पाठ 6 - प्रेमचंद के फटे जूते Extra Questions क्षितिज़ Class 9th हिंदीअर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर - Show 1. प्रेमचंद का एक चित्र मेरे सामने है, पत्नी के साथ फोटो खिंचा रहे हैं। सिर पर किसी मोटे कपड़े की टोपी, कुरता और धोती पहने हैं। कनपटी चिपकी है, गालों की हड़ियाँ उभर आई हैं, पर घनी मूंछे चेहरे को भरा-भरा बतलाती हैं। पाँवों में कैनवस के जते हैं, जिनके बंद बेतरतीब बँधे हैं। लापरवाही से उपयोग करने पर बंद के सिरों पर की लोहे की पतरी निकल जाती है और छेदों में बंद डालने में परेशानी होती है। तब बंद कैसे भी कस लिए जाते हैं। दाहिने पाँव का जूता ठीक है, मगर बाएँ जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निकल आई है। मेरी दृष्टि इस जूते पर अटक गई है। सोचता हूँ-फोटो खिंचाने की अगर यह पोशाक है, तो पहनने की कैसी होगी? नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी-इसमें पोशाकें बदलने का गुण नहीं है। यह जैसा है, वैसा ही फोटो में खिंच जाता है। (क) फोटो में प्रेमचंद ने कैसे जूते पहन रखे थे? (ख)प्रेमचंद के फटे जूते देखकर लेखक के मन में क्या विचार आया? (ग)फोटो देखकर प्रेमचंद के किस गुण का पता चलता है? उत्तर (क) फोटो में प्रेमचंद ने फटे जूते पहन रखे थे, जिनके बंद बेतरतीब बँधे थे| (ख) प्रेमचंद के फटे जूतों को देखकर प्रेमचंद के मन में यही विचार आया कि यदि फोटो खिंचवाते समय इन्होने ऐसी पोशाक पहन रखी है तो वास्तविक जीवन में उनका क्या हाल होगा| या फिर ये भी हो सकता है कि ये वास्तविक जीवन में भी ऐसे ही रहते होंगे| (ग) लेखक के पास प्रेमचंद की जो फोटो थी, उससे यही पता चलता है कि वे वास्तविक जीवन में बहुत-ही सीधे-सादे व्यक्ति थे| वे अपना जीवन बड़ी सरलता से जीते थे| 2. तुम फोटो का महत्व नहीं समझते। समझते होते, तो किसी से फोटो खिंचाने के लिए जूते माँग लेते। लोग तो माँगे के कोट से वर-दिखाई करते हैं। और माँगे की मोटर से बारात निकालते हैं। फोटो खिंचाने के लिए तो बीवी तक माँग ली जाती है, तुमसे जूते ही माँगते नहीं बने! तुम फोटो का महत्व नहीं जानते। लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए! गंदे-से-गंदे आदमी की फोटो भी खुशबू देती है। (क) फोटो के महत्व को कौन नहीं जानता और क्यों? (ख) लोग फोटो खिंचाने के लिए क्या-क्या करते हैं? (ग) गंदे-से-गंदे आदमी की फोटो भी खुशबू देती है- में छिपा व्यंग्य स्पष्ट कीजिए| उत्तर (क) लेखक के अनुसार प्रेमचंद फोटो के महत्व को नहीं जानते क्योंकि उन्होंने अपनी पत्नी के साथ जो फोटो खिंचवाई थी, उसमें उनके जूते फटे हुए थे| (ख) लोग फोटो खिंचाने के लिए सुंदर बनते हैं| इसके लिए वे माँगी हुई पोशाक तक पहनने में नहीं हिचकिचाते| कई तो इत्र लगाकर फोटो खिंचाते हैं ताकि उनकी फोटो में भी खुशबू आ जाए| (ग) प्रस्तुत कथन में लेखक ने उन लोगों पर व्यंग्य किया है जो वास्तविक जीवन में कुछ और होते हैं लेकिन दिखावे के लिए अच्छे बनते हैं| दुनिया के सामने वे अपनी सुंदर छवि प्रस्तुत करते