दाल, भारतीय खाने का मुख्य व्यंजन है. किसी न किसी रूप में हर घर में इसका प्रयोग रोजाना किया जाता है. कुछ घरों में दाल को अलग-अलग तरह से बनाकर खाया जाता है. दाल का पराठा, पकौड़े, पैनकेक, चीला और खिचड़ी आदि बनाकर भी खाई जाती है. वहीं, कुछ लोग रोजना लंच या डिनर में किसी न किसी दाल का सेवन करते हैं. फाइबर, लेक्टिन और पॉलीफेनोल्स जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर दालें हृदय रोग, मोटापा, डायबिटीज और यहां तक कि कुछ तरह के कैंसर के खतरे को कम कर सकती हैं. डायबिटीज वाले लोग अगर दाल का सेवन करते हैं, तो उनकी ब्लड शुगर भी कम हो जाती है. Show
दाल, वजन कम करने और मसल्स गेन के सबसे सस्ते, आसान और प्रभावी तरीकों में से एक है. इसमें काफी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, जो कि वजन कम करने और मसल्स गेन में मदद कर सकते हैं. इसलिए इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसी दालों के बारे में बता रहे हैं, जिनमें सबसे अधिक प्रोटीन पाया जाता है. 1. उड़द की दाल या काली दाल (Urad dal or black lentil) उड़द की दाल जिसे हम आम तौर पर स्वादिष्ट दाल मखनी के रूप में खाते हैं, वह सबसे पौष्टिक दालों में से एक है. फैट और कम कैलोरी वाली यह दाल न्यूट्रिशन से भरपूर होती है. उड़द की दाल पाचन में सुधार करने में मदद करती है, प्रोटीन और विटामिन बी3 का अच्छा सोर्स है, हड्डियों को मजबूत बनाती है, एनर्जी देती है, हृदय की सेहत को सुधारती है. 100 ग्राम उड़द की दाल में लगभग 350 कैलोरी और 24 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है. 2. चने की दाल या बंगाल चना स्प्लिट (Chana dal or Bengal gram split) प्रोटीन और फाइबर से भरपूर, चने की दाल का काफी घरों में प्रयोग होता है. बेसन इसी दाल से बनता है, जिसकी विभिन्न डिश बनाई जा सकती हैं. सेहत के लिए इस दाल का सेवन करना बेहद फायदेमंद माना जाता है. एक कप चने की दाल से पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और पोटेशियम मिल जाता है. चने की दाल हार्ट और डायबिटीज के लिए काफी अच्छी मानी जाती है. पोषण विशेषज्ञ दावा करते हैं कि यह ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करती है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है, जिससे वजन कम करने में मदद मिल सकती है. 100 ग्राम चने की दाल में लगभग 250 कैलोरी, 13 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है. 3. तूर की दाल या अरहर की दाल (Tuar Daal or Arhar Dal) तूर की दाल भी एक वनस्पति प्रोटीन के सबसे अच्छे सोर्स में से एक है. फाइबर, फोलिक एसिड, आयरन और कैल्शियम से युक्त पीली दाल में अच्छे कार्ब्स होते हैं जो बेवक्त की भूख को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. डायबिटीज और हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए भी तूर दाल एक सुपरफूड है. तूर दाल में मैग्नीशियम, मैंगनीज, फास्फोरस, पौटेशियम, सोडियम, जस्ता के साथ विटामिन सी, ई, के और बी कॉम्प्लेक्स पाया जाता है. इसके साथ ही 110 ग्राम तूर दाल में 12.56 प्रोटीन, 206 कैलोरी, 3.39 ग्राम फैट होता है. 4. मूंग दाल या हरा चना (Moong Dal or Green Gram) मूंग दाल सबसे फेमस सुपरफूड्स में से एक है. मूंग दाल को नियमित रूप से अपनी डाइट में शामिल करने से कई फायदे हो सकते हैं. ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के साथ-साथ, त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है. इसमें प्रोटीन काफी मात्रा में पाया जाता है, जो वजन कम करने में भी काफी मदद करता है. पोटैशियम, कैल्शियम और आयरन से भरपूर होने के कारण यह हड्डियों को मजबूत बनाता है और मांसपेशियों में ऐंठन से बचाता है. 103 ग्राम मूंग दाल से 8 ग्राम प्रोटीन और 118 कैलोरी मिलती है. 5. मसूर दाल या लाल दाल (Masoor dal or red lentil) लाल दाल या मसूर दाल साउथ-इंडियन घरों में काफी प्रयोग में लाई जाती है. मसूर की दाल में मोटापा कम करने में काफी मदद करती है. मसूर दाल में प्रोटीन काफी अच्छी मात्रा में होती है. 100 ग्राम मसूर दाल में 116 कैलोरी और 9 ग्राम प्रोटीन होता है. भारतीय रसोई में बनने वाले कई प्रकार के खाद्य पदार्थों में बेसन का उपयोग भी होता है। घर में बनने वाली स्वादिष्ट मिठाइयां हों या फिर चटपटे पकौड़े, हर कहीं बेसन अपने स्वाद का जादू बिखेरता है। साथ ही क्या आप जानते हैं कि खाने में उपयोग होने वाला बेसन न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि आपको सेहतमंद भी रखता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम बेसन के फायदे बताएंगे, साथ ही बेसन का उपयोग कैसे किया जाए, उस पर भी चर्चा करेंगे। विषय सूची
बेसन क्या है?- What is Gram Flour in HindiShutterstock बेसन क्या है, लगभग हर कोई इस बारे में जानता है। फिर भी हम बता दें कि बेसन अत्यंत बारीक और मुलायम आटा होता है, जिसे छिलका रहित चने की दाल को पीसकर बनाया जाता है। इसे कच्चे चने या फिर भुने हुए चने से बनाया जाता है। भारतीय उपमहाद्वीप में इसे कई नामों से जाना जाता है। जिस प्रकार बेसन को कई नामों से जाना जाता है, वैसे ही इसके उपयोग भी कई हैं। खाने के साथ-साथ बेसन का उपयोग सुंदरता को निखारने व औषधि के रूप में भी किया जा सकता है। बेसन के बारे में जानने के बाद आइए जानते हैं बेसन से होने वाले प्रमुख फायदों के बारे में। बेसन के फायदे- Benefits of Gram Flour (Besan) in Hindiअगर बात करें बेसन खाने के फायदे की, तो यह गुणों का खजाना है। इसमें कई पौष्टिक तत्व होते हैं, जैसे – प्रोटीन, आयरन, विटामिन, फाइबर व फैट आदि, जो सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं (1)। लेख के आगे के भाग में हम सेहत से जुड़े बेसन के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। नोट : यहां हम स्पष्ट कर दें कि बेसन पर कम ही वैज्ञानिक शोध हुए हैं, लेकिन चने पर कई अध्ययन हो चुके हैं। साथ ही चने को पीसकर ही बेसन बनाया जाता है। इसलिए, चने और बेसन के पोषक तत्व लगभग समान होते हैं। यही कारण है कि हमने इस आर्टिकल में कुछ-कुछ जगह चने पर हुई स्टडी को वैज्ञानिक प्रमाण के तौर पर दिया है। सेहत के लिए बेसन के फायदे- Health Benefits of Gram Flour in Hindiऊपर आपने जाना कि बेसन में कई प्रकार के पौष्टिक तत्व होते हैं। इसी विषय को आगे बढ़ाते हुए जानते हैं, सेहत के लिए बेसन खाने के फायदे : 1. कोलस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायकबेसन से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित किया जा सकता है। दरअसल, एक शोध के अनुसार प्रतिदिन इसे आहार में लेने से कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए फाइबर की भी जरूरत होती है और यह बेसन में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसमें स्वस्थ अनसैचुरेटेड फैट भी होता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायक होता है। इसलिए, बढ़ते हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखने के लिए बेसन का उपयोग किया जा सकता है (2)। 