हमें पेड़ क्यों नहीं काटने चाहिए - hamen ped kyon nahin kaatane chaahie

Solution : पड़ोस में हरे वृक्ष की कटाई करने वाले लोगों को समझायेंगे कि हमें वृक्ष नहीं काटने चाहिए, क्योंकि वृक्ष काटने से पर्यावरण प्रदूषित होता है। पेड़ हमें ऑक्सीजन देते हैं जो हमारी प्राण वायु है जिसके अभाव में जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। इसके साथ ही पेड़ वर्षा में सहायक होते हैं। पेड़ों से दवाइयाँ, हरियाली, छाया और लकड़ियाँ प्राप्त होती हैं जो हमारे जीवन के लिए उपयोगी | होती हैं। इसलिए पेड़ काटने के बजाय हमें पेड़ लगाने चाहिए।

- हर वृक्ष के बदले लगाने होंगे 10 पौधे, पहले 6 प्रजातियां थीं प्रतिबंध के दायरे में

एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : निजी जमीन पर भी अब पेड़ काटना आसान नहीं होगा। कैबिनेट ने प्रतिबंधित श्रेणी के वृक्षों की संख्या बढ़ाकर 6 से 29 कर दी है। इन वृक्षों को काटने के लिए वन विभाग से अनुमति लेनी होगी। अनुमति के लिए आवेदन ऑनलाइन किए जा सकेंगे।

25 अक्टूबर और 31 अक्टूबर 2017 को अधिसूचना जारी कर सरकार ने 62 जिलों में आम, नीम, साल, खैर और महुआ और 13 जिलों में सागौन को छोड़कर निजी जमीन पर लगेबाकी वृक्षों को अनुमति के दायरे से बाहर कर दिया था। इन छह प्रजातियों के वृक्षों को काटने के लिए वन विभाग से अनुमति जरूरी थी। इसकी अनुमति तभी दी जा सकती थी जब ये वृक्ष सूख गए हों, किसी व्यक्ति या संपत्ति के लिए खतरा पैदा हो गया हो या विकास योजनाओं के लिए काटना जरूरी हो। हालांकि, इस आदेश पर एनजीटी ने रोक लगा दी थी। अब सरकार ने आदेश बदलने हुए पेड़ काटने के नियम और कड़े कर दिए हैं।

सोमवार को कैबिनेट ने यूपी वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976 के प्रावधानों में बदलाव करते हुए प्रतिबंधित श्रेणी के वृक्षों की संख्या बढ़ाकर 29 कर दी। प्रत्येक वृक्ष के काटने पर दो पौधे लगाने और उनके संरक्षण का प्रस्ताव था, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने पौधरोपण की संख्या बढ़ाकर प्रति वृक्ष 10 कर दी। अगर काटने वाले के पास इतने पौधे लगाने के लिए जमीन नहीं है तो वह वन विभाग को इसके लिए धनराशि जमा करेगा। वन विभाग इस रकम से पौधे लगाकर उनका संरक्षण करेगा।

ये वृक्ष बिना अनुमति नहीं कटेंगे

आम (देशी, तुकमी, कलमी), नीम, साल, महुआ, बीजा साल, पीपल, बरगद, गूलर, पाकड़, अर्जुन, पलाश, बेल, चिरौंजी, खिरनी, कैथा, इमली, जामुन, असना, कुसुम, रीठा, भिलावा, तून, सलई, हल्दू, बाकली/करधई, धौ, खैर, शीशम और सागौन।

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विषयसूची

  • 1 पेड़ काटने का क्या क्या नुकसान है?
  • 2 जंगल काटने से क्या होता है?
  • 3 पेड़ों को क्यों नहीं काटना चाहिए?
  • 4 लोग पेड़ों को क्यों काटते हैं?
  • 5 पौधों में जीवन होता है कैसे?

पेड़ काटने का क्या क्या नुकसान है?

इसे सुनेंरोकेंपेडों को इस प्रकार से काटने और उन्हें पुनः न लगाने के परिणाम स्वरुप आवास (habitat) को क्षति पहुंची है, जैव विविधता (biodiversity) को नुकसान पहुंचा है और वातावरण में शुष्कता (aridity) बढ़ गयी है। साथ ही अक्सर जिन क्षेत्रों से पेडों को हटा दिया जाता है वे बंजर भूमि में बदल जाते हैं।

जंगल काटने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंवनों की कटाई से होने वाले नुकसानों में से एक है जंगलों में रहने वाले जानवरों और पक्षियों के प्राकृतिक आवास का विनाश। इससे इन पक्षियों और जानवरों की संख्या भी कम हो जाती है, जिससे विलुप्त होना संभव हो जाता है। 2. यह बाढ़ और आग का कारण बनता है।

क्या पौधों में भी जान होती है?

