प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक आरोह भाग 1 में संकलित भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा रचित कविता घर की याद से ली गई हैं | Show [ प्रसंग ] प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने कारावास में रहने के दौरान रातभर वर्षा होने के कारण घर की याद आने का सुंदर वर्णन किया है |
( काव्यांश 2 ) ----------------------
[ सन्दर्भ ] प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक आरोह भाग 1 में संकलित भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा रचित कविता घर की याद से ली गई हैं | [ प्रसंग ] प्रस्तुत पंक्तियों में कवि को अपने घर के सदस्यों की याद आ रही है |
( काव्यांश 3 ) ---------------------- [ सन्दर्भ ] प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक आरोह भाग 1 में संकलित भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा रचित कविता घर की याद से ली गई हैं | [ प्रसंग ] प्रस्तुत पंक्तियों में कवि जेल में बैठकर अपनी माँ को याद कर रहा है |
( काव्यांश 4 ) ---------------------- [ सन्दर्भ ] प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक आरोह भाग 1 में संकलित भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा रचित कविता घर की याद से ली गई हैं | [ प्रसंग ] प्रस्तुत पंक्तियों में कवि अपने पिता की विशेषताओं के बारे में बताते हैं |
( काव्यांश 5 ) ---------------------- [ सन्दर्भ ] प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक आरोह भाग 1 में संकलित भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा रचित कविता घर की याद से ली गई हैं | [ प्रसंग ] प्रस्तुत पंक्तियों में कवि अपनें पिता को याद करके उनकी आध्यात्मिक प्रवृति का वर्णन कर रहे हैं |
( काव्यांश 6 ) ---------------------- [ सन्दर्भ ] प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक आरोह भाग 1 में संकलित भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा रचित कविता घर की याद से ली गई हैं | [ प्रसंग ] प्रस्तुत पंक्तियों में कवि अपने पिता और सदस्यों को याद करके भावुक हो उठते हैं |
( काव्यांश 7 ) ---------------------- [ सन्दर्भ ] प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक आरोह भाग 1 में संकलित भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा रचित कविता घर की याद से ली गई हैं [ प्रसंग ] प्रस्तुत पंक्तियों में कवि अपने आप को अभागा समझता है और भावुक होता है ||
( काव्यांश 8 ) ---------------------- [ सन्दर्भ ] प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक आरोह भाग 1 में संकलित भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा रचित कविता घर की याद से ली गई हैं | [ प्रसंग ] प्रस्तुत पंक्तियों में कवि अपने पिता और माता के मन की व्यथा का खुद अनुभव कर रहा है |
( काव्यांश 9 ) ---------------------- [ सन्दर्भ ] प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक आरोह भाग 1 में संकलित भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा रचित कविता घर की याद से ली गई हैं | [ प्रसंग ] प्रस्तुत काव्यांश में कवि की माँ उसके पिताजी को हृदय दृढ करने और धैर्य रखने के लिए समझा रही है |
( काव्यांश 10 ) ---------------------- [ सन्दर्भ ] प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक आरोह भाग 1 में संकलित भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा रचित कविता घर की याद से ली गई हैं | [ प्रसंग ] प्रस्तुत काव्यांश में कवि अपनी मानसिक स्थिति का वर्णन कर रहा है |
( काव्यांश 11 ) ---------------------- [ सन्दर्भ ] प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक आरोह भाग 1 में संकलित भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा रचित कविता घर की याद से ली गई हैं | [ प्रसंग ] प्रस्तुत काव्यांश में कवि सावन को अपना दूत बताकर अपना सन्देश अपने माता पिता तक पहुंचाने के लिए कहता है |
( काव्यांश 12 ) ---------------------- [ सन्दर्भ ] प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक आरोह भाग 1 में संकलित भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा रचित कविता घर की याद से ली गई हैं | [ प्रसंग ] प्रस्तुत काव्यांश में कवि सावन के माध्यम से अपना सन्देश भेज रहा है |
( काव्यांश 13 ) ---------------------- [ सन्दर्भ ] प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक आरोह भाग 1 में संकलित भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा रचित कविता घर की याद से ली गई हैं | [ प्रसंग ] प्रस्तुत काव्यांश में कवि सावन के माध्यम से अपना सन्देश भेज रहा है क्योंकि उसे जेल में अपने घर की याद आ रही है |
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