2. डायबिटीज में बेसन का उपयोगShutterstock बेसन मधुमेह में फायदेमंद हो सकता है। बेसन के सेवन से पर्याप्त ऊर्जा तो प्राप्त होती ही है, साथ ही मधुमेह के स्तर को भी कम किया जा सकता है। बेसन को कम कार्बोहाइड्रेट और कम शुगर वाले खाद्य पदार्थों में गिना जाता है। इसलिए, बेसन के सेवन से रक्त में मौजूद शर्करा को नियंत्रित किया जा सकता है (3)। वैज्ञानिक अध्ययन में पाया गया है कि बेसन का उपयोग टाइप 2 मधुमेह के रोकथाम और उपचार में लाभदायक है (4)। 3. एनीमियाआयरन की कमी से एनीमिया होता है। इससे थकान, कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ व ह्रदय गति के असामान्य होने की समस्या हो सकती है (5)। वहीं, बेसन फाइबर और प्रोटीन युक्त होता है। साथ ही इसमें फोलेट और आयरन भी पर्याप्त मात्रा में होता है। फोलिक एसिड और विटामिन-बी12 की कमी के कारण मेगालोब्लास्टिक एनीमिया हो जाता है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स की संख्या में कमी आ सकती है। इस प्रकार बेसन खाने के फायदे में पर्याप्त आयरन को प्राप्त करना भी है। साथ ही लाल रक्त कोशिकाएं भी बेहतर हो सकती हैं (6)। [ पढ़े: एनीमिया (खून की कमी) के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज ] 4. स्वस्थ हृदय के लिएShutterstock जंक फूड की ओर झुकाव कई तरह की बीमारियों की जड़ है, जिसमें मोटापा आम समस्या है। कई बार मोटापे के कारण भी हृदय संबंधित बीमारियां होने लगती है। बेसन में कार्बोहाइड्रेट (अच्छा कार्ब) की मात्रा पाई जाती है, जो मोटापे को बढ़ने नहीं देता। साथ ही इसमें पर्याप्त मात्रा में उच्च घुलनशील फाइबर (soluble fibre) होता है, जो ह्रदय को स्वस्थ रखने में फायदेमंद है और ह्रदय से संबंधित बीमारियों से काफी हद तक बचा सकता है (6)। 5. मजबूत हड्डियों के लिएबेसन खाने के फायदों में एक यह भी है कि इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं। इसमें मौजूद कैल्शियम, मैग्नीशियम और अन्य महत्वपूर्ण खनिज हमारी हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। इसके अंदर मौजूद फास्फोरस शरीर के अंदर कैल्शियम के साथ मिलकर हड्डियों के निर्माण में सहायक होता है। बेसन के उपयोग से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी स्थिति से बचा जा सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस ऐसी बीमारी है, जिसमें हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और उनके टूटने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए बेसन का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है (7)। 6. थकान न होने देहमारे प्रतिदिन के भोजन में से पोषक तत्त्व कम होते जा रहे हैं। इनकी कमी के चलते हमारा शरीर कमजोर हो जाता है और शीघ्र की काम करते-करते थकान महसूस होने लगती है। कार्बोहाइड्रेट और फाइबर में थकान को रोकने के औषधीय गुण होते हैं और बेसन में फाइबर व कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। फाइबर से पाचन की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे शरीर को भरपूर ऊर्जा मिल पाती है। साथ ही बेसन थियामिन विटामिन का भी अच्छा स्रोत है, जो भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित कर थकान को दूर करता है (7)। 