कांजी हाउस में जानवरों को क्यों रखा जाता है? - kaanjee haus mein jaanavaron ko kyon rakha jaata hai?

जमुई जिले में मवेशियों के लिए पूर्व से चला आ रहा कांजी हाउस अब गायब हो गया है। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जमुई शहर में पशुओं के लिए बना कांजी हाउस वर्ष 2010 से ही अस्तित्व में नही है।जिला...

कांजी हाउस में जानवरों को क्यों रखा जाता है? - kaanjee haus mein jaanavaron ko kyon rakha jaata hai?

Newswrapहिन्दुस्तान टीम,जमुईWed, 04 Nov 2020 11:02 PM

हमें फॉलो करें

ऐप पर पढ़ें

जमुई जिले में मवेशियों के लिए पूर्व से चला आ रहा कांजी हाउस अब गायब हो गया है। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जमुई शहर में पशुओं के लिए बना कांजी हाउस वर्ष 2010 से ही अस्तित्व में नही है।जिला पशुपालन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक यह कांजी हाउस शहर के मुख्य डाकघर के समीप संचालित होता था। इसकी देखरेख जिला निबंधन कार्यालय से की जाती थी। कांजी हाउस के अस्तित्व में नहीं रहने के कारण शहर की सड़कों पर गाय व सांढ़ विचरण करते देखा जाता है। कभी ये मवेशी आमजनों के लिए आफत भी साबित होने लगते हैं। विभाग के कर्मियों ने बताया कि जिले में कहीं भी पशुओं के लिए आश्रय स्थल भी नहीं बन सका है। इससे जमुई के किसानों व फुटपाथ पर कारोबार करने वाले लोगों को लाभ मिल सकता था। साथ ही पशु क्रूरता पर रोक भी लग सकती है। शहर या इसके आसपास में पुन: चारागाह आश्रय स्थली व कांजी हाउस बना दिए जाने से काफी फायदा होगा। शहर के अर्जुन अर्नव , संजय पांडेय, रामलाल साह, सत्यनारायण केशरी कहते हैं कि सड़कों पर गाय व सांढ़ बैठ जाते हैं। इससे आवागमन की समस्या उत्पन्न होती है।

फुटपाथ पर सब्जी ,फल व अन्य खाद्य सामाग्री में मुंह लगा देते हैं। इससे कारोबारियों को नुकसान होता है। उन्होंने बताया कि पहले कांजी हाउस हुआ करता था। मवेशी खेतों में लगी फसल को नुकसान पहुंचाते थे तो उसे पकड़कर कांजी हाउस में बंद कर दिया जाता था। कांजी हाउस के कर्मी मवेशी को तभी छोड़ते थे जब पशु पालक से हर्जाना जमा करवाते थे। इससे सरकार के खाते में राजस्व भी जाता था और किसान भी मवेशियों को लेकर सतर्क रहते थे।

बायो गैस प्लांट को मिल सकता है बढ़ावा

बेहतर गौशाला या कांजी हाउस की पुन: स्थापना कर इसके परिसर में बायोगैस प्लांट की स्थापना की जा सकती है। इससे आसपास के लोगों को फायदा होगा। इसकी बिक्री से कांजी हाउस को राजस्व भी मिलेगा।

छुटटा मवेशियों से लोगों को खतरा

शहर में विचरण कर रहे मवेशियों से आमजनों को खतरा होता है। जब यह आपस में लड़ते हैं तब बाजार में भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। बताया जाता है कि झाझा के एमजीएस हाईस्कूल के बगल में भी बना कांजी हाउस ने भी 20 वर्ष से अधिक समय से अपना अस्तित्व खो दिया है। अब यहां जुआ का अड्डा संचालित होने लगा है।

ये सुविधाएं होती थीं

कांजी हाउस में मवेशियों के रहने के लिए अलग शेड होते हैं।

मवेशियों को पानी पीने के लिए उचित व्यवस्था की जाती है।

पशुओं के लिए भूसा यानि चारा रखने की व्यवस्था की जाती है।

कर्मचारी के रहने के लिए आवास और एक ऑफिस होता है।

मवेशियों के उपचार के लिए पशु चिकित्सक की सुविधा होती थी।

कांजी हाउस में प्रकाश की व्यवस्था करने का भी प्रावधान है।

कांजी हाउस पूर्व में जमुई में था। वर्ष 2010 के बाद यह अस्तित्व में नहीं है। पहले इसके लिए सरकार की ओर से निविदा निकाली जाती थी। देखरेख करने का कार्य जिला निबंधन कार्यालय से होता था। -डा. अंजनी कुमार सिन्हा, जिला पशुपालन पदाधिकारी

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: कांजीहौस में बंदी हीरा-मोती ने देखा कि वहाँ गधे, घोड़े बकरियाँ, भैंसें आदि नौ-दस जानवर मुरदों-से ज़मीन पर पड़े हैं। मोती ने रात में बाड़े की दीवार गिरा दी जिससे ये जानवर भाग गए और उनकी जान बच गई। अपने इसी कार्य के बदले वह आशीर्वाद पाने की अपेक्षा कर रहा था।

दढ़ियल के साथ जाते समय अचानक से दोनों बैल खुश क्यों हो गए?

