वाक्य – You can also download NCERT Solutions For Class 10
Science to help you to revise complete syllabus and score more marks in your examinations. शब्दों की रचना वर्णों के सार्थक मेल से होती है। इन्हीं सार्थक शब्दों के सार्थक एवं व्यवस्थित मेल से वाक्य बनते हैं। वाक्य भाषा की सबसे छोटी इकाई हैं, जिनके द्वारा लिखने या बोलने वाले के मन का आशय समझ में आ जाता है। इस तरह हम कह सकते हैं कि “मनुष्य के विचारों को व्यक्त करने वाला शब्द समूह, जो व्यवस्थित हो तथा पूर्ण आशय प्रकट कर सके, वाक्य कहलाता है।” वाक्य के गुण – 2. योग्यता-इसका मतलब है-क्षमता। इसका अर्थ यह है कि शब्दों में सार्थक होने के साथ-साथ प्रसंग के अनुसार अर्थ देने की क्षमता भी होनी चाहिए। 3. आकांक्षा-इसका अर्थ
है-इच्छा। इसका आशय यह है कि वाक्य अपने आप में पूरा होना चाहिए। उसमें कोई भी शब्द कमनहीं होना चाहिए, जिसके कारण वाक्य में अधूरापन लगे। 4. पदक्रम-वाक्य का सही अर्थ जानने के लिए शब्दों का उचित पदक्रम में होना ज़रूरी है। पदक्रम के अभाव में वाक्य का सही अर्थ नहीं निकलता। 5. अन्वय-इसका अर्थ है-मेल। वाक्य में कर्ता, वचन, लिंग, कारक आदि में होना ज़रूरी है। इसके बिना वाक्य का पूर्ण अर्थ नहीं निकलता। वाक्य के अंग –
1.
उद्देश्य-वाक्य का वह अंग, जिसके विषय में कुछ कहा जाए, उसे उद्देश्य कहते हैं।
इन वाक्यों में ‘राम’, ‘राजू’, ‘किसान’ और ‘जवान’ के विषय में बताया जा रहा है। इसलिए ‘राम’, ‘राजू’, ‘जवान’ और ‘किसान’ उद्देश्य हैं। 2. विधेय-वाक्य में उद्देश्य के बारे में जो कुछ कहा जाए, उसे विधेय कहते
हैं।
इन वाक्यों में ‘खेल रहा है’, ‘चित्र बनाता है’, ‘गीत गा रही है’ और ‘बस से शहर गई’ वाक्यों के विधेय हैं। वाक्य के भेद-मुख्य रूप से वाक्यों को दो भागों में बाँटा गया है –
नोट-पाठ्यक्रम के अनुसार हम सिर्फ रचना के आधार पर वाक्य भेद’ का अध्ययन करेंगे। रचना के आधार पर वाक्य भेद – रचना अथवा बनावट के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं – (क) सरल वाक्य-जिन वाक्यों में एक उद्देश्य तथा एक विधेय होता है, उन्हें सरल वाक्य कहते हैं।
(ख)
संयुक्त वाक्य-जिन वाक्यों में दो या दो से अधिक स्वतंत्र उपवाक्य किसी समुच्चयबोधक अव्यय से जुड़े होते हैं, उन्हें संयुक्त वाक्य कहते हैं।
संयुक्त वाक्य की पहचान
(ग) मिश्र वाक्य-जिस वाक्य में एक मुख्य उपवाक्य हो और अन्य उपवाक्य उस पर आश्रित हों, उसे मिश्र वाक्य कहते हैं। मिश्र वाक्य के उपवाक्य ‘कि, जैसा-तैसा, जो, वह, जब-तब, क्योंकि’ आदि व्यधिकरण योजकों से जुड़े रहते हैं। उदाहरण –
उपर्युक्त वाक्यों आश्रित और मुख्य उपवाक्य इस प्रकार हैं – मिश्रित वाक्य में आश्रित उपवाक्यों के तीन प्रकार संभव है – (क) संज्ञा उपवाक्य – जो उपवाक्य वाक्य में संज्ञा का काम करते हैं, वे संज्ञा उपवाक्य कहलाते हैं। संज्ञा उपवाक्य से पहले प्रायः कि का प्रयोग होता है।
(ख) विशेषण उपवाक्य-जो उपवाक्य मुख्य उपवाक्य में संज्ञा, सर्वनाम पदबंध की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण उपवाक्य कहते हैं।
(ग) क्रिया-विशेषण उपवाक्य-जिन उपवाक्यों द्वारा मुख्य उपवाक्यों में क्रिया की विशेषता बताई जाती है, उन्हें क्रिया विशेषण उपवाक्य कहते हैं। क्रिया-विशेषण उपवाक्य किसी काल, स्थान, रीति, परिमाण, कार्य-करण आदि का द्योतन करते हैं। इन उपवाक्यों में जहाँ, जैसा, जब, ज्यों-त्यों आदि समुच्चयबोधक अव्यय प्रयुक्त होते हैं –
वाक्य-परिवर्तन – (क) सरल या साधारण वाक्य से मिश्र वाक्य में परिवर्तन – (ख) सरल वाक्य से संयुक्त वाक्य में परिवर्तन – (ग) मिश्रित वाक्य से संयुक्त वाक्य में परिवर्तन – (घ) मिश्रित वाक्य से सरल वाक्य में परिवर्तन – (ङ) संयुक्त वाक्य से मिश्रित वाक्य में परिवर्तन – आओ देखें कितना सीखा प्रश्नः 1.
उत्तरः
प्रश्नः 2.
उत्तरः
प्रश्नः 3.
उत्तरः
प्रश्नः 4.
उत्तरः
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