एकीकृत शिक्षा और समावेशी शिक्षा में अंतर - ekeekrt shiksha aur samaaveshee shiksha mein antar

Aikikrit Shiksha Aur Samaweshi Shiksha Ke Beech Ka Antar

Pradeep Chawla on 12-05-2019

समावेशी शिक्षा (अंग्रेज़ी: Inclusive education) एक शिक्षा प्रणाली है।

शिक्षा का समावेशीकरण यह बताता है कि विशेष शैक्षणिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एक सामान्य छात्र और एक दिव्यागछात्र को समान शिक्षा प्राप्ति के अवसर मिलने चाहिए। इसमें एक सामान्य छात्र एक दिव्याग छात्र के साथ विद्यालय में अधिकतर समय बिताता है। पहले समावेशी शिक्षा की परिकल्पना सिर्फ विशेष छात्रों के लिए की गई थी लेकिन आधुनिक काल में हर शिक्षक को इस सिद्धांत को विस्तृत दृष्टिकोण में अपनी कक्षा में व्यवहार में लाना चाहिए।

समावेशी शिक्षा या एकीकरण के सिद्धांत की ऐतिहासक जड़ें कनाडा और अमेरिका से जुड़ीं हैं। प्राचीन शिक्षा पद्धति की जगह नई शिक्षा नीति का प्रयोग आधुनिक समय में होने लगा है। समावेशी शिक्षा विशेष विद्यालय या कक्षा को स्वीकार नहीं करता। अशक्त बच्चों को सामान्य बच्चों से अलग करना अब मान्य नहीं है। विकलांग बच्चों को भी सामान्य बच्चों की तरह ही शैक्षिक गतिविधियों में भाग लेने का अधिकार है।

प्रस्तावित योजना के लिए कुल 75 हजार करोड़ रूपये की राशी मंजूर की गयी है। यह राशि वर्तमान आवंटित राशि से 20 प्रतिशत अधिक है। प्रस्तावित योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “सबको शिक्षा अच्छी शिक्षा” के संदर्भ में शुरू किया गया है और इसका उद्देश्य राज्यों को पूर्व-नर्सरी से बारहवीं कक्षा तक शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने में मदद करना है।

Integrated School Education Scheme

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना

एकीकृत स्कूल शिक्षा योजना की विशेषताएं

इस सरकारी योजना का मुख्य उद्देश्य नर्सरी से माध्यमिक स्तर तक सभी को समान रूप से समग्र और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है। एकीकृत स्कूल शिक्षा योजना में शिक्षकों और प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करते हुए, स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए विशेष जोर दिया गया है।

सम्बन्धित प्रश्न



Comments गौरव on 25-03-2021

शिक्षा एवं स्कुलीकरण में अंतर

Sheetal on 06-01-2021

समावेशी शिक्षा को और किन किं नमो से जाना जाता है

Anshika Tiwari on 29-12-2020

Samabase shiksha yekikrut shiksha and samnbit shiksha ki awdhrda me antar

A12967 on 05-02-2020

integrated education

Jawab de on 15-01-2020

Wishisth sikchha or samaweshi sikchha me antar btaye

Manojkumar tiwari on 23-10-2019

What is the difference between samawasi siksha and samakit siksha

Amaveshi. Sishcha. And. Visits. Antar on 05-09-2019

Smaveshi sichcha and visits me antar

कृष्ण चन्द्र शुक्ला on 12-05-2019

एकीकृत शिक्षा और समावेशी शिक्षा मे अन्तर

Bibha on 12-05-2019

Difference between ekikrit and samaveshi sikhsa

अनुराग राय on 26-02-2019

समावेशी शिक्छा तथा समाकलित शिक्छा में अंतर

Rubi khatoon on 30-01-2019

Visit shina or smavesi shina me anter

Priyanka on 13-12-2018

Pura vivaran dijiye

Riya on 11-12-2018

Aikikrit shiksha kise kahate h

Riya on 11-12-2018

Aikikrit shiksha kise kahate h.

