Hello दोस्तों। हमारे इस segment में आपका हम स्वागत करते हैं। दोस्तों, कुदरत (Nature) ने हमें जड़ी बूटियों और मेडिसिनल प्लांट्स (Medicinal Plants) का खजाना दिया है। हमारे पर्यावरण (environment) में मौजूद कई सारे पेड़, पौधे और जड़ी बूटियां हमें किसी न किसी रूप से स्वस्थ रहने में मदद करती हैं। इन्हीं औषधीय पौधों में से एक है अश्वगंधा (Ashwagandha)। दोस्तों, अश्वगंधा अधिकतर उत्तर अफ्रीका (Africa) तथा मध्य पूर्व भारत (Middle East India) के सूख ग्रस्त क्षेत्रों में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। Show
आज हम आपसे अश्वगंधा के फायदे क्या हैं इसके बारे में चर्चा करेंगे। अश्वगंधा के फायदे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। दोस्तों, इससे पहले कि हम आपको अश्वगंधा के फायदे के बारे में बताएं। चलिए जान लेते हैं कि इसका नाम अश्वगंधा (Ashwagandha) क्यों पड़ा है। दरअसल, इसका नाम अश्वगंधा इसीलिए पड़ा है क्योंकि इस पौधे के किसी भी भाग को तोड़कर अगर आप स्मेल करेंगे तो आपको अश्व यानी घोड़े (Horse) की smell आएगी। क्या आप इससे पहले तक ये fact जानते थे? शायद नहीं। अश्वगंधा का scientific नामदोस्तों, अश्वगंधा का साइंटिफिक नाम है Withania Somnifera। अब इसका मतलब भी जान लीजिए। इस नाम में जो withania है वो असल में पेड़ों की ही एक प्रजाती है। तो वहीं, somnifera शब्द का अर्थ होता है कोई ऐसी चीज़ जो आपको सुला देती है या फिर relax feel करवाती है। अश्वगंधा (Ashwagandha) में ऐसे खास तत्व मौजूद होते हैं जो कई तरीकों से आपके शरीर को फायदा पहुंचाते हैं। अश्वगंधा के अलग-अलग नाम (Different Names of Ashwagandha)अश्वगंधा को अलग-अलग भाषाओं (languages) में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसे आम बोलचाल की भाषा में असगंध भी कह दिया जाता है। लेकिन इसे कई और नामों से भी जाना जाता है। हिन्दी में इसे अश्वगंधा, पुनीर नागोरी असगंध भी कहते हैं। अंग्रेजी भाषा में इसे Winter Cherry कहते हैं। अश्वगंधा को poisonous gooseberry भी कहा जाता है। Sanskrit भाषा में इसका नाम है वराहकर्णी, वरदा, बलदा, कुष्ठगन्धिनी। उरिया भाषा में इसे असंधु कहा जाता है। उर्दू में असगंधनागोरी कहते हैं। अश्वगंधा को कन्नड़ भाषा में अमनगुरा कहा जाता है। Gujarati भाषा में अश्वगंधा को कहते हैं आसंध, घोड़ासोडा, असोड़ा। तमिल भाषा में इसे चुवदिक, अमुक्किरा कहा जाता है। पंजाबी में इसे कहते हैं असगंद। मल्यालम भाषा में इसे अमुक्कुरम कह दिया जाता है। मराठी में इसे असकन्धा और टिल्लि कहते हैं। चुकंदर के फायदे जाने। पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल के फायदे (Benefits of Ashwagandha Capsules in hindi)आप में से शायद ही कोई ऐसा हो जिसने पतंजलि का नाम न सुना हो। पतंजलि एक जानामाना Brand है। देश ही नहीं, विदेशों में भी इसकी branches हैं। लोगों की हर जरूरत को यह पूरा करता है। चाहे health product हो, ब्यूटी प्रोडक्ट (Beauty Product) हो, या फूड आइटम, पतंजलि सबकी manufacturing करता है। लोगों को पतंजलि brand पर पूरा भरोसा है। आज हम आपको पतंजलि के ही एक प्रोडक्ट पतंजलि कैप्सूल के फायदे (Benefits of Patanjali Capsules) बताने जा रहे हैं। इस कैप्सूल के पैकेट में टोटल 20 कैप्सूल होते हैं। क्या है इसके Priceइसके price की बात करें तो यह आपको market में पचास रुपए (50 rupees) में available हो जाएगा। इसे आप पतंजलि के store से भी खरीद सकते हैं। अगर इसके बनाने के तरीके की बात करें तो इसमें अश्वगंधा काफी मात्रा में शामिल है। कौन से ingredients शामिल हैंसाथ ही इसमें 390 MG अश्वगंधा एक्सट्रैक्ट शामिल है। साथ ही इसमें 50 MG पाउडर भी शामिल है। इन Tablets को लेना आपके लिए क्यों जरूरी है? ये सवाल आपके मन में जरूर आ रहा होगा। तो चलिए इसका जवाब जान लीजिए। Patanjali Ashwagandha Capsule Pros of Ashwagandha Capsule
