मानव बस्ती:किसी भी तरह या आकार के घरों का एक समूह जहां इंसान रहते हों मानव बस्ती होती है। Show
बस्तियां आकार और प्रकार में अलग होती हैं।उनका फैलाव छोटी सी जगह से लेकर बड़े शहरो तक हो सकता है। छोटी बस्तियां जो खेती या दूसरे प्राथमिक कामों में खास होती हैं गांव कहलाते हैं। जहां कम जगह में अधिक लोग रहते हैं और वहां के लोग उत्पादन क्षेत्र और सेवा क्षेत्र में लगे होते हैं उन्हें नगरीय बस्तियों या शहर कहते है। ग्रामीण (गांव) और नगरीय (शहरी) बस्तियों में अंतर :ग्रामीण बस्तियां अपना पोषण या जरूरत की पूर्ति प्राथमिक क्रियाएं यानी खेती से करती है जबकि शहरी बस्तियों अपना पोषण और जरूरत की पूर्ति द्वितीयक (उत्पादन) और तृतीयक (सेवा) क्षेत्र से करती हैं। गांव/ग्रामीण और शहरी बस्तियों के बीच काम का संबंध परिवहन और संचार के जरिए स्थापित होता है। गांव के लोग कम गतिशील होते हैं जिस कारण से वह सामाजिक रूप से जुड़े हुए होते हैं जबकि शहरी लोग अधिक गतिशील होते हैं और इसी कारण से वह सामाजिक रुप से पिछड़े हुए रहते है और औपचारिक रवैया अपनाते हैं। ग्रामीण बस्तियों के प्रकारग्रामीण बस्तियों कई प्रकार की होती हैं। बस्तियों के अलग-अलग होने के कई कारण हो सकते हैं : भौतिक कारक जैसे जमीन की प्रकृति, ऊंचाई, मौसम, पानी की उपलब्धता आदि। सांस्कृतिक और मानवीय कारक सामाजिक संरचना, जाति एवं धर्म पर आधारित होते हैं। सुरक्षा संबंधी कारक चोरियों और डकैतों से सुरक्षा करते हैं। गुच्छित बस्तियां (Clustered settlements)ग्रामीण घरों के एक समूह को मिलाकर इस तरह की बस्ती का निर्माण होता है। इस तरह की बस्तियों में घर बहुत पास-पास या मिले हुए होते हैं। इस तरह के क्षेत्र में चारों तरफ खेत खलियान और चारागाह होते हैं ऐसी बस्तियां आमतौर पर उपजाऊ होती हैं और यह बस्तियां मध्य भारत के बुंदेलखंड प्रदेश भारत के पूर्वी क्षेत्र नागालैंड और पश्चिमी क्षेत्र राजस्थान में अधिकतम पाए जाती हैं। अर्ध गुच्छित बस्तियां (semi-clustered settlements)जब ग्रामीण समाज का एक या एक से अधिक वर्ग अपनी इच्छा से या फिर किसी एक समूह की ताकत की वजह से गांव से थोड़ी दूर रहने लगते हैं जिस कारण उसे अर्ध गुच्छित बस्तियां कहते हैं। पल्ली बस्तियां (Hamleted settlements)ऐसी बस्तियां भौतिक रूप से कई इकाइयों में बटी होती हैं। लेकिन उन सब का नाम एक ही रहता है। किसी बड़े गांव का ऐसा खंडन आमतौर पर सामाजिक और मानवीय कार्य के द्वारा होता है। ऐसे गांव मध्य और निम्न गंगा के मैदान जैसे छत्तीसगढ़ और हिमालय की निचली घाटियों में बहुत ज्यादा पाए जाते हैं। परिक्षिप्त बस्तियां (Dispersed settlements)यह एकाकी बस्ती होती हैं जहां एक बड़ी जगह नगरीय बस्तियांनगरीय बस्तियां गांव की बस्तियों के विपरीत बड़े आकार की होती हैं यह बस्तियां किसी तरह के आर्थिक कार्यों से जुड़ी होती हैं। नगर अपने चारों तरफ के क्षेत्रों से आर्थिक कामों की वजह से जुड़ा हुआ होता है नगर गांव से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से विनिमय करता है।गांव से कच्चा माल शहरों में जाता है तथा शहरों से तैयार माल गांव को उपलब्ध कराया जाता है इस प्रकार यह दोनों आपस में जुड़े होते हैं। भारत में नगरों का विकासभारत में नगरों की शुरुआत प्रागैतिहासिक काल से हुई है यानी तब से जब सिंधु घाटी सभ्यता के युग में हड़प्पा और मोहनजोदड़ो जैसे शहर अस्तित्व में थे। इसके बाद का समय नगरों के विकास का प्रमाण है। अलग-अलग युगों में शहरों के विकास का वर्गीकरण तीन प्रकार से किया जा सकता है।