7. इम्युनिटी को बढ़ाता हैबेसन के गुणों में एक गुण ऐसा भी है, जोकि महत्वपूर्ण है। इसके सेवन से हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी सिस्टम बेहतर होता है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्त्व प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। इसलिए, जो लोग अक्सर बीमार पड़ जाते हैं, उनके लिए बेसन बहुत लाभदायक सिद्ध हो सकता है (8)। इसके अंदर विटामिन-बी1, मैग्नीशियम, फास्फोरस, प्रोटीन एवं अमीनो एसिड का अच्छा संतुलन है, जोकि मानव स्वास्थ के लिए फायदेमंद होता है (7)। 8. उच्च रक्तचाप के लिए बेसनShutterstock बेसन का उपयोग करने से रक्तचाप को भी नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। एक स्वस्थ व्यक्ति को दिनभर में 2300 मिली ग्राम से ज्यादा सोडियम नहीं लेना चाहिए (9)। इससे ज्यादा लेने पर रक्तचाप असंंतुलित हो सकता है। डॉक्टरों की मानें तो बेसन में सोडियम की अधिकता नहीं होती है, इसलिए जिनको उच्च सोडियम की मात्रा से परेशानी है, उनके आहार में शामिल करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। साथ ही यह ब्लड प्रेशर के लिए भी प्रभावकारी हो सकता है। दरअसल, भुने हुए चने से बनने वाले बेसन के अंदर पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन और जिंक अधिक मात्रा में पाया जाता है, जिससे रक्तचाप संतुलित रहता है (10)। [ पढ़े: उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) के लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार ] 9. वजन कम करने में कारगरआंकड़ों के अनुसार, जो लोग बेसन का सेवन करते हैं, उनके शरीर में जरूरत से ज्यादा वसा एकत्रित नहीं हो पाती है। साथ ही उनका वजन सामान्य रहता है। इसमें मौजूद फाइबर, पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन और कॉपर बढ़ते हुए वजन की रोकथाम में सहायक होते हैं, जिससे वजन का बढ़ना रुक जाता है और हमें प्राप्त होता है बेहतर व स्वस्थ शरीर (10)। बेसन के उपयोग से आंतों की दुर्बलता को भी दूर किया जा सकता है, जिससे पाचन तंत्र सही प्रकार से कार्य करता है और स्वस्थ आंतें भोजन को पचाकर शरीर में पर्याप्त वसा प्रदान करती हैं। इससे स्वस्थ पाचन शक्ति के साथ ऊर्जा तो प्राप्त होती ही है साथ ही शरीर का वजन भी नहीं बढ़ता (11)। 10. ग्लूटन का सार्थक विकल्पग्लूटन प्रोटीन का एक समूह है, जो कई खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। शरीर में ग्लूटन की मात्रा अधिक होने पर आंतों की समस्या पैदा हो सकती है। इससे पेट से संबंधित कई रोग भी हो सकते हैं (12)। सीलिएक भी ऐसा ही रोग है, जो एक प्रकार का ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है।इस बीमारी के सामान्य प्रभाव थकान, जोड़ों में दर्द, कब्ज या फिर दस्त आदि हैं। वहीं, गंभीर परिणामों में वजन घटना, कुपोषण और आंतों की क्षति शामिल है। आहार में ग्लूटन की मात्र कम करने से इन समस्याओं को कम किया जा सकता है। बेसन ग्लूटन से मुक्त होता है। ऐसे में ग्लूटन से प्रभावित लोग इसका उपयोग एक ग्लूटेन फ्री डाइट के विकल्प के रूप में कर सकते हैं (13)। 