Cons of Ashwagandha Capsule
क्यों करना चाहिए इसका इस्तेमाल? (why should we use this ?)दरअसल, आज के समय में हर कोई चाहता है कि वह हर काम में एक्टिव रहे। उसकी बाॅडी में स्ट्रेंथ हो, हर टाइम एनर्जी रहे। इसके अलावा हर कोई चाहता है कि वह अपने वर्क में अच्छे से काॅन्सनट्रेट कर पाए। अगर natural तरीके से बाॅडी को strength देने की बात हो तो अश्वगंधा (Ashwagandha) के आगे सब फेल हैं। ये कैप्सूल थकान और सामान्य दुर्बलता में काफी ज़्यादा helpful हैं। इसके अलावा भी Patanjali Ashwagandha Capsules पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल के कई सारे फायदे हैं।
कैसे करें प्रयोग (How to use it)अगर हम बात करें कि पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल का प्रयोग कैसे करना है। तो आप इसे नाश्ते या फिर डिनर के बाद एक से दो कैप्सूल दिन में दो बार तक ले सकते हैं। आप चाहें तो इसे हलके गुनगुने पानी या दूध के साथ भी ले सकते हैं। अगर आप इसे रात में सोते वक्त इस्तेमाल करते हैं तो आपको इसके और भी कई फायदे मिलते हैं। सावधानियां (Precautions)जिन लोगों की उम्र 18 वर्ष से कम है वो इसका सेवन करने से पहले एक बार डाॅक्टर की सलाह अवश्य लें। जिन लोगों को पेट संबंधित कोई भी रोग है तो इसको लेने से पहले अपने डाॅक्टर से उचित सलाह लें। जो लोग किसी सीरियस बीमारी से जूझ रहे हैं। या फिर वे लोग जो किसी अन्य दवाओं का सेवन पहले से ही कर रहे हैं तो इसका सेवन करने से पहले एक बार डाॅक्टर से जरूर कंसल्ट कर लें। कितनी मात्रा में लेना है: (Quantity taking)दोस्तों, आपको बता दें कि इसका सेवन आपको केवल उतनी मात्रा में ही करना है जितना इस पैकेट पर लिखा गया है। या फिर आपके डाॅक्टर ने जितनी मात्रा में इसका सेवन करने की सलाह दी है केवल आप उतनी ही मात्रा में इसे लें। इससे ज़्यादा मात्रा में Ashwagandha Capsule का सेवन करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। महिलाओं के लिए अश्वगंधा के फायदे (Benefits of Ashwagandha for Women)अकसर देखा गया है कि महिलाओं को हर उम्र में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। लेकिन जो महिलाएं या युवतियां अश्वगंधा का सेवन करती हैं उनकी कई प्रकार की दिक्कतें अपने आप खत्म हो जाती हैं। आइए आज इसपर चर्चा करते हैं कि अश्वगंधा महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद साबित होती है (How Ashwagandha is beneficial for women)। दरअसल, फीमेल्स की बाॅडी में कई प्रकार के हार्मोनल बदलाव होते हैं। जिसकी वजह से उन्हें हर उम्र में अलग-अलग हेल्थ प्राॅबलम बनी रहती है। महिलाओं की ऐसी कई सारी बीमारियां हैं जिनमें इसका असर किसी भी दवा से ज़्यादा होता है। अश्वगंधा में पाए जाने वाले पोषक तत्व बाॅडी के बैक्टीरिया, वारस और कीटाणुओं से लड़ने में मददगार होते हैं। अश्वगंधा में antioxidants, liver tonic, anti inflammatory, anti bacterial के साथ-साथ और भी कई गुण होते हैं जो बाॅडी को हैल्थी रखने का काम करते हैं। अश्वगंधा Anti Stress के रूप में भी काम करता है। Weight loss से लेकर infection तक की कई बीमारियों में ये काम आता है। अश्वगंधा में