1. प्राचीन नगर2.मध्यकालीन नगर3.आधुनिक नगरप्राचीन नगरभारत में ऐसे कई शहर है जो 2000 साल पहले से चले आ रहे हैं इनमें ज्यादातर का विकास धार्मिक व सांस्कृतिक रूप में हुआ है इनमें से अधिकतर नगर हैं- वाराणसी, पाटलिपुत्र, प्रयागराज(इलाहाबाद), मदुरई जो प्राचीन नगरों के उदाहरण हैं। मध्यकालीन नगरआज के लगभग 100 नगरों का इतिहास मध्यकाल से जुड़ा है इनमें से ज्यादातर का विकास रजवाड़ों तथा राज्यों के मुख्यालयों के रूप में हुआ है यह किला नगर है जिनका निर्माण खंड रोड पर हुआ है ऐसे नगर दिल्ली हैदराबाद लखनऊ जयपुर नागपुर और आगरा में ज्यादा मिलते हैं। आधुनिक नगरअंग्रेजों और दूसरे यूरोपीय देशों ने भारत में कई शहरों का विकास किया।तटीय स्थानों पर अपना अधिकार जमाते हुए उन्होंने सबसे पहले सूरत, गोवा, दमन, पांडिचेरी इत्यादि जैसे व्यापारिक पत्तनों का विकास किया। अंग्रेजों ने बाद में मुख्य मुंबई (बंबई) चेन्नई (मद्रास) और कोलकाता (कलकत्ता) पर अपनी पकड़ बनाई। उनका अंग्रेजी शैली में निर्माण किया ताकि उन्हें ज्यादा आर्थिक लाभ मिले।1850 के बाद से आधुनिक उद्योग पर आधारित शहरों का भी जन्म हुआ। जिसमें जमशेदपुर एक उदाहरण है। भारत में नगरीकरणभारत में शहरी जनसंख्या के स्तर को मापने के लिए भारत की कुल जनसंख्या को नगरीय जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में मापा जाता है। 2001 में भारत का नगरीकरण अन्य देशों की अपेक्षा बहुत कम था लेकिन बीसवीं शताब्दी की अवधि में नगरीकरण 11 गुना बढ़ गया। नगरों में सुधार और नए नगरों के उभरने से नगरीकरण जनसंख्या का स्तर बढ़ा है। जनसंख्या आकार के आधार पर नगरों का वर्गीकरणभारत की जनगणना के अनुसार नगरों को छ: वर्गों में बांटा गया है। एक लाख से ज्यादा नगरीय जनसंख्या वाले नगरीय केंद्र को नगर या प्रथम वर्ग का नगर कहते है। 10 लाख से 50 लाख की आबादी वाले नगरों को महानगर कहते है। 50 लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले नगरों को मेगानगर (mega City) कहते हैं। बहुसंख्यक महानगर और मेगानगर नगर संकुल है। एक नगरीय संकुल में 3 संयोजकों में से किसी एक का समावेश होता है। 1) एक नगर तथा उस से जुड़े छोटे शहर। 2) दो या ज्यादा मिले हुए नगर। 3) एक से ज्यादा संलग्न नगरों के सीमावर्ती सुविधाओं से युक्त प्रसार नगर का निर्माण। भारत की 60 प्रतिशत शहरी जनसंख्या प्रथम वर्ग के नगरों में रहती है।इस वर्ग में नगरों की संख्या 423 है। और यह 423 नगर मिलकर 35 महानगर का निर्माण करते हैं। इनमें से 6 मेगानगर है जिसमें एक करोड़ से ज़्यादा जनसंख्या रहती है। जैसे मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद इत्यादि। नगरों का प्रकार्यात्मक वर्गीकरण/ शहरों का काम के आधार पर बटवारा :अपनी केंद्रीय स्थानों की भूमिका के अलावा शहर विशेष सेवा प्रदान करते हैं कुछ शहर को निश्चित कार्यों में विशिष्टता प्राप्त होती है और उन्हें कुछ विशिष्ट कार्यों उत्पादन या सेवा के लिए जाना जाता है फिर भी हर शहर में अलग काम होते हैं। भारत में नगरों को मुख्य रूप से निम्नलिखित प्रकार से वर्गीकृत किया गया :प्रशासन नगरवे स्थान जहां से सीधे सरकार का शासन होता है। तथा विशेष शासन प्रणाली अपनाई जाती है। वह प्रशासन नगर कहलाते हैं जैसे चंडीगढ, नई दिल्ली, भोपाल, इंफाल, श्रीनगर, चेन्नई, जयपुर आदि। मतलब जैसे देश की राजधानी से केंद्र सरकार शासन करती है। और राज्य कि राजधानी से राज्य सरकार शासन चलाती है। औद्योगिक नगरमुंबई, कोयंबटूर, मोदी नगर, जमशेदपुर, हुगली, सूरत इत्यादि के विकास का मुख्य अभिप्रेरक व्यापार का विकास रहा है। औद्योगिक नगर से तात्पर्य है।