11. कैंसर की स्थिती में फायदेमंदबेसन का उपयोग करने वालों को शायद ही पता होगा कि इसके अंदर कई औषधीय गुण मौजूद हैं, जिनमें से एक है कैंसर प्रतिरोधि गुण। बेसन में उच्च फाइबर मौजूद होता है, जाे एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। साथ ही इसमें पाया जाने वाला ब्यूटिरेट नामक मुख्य यौगिक कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है (6)। Subscribe 12. मस्तिष्क को स्वस्थ रखेShutterstock प्रत्येक मनुष्य के लिए जितना आवश्यक स्वस्थ शरीर है, उतना ही आवश्यक स्वस्थ दिमाग भी है। ऐसे में फोलेट ऐसा घटक है, जो दिमाग को स्वस्थ रखता है। बेसन के अंदर फोलेट पाया जाता है, जो दिमाग को स्वस्थ रखकर उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाता है (6)। इसलिए, मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए बेसन को प्रतिदिन खाद्य के रूप में प्रयोग करें, क्योंकि बेसन के सेवन से शरीर में फोलेट के साथ-साथ अन्य पोषक तत्वों की आपूर्ति भी हो जाती है (14)। 13. सूजन को कम करता हैशरीर में सूजन के कारण कई तरह की गंभीर बीमारियां हो सकती है। ऐसे में सूजन से बचाव के लिए बेसन का सेवन लाभकारी हो सकता है।दरअसल, बेसन के गुण में सूजन को कम करना भी है। इसमें फाइबर और फाइटोन्यूट्रिएंट्स की मात्रा अधिक होती है, जो सूजन को कम करती है (15)। बेसन फेनोलिक यौगिकों का एक समृद्ध स्रोत है, जो सूजन को कम करने में कारगर है (16)। बेसन शरीर के अंदरूनी भाग के साथ ही त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। आइए जानते हैं कैसे। त्वचा के लिए बेसन के फायदे- Skin Benefits of Gram Flour in HindiShutterstock बेसन जितना भोजन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, उतना ही त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। बेसन के कई सौंदर्य लाभ हैं। आइए, हम बात करते हैं त्वचा से संबंधित बेसन के फायदे की, जिसका उपयोग कर हम त्वचा के रोगों से बचकर अपनी खूबसूरती को बढ़ा सकते हैं। बेसन के उपयोग से त्वचा के लिए कई फायदे हैं, जो इस प्रकार हैं : 1. सनटैन को दूर करेधूप की तेज किरणों के संपर्क में आने से हमारे शरीर के ऊपर काले धब्बे बन जाते हैं, जिनको हम बेसन के उपयोग से दूर कर सकते हैं। बेसन का इस्तेमाल सदियों से त्वचा की टोन को डी-टैनिंग और चमकदार बनाने के लिए किया जाता है और इसके सुपर क्लींजिंग गुण आपके चेहरे को बेहतरीन बना सकते हैं। सामग्री :
प्रयोग का तरीका :सभी सामग्रियों को अच्छी तरह मिलाकर घोल बना लें। इस घोल को लेप के रूप में अपने चेहरे और गले पर लगाएं और सूख जाने के बाद ठंडे पानी से धो लें। इस क्रिया को प्रतिदिन करने से सनटैन की समस्या बहुत जल्दी ठीक हो सकती है व त्वचा में चमक भी आ जाती है। 2. मुंहासों से छुटकाराShutterstock जिंक मुंहासों से छुटकारा दिलाने में सक्षम होता है (17) और इसकी कुछ मात्रा बेसन के अंदर पाई जाती है (1)। चेहरे पर आए हुए इन मुंहासों को दूर करने के लिए हम बेसन का उपयोग लेप के रूप में कर सकते हैं। सामग्री :
