कोई हमसे झगड़ा करे तो क्या करें? - koee hamase jhagada kare to kya karen?

Home स्लाइड शो जब किसी से झगड़ा हो तो ध्यान रखें मनोवैज्ञानिकों द्वारा बताए गए ये 6 टिप्स

Tamanna, Oct 09, 2019, 12:17 IST 728K

आध्यात्मिक डायरी में जोड़ें।

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एक क्षण का क्रोध

एक क्षण का क्रोध इंसान का जीवन नष्ट कर सकता है.... यह मात्र एक कथन नहीं है बल्कि यह एक ऐसी सामाजिक सच्चाई है जिसे हर इंसान को समझना चाहिए। बहस या झगड़ा किसी अपने से हो तो रिश्ता खराब होता है और अगर यह स्थिति किसी अनजान व्यक्ति के साथ आ पड-ए तो भय और ज्यादा बढ़ जाता है।

कोई हमसे झगड़ा करे तो क्या करें? - koee hamase jhagada kare to kya karen?

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निष्क्रिय या उदासी

हम मनुष्य हैं और मनुष्य के लिए हर बात पर निष्क्रिय या उदासीन रहना बिल्कुल संभव नहीं है, लेकिन कभी-कभार स्थिति ऐसी बन जाती है कि रिएक्ट ना करने में ही भलाई होती है, जैसे कि अगर आपका कोई अपना आपसे बहस में उलझ रहा है तो आपको इस दौरान शांत रहना चाहिए ताकि बात बिगड़ ना जाए। और अगर राह चलता कोई व्यक्ति आपसे उलझ रहा है तो आपका शांत रहना पहली जरूरत बन जाती है।

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6 टिप्स

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार मनुष्य के लिए ऐसा करना बहुत मुश्किल हैं लेकिन ऐसे 6 टिप्स हैं जिन्हें अपनाकर ना सिर्फ आप बहस के हालातों से बच सकते हैं बल्कि अपना नुकसान होने से भी खुद को बचा सकते हैं।

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गहरी सांस लें

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार जब आपके सामने कोई व्यक्ति बहस करने लगता है तो आपका शरीर चिंताग्रस्त हो जाता है। आपके दिल की धड़कन अचानक बढ़ भी जाती है। जब कोई आपसे झगड़ रहा हो तो खुद को नियंत्रित रखना अत्यंत आवश्यक हो जाता है और आप गहरी सांस लेकर ऐसा कर भी सकते है। समस्या के समय अपने मन-मस्तिष्क को नियंत्रित करना सबसे ज्यादा जरूरी होता है और गहरी सांस लेकर आप इस उद्देश्य को पूर्ण कर सकते हैं। आपका फोकस सिर्फ गहरी सांस लेने और छोड़ने पर ही होना चाहिए। यह आपके नर्वस सिस्टम को भी रिलैक्स करती हैं।

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उन्हें सुनने की कोशिश करें

अधिकांशत: बहस के हालात तभी बनते हैं जब सामने वाले व्यक्ति को ये लगता है कि उन्हें कोई सुन नहीं रहा या उन्हें समझने की कोशिश नहीं की जा रही। इसलिए जब कोई आपसे तेज आवाज में बात करने लगे या आपको लगे कि वह व्यक्ति झगड़े के मूड में आ गया है तो आपको खुले दिमाग से उनकी बात सुननी चाहिए। जब उनकी बात समाप्त हो जाए तब आप उन्हें कुछ बोलें।

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सिर्फ हां या ना में जवाब ना दें

जब आप किसी के सवाल का जवाब हां या ना में देते हैं, तो सवाल पूछने वाला व्यक्ति संतुष्ट नहीं होता और बहस का माहौल बनने लगता है। यहां तक कि अगर आप कोई सवाल भी पूछ रहे हैं तो कुछ ऐसे पूछें कि सामने वाले के पास उनका खुला जवाब हो। सिर्फ आरोप लगाने से या आरोपों को नकारने से ही बात नहीं बनती। इसके बहस, चर्चा का रूप ले सकती है।

