इंग्लैण्ड की गौरवपूर्ण क्रांति का सूत्रपात कब हुआ? - inglaind kee gauravapoorn kraanti ka sootrapaat kab hua?

इसे सुनेंरोकें”औद्योगिक क्रांति” शब्द का इस संदर्भ में उपयोग सबसे पहले आरनोल्ड टायनबी ने अपनी पुस्तक “लेक्चर्स ऑन दि इंड्स्ट्रियल रिवोल्यूशन इन इंग्लैंड” में सन् 1844 में किया। औद्योगिक क्रान्ति का सूत्रपात वस्त्र उद्योग के मशीनीकरण के साथ आरम्भ हुआ।

इसे सुनेंरोकेंअट्ठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध तथा उन्नीसवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में कुछ पश्चिमी देशों के तकनीकी, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक स्थिति में काफी बड़ा बदलाव आया। इसे ही औद्योगिक क्रान्ति (Industrial Revolution) के नाम से जाना जाता है।

दोगी क्रांति से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंऔद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) का अर्थ : उत्पादन प्रणाली में हुए उन आधारभूत परिवर्तनों से है, जिनके फलस्वरूप जनसाधारण को अपनी परंपरागत कृषि, व्यवसाय एवं घरेलू उद्योग-धंधों को छोड़कर नए प्रकार के उद्योगों में काम करने तथा यातायात के नवीन साधनों के प्रयोग का अवसर मिला।

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इंग्लैंड में सर्वप्रथम औद्योगिक क्रांति कब हुई?

इसे सुनेंरोकें1688 की गौरवपूर्ण क्रांति के परिणामस्वरूप इंग्लैंड में सर्वप्रथम सामंत वर्ग की अवधारणा से इतर मध्यम वर्ग का उदय हुआ। ये मध्यम वर्ग के उद्योगपति और व्यापारी ही थे जिन्होंने इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति को सफल बनाया।

औद्योगिक विकास के इतिहास का प्रारंभिक काल कब माना जाता है?

इसे सुनेंरोकें24.1 आधुनिक उद्योगों का संक्षिप्त इतिहास भारत में आधुनिक औद्योगिक विकास का प्रारंभ मुंबई में प्रथम सूती कपड़े की मिल की स्थापना (1854) से हुआ।

औद्योगिक युग की शुरुआत कैसे हुई?

इसे सुनेंरोकेंइस तरह विश्व में एक नए युग का प्राम्भ हुआ और वर्ष 1882 ई. में अर्नाल्ड टायनबी ने इसे ‘औद्योगिक क्रान्ति’ की संज्ञा दी। इस युग में जल तथा वाष्प के इंजन की शक्ति से चलित यंत्रों का आविष्कार हुआ जिसके कारण कारखानों की स्थापना होने लगी। कारखानों का निर्माण होने के कारण वस्तु -निर्माण का घरेलू तरीका शिथिल और कमजोर हो गया।

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औद्योगिक क्रांति के दौरान इंग्लैंड में किसका शासन था?

इसे सुनेंरोकेंजार्ज तृतीय (1760-1820) इसका शासन इंग्लैंड के इतिहास के अत्यधिक, घटनापूर्ण युगों में से है। इसके प्रथम भाग में सप्तवर्षीय युद्ध का पेरिस की संधि (1763) द्वारा अंत हुआ।

औद्योगिक क्रांति सर्वप्रथम इंग्लैंड में ही क्यों आरंभ हुई?

इसे सुनेंरोकेंअनुकूल जलवायु, कोयला तथा लोहे की उपलब्धता तथा आंतरिक भागो तक पहुंच हेतु नदियों की उपलब्धता आदि कुछ ऐसे कारण थे जिन्होंने इंग्लॅण्ड में औद्योगिक क्रांति को जनम दिया। इंग्लैंड में 18 वीं शताब्दी के पश्चात् लोहे तथा कोयला के उत्पादन में भारी वृद्धि हुई जिसने औद्योगिक क्रांति की शुरुआत में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

औद्योगिक क्रांति कौन सी शताब्दी में हुई थी?

इसे सुनेंरोकेंऔद्योगिक क्रांति ने 18 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में विकास की अवधि को चिह्नित किया जिसने यूरोप और अमेरिका में बड़े पैमाने पर ग्रामीण, कृषि समाज को औद्योगिक, शहरी लोगों में बदल दिया।

औद्योगिक नीति की समीक्षा कब कब की गई?

