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अध्ययन ने इस बात की पुष्टि कि है की हर एक महिला अपने जीवन में कम से कम एक बार यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी कि यूटीआई से अवश्य ही प्रभावित होती है। पुरुष भी इस बीमारी से प्रभावित हो सकते हैं लेकिन महिलाओं में यह समस्या सबसे अधिक पाई जाती है। क्योंकि महिलाओं का यूरेथ्रा काफी छोटा होता है जिसके कारण उन्हें यूटीआई होने का खतरा अधिक होता है। इसे पढ़ें: यूरिन इंफेक्शन या यूटीआई के लक्षण क्या हैं यूटीआई के अनेकों लक्षण होते हैं जो इस बीमारी से पीड़ित मरीज खुद में अनुभव करते हैं। अगर समय से इन लक्षणों पर ध्यान देकर तुरंत एक्शन लिया जाए तो इस बीमारी कि रोकथाम इसकी शुरूआती स्टेज में ही कि जा सकती है। इसके मुख्य लक्षणों में नीचे दिए हुए मेडीअक्ल कंडीशन शामिल हैं।
इसे भी पढ़ें: जानिए क्या होता है यूरिन इंफेक्शन अगर आप ऊपर बताए गए या यूटीआई के दूसरे किसी भी लक्षण को खुद में अनुभव करती हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर उसके पीछे के कारणों का पता लगाकर सही इलाज कराना चाहिए। क्योंकि यूटीआई के लक्षणों को नजरअंदाज करने या उसका इलाज न कराने पर वे हल्के से गंभीर लक्षण का रूप ले लेते हैं जिसके कारण आपको तेज दर्द और बेचैनी का सामना करना पड़ सकता है। इसे पढ़ें: बार बार पेशाब आने के कारण, लक्षण और इलाज जितनी जल्दी आप यूटीआई के लक्षण को देखती हैं उतनी ही जल्दी डॉक्टर से मिलकर इसका इलाज कराना आपके लिए बेहतर होता है। साथ ही साथ जितनी जल्दी आप इसकी दवा लेनी शुरू करती हैं उतनी ही जल्दी यह समस्या ठीक हो जाती है। यूटीआई कि दवा के साथ साथ आपका खान पान भी इसके इलाज को प्रभावित करता है। इसे पढ़ें: जन्म के महीने से जानें अपनी सेहत के राज खान पान की कुछ चीजें ऐसी हैं जो आपके इलाज में रोड़ा बन सकती हैं, आपकी बीमारी को खराब कर सकती हैं और आपकी हालत को और अधिक गंभीर बना सकती हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि आप अपने खान पान पर खास ध्यान दें। यूटीआई से पीड़ित होने कि स्थिति में आपको क्या खाना चाहिए और किस चीज से परहेज करना चाहिए आदि चीजों के बारे में हम आपको नीचे विस्तार से बता रहे हैं। इसका पालन कर आप अपने यूटीआई को काफी हद तक कंट्रोल कर सकती हैं। यूटीआई से पीड़ित होने पर क्या पीएं और किससे परहेज करें — What To Drink And Avoid If You Have Urinary Tract Infection In Hindi — Urinary Tract Infection Hone Par Kya Piye Aur Kisse Parhej Kareपर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, प्यास न लगने पर भी हल्का फूलका पानी पीते रहें। दिन भर में बहुत सारा पानी पीते रहने से बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद मिलती है। इसके अलावा, आपका शरीर हमेशा हाइड्रेट रहता है जिसके कारण आप दूसरी भी बीमारियों से बचती हैं। आपको शुगर-फ्री क्रैनबेरी जूस भी पीना चाहिए। क्रैनबेरी रस आसानी से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से लड़ने में मदद कर सकता है और यह आपके मूत्राशय यानी कि ब्लैडर के लिए भी अच्छा होता है। इसे भी पढ़ें: प्रेगनेंसी के दौरान ब्राउन डिस्चार्ज होने के कारण और उपाय शराब, कॉफी या दूसरी उन सभी चीजों के सेवन से बचना चाहिए जो आपके इलाज में रोड़ा पैदा कर सकते हैं तथा