जहाँ साहित्य से संबंधित विषयों की जानकारियाँ उपलब्ध होती है उस लोक की निर्देशिका को क्या कहते है? - jahaan saahity se sambandhit vishayon kee jaanakaariyaan upalabdh hotee hai us lok kee nirdeshika ko kya kahate hai?

मोबाइल सेवा : मोबाइल फ़ोन के माध्यम से नागरिकों को उपलब्ध करवाई जाने वाली सेवाएँ

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21वीं सदी में मोबाइल ने संचार के क्षेत्र में एक क्रांति ला दी है। इस तीसरी सहस्त्राब्दी में शासन के तरीकों में परिवर्तन लाने के लिए मोबाइल को एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में देखा जा रहा है। शुरुआत में मोबाइल का उपयोग सिर्फ संचार के माध्यम के रूप में किया जाता था, लेकिन सरकारी एजेंसियों द्वारा आज इसका उपयोग लोगों तक न सिर्फ महत्वपूर्ण जानकारियाँ पहुँचाने के लिए किया जा रहा है बल्कि उन्हें "कभी भी एवं कहीं भी" सरकारी सेवाएँ उपलब्ध करवाए जाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। आज मोबाइल के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा, बैंकिंग, व्यवसाय इत्यादि से संबंधित सेवाएँ उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

दूरसंचार विभाग एवं भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के अनुसार, भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों के दौरान अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है और आज यह चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टेलीफोन नेटवर्क (1.8 MB) - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती हैं

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है। भारत में सितम्बर 2013 में मोबाइल ग्राहकों की कुल संख्या 870.58 मिलियन थी, जो संख्या अक्टूबर 2013 में बढ़कर 870.58 मिलियन हो गई।

अतः मोबाइल सेवा/मोबाइल आधारित शासन - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैंएक अलग एवं बिल्कुल नए ढांचे के रूप में सामने आया है जिसका उद्देश्य देश में बेतार संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुई जबर्दस्त वृद्धि एवं इसकी दूरगामी पहुँच का लाभ उठाते हुए लोगों को ये सेवाएँ उपलब्ध करवाना है। इस शासन का निर्धारण एवं कार्यान्वयन भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किया गया है। पिछले दशक में स्मार्टफोन एवं बेतार आधारित अन्य तकनीकों के प्रयोग से देश में जबर्दस्त बदलाव देखने को मिला है। इसी स्थिति का लाभ उठाने के लिए मोबाइल का प्रयोग एक माध्यम के रूप में किया जा रहा है ताकि जन-जन तक लोक सेवाओं को आसानी से पहुँचाया जा सके।

  • मोबाइल आधारित शासन - हस्तचालित उपकरणों के माध्यम से सरकार द्वारा दी जाने वाली सेवाओं का लाभ उठाएँ
  • मोबाइल फ़ोन के माध्यम से सरकार द्वारा दी जाने वाली सेवाएँ प्राप्त करें
  • मोबाइल आधारित शासन का उद्देश्य
  • लोक सेवा वितरण प्रणाली को सरल एवं भ्रष्टाचार मुक्त बनाना
  • मोबाइल एप्लीकेशन स्टोर
  • स्मार्टफ़ोन एवं एप्लीकेशन : सेवा प्रदायगी उपकरण
  • मोबाइल पर "पासपोर्ट सेवा" नामक एप्लीकेशन
  • रेल टिकट के आरक्षण के लिए "एम-रिजर्वेशन" एप्लीकेशन
  • नागरिकों के लिए मोबाइल उपलब्ध करवाई जाने वाली सरकारी/लोक सेवाएँ