एंटीबेक्टिीरियल और एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं जो vagina में होने वाले infection को कम करते हैं। साथ ही वजाइना की swelling और ichingnessसे भी राहत दिलाते हैं। इसके अलावा अश्वगंधा वजाइना से आने वाली दुर्गंध को भी कम करने में मदद करता है। दोस्तों, थायराॅयड की समस्या महिलाओं में सबसे ज़्यादा होती है। अश्वगंधा इस समस्या को दूर करने में मददगार साबित होती है। ये Thyroid Glands को active बनाने का काम करती है। बात करें अगर menopause और fertility की, तो अश्वगंधा महिलाओं में hormones के सीक्रिशन को रेगुलेट करता है। अश्वगंधा एंडोक्राइन सिस्टम यानि ऐसे ग्लाइंड्स जो हार्मोन्स को सीधे ब्लड स्ट्रीम में पहुंचाते हैं उसको उत्तेजित करता है। ये menopause के दौरान होने वाली समस्या जैसे हाॅट फ्लैश, mood swing और चिंता को दूर करने के लिए रामबाण का काम करता है। महिलाओं में कई कारणों से होने वाले तनाव और हार्मोनल इंबैलेंस, पोष्क तत्वों की कमी या फिर किसी और health problems की वजह से औरतों में फर्टिलिटी की समस्या को दूर करता है। क्योंकि ये antioxidant होता है जो हार्मोन्स को नियंत्रित करके फर्टिलिटी में काफी हद तक सुधार लाता है। डाबर अश्वगंधा चूर्ण के फायदे (Benefits of Dabur Ashwagandha Powder)दोस्तों, market में ऐसे कई सारे product बनाने वाली companies हैं जो लोगों की सेहत और बजट दोनों के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। लेकिन इस रेस में डाबर कम्पनी बिलकुल नहीं है। Dabur ने जितने भी Products बनाएं हैं सब अच्छी quality के हैं और बहुत सारी research में ये बात साबित भी हुई है। Dabur एक विश्वसनीय brand है। यह हमारी हर जरूरत का सामान बनाता है। Dabur Ashwagandha Churan Pros of Ashwagandha Churan
Cons of Ashwagandha Churan
इन्हीं में से एक प्रोडक्ट के बारे में हम बात करने वाले हैं। उस प्रोडक्ट का नाम है डाबर अश्वगंधा चूर्ण (Dabur Ashwagandha Powder)। आज हम आपको बताएंगे कि Dabur Ashwagandha चूर्ण आपके लिए कैसे फायदेमंद है। साथ ही यह भी बताएंगे कि market से डाबर अश्वगंधा चूर्ण आप किस दाम में खरीद सकते हैं। इसे कैसे प्रयोग करना है उसके बारे में भी हम discuss करेंगे। आपको यह भी जानने को मिलेगा कि किन्हें इसे use करना चाहिए और किन्हें नहीं। दोस्तों, market में आपको डाबर अश्वगंधा चूर्ण 60 ग्राम की packing के साथ 90 रुपए (90 rupees) में मिल जाएगा। ये डाबर अश्वगंधा चूर्ण आपको किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर (Ayurvedic Store) से available हो जाएगा। इसमें 100 percent अश्वगंधा की जड़ों को पीस कर ही डाला गया है। यानी कि ये 100 percent natural product है। कब और कैसे करें इसका इस्तेमाल? (When and how to use)दोस्तों, आप इसे दिन में दो बार खाना खाने के बाद इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन इसको use करने का जो सबसे अच्छा time है वो है रात में। जब आप सोने जा रहे हों, तो उससे 10 या 15 मिनट पहले इसे ले लीजिए। इसके रेगुलर इस्तेमाल से आपको अपनी बाॅडी में काफी सारे changes नजर आने लगेंगे। क्योंकि रात में हमारी बाॅडी एक growing period में होती है। इसीलिए इसका रात में उपयोग करना काफी बेहतर रहता है। कैसे करें इस्तेमाल?