इसे सुनेंरोकेंहमारे तरह ही पेड़ पौधे मैं भी जान होती है और उनका भी अपना एक जीवन होता है। उन्होंने ही सर्वप्रथम पेड़ पौधों के अध्ययन और अपने प्रयोग द्वारा जाना की पेड़ पौधे की गतिविधियां मानव और पशु पक्षियों के समान ही होती है।

वनों की कटाई से क्या घटता है?

इसे सुनेंरोकेंवनों की कटाई को दुनिया भर में वन क्षेत्रों में कमी के रूप में कहा जाता है जो अन्य उपयोगों के लिए खो जाते हैं। वनों की कटाई से आवास की हानि, ग्रीनहाउस गैस में वृद्धि, पानी के चक्र में समस्या या कम बारिश, मिट्टी के कटाव और बाढ़ जैसी कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

पेड़ों को क्यों नहीं काटना चाहिए?

इसे सुनेंरोकें→ बहुत सी प्रजातियों पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है। ये हमें आक्सीजन ही नहीं देते बल्कि कार्बन डाई आक्साइड भी खत्म करते हैं। यह पर्यावरण को संतुलित करने में मदद करते हैं। हरे-भरे पेड़ों को कभी नहीं काटना चाहिए।

लोग पेड़ों को क्यों काटते हैं?

इसे सुनेंरोकेंइसका एकमात्र कारण यही है कि ग्लोबल वार्मिंग की समस्या बढ़ गई है। हर दिन ओजोन परत में छेद बढ़ता जा रहा है और सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरण धरती पर आ रही है । ग्लोबल वार्मग बढ़ने से धरती पर खतरा बढ़ रहा है ।

वनों को क्यों नहीं काटना चाहिए?

वनों की कटाई के मुख्य कारण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंवनों की कटाई का मुख्य कारण जंगलों के संरक्षण की आवश्यकता के बारे में पर्याप्त ज्ञान की कमी के कारण होती है। वनों की कटाई के प्राकृतिक कारणों में ग्लोबल वार्मिंग, भूस्खलन, भूकंप, ओलें, तेज हवाएं, तूफान, प्रकाश आदि शामिल हैं। इसके अलावा जंगलों में लगी हुई आग से वनों को नुकसान भी पहुँचता है।

पौधों में जीवन होता है कैसे?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु 10 मई 1901 को पेड़-पौधों में भी जीवन होने की बात साबित करने वाले पहले शख्स बने थे। बसु ने इसके लिए पौधे की जड़ को ज़हरीले पदार्थ में डालकर दिखाया था जिससे पौधा मुरझा गया था। उन्होंने यह भी बताया था कि पौधों पर तापमान व नमी जैसे बाहरी कारकों का असर होता है।

पेड़ की कटाई के नुकसान

  • बाढ़ और सूखा: मिट्टी का कटाव मिट्टी के प्रवाह को बढ़ाता है जिसके कारण बाढ़ और सूखा का विशिष्ट चक्र शुरू होता है।
  • मिट्टी की उपजाऊ शक्ति की हानि: जब ईंधन की मात्रा अपर्याप्त हो जाती है तो गाय का गोबर और वनस्पति अवशेषों को ईंधन के रूप में भोजन बनाने के लिए उपयोग में लिया जाता है।

हमे पेड़ क्यों नहीं काटने चाहिए?

बहुत से और लोग लकड़ी न होने से खाना पकाने या अपना घर गर्म करने का काम नहीं कर पाएंगे. पेड़ काटने या पेपर बनाने वाले वो लोग जो पेड़ों से रोज़गार पाते हैं, वो बेरोज़गार हो जाएंगे.

अगर हम पेड़ काटते रहेंगे तो क्या होगा?

पौधे एवं जन्तुओ का संरक्षण हम वृक्षों की कटाई करते रहे तो धीरे-धीरे सारे वन्यप्राणी विलुप्त हो जाएँगे, वन्य पेड़-पौधे भी गायब हो जाएँगे। प्रदूषण का स्तर बढ़ जाएगा। मृदा का अपरदन अधिक होगा। प्राकृतिक आपदाओं की संभावनाएँ अत्यधिक हो जाएँगी।

पेड़ काटने से क्या क्या नुकसान है?

वृक्षों की कटाई के 10 नुकसान (10 Disadvantages of Cutting Trees in Hindi).
वन्यजीवों का विस्थापन और मृत्यु ... .
वायु प्रदूषण की समस्या ... .
जलवायु परिवर्तन ... .
वनस्पतियों का विलोपन ... .
मृदा अपरदन की समस्या ... .
जल चक्र को नुकसान ... .
रेगिस्तान में फैलाव ... .
मूल निवासियों का अस्तित्व खत्म होना.

हमें पेड़ क्यों काटने चाहिए?

पेड़ों से केवल लाभ ही होता है जो वातावरण में फैली दूषित वायु को शुद्ध करता है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई होने से बारिश का अभाव बना हुआ है।