मोबाइल आधारित शासन - हस्तचालित उपकरणों के माध्यम से सेवाओं का लाभ उठाएँ

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मोबाइल आधारित शासन का उद्देश्य लोगों को मोबाइल फ़ोन एवं टेबलेट के माध्यम से सरकारी सेवाएँ उपलब्ध करवाना है। इसके तहत एक ऐसा बुनियादी ढ़ांचा तैयार किया गया है जिसकी मदद से लोगों को हस्तचालित उपकरणों के माध्यम से ये सेवाएँ उपलब्ध करवाई जा सकें। मोबाइल सेवा सामान्य ई-शासन की बुनियादी सुविधाओं, जिसमें राज्य आंकड़ा केन्द्र (एसडीसी) - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं, राज्य विस्तृत क्षेत्र नेटवर्क (एसडब्ल्यूएएन) - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं, राज्य एवं राष्ट्रीय सेवा प्रदायगी गेटवे (एसएसडीजी/एनएसडीजी) - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं शामिल हैं, को मोबाइल प्लेटफॉर्म के साथ जोड़ने का कार्य करता है।

आज भी देश में लाखों ऐसे लोग हैं जिनके पास इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है जिसकी वजह से वे इंटरनेट के माध्यम से उपलब्ध करवाई जा रही सरकारी/लोक सेवाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं, जो देश के समग्र विकास में बाधा बन रही है। इसी बात का ध्यान रखते हुए भारत सरकार द्वारा मोबाइल आधारित शासन की पहल की गई है। पिछले दशक में, मोबाइल फ़ोन की वजह से विश्वभर में कई बदलाव देखने को मिले हैं। हम सब यह जानते हैं कि भारत की अधिकांश जनसंख्या आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, इसलिए मोबाइल फ़ोन ही सबसे आदर्श माध्यम है जिसकी मदद से सरकारी/लोक सेवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों तक आसानी से पहुँचाया जा सकता है।

मोबाइल सेवा - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं के रूप में एक ऐसा एकल प्लेटफार्म तैयार किया गया है जिसकी मदद से नागरिकों को सरकारी विभागों से संबंधित सभी सेवाएँ यहाँ एक-ही जगह पर उपलब्ध करवाई जा सकें तथा जो सेवाओं के आदान-प्रदान की इस प्रक्रिया को सहज एवं सरल रूप से कार्यान्वित कर सके। सरकारी सेवाओं की प्रदायगी के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से सी-डेक - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं द्वारा यह प्लेटफार्म तैयार किया गया है एवं गेटवे का कार्यान्वयन किया गया है। नागरिकों को ये सेवाएँ मोबाइल पर उपलब्ध करवाने के लिए मोबाइल के विभिन्न संचार चैनलों, जैसे - एसएमएस (लघु संदेश सेवा), यूएसएसडी (असंरचित पूरक सेवा डाटा), आईवीआरएस (इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस), सीबीएस (सेल प्रसारण आधारित सेवाएँ), एलबीएस (अवस्थिति आधारित सेवाएँ) एवं स्मार्ट फोन में उपलब्ध मोबाइल अनुप्रयोग (एप्लीकेशन) की मदद ली गई है।

मोबाइल फ़ोन के माध्यम से सरकार द्वारा दी जाने वाली सेवाएँ प्राप्त करें

मोबाइल सेवा - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं का उद्देश्य सभी सरकारी विभागों एवं एजेंसियों को एक ऐसा प्लेटफार्म प्रदान करना है जहाँ वे मोबाइल के विभिन्न चैनलों, जैसे – एसएमएस (लघु संदेश सेवा), यूएसएसडी (असंरचित पूरक सेवा डाटा), आईवीआरएस (इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस) एवं स्मार्ट फोन में उपलब्ध मोबाइल अनुप्रयोग (एप्लीकेशन) के माध्यम से नागरिकों को सरकारी सेवाएँ उपलब्ध करवा सकें। इस योजना के अंतर्गत एक लक्ष्य यह भी निर्धारित है कि देश के सभी नागरिकों को तीन अंकों का एक नंबर उपलब्ध करवाया जाए जिसकी मदद से वे सभी गैर-आपातकालीन सेवाओं का लाभ उठा सकें। इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को लघु कोड 166 प्राप्त हो चुका है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने मोबाइल आधारित शासन के लिए एक अन्य लघु कोड 51969 भी प्राप्त कर लिया है। अभी नागरिकों को 210 सरकारी/लोक सेवाएँ इन दो लघु कोड के माध्यम से उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