जहां पर किसी विशेष वस्तु का बड़ा व्यापार होता हो। जैसे सूरत में कपड़े का व्यापार। परिवहन नगरवे पतन नगर जो प्रमुख रुप से आयात और निर्यात के कामों से जुड़े होते हैं। जैसे कांडला, कोच्चि, कोझीकोड, विशाखापट्टनम इत्यादि या देश के आंतरिक परिवहन की दूरी जैसे धुलिया, इटारसी, मुगलसराय, कटनी इत्यादि हो सकते हैं। वाणिज्यिक नगरव्यापार में ख़ास स्थान प्राप्त शहरों को इस वर्ग में रखा जाता है। जैसे कोलकाता, सहारनपुर, सतना इत्यादि इसके कुछ उदाहरण है। खनन नगरखनन नगर वह शहर होते हैं जहां खनिज भारी मात्रा में पाया जाता है। जो शहर खनिज समृद्ध क्षेत्रों में विकसित हुए हैं। जैसे रानीगंज, झरिया, अंकलेश्वर, डिगबोई, सिंगरौली आदि। गैरिसन (छावनी) नगरइन नगरों में मुख्य तौर पर सिपाहियों को प्रशिक्षित किया जाता है। इनका मुख्य कार्य सुरक्षा प्रदान करना है।इन नगरों का उदय गैरिसन नगरों के रूप में हुआ है। जैसे अंबाला, जालंधर, बबीना, महू, उधमपुर इत्यादि। धार्मिक और सांस्कृतिक नगरवाराणसी, मथुरा, मदुरै,पुरी,अमृतसर पुष्कर, अजमेर, हरिद्वार, उज्जैन धार्मिक/ सांस्कृतिक महत्त्व कि वजह से प्रसिद्ध है। शैक्षिक नगरकुछ शहर मुख्य रूप से शिक्षा केंद्र के तो पर विशेष जाने जाते हैं। जैसे अलीगढ़, वाराणसी, इलाहाबाद, रुड़की, पिलानी। पर्यटन नगरशिमला, नैनीताल, मसूरी, जोधपुर, माउंट आबू, ऊटी कुछ पर्यटन स्थल हैं। जो खास तौर पर पर्यटन (Tourism) के लिए मशहूर हैं। निष्कर्ष/conclusionइस पाठ में हमने यह अध्ययन किया है।कि भारत में बस्तियां किस प्रकार आवंटित है।और उनका आकार व अन्य विशिष्टताएं क्या हैं तथा एक दूसरे से कैसे अलग हैं।भारत में बस्तियों को जनसंख्या और अन्य कारकों के आधार पर विभाजित किया गया है| गुच्छित बस्ती क्या होती है?गुच्छित बस्तियाँ (Clustered Settlements)
गुच्छित ग्रामीण बस्ती घरों का एक संहत अथवा संकुलित रूप से निर्मित क्षेत्र होता है। इस प्रकार के गाँव में रहन-सहन का सामान्य क्षेत्र स्पष्ट और चारों ओर फैले खेतों, खलिहानों और चरागाहों से पृथक होता है।
ग्रामीण बस्तियां कितने प्रकार की होती हैं?Solution : ग्रामीण बस्ती दो प्रकार की होती है- (1) सघन और (2) प्रकीर्ण। सघन बस्ती में घर पास-पास होते हैं तथा प्रकीर्ण बस्ती में दूर-दूर फैले हुए।
1 गैरिसन नगर क्या होते हैं उनका क्या प्रकार्य होता है?उत्तर: गैरिसन नगर – ब्रिटिशकाल में अंग्रेजी शासकों ने कई छावनियाँ बनाईं जिन्हें 'गैरिसन नगर' कहते हैं। गैरिसन नगर के कार्य – इनका प्रमुख कार्य सुरक्षा प्रदान करना होता है। उदाहरण-अम्बाला छावनी, मेरठ छावनी, जालन्धर छावनी, महू छावनी आदि।
बस्तियां कितने प्रकार के होते हैं?Expert-Verified Answer. Answer:. (i) स्थायी बस्तियां।. (ii) अस्थायी बस्तियां।. (iii) ग्रामीण बस्तियां।. (iv) शहरी बस्तियां।. Explanation:. (i) स्थायी बस्तियां: ये ऐसी बस्तियाँ हैं जहाँ लोग स्थायी रूप से रहते हैं, अपने घर बनाते हैं और उस स्थान पर बहुत लंबे समय तक रहते हैं।. |