प्रयोग का तरीका :सभी सामग्री को मिलाएं और इस घोल को लेप के रूप में चेहरे व गर्दन पर लगाएं। फिर करीब 20-25 मिनट के बाद गुनगुने पानी से चेहरे व गर्दन को धो लें। इस घरेलू उपचार से मुंहासों से तो छुटकारा मिलेगा ही, चेहरे पर चमक भी आएगी। 3. तैलीय त्वचा पर असरकारकतैलीय त्वचा एक आम समस्या है, जो हार्मोनल परिवर्तन और अन्य कारणों से हो सकती है। इससे छुटकारा पाने के लिए भी बेसन का उपयोग कर सकते हैं। बेसन में सुपर क्लींजिंग गुण होता हैं, जो आपके चेहरे के तेल को क्लीन करने में सक्षम हो सकते हैं। सामग्री :
प्रयोग का तरीका :बेसन और गुलाब जल को मिलाकर अच्छी तरह पेस्ट बना लीजिए। फिर इसे चेहरे पर लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें। सूखने के बाद इस लेप को ठंडे पानी से धो लें। प्रतिदिन ऐसा करने से न सिर्फ तैलीय समस्या से छुटकारा मिलेगा, बल्कि चेहरे की सुंदरता भी बढ़ जाएगी। 4. मृत त्वचा से छुटकाराअगर आप मृत त्वचा को साफ नहीं (एक्सफोलिएट) करते हैं, तो इससे त्वचा बेजान नजर आने लगती है। मृत त्वचा रोम छिद्रों को ढक लेती है और मुंहासों व ब्लैकहेड्स का कारण बन सकती है। इससे बचने के लिए प्रतिदिन बेसन के लेप से चेहरे को साफ करना आवश्यक है, क्योंकि इसका सुपर क्लींजिंग गुण आपके चेहरे को मृत त्वचा से छुटकारा दिलाकर उसमें चमक लाने में मदद कर सकता है। बेसन के उपयोग से त्वचा एक्सफोलिएट हो सकती है। सामग्री :
प्रयोग का तरीका :बेसन, चावल के पाउडर, मकई के आटे और दूध को मिलाकर एक लेप बना लें। फिर इस लेप को 10 मिनट तक आराम-आराम से चेहरे पर रगड़ें और बाद में पानी से धो लें। आप पाएंगे कि चेहरे के ऊपर की मृत त्वचा हट गई है और चेहरा फिर से ग्लो करने लगा है। 5. चेहरे के अनावश्यक बालों को हटाना5. चेहरे के अनावश्यक बालों को हटाना सामग्री :
प्रयोग का तरीका :सभी सामग्रियों को मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसके बाद पेस्ट को उस हिस्से पर लगाएं, जहां से आपको बाल हटाने हैं। सूखने के बाद इसे एक नम कपड़े द्वारा आराम-आराम से बालों की जड़ों के विपरीत दिशा में रगड़ें। इस विधि को हफ्ते में 2 से 3 बार करें। 6. चेहरे की रंगत में निखारप्रदूषण हो या फिर सूर्य की किरणें, धूल-मिट्टी या फिर मौसम में बदलाव, इसका सीधा असर हमारे चेहरे पर हो सकता है। इससे चेहरे की रंगत व चमक समाप्त होने लगती है। ऐसे में अगर चेहरे के रंग को निखारना है, तो बेसन का लेप उपयुक्त है। सामग्री :
प्रयोग का तरीका :इन सभी सामग्रियों को मिलाकर मिश्रण तैयार करें। इस मिश्रण को पूरे चेहरे पर लगाकर 15 मिनट के छोड़ दें और फिर ठंडे पानी से इसे धो लें। धोने के बाद चेहरे पर चमक नजर आएगी। नोट : भारत में सौंदर्य प्रसाधन के रूप में बेसन का प्रयोग वर्षों से किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसलिए, आप व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर इन नुस्खों को इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही आप त्वचा विशेषज्ञ से भी सलाह ले सकते हैं। त्वचा के फायदों के बाद आइए देखते हैं कि बेसन किस प्रकार से बालों को फायदा पहुंचाने में सक्षम है। बालों के लिए बेसन के फायदे- Hair Benefits of Gram Flour (Besan) in HindiShutterstock रूखे, बेजान और झड़ते बालों के लिए बेसन सस्ता और कारगर समाधान साबित हो सकता है। इसे आप घर में ही उपयोग कर सकते हैं। बालों की अलग-अलग समस्याओं के लिए बेसन को उपयोग करने की विधि भी अलग-अलग है। आइए, जानते हैं बालों की समस्याओं और उनके उपायों के लिए बेसन के फायदे। 