यूटीआई को और अधिक गंभीर बनाने का काम करते हैं। शराब, सिगरेट, कॉफी आदि का सेवन आपके ब्लैडर पर बुरा असर डालता है तथा यूटीआई के लक्षणों को पहले कि तुलना में और अधिक गंभीर एवं जटिल बनाता है। यूटीआई से पीड़ित होने पर क्या खाएं और किससे परहेज करें — What To Eat And Avoid If You Have Urinary Tract Infection In Hindi — Urinary Tract Infection Hone Par Kya Khaye Aur Kisse Parhej Kareक्रैनबेरी जूस कि तरह ही ब्लूबेरी का भी सेवन करें। क्योंकि यह बैक्टीरिया को यूरिनरी ट्रैक्ट कि लाइनिंग पर चिपकने से रोकता है। जिसके कारण आपको यूटीआई नहीं होती है और अगर है भी तो इसकी वजह से धीरे धीरे कम हो जाती है। अपनी डाइट में प्रोबायोटिक्स को शामिल करें। प्रोबायोटिक्स ड्रिंक्स, प्लेन ग्रीक योगर्ट और सौकरकूट तथा अचार जैसे फर्मेन्टेड फूड में अच्छे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो खराब बैक्टीरिया को शरीर से बाहर निकालने के साथ साथ यूटीआई का इलाज करने का काम भी करते हैं। ज्यादा तैलीय और मिर्च मसाला से भरपूर चीजों को खाने से बचना चाहिए। क्योंकि इससे ब्लैडर में जलन होती है तथा ये यूटीआई को और भी बदतर बनाने का काम करते हैं। जब तक आपका यूटीआई पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता, आपको मसालेदार भोजन से दुरी बनाकर रखनी चाहिए। इसे पढ़ें: स्पर्म काउंट बढ़ाने के घरेलू उपाय यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से पीड़ित होने कि स्थिति में आपको एसिडिक फ्रूट्स जैसे कि संतरा या नींबू का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इनके सेवन से ब्लैडर में जलन उत्पन्न होती है जिसकी वजह से यूटीआई के लक्षण गंभीर रूप ले सकते हैं तथा आपकी परेशानियां बढ़ सकती हैं। यूटीआई ठीक होने के बाद आप उन एसिडिक फ्रूट्स का सेवन कर सकती हैं जिसमें विटामिन सी मौजूद होता है। क्योंकि ये भविष्य में दोबारा इंफेक्शन होने कि संभावना को कम करते हैं। इसे पढ़ें: महिलाओं और पुरुषों में फर्टिलिटी बढ़ाने के आसान प्राकृतिक एवं घरेलू उपाय इन सबके अलावा, आपको पके हुए फल (grapefruits), स्ट्रॉबेरी (strawberries), पालक (spinach) और हरी मिर्च (green peppers) आदि का सेवन करना चाहिए। क्योंकि ये आपके ब्लैडर को स्वस्थ रखने और फिर से यूटीआई को होने से रोकने का काम करते हैं। ओवरव्यू — Overviewजब आपको डॉक्टर यूटीआई के इलाज कि नियत से एंटीबायोटिक्स निर्धारित करें तो आपको दवाओं का पूरा कोर्स लेना चाहिए। अगर आपको लगे कि आप ठीक हो गई हैं या आपकी बीमारी बेहतर हो गई है तब भी आपको दवाओं के सेवन को बीच में बंद नहीं करना चाहिए। यूटीआई को पूर्ण रूप से ख़त्म करने के लिए यह अतिआवश्यक है कि आप डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं के कोर्स को पूरा करें। इसे पढ़ें: पीसीओडी के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, पूरे दिन भर में कम से कम 12 गिलास पानी पीना आवश्यक है। क्योंकि ऐसा करने से बैक्टीरिया शरीर से बाहर आ जाते हैं तथा आपको भविष्य में यूटीआई होने कि संभावना खत्म हो जाती है। जब कभी भी आपको पेशाब करने कि इच्छा हो तो बाथरूम जाकर पेशाब करें, इसे रोकने कि कोशिश नहीं करनी चाहिए। पेशाब को रोक कर रखने से बैक्टीरिया से छुटकारा पाने में परेशानी और देरी होती है। साथ ही साथ बैक्टीरिया का विकास होने के