अगर आप शुरूआती दिनों में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप आधे चम्मच से ही इसका इस्तेमाल करना शुरू करें। बाद में जब आप हेबिचुअल हो जाएं तो इसे एक चम्मच भी ले सकते हैं। दोस्तों, आप इसको दूध या पानी किसी के साथ भी ले सकते हैं। लेकिन इसके best result पाने के लिए आप इसे दूध के साथ ही लीजिए। इसके लिए सबसे पहले आप एक गिलास दूध को गरम कर लें। फिर उसमें एक चम्मच अश्वगंधा डाल दें। अब इसे अच्छे से mix कर लें। इसे तब तक mix करते रहें जब तक ये दूध थोड़ा ठंडा यानी कि पीने लायक हो जाए। उसके बाद आप इसे पी सकते हैं। अगर आपको इसका taste न पसंद आए तो आप शहद, गुड़ या फिर मिश्री भी मिला कर पी सकते हैं। वैसे तो अश्वगंधा को दूध के साथ लेना आपके लिए काफी फायदेमंद है। लेकिन अगर आपको दूध से किसी भी प्रकार की allergy है तो आप इसे पानी के साथ भी ऐसे ही ले सकते हैं। क्या हैं इसके फायदे?दोस्तों, Dabur Ashwagandha Powder के कई सारे फायदे हैं जो इस प्रकार हैं -ः
कौन कौन कर सकता है इसे इस्तेमाल:दोस्तों, इसे मेल या फीमेल कोई भी आसानी से इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन जो महिलाएं प्रेगनेंट हैं या ब्रेस्ट फीडिंग करवा रही हैं उन्हें इसका प्रयोग करने से पहले डाॅक्टर से जरूर सलाह ले लेनी चाहिए। बिना doctor की सलाह लिए वे इसका इस्तेमाल न करें। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति बहुत सीरियस बीमारी की अन्य दवाइयां ले रहा है तो उसे भी इसका प्रयोग करने से पहले अपने doctor से consult जरूर करना चाहिए। इसके अतिरिक्त जो लोग Low BP के शिकार रहते हैं वो भी इसका use न ही करें तो बेहतर है। जिन लोगों का शुगर लो रहता है उन्हें भी इसका इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। क्योंकि इससे उनका शुगर और ज़्यादा लो हो सकता है। अश्वगंधा और शिलाजीत के फायदे: (Benefits of Ashwagandha and Shilajit)दोस्तों, आयुर्वेद भारत में करीब 5000 वर्षों से भी पहले आया है। यह एक पद्धति है जिससे कई प्रकार की बीमारियों का इलाज किया जाता है। आयुर्वेद में Ashwagandha और Shilajit को बहुत ही ज़्यादा natural और important herbs माना गया है। जैसा कि आप सब जानते हैं आजकल हर कोई stress में जी रहा है। हर किसी को कोई न कोई स्ट्रेस है। इससे anxiety का खतरा बढ़ जाता है। Anxiety को दूर करने में अश्वगंधा और शिलाजीत tablet काफी कारगर है। साथ ही जो लोग depression का शिकार हैं वो भी अश्वगंधा और शिलाजीत का इस्तेमाल करके उससे बाहर आ सकते हैं। इसके अलावा पुरुषों में पाए जाने वाले Testosterone Hormone को बढ़ाने में भी अश्वगंधा और शिलाजीत मददगार है। दिमाग से संबंधित जितनी भी बीमारियां हैं उन्हें भी अश्वगंधा और शिलाजीत का इस्तेमाल करके दूर किया जा सकता है। दोस्तों, शिलाजीत पहाड़ों में पाई जाने वाली जड़ीबूटी होती है। इसका इस्तेमाल लोग करीब 6 हजार वर्षों से ही करते आ रहे हैं। लेकिन शिलाजीत को sexual problems को दूर करने वाली हर्ब के रूप में ही हर कोई जानता है। अश्वगंधा और शिलाजीत टैब्लेट के इस्तेमाल से आपको skin संबंधी रोगों से भी निजात मिल सकता है। Liver Cancer को ठीक करने में भी अश्वगंधा और शिलाजीत काफी ज़्यादा कारगर है। गुप्त रोगों को दूर करने में तो ये दोनों औषधियां किसी वरदान से कम नहीं हैं। महिलाओं में फर्टिलिटी को बढ़ाने में अश्वगंधा और शिलाजीत मदद करते हैं। महिलाओं की मासिक धर्म यानी periods की समस्या भी इसके सेवन से दूर हो जाती है। होम्योपैथिक अश्वगंधा के फायदे: (Merits of Homeopathic Ashwagandha)Friends, अश्वगंधा केवल आयुवेर्दिक उपचार में ही नहीं बल्कि होमोपेथिक उपचार के लिए भी काम में आती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि Homeopathic अश्वगंधा के क्या फायदे