Shrinarayan Goswami on 27-11-2018

Ekikrit sicha youjana me teacher Ki selari kitani hogi.kya nursari ke untrend teacher ko iska labh milega.agar milega to kaise?




एकीकृत शिक्षा (Integrated Education) –

वीडियो नीचे क्लिक करके देखें

एकीकृत शिक्षा एक शैक्षिक प्रोग्राम है | जो समान शिक्षा की तरह ही होती है | लेकिन इसके अंतर्गत यह प्राबधान है कि अगर कोई अपंग बच्चा (Disabled child) सामान्य बच्चों के साथ पढ़ना चाहता है तो वह उनके साथ पढ़ सकता है | दुसरे शब्दों में कहे तो, एक ऐसी शिक्षा व्यवस्था जिसमें विशिष्ट बालकों (Special Child) को सामान्य बालकों के साथ शिक्षा प्रदान की जाती है | अर्थात् विकलांग बच्चों को मुख्यधारा (mainstream) के विद्यालयों में भेजना | यह व्यवस्था भारतीय संविधान के सिद्धांतों का भी पालन करती है | हालाकि इन विशेष बच्चों (Special Child) को पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षा (Special Education) प्राप्त प्रशिक्षित शिक्षक की आवश्यकता पड़ती है | लेकिन इन विधालयों में प्रशासन ने पूर्व से पढ़ा रहे शिक्षकों को ही विशेष शिक्षा का थोड़ा प्रशिक्षण देकर विधालय में नामांकित अपंग छात्रों को सेवा देने को कहा गया | साथ ही न तो पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया और न स्कूल का निर्माण अपंग बच्चों के अनुकूल करवाया गया | परिणामस्वरूप स्कूल के वातावरण में कुछ खास परिवर्तन न होने से अपंग बच्चों को विशेष लाभ नही मिल पाया |

एकीकृत शिक्षा के उद्देश्य (Objectives of Integrated education)-

  1. एकीकृत शिक्षा द्वारा विशिष्ट एवं सामान्य बच्चों को एक साथ शिक्षा प्रदान करना |
  2. सामान्य और विशिष्ट बच्चों को शिक्षा के समान अवसर प्रदान करना |
  3. विशिष्ट बालक बिना किसी भेदभाव के शिक्षा प्राप्त कर सके |
    4.एकीकृत शिक्षा व्यवस्था विशिष्ट बालकों के प्रति हीन भावना खत्म करने हेतु |
    5.विशिष्ट बालकों को समाज में तथा प्राकृतिक वातावरण में समायोजित करने हेतु |
    एकीकृत शिक्षा की विशेषताएँ (Characteristics of integrated education)-
  4. एकीकृत शिक्षा अपंग बच्चों को सामान्य बच्चों के साथ एक ही विधालय के एक ही छत के नीचे पढ़ने-लिखने का मौका देती है |
  5. यह शिक्षा अपंग बालकों के मनोवैज्ञानिक तौर पर मनोबल को बढ़ता है |
  6. अपंग बालकों को आत्म निर्भर बनने में मदद करता है |
  7. यह सामाजिक एकीकरण (Social Integration) को भी सुनिश्चित करती है |
  8. यह शिक्षा, शिक्षा के अधिकार (Right to education) का अनुपालन करता है |
  9. यह शिक्षा भारतीय संविधान में समानता के सिद्धांत (Principal of equality) का अनुपालन करती है |