लिए ब्लैडर में सही वातावरण भी बनता है। अगर आप चाहते हैं कि आपकी बीमारी जल्द से जल्द खत्म हो जाए तो आपको पेशाब को रोक कर रखने के बजाय, जब जब पेशाब लगे, बाथरूम जाकर पेशाब करनी चाहिए। इसे भी पढ़ें: इरेक्टाइल डिसफंक्शन का घरेलू इलाज सेक्सुअल इंटरकोर्स भी यूटीआई कि समस्या पैदा करने में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है। इसलिए हमेशा सेक्स करने से पहले और सेक्स करने के बाद पेशाब अवश्य करें। जो महिलाएं किडनी स्टोन से पीड़ित होती हैं या जिनके अंदर एस्ट्रोजन का स्तर कम होता है, वे भी यूटीआई को खतरे को बढ़ा सकती हैं। शोध से इस बात कि पुष्टि हुई है कि कुछ महिलाओं को अनुवांशिकी कारणों कि वजह से भी यूटीआई होने कि संभावना अधिक होती है। इसे पढ़ें: प्रेगनेंसी से बचने के घरेलू उपाय यूटीआई एक आम समस्या है। लेकिन इसके बावजूद भी इस बीमारी को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर आप खुद में यूटीआई के किसी भी लक्षण को देखती हैं या फिर अगर आपको लगता है कि आपको यूटीआई है तो तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर इस बारे में बात करनी चाहिए। इसे भी पढ़ें: योनि में कसावट लाने का सबसे बेस्ट तरीका किसी भी बीमारी का इलाज घरेलू नुस्खों या खुद से करने से पहले एकबार डॉक्टर से अवश्य मिलना चाहिए। अपने मन मुताबिक किसी भी दवा या जड़ी बूटी का इस्तेमाल आपकी बीमारी को ठीक करने के बजाय और गंभीर बना सकता है। डॉक्टर से मिलकर जांच और इलाज कराना हमेशा सबसे सफल और सुरक्षित तरीका माना जाता है। आगे पढ़ें
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें| इंफेक्शन को कम करने के लिए क्या खाना चाहिए?दही और छाछ का सेवन पेट में इन्फेक्शन होने पर बहुत फायदेमंद माना जाता है. इसमें मौजूह प्रोबायोटिक्स पाचन तंत्र के लिए बहुत उपयोगी माने जाते हैं. ... . नारियल पानी का सेवन पेट में इन्फेक्शन पर बहुत उपयोगी होता है. इसमें मौजूद इलेक्ट्रोलाइट्स आपको दस्त और उल्टी की समस्या से बचाते हैं.. इंफेक्शन में क्या क्या नहीं खाना चाहिए?ऐसे भोजन से बना लें दूरी
ब्लड इन्फेक्शन होने पर कुछ चीजों का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. कच्ची सब्जियां न खाएं, हमेशा इन्हें पकाकर या भाप में ही खाएं. कच्चा मीट कभी नहीं खाना चाहिए, हमेशा पका हुआ मांस ही खाएं. बिना पाश्चुरीकृत डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन नहीं करना चाहिए.
ब्लड इंफेक्शन कितने दिन में ठीक होता है?इंट्रावेनस एंटीबायोटिक दवाओं को आमतौर पर 7 से 10 दिनों के लिए देना होता है। यदि सेप्सिस किसी वायरस के कारण हुआ है, तो एंटीबायोटिक काम नहीं करेंगे। फिर भी, एंटीबायोटिक दवाएँ दी जा सकती हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है कि इस बिमारी के लिए सटीक निदान नहीं मिलने तक एंटीबायोटिक उपचार में देरी करना बहुत खतरनाक होता है।
इन्फेक्शन में क्या खाते हैं?विटामिन सी से भरपूर खट्टे फल जैसे आंवला, नींबू, संतरा, स्ट्रॉबेरी, ब्रोकली आदि खाएं. विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे दूध, मछली और अंडे आदि को डाइट में शामिल करें. साथ ही कुछ समय धूप में बिताने की कोशिश करें. प्रोबायोटिक्स जैसे दही, छाछ, कोम्बुचा, किमची, अचार आदि को खाएं.
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