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इस पोस्ट में हम आप को मारवाड़ के राठौड़ वंश का इतिहास , राठौड़ वंश की वंशावली के बारे बतायगे , jodhpur ka rathore vansh, rathore vansh ke sansthapak kaun the, जोधपुर के राठौड़ वंश, Jodhpur Rathore Dynasty के बारे में जानकारी प्रदान करगे। राठौड़ वंश
राव चूड़ा
राव जोधा (1438-89 ई.)
राव गांगा (1515-32)
राव मालदेव (1532-62 ई.)
राव चन्द्रसेन (1562-1581 ई.)
राव उदयसिंह (1583-95 ई.)
सवाई राजा सूरसिंह (1595-1619 ई.)
महाराजा गजसिंह (1619-1638 ई.)
राव अमरसिंह
महाराजा जसवंतसिंह (प्रथम) (1638-78 ई.)
अजीतसिंह (1678-1724 ई.)
दुर्गादास राठौड़
महाराजा अभयसिंह (1724-1749 ई.)
महाराजा रामसिंह (1749-1751 ई.)
महाराजा बख्तसिंह (1751-1752 ई.)
महाराजा विजयसिंह (1752-1793 ई.)
महाराजा भीमसिंह (1793-1803 ई.)
महाराजा मानसिंह (1803-1843 ई.)
गिंगोली का युद्ध
महाराजा तख्तसिंह (1843-1873 ई.)
महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय (1873-1895 ई.)
महाराजा सरदारसिंह (1895-1911 ई.)
महाराजा सुमेरसिंह (1911-1918 ई.)
महाराजा उम्मेद सिंह (1918-1947 ई.)
महाराजा हनुवंत सिंह (जून, 1947- मार्च, 1949)
जोधपुर के राठौड़ वंश का संस्थापक कौन था?वर्ष 1459 से 1947 तक के शासक
राव जोधा - जोधपुर के संस्थापक और राठौड़ गौत्र के १५वें मुखिया। राव सातल - अफ़्ग़ान हमलावरों से १४० महिलाओं को बचाने में लगे घावों से मौत। राव गंगा - राणा सांगा के भारत के सुल्तान में सहयोग।
राठौड़ वंश का प्रथम संस्थापक कौन था?राठौड़ अथवा राठौड एक राजपूत कुल एवं गोत्र है जो उत्तर भारत में निवास करते हैं। इन्हें सूर्यवंशी राजपूत माना जाता है। वे पारम्परिक रूप से राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र मारवाड़ में शासन करते थे।
राजस्थान में राठौड़ वंश का प्रथम शासक कौन था?राठौड़ वंश का प्रथम शासक राव चूड़ा था।
भारतीय जोधपुर रियासत के राठौर शासक 8वीं शताब्दी में स्थापित एक प्राचीन राजवंश के थे। हालाँकि, राजवंश की किस्मत राव जोधा द्वारा लिखी गई थी, जो 1459 में जोधपुर में राठौर वंश के पहले शासक थे।
मारवाड़ के राठौड़ वंश का संस्थापक कौन है?राव चूड़ा की रानी चाँद बाई ने जोधपुर में एक प्रसिद्ध बावड़ी का निर्माण कराया जिसे चाँद बावड़ी कहा जाता है, जबकि प्रसिद्ध चाँद बावड़ी आभानेरी ( दौसा ) में स्थित है, राव चूड़ा ने अपनी पुत्री रानी हंसाबाई का विवाह अपने पुत्र राव रणमल के कहने पर मेवाड़ के राणा लाखा के साथ कर अपनी स्थिति को और मजबूत कर लिया ।
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