीमारी या संकट हटाने हेतु : एक साबूत पानीदार नारियल लें और उसे अपने उपर से 21 बार वारकर किसी देवस्थान की आग में डाल दें। यह उपाय आप मंगलवार और शनिवार को ही करें। ऐसा पांच बार करें। ऐसा घर के सभी सदस्यों के उपर से वारकर करेंगे तो उत्तम होगा।

इसके अलावा मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी के मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा पढ़ें और एक बार उनको चोला अवश्य चढ़ाएं।

स्थाई नौकरी हेतु : नारियल के छिलकों को जलाकर भस्म तैयार करें और उसमें नारियल का ही पानी मिलाकर उसकी लुगदी बनाएं। फिर उस लुगदी की सात पुड़िया बनाएं। जिसमें से चार पुड़िया घर के चारों कोनों में रखें उनमें से एक पुड़िया घर की छत पर, एक पीपल की जड़ में और एक अपनी जेब में रखें। यह सावधानी रखें कि इस पर किसी की नजर और परछाई न पड़े।

जब सात दिन व्यतीत हो जाएं तो सभी पुड़िया एक जगह पर इकट्ठी कर लें। फिर उनमें से एक पुड़िया उस स्थान पर रखें जहां आप आजीविका कमाना चाहते हैं। वहां उसके द्वार के किसी कोने में छिपा कर रखें। हालांकि यह टोटका किसी जानकार से पूछकर करेंगे तो उचित होगा।

संकट से मुक्ति हेतु : एक नारियल लें और उसको अपने सिर के पास रखकर सो जाएं। सुबह उठकर

सात शनिवार को किसी नदी में नारियल प्रवाहित करें। ध्यना रहे कि लगातार सात शनिवार करें इसमें किसी भी प्रकार का नागा नहीं होना चाहिए। नारिलय प्रवाहित करते हुए इस मं‍त्र का भी जाप करें- ॐ रामदूताय नम:।

निर्धनता दूर करने हेतु : प्रति शुक्रवार को सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्मों से निवृत्त होने के बाद श्रीगणेश और धन की देवी महालक्ष्मी का पूजन करें। पूजन में एक नारियल रखें। पूजा के बाद उस नारियल को तिजोरी में रख दें। रात के समय इस नारियल को निकालकर किसी गणेश मंदिर में अर्पित कर दें। साथ ही श्रीगणेश से निर्धनता दूर करने की प्रार्थना करें। ऐसा कम से कम पांच शुक्रवार करें।

जीवनभर रहेंगे मालामाल : दीपावली के दिन गणेशजी और महालक्ष्मी की विधि विधान से चौकी सजाएं। चावल की ढेरी पर तांबे का कलश रखें और एक लाल वस्त्र में नारियल लपेटकर उस कलश में इस तरह रखें कि उसके आगे का भाग दिखाई दे। यह कलश वरुणदेव का प्रतीक है। अब दो बड़े दीपक जलाएं। एक घी का और दूसरा तेल का। एक दीपक चौकी के दाहिनी ओर रखें और दूसरा मूर्तियों के चरणों में। इसके अतिरिक्त एक छोटा दीपक गणेशजी के पास रखें। इसके बाद विधि विधान से पूजा करें।

खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।

खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं?

खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं?

खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं?

खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है?

नारियल को कलश के ऊपर कैसे रखना चाहिए?

नारियल को भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार नारियल में त्रिदेवों का वास भी होता है. कलश के ऊपर नारियल रखने से शुभ कार्य में त्रिदेवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण होते हैं. नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर और कच्चा सूता या कलावा बांधकर कलश के ऊपर रखना चाहिए.

पूजा के बाद कलश पर नारियल का क्या करें?

पूजा के बाद उस नारियल को तिजोरी में रख दें। रात के समय इस नारियल को निकालकर किसी गणेश मंदिर में अर्पित कर दें। साथ ही श्रीगणेश से निर्धनता दूर करने की प्रार्थना करें। ऐसा कम से कम पांच शुक्रवार करें

नवरात्रि में कलश पर नारियल कैसे रखते हैं?

कलश पर नारियल रखने का सही तरीका नवरात्रि के दौरान जब भी आप कलश पर नारियल रखें तब इसका मुख पूजा करने वाले व्यक्ति की तरफ होना चाहिए। कलश स्थापना के समय नारियल (पूजा में क्‍यों किया जाता है नारियल का इस्‍तेमाल) पर कलावा बांधें और कलश में आम के या अशोक के पत्ते रखें

कलश के ऊपर नारियल क्यों रखा जाता है?

वहीं, नारियल को बृहस्पति ग्रह से जोड़कर देखा जाता है. यह वह ग्रह है जिसे धार्मिक मान्यताओं में घर की समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है. इसलिए भी जब पूजा-पाठ किया जाता है तो मान्यतानुसार भगवान बृहस्पति की कृपा पाने के लिए कलश के ऊपर नारियल (Nariyal) रखते हैं.