इसे सुनेंरोकेंहीरा और मोती दोनों झूरी नामक एक किसान के बैल हैं जो अपने बैलों से अत्यंत प्रेम करता है और इसी प्रेम से वशीभूत होकर हीरा और मोती अपने मालिक झूरी को छोड़कर कहीं और नहीं रहना चाहते हैं। इससे यह स्पष्ट है कि पशु भी स्नेह का भूखा होता है।

दढ़ियल कौन था हीरा और मोती उसके किस व्यवहार के कारण उससे भयभीत हो उठे?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: दढ़ियल हीरा और मोती को कांजीहाउस से खरीदने वाला कसाई था। हीरा मोती झूरी से इसलिए नाराज तय क्योंकि वह उन्हें बार बार गया के घर काम करने के लिए भेज देता था जहाँ पर उन्हें बहुत प्रताड़ित किया जाता था।

पढ़ना:   अनुवांशिक अभियांत्रिकी का मानव जीवन में क्या महत्व है?

कांजी हाउस में कौन कौन से जानवर कैद थे उनकी दशा कैसी थी?

इसे सुनेंरोकेंदो बैलों की कथा पाठ से कांजी हाउस में रखे जानवरों की दशा अत्यंत ही दयनीय थी। उन्हे कौजिहौस में खाना उप्लब्ध नहीं था साथ ही किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं प्राप्त थी। इस बात को ध्यान में रख कौजिहौस को जानवरों हेतु किसी मौत से कम नहीं आँक सकते। प्रेमचंद ने इस बात से पशुओं के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शित किया है।

इनमें से कौन सा पशु कांजी हौ स में बंद नहीं था?

इसे सुनेंरोकेंकांजीहौस में कैद पशुओं की हाजिरी इसलिए ली जाती होगी जिससे यह पता चल सके कि वहां कैद किए गए सभी पशुओं में उपस्थित है कि नहीं। उनमें से कोई भाग अथवा मर तो नहीं गया है। कांजीहौस के अंदर कई भैंसे ,कई बकरियां ,कई घोड़े और कई गधे बंद थे। हीरा और मोती को भी यहीं बंद कर दिया गया था।

पढ़ना:   भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन कौन सा है?

दो बैलों की कथा पाठ के आधार पर बताएँ कि मटर के खेत में कौन फँस गया था?

इसे सुनेंरोकेंजीत की खुशी में मोती फिर मटर के खेत में मटर खाने लगा। तब तक दो आदमी लाठी लेकर आए। उन्हें देखकर हीरा भाग गया किंतु मोती कीचड़ में फँस जाने के कारण पकड़ा गया।

झूरी व गया मे क्या अंतर है इनकी तुलना लेखक ने किसे की है?

इसे सुनेंरोकेंदोनों एक-दूसरे पर आश्रित हैं। झूरी अपने बैलों को बहुत प्रेम करता है, बैल भी जी जान से उसकी खेती के काम में मन लगाते हैं। झूरी का साला गया उन बैलों को अपने साथ ले जाता है। वह उनसे भरपूर काम करवाता है लेकिन भरपेट भोजन नहीं देता।

कांजी हाउस में पशुओं की हाजरी क्यों ली जाती होगी?

कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी ली जाती थी। इससे पशुओं की संख्या की जानकारी होती थी ताकि कोई जानवर अगर कैद से भाग जाए तो तुरन्त पता लगाया जा सके।

कांजी हाउस क्या है उसमें बैंड जानवरों का जीवन किसने तथा कैसे बचा?

कांजी हाउस पशुओं को रखने का एक बाड़ा था, जहाँ पर कसाईखाने में बेचने के लिए पशु रखे जाते थे। उसमें बंद जानवरों का जीवन हीरा-मोती ने बचाया। कांजी हाउस का मालिक पशुओं को पकड़ता, खरीदता और उन्हें उस बारे में बंद कर देता फिर जब वह पशुओं को बाड़े में बंद करके ना उन्हें चारा पानी देता, ना उनकी देखभाल करता।

कांजी हाउस का मतलब क्या होता है?

कांजी हाउस वो जगह है जहां शहर में आवारा घूमने वाले गोवंश को लाकर छोड़ा जाता है, लेकिन यहां इस गोवंश के देखभाल और खाने-पीने के इंतजाम इस कदर खराब है कि गर्मी शुरू होते ही यहां गोवंश ने दम तोड़ना शुरू कर दिया.

कांजी हाउस में कौन कौन से पशु के थे?

कांजीहौस के अंदर कई भैंसे ,कई बकरियां ,कई घोड़े और कई गधे बंद थे। हीरा और मोती को भी यहीं बंद कर दिया गया था।