समावेशी शिक्षा (Inclusive Education) –


समावेशी शिक्षा एकीकृत शिक्षा का ही एकसुधार (Improve) रूप है | इस शिक्षा के अंतर्गत शारीरिक रूप से अपंग बालकों को सामान्य बालकों के साथ एक ही विद्यालय के एक ही कक्षा में शिक्षा ग्रहण करते का प्राबधान तो हैं | साथ ही एकीकृत विधालयों से बेहतर सुख-सुविधाएँ एवं वातावरण उपलब्ध कराया जाता है | बेहतर सुख-सुविधाएँ कहने का अर्थ हुआ – उन्नत पाठ्यक्रम, विधालय की बनावट और बुनियादी ढांचे, विशेष शिक्षा प्राप्त शिक्षकों का टीम, डॉक्टर, मनोवैज्ञानिक आदि की व्यवस्था |
समावेशी शिक्षा को लाभदायक बनाने के लिए एक विशेष प्रकार का पाठ्यक्रम बनाया जाता है | यह पाठ्यक्रम इस प्रकार से बनाया जाता है कि हमारे अपंग बच्चों को तो लाभ मिले ही साथ ही हमारे सामान्य बच्चों का भी कोई नुकसान न हो | विधालय का वातावरण भी ऐसा बनाया जाता है कि अपंग बच्चे अपने को सामान्य बच्चों से कम न समझे | ऐसे वातावरण प्रदान करने के लिए विशेष शिक्षा प्राप्त शिक्षकों (Trained teachers with special education), डॉक्टर, मनोवैज्ञानिक की व्यवस्था की जाती है | अपंग बच्चों को विधालय भवन में एक जगह से दुसरे जगह आने जाने में दिक्कत न हो उसके लिए विधालय की बनावट और बुनियादी ढांचे (School's design and infrastructure) पर विशेष ध्यान दिया जाता है |

समावेशी शिक्षा की विशेषताएँ (Characteristics of Inclusive education)-

  1. समावेशी शिक्षा से अपंग बच्चों में सामान्य बालकों के समान मानसिक विकास होता है |
  2. यह शिक्षा अधिक खर्चीला होता है क्योंकि इसमें विशेष शिक्षा के शिक्षक (special education’s Teacher), डॉक्टर एवं मनोवैज्ञानिक रखने की आवश्यक होती है |
  3. यह शैक्षिक एकीकरण (Educational Integration) को सुनिश्चित करती है |
  4. यह सामाजिक एकीकरण (Social Integration) को भी सुनिश्चित करती है | क्योंकि यह शिक्षा, शिक्षा के अधिकार (Right to education) का अनुपालन करता है | यह व्यवस्था जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव भी नहीं करता |
  5. यह शिक्षा भारतीय संविधान में समानता के सिद्धांत (Principal of equality) का अनुपालन करती है | अर्थात् समन्वित शिक्षा द्वारा जो सुविधाएं सामान्य बालकों को प्रदान की जाती है वही सुविधाएं अपंग बालकों को भी प्रदान की जाती है |
  6. समावेशी शिक्षा में सभी सामान्य व अपंग बच्चे एक-दूसरे के नजदीक आते हैं जिससे अपंगों के प्रति विद्यालय और विधालय के बाहर अच्छा वातावरण बनता है |
  7. यह शिक्षा अपंग बच्चों को समाज में सामान्य बच्चों के समान जीवन यापन करने के लिए तैयार करता है |
  8. सामान्य बच्चे भी अपंग बच्चे के साथ रहते रहते अपने आप को उनके साथ समायोजित कर लेते हैं |

एकीकृत शिक्षा (Integrated Education) और समावेशी शिक्षा (Inclusive Education) में अंतर-

एकीकृत शिक्षा (Integrated Education)

समावेशी शिक्षा (Inclusive Education)

  1. एकीकृत शिक्षा (Integrated Education) शिक्षक केंद्रित है |

जबकि समावेशी शिक्षा छात्र केंद्रित है |

  1. एकीकृत शिक्षा का मुख्य लक्ष्य केवल अपंग या विशेष बच्चों को सामान्य बच्चों के साथ पढ़ाने लिखने की अनुमति प्रदान करने से है |
    जबकि समावेशी शिक्षा में अपंग बच्चों को सामान्य विधालयों में पढ़ने-लिखने की अनुमति के साथ-साथ विशेष सुबिधा मुहैया भी उपलब्ध कराने से है |
  2. एकीकृत शिक्षा में पाठ्यक्रम में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया |

