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Mangal Aur Shani Yuti: शुक्रवार 29 अप्रैल 2022 के दिन कुंभ राशि में शनि और मंगल का प्रवेश हुआ है. शनि और मंगल का यह प्रवेश कुंभ राशि में आज सुबह 9 बजकर 57 मिनट पर हुआ. ये दोनों ही ग्रह इस राशि में 17 मई 2022 तक रहेंगे. मंगल ग्रह कुंभ राशि में पहले से ही मौजूद था और शनि ने भी इस राशि में प्रवेश किया है. शनि और मंगल की इस युति से “द्वंद्व योग” का निर्माण हुआ है. इस योग को काफी अशुभ माना जाता है. आपको बता दें कि शनि और मंगल एक दूसरे के शत्रु हैं इन दोनों ग्रहों की युति से बनने वाला 'द्वंद्व योग' कई राशियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा. आइए जानते हैं किन राशियों के लिए खतरनाक साबित है शनि -मंगल की यह युति- कर्क राशि- शनि-मंगल की यह युति कर्क राशि के लोगों के लिए अशुभ साबित होगी. इस दौरान आपको दुर्घटना का खतरा है. इस दौरान आप किसी चोट, अनहोनी का शिकार हो सकते हैं. कार्यस्थल पर किसी तरह का जोखिम उठाने से बचें. कन्या राशि- इस राशि के लोगों को इस दौरान अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत है. खानपान का खासतौर पर ख्याल रखें, वरना आप किसी बड़े संकट में पड़ सकते हैं. 50 साल की उम्र से ज्यादा के लोग थकान वाले कार्यों से दूर रहें. कुंभ राशि- आपको इस युति के दौरान सबसे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होगी. क्योंकि शनि और मंगल की ये अशुभ युति आपकी ही राशि में बनी है. इस दौरान आपके बर्ताव में क्रोध और अहंकार देखने को मिलेगा. इससे आपके निजी जीवन और कार्यस्थल पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा. नौकरीपेशा लोगों को इस दौरान खासतौर पर सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि इस समय आपका सहकर्मियों से विवाद या झगड़ा हो सकता है, जिसके कारण आपकी छवि खराब हो सकती है. मंगल-शनि की युति से बचने के उपाय - मंगलवार के दिन बजरंगबाण का पाठ करें. - शनिवार के दिन शनिदेव से जुड़ी चीजों का दान करें. - शनि और मंगल ग्रहों की शांति के लिए उनके मंत्रों का जाप करें. - शनि ग्रह और मंगल ग्रह दोष को दूर करने के लिए यज्ञ करें. और पढ़ें:
कुंभ राशि पर कौन सा ग्रह खराब है?कुंभ राशि का ग्रह शनि होता है। यदि आपकी कुंडली में शनि खराब है तो आप निम्नलिखित सावधानी और उपाय अपना सकते हैं। शनि खराब होने की नीचे अशुभ की निशानी दी गई है।
कुंभ राशि वालों को कौन से देवता की पूजा करनी चाहिए?कुंभ राशि- कुंभ राशि भगवान शिव को अतिप्रिय है। ज्योतिष में कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनिदेव माने गए हैं। शनिदेव के साथ-साथ इस राशि पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है। इस राशि के जातकों के लिए भगवान शंकर की अराधना करना फलदायी माना गया है।
कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती कब से चल रही है?कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2022 से शुरू हुई थी। इससे मुक्ति 03 जून 2027 को मिलेगी। लेकिन शनि की महादशा से कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि के मार्गी होने पर छुटकारा मिलेगा। यानी कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी।
कुंभ राशि का समय कब तक खराब चलेगा?17 जनवरी 2023 को शनि फिर से अपनी गोचर राशि कुंभ में वापस आ जायेंगे। जिससे आपके कष्ट फिर से बढ़ने लगेंगे। शनि साढ़े साती का कष्टदायी चरण आप पर 29 मार्च 2025 तक रहेगा।
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