इसे सुनेंरोकेंआजादी के बाद पहली औद्योगिक नीति की घोषणा 6 अप्रैल 1948 को तत्कालीन केंद्रीय उद्योग मंत्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा की गई थी। इस नीति ने भारत में मिश्रित और नियंत्रित अर्थव्यवस्था के लिए एक आधार की स्थापना की थी।

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1760औद्योगिक क्रांति / शुरू होने की तारीख
इसे सुनेंरोकेंग्रेट ब्रिटेन, महाद्वीपीय यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में नए औद्योगिक तरीकों में बदलाव लगभग 1760 और 1820 और 1840 के बीच हुआ, जिसे औद्योगिक क्रांति के रूप में जाना जाता है।

औद्योगिक क्रांति क्यों हुई?

औद्योगिक क्रांति ब्रिटेन में ही क्यों?

इसे सुनेंरोकेंयह सबसे पहले ब्रिटेन में शुरू हुई । यह ब्रिटेन में इसलिए हुई क्योंकि न तो वहा फसल होती थी (ज्यादा) न ही वहा कमाई के कोई और साधन थे । वहा की जनसँख्या भूख से मरने को थी । अतः कुछ लोगो ने विचार किया की कुछ और कमाई के साधन ढूंढे जाए , और कई सारे तकनिकी चीजों पर खोज जारी की और यही से औद्योगिक क्रांति शुरू हुई ।

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  • प्रश्न :

    क्या कारण था कि औद्योगिक क्रांति सर्वप्रथम इंग्लैंड में शुरू हुई थी? औद्योगीकरण के दौरान वहाँ के लोगों की जीवन-गुणता पर चर्चा कीजिये। भारत में वर्तमान में जीवन-गुणता के साथ वह किस प्रकार तुलनीय है?

    29 Dec, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    उत्तर :

    भूमिका:


    औद्योगिक क्रांति की शुरुआत के बारे में बताते हुए उत्तर प्रारंभ करें-

    18वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में आर्थिक व तकनीकी क्षेत्र में हुए व्यापक परिवर्तनों के कारण घरेलू उत्पादन प्रणाली का स्थान कारखाना उत्पादन प्रणाली ने ले लिया। इन परिवर्तनों से आधुनिक व्यापार प्रणाली का विकास हुआ व उत्पादन और व्यापार में अप्रत्याशित वृद्धि हुई, जिसे औद्योगिक क्रांति की संज्ञा दी जाती है।

    विषय-वस्तु


    विषय-वस्तु के पहले भाग में हम इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति के शुरू होने के कारणों पर चर्चा करेंगे-

    • 1688 की गौरवपूर्ण क्रांति के परिणामस्वरूप इंग्लैंड में सर्वप्रथम सामंत वर्ग की अवधारणा से इतर मध्यम वर्ग का उदय हुआ। ये मध्यम वर्ग के उद्योगपति और व्यापारी ही थे जिन्होंने इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति को सफल बनाया।
      औपनिवेशिक क्षेत्रों के शोषण व दास व्यापार से पर्याप्त पूंजी उपलब्ध हो सकी।
    • कृषि क्रांति से छोटे कृषक स्वतंत्र मजदूर में परिवर्तित हो गए जिससे सस्ता श्रम उपलब्ध हुआ।
    • तकनीकी व वैज्ञानिक क्षेत्र में व्यापक विकास एवं नए-नए आविष्कार, जैसे- वाष्प इंजन, फ्लाइंग शटल, स्पिनिंग जेनी आदि ने औद्योगिक क्रांति का मार्ग प्रशस्त किया।
    • लोहा, कोयला व अन्य प्राकृतिक संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता।

    अनुकूल राजनीतिक वातावरण एवं व्यापार नीतियों से संबंधित कारण अन्य देशों में भी उपलब्ध थे परंतु इंग्लैंड में ही औद्योगिक क्रांति होने का मुख्य कारण वहाँ पर तकनीकों व नवीन व्यापार प्रणालियों को मध्यम वर्ग द्वारा आत्मसात् करना था जिसमें सरकार की भूमिका भी सहायक रही, वहीं प्राँस जैसे देशों में सरकारी नियंत्रण ने औद्योगिक क्रांति की सफलता को बाधित किया। इसके साथ ही उपनिवेशों के बाजारों पर ब्रिटिश एकाधिकार से व्यापार सुरक्षा कारणों एवं अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियों और परिवहन व्यवस्था ने इंग्लैंड की औद्योगिक क्रांति को सफल बनाने में योगदान दिया।