1. बालों के विकास के लिएबालों का झड़ना व गंजापन किसी को भी पंसद नहीं है, लेकिन शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी के कारण बाल कमजोर होने लगते हैं। वहीं, प्रोटीन से भरपूर बेसन जड़ों से कमजोर होकर झड़ते बालों के लिए वरदान साबित हो सकता है (18)। बालों की सुंदरता और मजबूती के लिए भी बेसन के फायदे बहुत हैं। यह एक प्राकृतिक एवं केमिकल रहित उत्पाद है। इसलिए, बालों के विकास के लिए जितना कारगर बेसन है, उतना कोई शैंपू नहीं है। आइए, जानते हैं कि बालों के विकास के लिए बेसन को किस प्रकार से इस्तेमाल किया जाए। सामग्री :
प्रयोग का तरीका :बादाम पाउडर, जैतून का तेल, विटामिन-ई के कैप्सूल और बेसन को अच्छी तरह से मिलाकर लेप बना लें और इस लेप को अपने बालों पर लगाएं। सूखने के बाद इसे ठंडे पानी से अच्छी तरह धो लें। इस विधि को सप्ताह में दो बार दोहराएं। कैसे है लाभदायक :इस प्रकार की विधि से बालों को आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होते हैं, जिससे मजबूत, लंबे और चकमदार हो जाते हैं। 2. बालों को साफ करने के लिएबालों को साफ करने के लिए बाजार में उपलब्ध केमिकल युक्त पदार्थों के उपयोग से बालों के झड़ने और कमजोर होने का खतरा बना रहता है, लेकिन बेसन में कोई केमिकल नहीं होता और बालों की सफाई के लिए यह सुलभ उत्पाद है (18)। यहां हम बता रहे हैं कि बेसन का इस्तेमाल कर बालों को किस प्रकार साफ किया जा सकता है। सामग्री :
प्रयोग का तरीका :बेसन और पानी को मिलाकर एक पतला लेप बनाएं। इस लेप को अपने बालों पर लगा लें और करीब 10 मिनट बाद पानी से धो लें। कैसे है लाभदायक :बेसन में मौजूद आवश्यक तत्व बालों की जड़ों तक जाते हैं और बालों में लगी हुई गंदगी को लगभग पूरी तरह से साफ कर देते हैं। इससे बाल फिर से मुलायम और चमकदार हो जाते हैं। 3. डैंड्रफ से छुटकाराबेसन के उपयोग से डैंड्रफ को भी जड़ से खत्म किया जा सकता है। इसका प्रयोग डैंड्रफ को रोकने में कारगर हो सकता है। सामग्री :
प्रयोग का तरीका :बेसन और पानी को मिलाकर एक घोल बनाएं तथा बालों में लगाकर करीब 10 मिनट के लिए छोड़ दें। सूखने के बाद इसे ठंडे पानी से धो लें। कैसे है लाभदायक :बेसन में मौजूद पोषक तत्व बालों में मौजूद डैंड्रफ सहित कई समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। इसके नियमित उपयोग से डैंड्रफ की सफाई तो होती ही है, साथ ही यह समस्या फिर से नहीं होती है। 4. सूखे बालों को पोषण प्रदान करता हैबालों को पोषण देना बेसन की खूबियों में शामिल है। इसके उपयोग से शुष्क और बेजान बालों को फिर से कोमल और शानदार बनाया जा सकता है। यहां हम बता रहे हैं कि ऐसे बालों के लिए बेसन का इस्तेमाल कैसे करें। सामग्री :
प्रयोग का तरीका :बेसन, शहद, नारियल के तेल और पानी को मिलाकर एक गाढ़ा घोल तैयार करें और नहाते समय इस घोल का उपयोग शैंपू के रूप में करें। इस घोल को बालों में लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें और कुछ समय के लिए ऐसा ही छोड़ दें। आप इस विधि को हफ्ते में 2 से 3 बार कर सकते हैं। कैसे है लाभदायक :बेसन से बालों को जरूरी पोषण तत्व मिलते हैं। साथ ही शहद व तेल के साथ बनाया गया यह मिश्रण बालों को फिर से कोमल बना देता है। अब बारी है बेसन के अंदर पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में जानने की। बेसन के पौष्टिक तत्व- Gram Flour (Besan) Nutritional Value in Hindiबेसन के अंदर मौजूद पोषक तत्व इसे एक सम्पूर्ण आहार बनाते हैं। आइए जानते हैं इसके पोषक तत्वों के बारे में (1)। पोषक तत्व प्रति 100 ग्राम एनर्जी 350 kcalप्रोटीन 23.33 ग्राम फैट 3.33 ग्राम कार्बोहाइड्रेट56.67 ग्राम फाइबर6.7 ग्रामआयरन 4.8 मिलीग्राम सोडियम 17 मिलीग्रामपोषक तत्वों को तो जान लिया, अब जानते हैं कि हम किस-किस प्रकार से बेसन का उपयोग कर सकते हैं। बेसन का उपयोग- How to Use Gram Flour in HindiShutterstock हम इस लेख के माध्यम से जान चुके हैं कि बेसन खाने के फायदे बहुत हैं। बेसन अत्यधिक पोषण वाला उत्पाद है, जो हमें कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इसका सेवन करने वाले आसानी से प्रोटीन प्राप्त कर सकते हैं। इसका सेवन न सिर्फ अंदरूनी, बल्कि शरीर के बाहर भी उपयोगी है। रोजमर्रा की जिंदगी में हम इसका कई प्रकार से उपयोग कर सकते हैं और इससे होने वाले फायदों का लाभ ले सकते हैं। इसी के साथ बेसन की उपयोगिता के बारे में जानना भी जरूरी है। सबसे पहले तो हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि उच्च गुणवत्ता वाले बेसन की पहचान कैसे करें। इसके लिए आप वही बेसन खरीदें, जो ग्लूटन रहित हो। बेसन का उपयोग खाद्य पदार्थ के रूप में कई तरह के व्यंजनों को बनाने में कर सकते हैं जैसे कि :
बेसन का ज्यादा मात्रा में उपयोग नुकसानदेह हो सकता है। आइए जानते हैं कैसे। बेसन के नुकसान- Side Effects of Gram Flour in Hindiजहां एक ओर निश्चित अनुपात में लिया जाने वाला बेसन औषधि का कार्य करता है, वहीं दूसरी ओर अगर इसे जरूरत से ज्यादा लिया जाए, तो फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। इसलिए, आपके लिए बेसन के नुकसान को जानना भी जरूरी है। हालांकि, इससे होने वाले नुकसान कम हैं, फिर भी इसकी जानकारी होना जरूरी है।
इस लेख से यह तो स्पष्ट हो गया कि चाहे बेसन को खाया जाए या फिर चेहरे और बालों पर लगाया जाए, यह हर लिहाज से गुणकारी है। साथ ही यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि इसका प्रयोग सीमित मात्रा में और सही प्रकार से किया जाए, तभी लाभ होगा। अब जब आप बेसन के गुण जान ही गए हैं, तो इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें और हमें बताएं कि आपको किस प्रकार लाभ हुआ। आप नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए अपने अनुभव हमारे साथ शेयर कर सकते हैं। अक्सर पूछे जाने वाले सवालक्या बेसन का सेवन बवासीर (पाइल्स) में फायदेमंद होता है?हां, बवासीर में बेसन का उपयोग करना फायदेमंद है। बेसन में प्रोटीन के साथ-साथ कई पोषक तत्व होते हैं, जैसे फाइबर, आयरन और विटामिन-बी। बेसन में पाया जाने वाला फाइबर मल को मुलायम करता है, जिससे बवासीर में राहत मिलती है। क्या बेसन के स्थान पर विकल्प के रूप में किसी और पदार्थ का उपयोग कर सकते हैं?अगर स्वाद और औषधीय गुण की बात करें, तो बेसन के स्थान पर विकल्प के रूप में किसी और चीज का इस्तेमाल नहीं करना ठीक नहीं है। फिर भी जिन्हें बेसन से एलर्जी है, वो बेसन की जगह चावल के आटे और पीसे हुए दलिया का उपयोग कर सकते हैं। और पढ़े:
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