मोबाइल आधारित भुगतान गेटवे को मोबाइल सेवा प्रदायगी गेटवे के साथ समन्वित कर दिया गया है ताकि लोग सरकारी सेवाओं के लिए किया जाने वाला भुगतान अपने मोबाइल के माध्यम से कर सकें। यूएसएसडी (असंरचित पूरक सेवा डाटा) एवं आईवीआरएस (इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस) आधारित सेवाएँ भी तैयार कर ली गई हैं। इसके अतिरिक्त एक मोबाइल एप्लीकेशन स्टोर (एप्प स्टोर) भी बनाया गया है जिसके अंतर्गत 200 से ज्यादा लाइव एवं पूर्णतः एकीकृत मोबाइल एप्लीकेशन मौजूद हैं। मोबाइल सेवा - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं के अंतर्गत मिलने वाले लाभों के विवरण निम्नलिखित हैं :-

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     एसएमएस गेटवे
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     यूएसएसडी
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     आईवीआरएस (इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस)
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     अवस्थिति आधारित सेवाएँ (एलबीएस)
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     सेल प्रसारण आधारित सेवाएँ (सीबीएस)
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     मोबाइल आधारित भुगतान सेवा
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      मोबाइल एप्लीकेशन (एम-एप्प्स)

मोबाइल आधारित शासन का उद्देश्य

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फरवरी 2012 के भारतीय राजपत्र - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं में अधिसूचित मोबाइल आधारित शासन तंत्र का मुख्य उद्देश्य मोबाइल फ़ोन की विस्तृत पहुँच का उपयोग करना है ताकि सभी जगह, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, लोगों को दी जाने वाली सेवाएँ मोबाइल के माध्यम से उपलब्ध करवाई जा सकें। इस तंत्र का उद्देश्य देश में विशेष आधारिक संरचना के साथ-साथ अनुप्रयोग (एप्लीकेशन) विकास तंत्र तैयार करना है ताकि देश में मोबाइल आधारित शासन का बेहतर कार्यान्वयन हो सके। भारत सरकार मोबाइल आधारित शासन के समयबद्ध नियोजन एवं कार्यान्वयन की दिशा में कार्यरत है ताकि देश के शहरी एवं ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों में मोबाइल के माध्यम से लोक सेवाएँ उपलब्ध करवाई सकें।

लोक सेवा वितरण प्रणाली को सरल एवं भ्रष्टाचार मुक्त बनाना

मोबाइल प्रौद्योगिकी ने लोक सेवा वितरण प्रणाली को और अधिक सरल एवं पारदर्शी बना दिया है जिसके फलस्वरूप आम लोगों के लिए सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सेवाएँ प्राप्त करने की प्रक्रिया आसान हो गई है। सरकार द्वारा की गई इस पहल का मुख्य उद्देश्य सरकारी विभागों एवं नागरिकों को एक-दूसरे से परस्पर जोड़ना है। एम-शासन ने नागरिकों को सरकार से सीधे तौर पर जोड़ने का काम किया है। परिणामस्वरूप अब लोग सरकारी कार्यालय गये बिना ही सरकार द्वारा दी जा रही विभिन्न सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।