    विषय-वस्तु के दूसरे भाग में औद्योगीकरण के दौरान वहाँ के लोगों की जीवन गुणवत्ता की भारत में वर्तमान के जीवन गुणवत्ता से तुलना करेंगे-

    औद्योगीकरण के दौरान उत्पादन में वृद्धि होने के साथ-साथ शहरीकरण और जनसंख्या में भी अप्रत्याशित वृद्धि हुई जिससे एक तरफ तो संपन्न पूंजीपति वर्ग का विकास हुआ, जिनकी जीवन गुणवत्ता उच्च थी, वहीं दूसरी तरफ शहरों में मजदूरों के साथ बेरोजगारों की संख्या में भी वृद्धि हुई। जिन मजदूरों को रोजगार मिला, उनका जीवन-स्तर बहुत ही निम्न था। उन्हें बहुत ही खराब परिस्थितियों में छोटे-छोटे मकानों और गंदगीयुक्त वातावरण में रहना पड़ता था। कारखानों में महिलाओं और बच्चों की स्थिति भी काफी दयनीय थी।

    वर्तमान में जीवन गुणवत्ता के संदर्भ में औद्योगिक क्रांति की भारत से तुलना करें तो कुछ स्थितियों में समानता दिखलाई पड़ती है, वहीं कुछ स्थितियों में असमानता। वर्तमान में औद्योगीकरण के कारण शहरीकरण में वृद्धि होने से ग्रमाीण जनसंख्या का प्रवास शहरों की तरफ होने से मलिन बस्तियों का निर्माण हुआ है। यहाँ के लोगों का जीवन स्तर अत्यधिक निम्न है। स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, अपराध इत्यादि दशाएँ इंग्लैंड के औद्योगिक क्रांति के समय की तरह ही प्रतीत होती है लेकिन कुछ स्तरों पर विभिन्नता भी दिखाई देती है। आज लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं, उनके काम करने के घंटे तय हैं, उनको श्रम से संबंधित बुनियादी सुविधाओं केा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी कानूनी उपबंध द्वारा नियोक्ता को दी गई है। बाल मजदूरी पर प्रतिबंध लगाया गया है एवं श्रम के मानकों को भी विभिन्न संवैधानिक या वैधानिक उपबंधों के माध्यम से निश्चित किया गया है।

    निष्कर्ष


    अंत में संतुलित, संक्षिप्त एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें-

    उपरोक्त कारकों के प्रावधानों के तहत औद्योगिक क्रांति की तुलना में वर्तमान भारत के औद्योगीकरण में लोगों की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जो औद्योगिक क्रांति के समय ब्रिटेन के लोगों के लिये उपलब्ध नहीं था।

    इंग्लैंड के गौरवपूर्ण क्रांति का सूत्रपात कब हुआ?

    चार्ल्‍स प्रथम के काल में शुरू हुई क्रांति को इंग्‍लैंड की क्रांति कहते है. इस क्रांति को इंग्‍लैंड की गौरवपूर्ण क्रांति के नाम से जाता है. इंग्‍लैंड की गौरवपूर्ण क्रांति 1688 ई. में हुई.

    गौरवपूर्ण क्रांति कब और कहां हुई थी?

    उसकी क्रूर धार्मिक और राजनीतिक नीतियों के कारण इंग्लैंड में 1688 ई. में 'गौरवपूर्ण क्रांति' घटित हुई। इसे 'रक्तहीन क्रांति' या 'वैभवपूर्ण क्रांति' भी कहा जाता है।

    2 गौरवपूर्ण क्रांति कब हुई थी?

    संसद के अधिकांश सदस्य राजा के दैवी अधिकार सिद्धांत के समर्थक थे. जेम्स द्वितीय ने स्वयं ही परिस्थिति को विपरीत बना दिया और उसे अंततोगत्वा गद्दी छोड़कर भागना पड़ा. 1688 ई. में हुए इंग्लैंड की क्रांति को “गौरवपूर्ण क्रांति (Glorious Revolution)” भी कहा जाता है.

    इंग्लैण्ड की गौरवपूर्ण क्रांति की मुख्य विशेषता क्या थी?

    इस क्रांति को रक्तहीन क्रांति इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह क्रांति रक्त की एक बूंद गिराए बिना तथा बिना किसी युद्ध के समाप्त हुई थी| इस क्रांति के बाद राजा और ब्रिटिश संसद का संघर्ष समाप्त हो गया था तथा संसद की सर्वोच्चता स्थापित हुई थी| England ki kranti से इंग्लैंड में संवैधानिक राजशाही की स्थापना हुई थी और राजाओं की ...