हो सकते हैं? अश्वगंधा का उपयोग प्राचीन काल से ही होता आ रहा है। Homeopathy में इस औषधी का इस्तेमाल करीब 100 वर्षों से होता आ रहा है। अश्वगंधा को हम Indian Ginseng भी कहते हैं। अश्वगंधा में कुछ natural एस्टोराइड्स और एक्कलाइड्स होते हैं जो हमारे शरीर में प्रवेश करते ही सबसे पहले हमारे दिमाग पर असर करते हैं। नींद न आना, हमेशा सुस्ती सी रहना आदि को ये ठीक करता है। अगर आपके शरीर में कहीं पर भी infection हो जाता है तो उसको ठीक करने में भी अश्वगंधा की होम्योपैथिक मैडिसिन helpful है। अगर आपको डायजेशन की प्राॅबलम रहती है। या फिर आप बहुत ज़्यादा बीमार रहते हैं तो भी आप होम्योपैथिक अश्वगंधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर office या कोई भी काम करके आप बाहर से घर आते हैं और आपको मानसिक तौर पर थकान महसूस होती है तो आप होम्योपैथिक अश्वगंधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर बहुत ज़्यादा तनाव में रहने के कारण आपके अंदर काफी चिढ़चिढ़ापन आ गया है तो अश्वगंधा काफी effective medicine है। अगर आपको इनडायजेशन की प्राॅबलम हो, आपके शरीर में खाना लगता न हो तो भी आपको होम्योपैथिक अश्वगंधा मेडिसिन का use करना चाहिए। अगर आपके शरीर में हीमोग्लोबीन की कमी हो गई है यानी आप Anemia के शिकार हो गए हैं तो भी आप होम्योपैथिक अश्वगंधा मेडिसिन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपको बहुत अधिक लाभ मिलेगा। जिन महिलाओें को बहुत ही ज़्यादा क्राॅनिक यूटीआई की प्राॅबलम है उन्हें इस मेडिसिन का use regular बेसिस पे करना चाहिए। निष्कर्ष (Conclusion)तोे दोस्तों, आज आपने जाना कि अश्वगंधा को अलग-अलग भाषाओं में किन नामों से बुलाया जाता है। अश्वगंधा हमारी बाॅडी के लिए किन किन बीमारियों में इफेक्टिव है। किन लोगों को अश्वगंधा का इस्तेमाल करना चाहिए। अश्वगंधा का इस्तेमाल कब और कैसे करना चाहिए। Patanjali अश्वगंधा कैप्सूल के फायदों के बारे में भी आज आपने हमारे लेख के माध्यम से जाना। इसके अलावा आपने ये भी जाना कि अश्वगंधा को लेने से पहले हमें क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए। डाबर अश्वगंधा चूर्ण के फायदों के बारे में भी आपको पता चला। इसके साथ ही आपने यह भी जाना कि होम्योपैथिक अश्वगंधा मेडिसिन को लेने के क्या-क्या फायदे हैं और इसे किन बीमारियों में use करना चाहिए। डाबर अश्वगंधा कैप्सूल के क्या फायदे हैं?Dabur अश्वगंधा कैप्सूल के सप्लिमेंट ने ऊर्जा के स्तर में वृद्धि करते हुए दिल और फ़ेफ़ड़ों की क्षमता में सुधार करके ताकत और सहनशक्ति में सुधार का प्रदर्शन किया है. Dabur अश्वगंधा ने अनुकूलनीय प्रभाव प्रदर्शित किया है जो शारीरिक और मानसिक तनाव से लड़ने और स्वास्थ्य सुधार करने में मदद करता है.
अश्वगंधा कितने दिन में असर करता है?मांसपेशियों के विकास और ताकत को बढ़ाने के लिए आपको कम से कम 2 महीने तक 500 एमजी अश्वगंधा लेना चाहिए। याददाश्त को बढ़ाने के लिए दिन में 500-600 एमजी अश्वगंधा जरूरी है। इंफ्केशन को रोकने के लिए 250 एमजी अश्वगंधा जरूरी है।
अश्वगंधा कैप्सूल दिन में कितनी बार खाना चाहिए?कैप्सूल में आने से इसे प्रयोग करना आसान हो गया है. इस कैप्सूल में अश्वगंधा एक्सट्रेक्ट का स्टैंडर्ड मात्रा इस्तेमाल किया जाता है. डॉक्टर के सलाह पर 1 या 2 कैप्सूल रोज 2 बार सेवन करना चाहिए.
अश्वगंधा कैप्सूल कौन सी कंपनी का अच्छा होता है?डाबर ओर वैद्यनाथ कंपनी का अश्वगंधा चुर्ण ओर अश्वगंधारिष्ठ सबसे अच्छे हैं।
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