मोबाइल एप्लीकेशन स्टोर

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा मोबाइल सेवा - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं पहल के तहत मोबाइल एप्लीकेशन स्टोर (एम-एप स्टोर) विकसित किया गया है। वर्तमान में एम-एप स्टोर के अंतर्गत लगभग 250 लाइव मोबाइल एप्लीकेशन मौजूद हैं। उदहारण के तौर पर, भारत निर्वाचन आयोग का मतदान केंद्र अवस्थिति एप्लीकेशन; इस एप्लीकेशन का प्रयोग मतदान केंद्र के स्थान की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है। एंड्राइड सॉफ्टवेयर पर चलने वाला ऑन-स्क्रीन कीबोर्ड ड्राईवर एवं एडिटर भी एक उपयोगी एम-एप्प है जिसका प्रयोग जीआईएसटी हिंदी एवं 11 अन्य भारतीय भाषाओं के लिए किया जाता है। के अंतर्गत मोबाइल आधारित भुगतान गेटवे को भी समावेशित किया गया है जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति सरकारी सेवाओं के लिए किया जाने वाला भुगतान अपने मोबाइल के माध्यम से कर सकता है। यूएसएसडी एवं आईवीआरएस आधारित सेवाओं को भी विकसित किया गया है एवं वर्तमान में यह कार्यान्वित भी है।

स्मार्टफ़ोन एवं एप्लीकेशन : सेवा प्रदायगी उपकरण

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मोबाइल आधारित शासन भारत में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। नागरिकों को मोबाइल पर विभिन्न मोबाइल आधारित चैनलों के माध्यम से सरकारी/लोक सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। किसी भी सेवा से संबंधित सूचना, अधिसूचना एवं इसकी स्थिति की जानकारी प्रदान करने के लिए एसएमएस का व्यापक रूप से प्रयोग किया जा रहा है। इसके लिए यूएसएसडी का प्रयोग भी शुरू हो चुका है। मोबाइल के माध्यम से सेवा उपलब्ध करवाने के क्षेत्र में यूएसएसडी को बहुत सक्षम माना जा रहा है क्योंकि यह कम कीमत के मोबाइल फ़ोन पर भी काम करता है लेकिन इसकी एक बड़ी खामी यह है कि यह सिर्फ जीएसएम नेटवर्क पर ही कार्य करता है। आईवीआर सिस्टम का प्रयोग इस क्षेत्र में बहुत पहले से हो रहा है, लेकिन अब इसे सरकारी विभागों की बेकइंड प्रणालियों के साथ जोड़ा जा रहा है ताकि लोगों को ये सेवाएँ स्वचालित रूप में उपलब्ध कराई जा सके। अवस्थिति आधारित प्रणाली, सिम उपकरण किट भी तैयार किये जा रहे हैं एवं इन्हें कार्यान्वित करने का प्रयास किया जा रहा है। भारत में कम कीमत पर स्मार्टफ़ोन की उपलब्धता ने मोबाइल एप्लीकेशन को बहुत लोकप्रिय कर दिया है क्योंकि बहुत सारे लोग अब इन एप्लीकेशन का प्रयोग कर रहे हैं। मोबाइल एप्लीकेशन स्टोर इस दिशा में एक बहुत बड़ी पहल है।

मोबाइल पर "पासपोर्ट सेवा" नामक एप्लीकेशन

स्मार्टफ़ोन उपभोक्ता पासपोर्ट से संबंधित कोई भी जानकारी अपने मोबाइल पर प्राप्त कर सकते हैं। यह सुविधा विदेश मंत्रालय द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है। अब आप मोबाइल पर उपलब्ध एम-पासपोर्ट सेवा - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं नामक एप्लीकेशन की मदद से अपने स्मार्टफोन पर पासपोर्ट संबंधी कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

एम-पासपोर्ट सेवा - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं मुख्यतः उन नागरिकों के लिए बनाई गई है जो पासपोर्ट संबंधी सेवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। यह एक सरल एप्लीकेशन है जिसका प्रयोग कोई भी व्यक्ति आसानी से कर सकता है। इसके द्वारा आप पासपोर्ट केन्द्रों की अवस्थिति, शुल्क, अपने आवेदन की स्थिति, संपर्क विवरणी एवं पासपोर्ट संबंधी अन्य जानकारियाँ प्राप्त कर सकते हैं।

