गणित का व्याकरण, गणित की भाषा गणितज्ञों के द्वारा आपस में गणितीय विचारों के संवाद करने की प्रणाली है। गणित की भाषा
गणितीय सूत्रों के लिए अत्यंत विशिष्टीकृत, प्रतीकात्मक संकेतन गणितीय वार्तालाप हेतु उचित तकनीकी पदों व व्याकरण परंपराओं का उपयोग करने वाली किसी प्राकृतिक भाषा के सार को समाहित करती है। सामान्य रूप में प्राकृतिक भाषाओं की तरह गणित भाषा रजिस्टरों की एक इस कला में वार्तालाप तक कार्य करती है। प्रत्येक विषय की अपनी भाषा होती है जो कि विषय को एक विशिष्ट अस्तित्व देती है। विषय की जिस प्रकार की भाषा होगी उसी तरह से विषय स्थाई या अस्थाई होगा। गणित की भाषा अन्य सभी भाषाओं से अधिक बलशाली है, जिसके कारण गणित अन्य विषयों के अपेक्षा अधिक स्थाई हैं। इसके
बाद ही विज्ञान, रसायन विज्ञान तथा जीव विज्ञान विषयों का स्थान आता है। विषय की भाषा के आधार पर उसकी सत्यता तथा भविष्यवाणी अन्य विषयों की अपेक्षा अधिक स्थाई है। अगर विषय की भाषा कमजोर है तो विषय की सत्यता तथा भविष्यवाणी कम हो जाती है। अतः गणित विषय की भाषा पर ही इसकी प्रकृति निर्भर
करती है।
गणित का व्याकरणप्रत्येक भाषा की अपनी व्याकरण होती है। उसी प्रकार गणित की भी अपना व्याकरण है, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है। बढ़ते वार्तालाप हेतु प्रयुक्त व्याकरण गणित की विशेषताओं के साथ सार के रूप में अपनाया गया। आवश्यक रूप से प्राकृतिक भाषा का व्याकरण होता है। मुख्यता विशेष रूप से गति संकेतन अपनी व्याकरण के लिए सूत्र के रूप में प्रयोग करते हैं ना कि यह विशेष प्राकृतिक भाषा के रूप में लेकिन अपनी मातृभाषा के अतिरिक्त गणित से अंतर्राष्ट्रीय रूप में साझा करते हैं। किसी भाषा में दाएं से बाएं का चलन तो किसी में बाएं से दाएं का चलन होता है। जिसके कारण गणित के सूत्र लिखने का ढंग उसी भाषा पर निर्भर करता है। चीनी और सीरिया के गणितज्ञों के द्वारा एक समान तरीकों के द्वारा ही समझा जाता है। इस प्रकार के गणितीय सूत्र गणित भाषा में अलंकार की तरह कार्य करते हैं। उदाहरण के लिए प्राकृतिक भाषा में से बढ़ाया बराबर के रूप में इस चिन्ह को प्रयोग करते हैं। इसी प्रकार आदि को भी गणितीय भाषा में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।
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गणित की भाषा ,गणितीय भाषा के गुण,समस्या के समाधान का एक साधन
गणितीय भाषा के गुण Merits Of Mathematical Language
एक अच्छी परिभाषा में निम्न गुण आवश्यक हैं
गणितीय भाषा का ज्ञानार्जन में उपयोग
गणित की भाषा से आप क्या समझते हैं विस्तार से बताएं?गणित की एक अपनी भाषा होती है। गणित की भाषा का अभिप्राय उसके पद, प्रत्यय, सूत्र संकेत से होता है। गणित में संख्याओं, स्थान मापन आदि का अध्ययन किया जाता है। गणित में ज्ञान ठीक स्पष्ट तार्किक के क्रम में होता है, जिसे एक बार समझने पर सरलता से भुलाया नहीं जा सकता है।
गणित की भाषा का क्या महत्व है?शिक्षा के क्षेत्र में मैथमेटिक्स का अत्यधिक महत्व है। मैथमेटिक्स का हमारे रोजाना की जिंदगी से भी संबंध है। मातृभाषा के अलावा दूसरे किसी भी सब्जेक्ट का हमारी जिंदगी में इतना अधिक संबंध नहीं है जितना कि मैथमेटिक्स का है।
गणित और भाषा के बीच क्या संबंध है?भाषा और गणित के बीच संबंध:
भाषा विचारों, भावनाओं और प्रतीकों के आदान-प्रदान की एक व्यवस्थित और वैज्ञानिक प्रक्रिया है। गणित के भाषाई रूपों जैसे वाक्य रचना, व्याकरण, शब्दावली, प्रवचन और अर्थ का वर्णन करने के लिए यहाँ विभिन्न घटक हैं। गणितीय शब्दावली और रोजमर्रा की शब्दावली में अंतर होता है।
गणित भाषा कैसे बोलते हैं?प्रमाण और औचित्य परिशुद्ध होने चाहिए और ज्ञात गणितीय तथ्यों और गुणो पर आधारित होने चाहिए। प्रमाणित करने की यह प्रक्रिया गणित की समझ और ज्ञान की जाँच के बीच की जाती है, और गणितीय विचारों और अवधारणाओं के बीच संबंध स्थापित किए जाते हैं।
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