जबकि समावेशी शिक्षा में पाठ्यक्रम को इस प्रकार से बदला गया की उससे अपंग बच्चों को फ़ायदा तो मिले साथ ही सामान्य बच्चों को भी उनसें नुकसान न हो |

  1. एकीकृत शिक्षा में सामान्य शिक्षकों को ही थोड़ी विशेष शिक्षा का प्रशिक्षण देकर विधालयों में पढ़ाने को कहा गया | जबकि समावेशी शिक्षा में विशेष शिक्षा प्राप्त प्रशिक्षित शिक्षकों की व्यवस्था की जाती है ताकि अपंग बच्चों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो |
  2. एकीकृत शिक्षा वाले विधालयों में विधालय की बनावट एवं आधारभूत संरचनाओं (Infrastructure) को अपंगों के अनुकूल नहीं बदली गई |

जबकि समावेशी शिक्षा वाले विधालयों में विधालय की बनावट एवं आधारभूत संरचनाओं (Infrastructure) को अपंगों के अनुकूल बदली गई |

  1. एकीकृत शिक्षा वाले विधालयों में कोई जरुरी नहीं की डॉक्टर और मनोवैज्ञानिक की व्यवस्था हो |

जबकि समावेशी शिक्षा वाले विधालयों में डॉक्टर और मनोवैज्ञानिक की व्यवस्था होती है |

  1. एकीकृत शिक्षा वाले विधालय अपंग बच्चों के उत्थान में विशेष वातावरण नहीं दिया जाता है |

लेकिन समावेशी शिक्षा में अपंग बच्चों के उत्थान में विशेष वातावरण तैयार करके दिया जाता है |

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मै साधारण और सरल स्वभाव का व्यक्ति हूँ मेरी लेखन के क्षेत्र में बचपन से रुचि है वर्तमान में मै कांम्पटीसन कोचिंग सेंटर चलाता हूँ ramkrishna garg द्वारा सभी पोस्ट देखें

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एकीकृत और समावेशी शिक्षा में क्या अंतर है?

एकीकृत शिक्षा और समावेशी शिक्षा में अंतर (Integrated Education and Inclusive Education difference in Hindi) एकीकृत शिक्षा में विशेष आवश्यकता वाले छात्रों को सिर्फ सामान्य छात्रों के साथ पढ़ने-लिखने की अनुमति दी जाती है। जबकि समावेशी शिक्षा में आपस में पढ़ने की अनुमति के साथ-साथ विशेष सुविधाएं भी मुहैया करवाई जाती हैं।

समावेशी शिक्षा का क्या अर्थ है?

समावेशी शिक्षा (अंग्रेज़ी: Inclusive education) से आशय उस शिक्षा प्रणाली से है जिसमें एक सामान्य छात्र एक दिव्यांग छात्र के साथ विद्यालय में अधिकतर समय बिताता है। दूसरे शब्दों में, समावेशी शिक्षा विशिष्ट आवश्यकता वाले बालकों को सामान्य बालकों से अलग शिक्षा देने की विरोधी है।

एकीकृत शिक्षा योजना कब शुरू हुई?

विकलांग बच्चों की एकीकृत शिक्षा (आईईडीसी) योजना 1974 में शुरू की गई थी लेकिन भारत में एकीकृत शिक्षा कार्यक्रम 1987 में शुरू किया गया था। यह कार्यक्रम सभी बच्चों को समान पहुंच और अवसर प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 का परिणाम था।

समावेशी शिक्षा की विशेषता क्या है?

समावेशी शिक्षा की विशेषता है, कि अपंग छात्रों को कम प्रतिबंधित तथा अधिक प्रभावी वातावरण उपलब्ध कराने की शिक्षा है। जिससे वे सामान्य बालकों के समान ही जीवन यापन करने में सफल हो सके। समावेशी शिक्षा की यह विशेषता है, कि यह अपंग बालकों को शिक्षा के समान अवसर भी प्राप्त कराती है।