रेल टिकट के आरक्षण के लिए "एम-रिजर्वेशन" एप्लीकेशन

रेल यात्री अब अपने मोबाइल फ़ोन के माध्यम से अपना रेल टिकट आरक्षित करवा सकते हैं। इसके पश्चात आपको अपने मोबाइल फ़ोन पर आरक्षण की पुष्टि संबंधी सन्देश प्राप्त होगा जो ई-टिकट का काम करेगा। भारतीय रेलवे रेल मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी)के द्वारा मोबाइल फ़ोन के माध्यम से ई-टिकट आरक्षित करवाने की सुविधा प्रदान कर रहा है।

  नागरिकों के लिए मोबाइल उपलब्ध करवाई जाने वाली सरकारी/लोक सेवाएँ

  • एसएमएस द्वारा रेल टिकट का आरक्षण
  • मोबाइल पर "पासपोर्ट सेवा" नामक एप्लीकेशन - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं
  • मोबाइल एप्लीकेशन स्टोर - सरकारी सेवाएं प्राप्त करने के लिए इस एप्प को डाउनलोड करें
  • इग्नू से संबंधित सूचनाएँ अपने मोबाइल पर प्राप्त करने के लिए पंजीकरण करवाएँ
  • सूचना के अधिकार के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए एप्प - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं
  • भारतीय निर्वाचन आयोग के ईवीएम की जानकारी प्राप्त करने के लिए एप्प - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं
  • भारतीय निर्वाचन आयोग के मतदान केन्द्रों की अवस्थिति की जानकारी प्राप्त करने के लिए एप्प - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं
  • आधार बैंक सेवा के लिए एप्प - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं
  • भारतीय डाक की स्थिति की जानकारी - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं
  • मंत्रालय की निर्देशिका संबंधी एप्प - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं
  • महिलाओं की सुरक्षा के लिए रक्षक एप्लीकेशन - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं
  • व्यक्तिगत उपचार के लिए एप्प - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं
  • एसएमएस के द्वारा अनुवाद के लिए एप्प - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं
  • संकट में फंसी महिलाओं की मदद के लिए निर्भया मोबाइल एप्लीकेशन - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं
  • डॉ. एसएमएस : केरल में मोबाइल प्रोद्योगिकी के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं

जहाँ साहित्य से संबंधित विषयों की जानकारियाँ उपलब्ध होती है उस लोक की निर्देशिका को क्या कहते है *?

विश्वज्ञानकोश, विश्वकोश या ज्ञानकोश (अंग्रेज़ी: encyclopedia) ऐसी पुस्तक को कहते हैं जिसमें विश्वभर की तरह तरह की जानने लायक बातों को समावेश होता है।

विश्वकोश के जनक कौन हैं?

नगेंद्रनाथ वसु ने ही अनेक हिंदी विद्वानों के सहयोग से हिंदी विश्वकोश की रचना की जो सन्‌ 1916 से 1932 के मध्य 25 खंडों में प्रकाशित हुआ। श्रीधर व्यंकटेश केतकर ने मराठी विश्वकोश की रचना की जो महाराष्ट्रीय ज्ञानकोशमंडल द्वारा 23 खंडों में प्रकाशित हुआ। डॉ. केतकर के निर्देशन में ही इसका गुजराती रूपांतर प्रकाशित हुआ।

विश्वकोश के कितने प्रकार है?

विश्वकोश को दो प्रकारों में विभक्त किया जा सकता है। सामान्य विश्वकोश एवं विशिष्ट विश्वकोश

विश्वकोश पुस्तक के लेखक कौन है?

Expert-Verified Answer. विश्वकोश के प्रथम लेखक थे विलियम लंगर । विश्वकोश के 17 संस्मरण 1751 से 1765 के बीच प्रकाशित हुए थे व 11 संस्मरण 1762 से 1772 तक लोगों तक पहुंचाए गए थे।