कबीर ने कस्तूरी मृग का उदाहरण देकर क्या स्पष्ट करने का प्रयास किया है? - kabeer ne kastooree mrg ka udaaharan dekar kya spasht karane ka prayaas kiya hai?

Book Store

Download books and chapters from book store.
Currently only available for
CBSE Gujarat Board Haryana Board

Previous Year Papers

Download the PDF Question Papers Free for off line practice and view the Solutions online.
Currently only available for
Class 10 Class 12

कबीर भगवान के स्मरण का क्या महत्व बताते है | 


मनुष्य का यह स्वभाव है की दु:ख का समय आने पर वह भगवान को याद करता है और सुख के दिनो वह भगवान को भूल जाता है | कबीर कहते है की यदि सुख में भी हम भगवान को न भूले तो हमारे जीवन में कभी दु:ख नही आएगा |


संत की सेवा करने क्या लाभ होगा ? 


संत का ह्रदय पवित्र होता है | संत भगवान का ही रूप है | उसकी सेवा करने से जीवन में कृतार्थता अर्थात सफलता प्राप्त होगी |


कबीर सज्जन और दुर्जन में क्या अंतर बताते है ? 


कबीर कहते है की सज्जन अच्छे लोगो से संबंध बनाकर उसे कायम रखता है | वे रूढ़ते है तो उन्हे बार-बार मनाकर संबंध को जोड़े रखना है | दुर्जन का व्यवहार इससे उलटा है | जैसे मटके को जरा-सा धक्का मारने पर वह फुट जाता है, उसी तरह दुर्जन व्यक्ति टूटे रहे संबंध को पूरी तरह तोड़ने में संकोच नही करता |

इस तरह सज्जन में जोड़ने और दुर्जन में तोड़ने की बुद्धि होती है |


कबीर ने संतोकी महिमा किस प्रकार बताई है | 


कबीर कहते है की मनुष्य को लालच के जाल में नही फसना चाहिए | जो कुछ भगवान ने उसे दिया है, उसी में संतुष्ट रहना चाहिए | मनुष्य के पास गायें, हाथी, घोड़े और खान से मिलनेवाली बहुमुली रत्न मिल जाए, फिर भी धन-संपती के लोभ से वह मुक्त नही हो सकता | जब तक यह लोभ है, तब तक उसे सुख-शांति नही मिल सकती| यदि मनुष्य जो कुछ उसके पास है, उसी में संतोष माने तो सभी तरह के धन उससे मिट्टी के समान तुछ लगने लगेंगे | उसे अनुभव होगा की संतोष से बड़ा कोई धन नही है |


कस्तूरी और मृग के उदाहरण द्धारा कबीर ने क्या संदेश दिया है ? 


कस्तूरी मृग की नाभि में रहती है, पर मृग को इसका पता नही होता | वह उसे वन में यंहा-वंहा ढूँढता-फिरता है | कबीर कहते है की संसार के लोग की यही दशा है | परमात्मा उनके ह्रदय में निवास करता है, पर वे अज्ञान के कारण इस सत्य को जान नही पाते | वे उसे पाने के लिए इधर-उधर चक्कर लगाते रहते है |

इस प्रकार कबीर कहते है की मनुष्य को अपने ह्रदय में ही इश्वर की खोज करनी चाहिए |


Switch

कस्तूरी व मृग की उदाहरण के द्वारा कबीर क्या कहना चाहते हैं?

मित्र कबीर कस्तूरी मृग के उदाहरण से यह समझाना चाहते हैं कि हिरण कस्तूरी की महक से मुग्ध होकर उसे वन में चारों तरफ़ ढूंढ़ता रहता है। परन्तु वह इस बात से अन्जान होता है कि कस्तूरी और कहीं नहीं उसकी पेट में स्थित कुंडली में है।

कस्तूरी का उदाहरण देकर कवव क्या स्पष्ट करना चाहते हैं?

Answer: जिस प्रकार एक कस्तूरी हिरण कस्तूरी की खुशबु को जंगल में ढूंढता फिरता है जबकि वह सुगंध उसे उसकी ही अपनी नाभि में व्याप्त कस्तूरी से मिल रही होती है परन्तु वह जान नहीं पाता, उसी प्रकार इस संसार के कण कण में वह परमेश्वर विराजमान है पर मनुष्य उसे तीर्थों में ढूंढता फिरता है ।

कस्तूरी और मृग का क्या संबंध है?

कस्तूरी मृग कस्तूरी को प्राप्त करने के लिए, हिरण को मार डाला जाता है और उसकी ग्रंथि जिसे "कस्तूरी फली" भी कहा जाता है को निकाल दिया जाता है। सूखने पर, कस्तूरी फली के अंदर भूरे लाल लसदार मिश्रण काले दानेदार सामग्री में बदल जाते हैं जिसे "कस्तूरी दाने" कहते हैं और जिसे इसके बाद शराब से भरा जाता है।

कस्तूरी क्या होती है Class 10?

कस्तूरी नाम मूलतः एक ऐसे पदार्थ को दिया जाता है जिसमें एक तीक्ष्ण गंध होती है और जो नर कस्तूरी मृग के पीछे/गुदा क्षेत्र में स्थित एक ग्रंथि से प्राप्त होती है। इस पदार्थ को प्राचीन काल से इत्रके लिए एक लोकप्रिय रासायनिक पदार्थ के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है और दुनिया भर के सबसे महंगे पशु उत्पादों में से एक है।