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Dabur Janma Ghunti की सामग्री - Dabur Janma Ghunti Active Ingredients in Hindi
Dabur Janma Ghunti के लाभ - Dabur Janma Ghunti Benefits in HindiDabur Janma Ghunti इन बिमारियों के इलाज में काम आती है - मुख्य लाभ
अन्य लाभ
Dabur Janma Ghunti की खुराक - Dabur Janma Ghunti Dosage in Hindiयह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Dabur Janma Ghunti की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Dabur Janma Ghunti की खुराक अलग हो सकती है।
Dabur Janma Ghunti के नुकसान, दुष्प्रभाव और साइड इफेक्ट्स - Dabur Janma Ghunti Side Effects in Hindiचिकित्सा साहित्य में Dabur Janma Ghunti के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Dabur Janma Ghunti का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें। Dabur Janma Ghunti से सम्बंधित चेतावनी - Dabur Janma Ghunti Related Warnings in Hindi
Dabur Janma Ghunti कैसे खाएं - Dabur Janma Ghunti How to take in Hindiआप Dabur Janma Ghunti को निम्नलिखित के साथ ले सकते है:
इस जानकारी के लेखक है - Dr. Braj Bhushan Ojha BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक संदर्भ Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 9-10 Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986 : Page No 101 - 102 डाबर जन्म घुट्टी कैसे पिलाना चाहिए?उन्होंने बताया कि नवजात बच्चे को जन्म घुट्टी, पानी, शहद और अन्य कुछ भी नहीं देना चाहिए। छह माह के बाद ही नवजात को अन्य खुराक देने की शुरुआत की जानी चाहिए।
जन्म घुट्टी बच्चे को कब पिलाना चाहिए?विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो नवजात शिशु को छह महीने का होने तक मां के दूध या फॉर्मूला मिल्क के अलावा और कुछ नहीं देना चाहिए। डॉक्टर भी नवजात शिशु को घुट्टी पिलाने से मना करते हैं।
जन्म घुट्टी बच्चे को कैसे दें?जन्म घुट्टी बनाने का तरीका. दूध उबलने के बाद इसे ठंडा होने दें।. ठंडा होने पर इस दूध की दही जमा दें।. जब दही जम जाए तो उसमें से जायफल निकाल लें।. जायफल को घिसें और घिसते समय एक या दो बूंद गुनगुना पानी उसमें डालें।. अब घिसे हुए पदार्थ को बच्चे को चटाएं।. बच्चे को 555 घुट्टी कब से देना चाहिए?मुगली घुट्टी 555 से ये केवल लाभकारी होती है। कुछ पैरेंट्स तो बच्चे के जन्म के पहले दिन से ही घुट्टी पिलाना शुरू कर देते हैं। क्योंकी दादी नानी का मानना होता था कि इससे इम्यूनिटी बढ़ती है, बच्चो के दांत निकलने पर मदद करती है, दस्त होने पर , कब्ज की समस्या मे और कोलिक पेन जैसी समस्याओं से राहत देती है।
डाबर जन्म घुट्टी पिलाने से बच्चों को क्या फायदा होता है?छोटे बच्चों के विकास के लिए इस दवा से उन्हें जरूर लाभ मिलता है। अगर छोटे बच्चों में पेट के कीड़े की समस्या हो रही है तो ऐसी समस्याओं में कई सारे माता-पिता परेशान हो जाते हैं, लेकिन डाबर जन्म घुट्टी इस पेट के कीड़ों को खत्म करने के लिए बहुत ही गुणकारी है।
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