भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए Show हिमाद्रि तुंग शृंग से / जयशंकर प्रसादKavita Kosh से हिमाद्रि तुंग शृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ विकीर्ण दिव्य दाह-सी हिमाद्रि तुंग श्रृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती में कौन सा गुण है?प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो। ' सपूत मातृभूमि के - रुको न शूर साहसी! प्रवीर हो जयी बनो - बढ़े चलो, बढ़े चलो।
हिमाद्रि तुंग श्रृंग के कवि कौन है?हिमाद्रि तुंग शृंग से / जयशंकर प्रसाद
तुंग शृंग का क्या अर्थ है?आज का शब्द - तुंग और जयशंकर प्रसाद की कविता - हिमाद्रि तुंग श्रृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती
स्वतंत्रता पुकारती कविता का उद्देश्य क्या है?स्वतंत्रता पुकारती जयशंकर प्रसाद जी द्वारा लिखी गई है इस कविता में देश की स्वतंत्रता की रक्षा हेतु भारत माता पिता के वीर सपूतों का आह्वान किया है प्रसाद जी स्वतंत्रता संघर्ष के बीच सिपाही के रूप में देश प्रेम की उत्कट तीव्र भावना से ओतप्रोत होकर भारत मां के वीर सपूतों का आह्वान करते हुए लिखते हैं कि भारत माता के वीर ...
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