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प्रोटियम, हाइड्रोजन का प्रचुरतम उपलब्ध समस्थानिक; में एक प्रोटोन व एक इलेक्ट्रॉन होता है हाइड्रोजन या उदजन (H) (मानक परमाणु भार: 1.00794(7) u) के तीन प्राकृतिक उपलब्ध [[समस्थानिक होते हैं:१H, २H, and ३H। अन्य अति-अस्थायी नाभि (४H से ७H) का निर्माण प्रयोगशालाओं में किया गया है, किंतु प्राकृतिक रूप में नहीं मिलते हैं।[1][2]
हाइड्रोजन-१ (प्रोटियम)[संपादित करें]इस विषय पर पर अधिक ब्यौरे हेतु, देखें: हाइड्रोजन-१. 1H सर्वसामान्य हाइड्रोजन समस्थानिक है। हाइड्रोजन-२ (ड्यूटेरियम)[संपादित करें]इस विषय पर पर अधिक ब्यौरे हेतु, देखें: ड्यूटेरियम . 2H, दूसरा हाइड्रोजन का स्थिर समस्थानिक होता है। इसका ऑक्सीजन संग यौगिक भारी जल बनाता है। हाइड्रोजन-३ (ट्राइटियम)[संपादित करें]इस विषय पर पर अधिक ब्यौरे हेतु, देखें: ट्राइटियम . 3H को ट्राइटियम नाम से जानते हैं। हाइड्रोजन-४[संपादित करें]इस विषय पर पर अधिक ब्यौरे हेतु, देखें: हाइड्रोजन-४. 4H हाइड्रोजन-४ अति अस्थिर समस्थानिक है। हाइड्रोजन-५[संपादित करें]इस विषय पर पर अधिक ब्यौरे हेतु, देखें: हाइड्रोजन-५. 5H हाइड्रोजन का अस्थिर समस्थानिक है। हाइड्रोजन-६[संपादित करें]6H हाइड्रोजन का अस्थिर समस्थानिक है। इसमें १ प्रोटोन व ५ न्यूट्रॉन होते हैं। हाइड्रोजन-७[संपादित करें]7H एक प्रोटोन व ६ न्यूट्रॉन सहित हाइड्रोजन का अस्थिर समस्थानिक होता है। सारणी[संपादित करें]न्यूक्लाइड गुण[n 1]
सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
हाइड्रोजन में कितने न्यूट्रॉन पाए जाते हैं?H हाइड्रोजन का अस्थिर समस्थानिक है।
इसमें १ प्रोटोन व ५ न्यूट्रॉन होते हैं।
हाइड्रोजन में कितने परमाणु होते हैं?यह सबसे हल्का तत्व है (घनत्व 0.09 ग्राम प्रति लिटर)। इसकी परमाणु संख्या 1, संकेत (H) और परमाणु भार 1.008 है। यह आवर्त सारणी में प्रथम स्थान पर है। साधारणतया इससे दो परमाणु मिलकर एक अणु (H2) बनाते है।
हाइड्रोजन में न्यूट्रॉन क्यों नहीं होता?ISOTOPES (आइसोटोप)
सबसे प्रचुर मात्रा में आइसोटोप, हाइड्रोजन -1, प्रोटियम, या हल्के हाइड्रोजन में कोई न्यूट्रॉन नहीं है और यह केवल एक प्रोटॉन और एक इलेक्ट्रॉन है।
हाइड्रोजन की संयोजकता कितनी होती है?अतएव यदि हाइड्रोजन की संयोजकता को इकाई मान लिया जाए, तो किसी तत्व की संयोजकता हाइड्रोजन परमाणुओं की उन संख्याओं के बराबर होगी जिनके साथ उस तत्व का परमाणु संयोग कर सकता है। उदाहरणार्थ, क्लोरीन, ऑक्सीजन परमाणुओं की उन संख्याओं के बराबर होगी जिनके साथ उस तत्व का परमाणु संयोग कर सकता है।
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