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अपने शरीर पर ध्यान दें

जब आप किसी से बहस करते हैं या आप अत्याधिक क्रोधित होते हैं तो एक बार अपने शरीर को महसूस करने की कोशिश कीजिए। आपको लगेगा कि आप तेज-तेज सांसें ले रहे हैं और आपके शरीर का तापमान भी अचानक बढ़ गया है। आप खुद को नियंत्रित करें।

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अपनी आवाज नीचे रखें

आवाज का जीवन में बहुत बड़ा योगदान होता है, आप कड़वी से कड़वी बात धीमी आवाज में कह सकते हैं वहीं ना चुभने वाली बात भी अगर आप तेज लहजे में बोलेंगे तो यह झगड़ा करवा सकती है। किसी पर चिल्लाएंगे तो खुद ही सोचिए बात तो अपने आप बिगड़ ही जाएगी। बहस की स्थिति में भी अपनी आवाज को धीमा ही रखें।

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अलग-अलग विचारधारा

बहस का एकमात्र मकसद ये होता है कि जिस व्यक्ति से आप खगड़ा कर रहे हैं वह आपकी साइड आ जाए और आपकी बात मान ले। लेकिन, ऐसा हो ही जाए यह बहुत मुश्किल है। ऐसी सोच केवल सामने वाले को या आपको झुका सकती है। इससे कभी आपको कोई फायदा तो नहीं मिलेगा। एक बात हमेशा याद रखिए कि आपकी और अन्य व्यक्ति के सोचने का तरीका अलग-अलग हो सकता है।

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कोई हमसे लड़ाई करे तो हमें क्या करना चाहिए?

यदि झगड़े के बगैर गुजारा नहीं ही है तो कम से कम इसकी बॉटम लाइन तो तय कर ही लें। मौन धारण करना एक सर्वोत्तम उपाय हो सकता है क्योंकि खण्डन हमारा सिर्फ तभी होगा जब हम कुछ बोलेंगे। वैसे भी चुप को संसार की हरेक भाषा में प्रकट किया जा सकता है।

हमारे घर में रोज लड़ाई क्यों होती है?

कई बार घर में बिना बात के भी कलह, लड़ाई-झगड़े या क्लेश होते रहते हैं। इनके लिए ग्रह दोष या वास्तु दोष जैसी समस्याएं भी जिम्मेदार हो सकती हैं। कई बार घर में बिना बात के भी कलह, लड़ाई-झगड़े या क्लेश होते रहते हैं। इनके लिए ग्रह दोष या वास्तु दोष जैसी समस्याएं भी जिम्मेदार हो सकती हैं।

2 लोगों में झगड़ा कैसे करवाएं?

अगर आप सही विधि से इस क्रिया को करेंगे तो 10 से 15 दिन के भीतर ही वह दोनों लोग आपस में शत्रुओं की तरह लड़ने झगड़ने लगेंगे।.
थोड़ा सा कच्चा दूध..
थोड़ी मात्रा में गंगाजल..
लाल सिंदूर या कुमकुम..
दो बड़े पीले नींबू..
काले तिल..
मिट्टी का एक दीपक..
सरसों का तेल..
एक मिट्टी का घड़ा..

झगड़ा करने से क्या फायदा होता है?

फिर भी कुछ फायदे आपको बता देता हूं :.
आपको कुछ भी याद ना आ रहा हो तो , सब याद दिलाया जाएगा, किस दिन आपने कितनी सांसे ली, क्या क्या खाया , क्या पिया वगैरह वगैरह।.
आपको अपने हाथ का खाना नसीब होगा, और नहीं आता तो होटल का खाना नसीब होगा।.
कुछ के लिए आजादी महसूस होगी, जोकि एक विरोधाभास मात्रा है।.

प्यार में झगड़ा क्यों होता है?

झगड़े होना एक आम बात है। अगर झगड़ों को नॉर्मल लिया जाए तो रिश्ते टूटने से बच सकते हैं। दरअसल कुछ लड़ाईयां बेवजह की होती है और कुछ का होना बेहद जरूरी होता है। आमतौर पर रिश्ते में लड़ाई-झगड़े को गलत माना जाता है, लेकिन रिश्ते में नोक-झोंक होना या किसी बात पर दोनों पार्टनर्स का सहमत ना होना स्वाभाविक होता है।