हैं| ऐसे आदमी बनावटी होते हैं और अपनी असलियत सबसे छिपा कर रखते हैं| महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर - 1. लोग फोटो में अधिक सुंदर क्यों दिखना चाहते हैं? उत्तर लोग फोटो में अधिक सुंदर दिखना चाहते हैं ताकि बाहरी दुनिया में उनकी प्रशंसा हो| इसके लिए वे जब फोटो खिंचवाते हैं तो कई प्रकार के सौंदर्य प्रसाधनों का प्रयोग करते हैं, जिससे कि फोटो में सुंदर और भले दिख सकें| वे माँगी हुई पोशाक तक पहनने में नहीं हिचकिचाते| कई तो इत्र लगाकर फोटो खिंचाते हैं ताकि उनकी फोटो में भी खुशबू आ जाए| 2. लेखक के अनुसार, प्रेमचंद के जूते फटने का क्या कारण था? उत्तर लेखक के अनुसार, प्रेमचंद का जूता किसी सख्त चट्टान से टकराने के कारण ही फटा है| अर्थात् प्रेमचंद ने चट्टान से बचकर निकलने की कोशिश नहीं की बलिक उसे रास्ते से हटाने का प्रयास किया| इसका अर्थ है कि वे हमेशा समाज की कुरीतियों से लड़ते रहे भले ही उनका जीवन कष्टमय रहा हो| 3. प्रेमचंद की फोटो से उनके किस व्यक्तित्व का पता चलता है? उत्तर प्रेमचंद ने फोटो में फटे जूते पहन रखे हैं तथा बंद भी बेतरतीब ढंग से बँधे हुए हैं| उनकी पोशाक भी पुरानी है| इससे यही पता चलता है कि उनके वास्तविक जीवन और बाहरी जीवन में कोई अंतर नहीं था| उन्होंने हमेशा सादगीपूर्ण जीवन व्यतीत किया| इस प्रकार उनकी फोटो से उनके सरल व्यक्तित्व का पता चलता है| 4. ‘पर्दे के महत्त्व’ पर लेखक और प्रेमचंद में क्या अंतर है? उत्तर प्रेमचंद पर्दे को महत्त्व नहीं देते थे क्योंकि उन्होंने कभी अपनी वास्तविकता दुनिया से नहीं छिपाई| उन्होंने अपनी दुर्दशा पर पर्दा डालकर अच्छी छवि बनाने की कोशिश नहीं की| वहीँ दूसरी ओर, लेखक को पर्दे का महत्व पता है| वे अपनी वास्तविकता दुनिया से छिपा कर रखना चाहते हैं| प्रेमचंद की तरह वे भी अभाव तथा कमी में जीवन व्यतीत कर रहे हैं, लेकिन अपनी दुर्दशा पर पर्दा डालकर कमजोरियाँ छिपाते हैं| जो लोग फोटो का महत्व समझते हैं लेखक के अनुसार भी क्या करते हैं?(क) बाएँ पाँव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निकल आई है। (ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए। (ग) तुम्हारी यह व्यंग्य मुसकान मेरे हौसले बढ़ाती है।
फोटो खिंचाने को लेकर लेखक ने लोगों पर क्या व्यंग्य किया है?उत्तर:- ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए। ( ... उत्तर:- व्यंग्य-यहाँ पर जूते का आशय समृद्धि से है तथा टोपी मान, मर्यादा तथा इज्जत का प्रतीक है।
लोग सुंदर फोटो खिंचवाने के लिए क्या क्या करते हैं?समझते होते, तो किसी से फोटो खिंचाने के लिए जूते माँग लेते। लोग तो माँगे के कोट से वर-दिखाई करते हैं। और माँगे की मोटर से बारात निकालते हैं। फोटो खिंचाने के लिए तो बीवी तक माँग ली जाती है, तुमसे जूते ही माँगते नहीं बने!
लेखक की नजर में लोग फ़ोटो के लिए क्या क्या करते हैं?Answer: लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए।
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