आयुर्वेदिक मेडिसिन फॉर लिवर एंड किडनी - aayurvedik medisin phor livar end kidanee

आयुर्वेद में स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों के लिए तरह-तरह की जड़ी-बूटियां हैं। हम आपको यहां कुछ ऐसी जड़ी-बूटियों के बारे में बता रहे हैं, जो किडनी और लिवर को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार हैं।

पलाश
पलाश एक पेड़ है, जिसके फूलों का सूख जाने पर जड़ी—बूटी के रूप में उपयोग किया जाता है।  इन चमकीले लाल-नारंगी फूलों में एक शांत शक्ति होती है, जो कि मूत्र प्रवाह को नियंत्रित करती है। इतना ही नहीं, पेशाब जलन के दौरान होने वाली जलन को भी कम करता है।

गुड्डुची
गुड्डुची के कसैले गुण आपके स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। आयुर्वेद में इस जड़ी बूटी को गुर्दे और उसके कार्यों के लिए अद्भुत कहा गया है। इसे डॉक्टर से सलाह लेने के बाद सेवन की सलाह दी जाती है क्योंकि यह हर किसी के अनुकूल नहीं है और आपके शरीर में कुछ छोटे प्रतिकूल परिवर्तन ला सकती है।

हॉर्सटेल 
हॉर्सटेल में अल्कलॉइड है, जो किडनी के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के साथ-साथ गुर्दे की प्रणाली में सुधार करता है। इतना ही नहीं, गुर्दे से सभी हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।

पुनर्नवा
पुनर्नवा भी एक आयुर्वेदिक बूटी है, जिसमें कि प्राकृतिक मूत्रवर्धक गुण होते हैं, यही वजह है कि आयुर्वेद में इसे मूत्रत्याग जैसे मूत्र संबंधी मुद्दों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके एंटी इंफ्लामेटरी गुणों के कारण यह किडनी को स्वस्थ और अच्छी तरह से काम करने में मदद करता है।

हल्दी
औषधीय गुणों का भंडार हल्दी एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है, जो प्रभावी रूप से सामान्य गुर्दे के संक्रमण, मूत्र की समस्याओं, गुर्दे की विफलता आदि का इलाज कर सकती है। हल्दी का रोजाना सेवन आपके स्वास्थ्य को कई तरह से बेहतर बना सकता है जैसे कि गुर्दे की पथरी, किडनी में सूजन, इंफेक्शन, किडनी सिस्ट आदि।

गोक्षुरा
गोक्षुरा पेड़ की छाल गुर्दे के स्वास्थ्य और यूटीआई इंफेक्शन और पेशाब जलन सहित खराब गुर्दे के स्वास्थ्य से जुड़ी सभी समस्याओं के लिए बहुत उपयोगी मानी जाती है। यह गुर्दे की पथरी को खत्म करने के लिए ब्लड सर्कुलेशन में मददगार है।

चंदन
आयुर्वेद उन लोगों के लिए चंदन के पेय का सुझाव देता है, जिन्हें यूटीआई है या पेशाब जलन व पेशाब के समय कठिनाई का सामना करना पड़ता है। चंदन शांत और सुखदायक गुणों की वजह से जाना जाता है, लेकिन इसके साथ ही, इस जड़ी बूटी में एंटी-माइक्रोबियल गुण भी होते हैं।  

वरुण
वरुण एक ऐसी जड़ी बूटी है, जो पेशाब को बढ़ावा देने के लिए एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक के रूप में काम करती है। यह गुर्दे की पथरी और  गुर्दे की अन्य समस्याओं के जोखिम को भी कम करने में मददगार है। वरुण खून को साफ करने और गुर्दे के कार्यों में सुधार करने के लिए फायदेमंद है।

अदरक
अदरक एक सफाई घटक के रूप में  प्रयोग किया जाता है। अदरक लिवर और किडनी को डिटॉक्स करता है। इसमें मौजूद एंटी इंफ्लामेटरी  गुण गुर्दे में दर्द और सूजन का मुकाबला करने के लिए मददगार होते हैं, जो यूटीआई इंफेक्शन या संक्रमण के कारण होते हैं।

त्रिफला
त्रिफला ऐसी जड़ी-बूटियों का संयोजन है, जो  वजन घटाने से लेकर गुर्दे के प्राकृतिक कामकाज में सुधार करता है। त्रिफला गुर्दे और यकृत को मजबूत बनाने और शरीर के उत्सर्जन संबंधी कार्यों के प्रबंधन में मददगार है।

धनिया
खाने को गार्निश करने के लिए बड़े पैमाने पर धनिया का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह किडनी की समस्याओं के लिए भी एक बेहतरीन घटक है। धनिया गुर्दे और मूत्राशय के कार्यों को विनियमित करने में मदद करती है।

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लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नवनीत राठौर Updated Thu, 21 May 2020 01:12 PM IST

क्या आपको पेशाब करते समय जलन या दर्द जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है? अगर हां, तो ये आपके किडनी में किसी तरह के खराबी यानी गुर्दे के स्वास्थ्य में गड़बड़ी के संकेत हो सकते हैं। किडनी के स्वास्थ्य में किसी तरह की गड़बड़ी होने पर यूटीआई यानी मूत्र पथ के संक्रमण, गुर्दे में पथरी या गुर्दे से जुड़ी कोई बीमारी हो सकती है। इससे पहले की आपको किसी तरह की बड़ी परेशानी का सामना करना पड़े उससे पहले सचेत होने की जरूरत है। ऐसे कई हर्ब्स हैं, जो किडनी को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम किडनी और लिवर को स्वस्थ रखने के उपाय बताएंगे।

त्रिफला
त्रिफला एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का संयोजन है, जो आपके वजन को घटाने के साथ किडनी के नेचुरल फंक्शन में सुधार करती है। त्रिफला के सेवन से किडनी और लिवर को मजबूती मिलती है। इसका सेवन शरीर के उत्सर्जन संबंधी कामों को प्रंबंधन करने में मदद करता है।

धनिया
भारतीय रसोई में मसालों के तौर पर इस्तेमाल में लाई जाने वाली धनिया किडनी से जुड़ी समस्याओं के लिए में बहुत प्रभावी है। गुर्दे और मूत्राशय के कामों को नियमित करने में धनिया मददगार है।

अदरक
लिवर और किडनी की सफाई में अदरक बहुत ही मददगार है। इसके सेवन से लिवर और किडनी डिटॉक्स हो जाते हैं। इसमें मौजूद एंटी इंफ्लामेटरी गुण किडनी के दर्द और सूजन को कम करते हैं और यूटीआई इंफेक्शन की समस्या से बचाते हैं।

चंदन
यूटीआई, पेशाब में जलन और पेशाब करने में समस्या होने पर आयुर्वेद चंदन के पेय का सुझाव देता है। शांत और सुखदायक प्रकृति के चंदन में  एंटी-माइक्रोबियल गुण भी होते हैं। यह यूटीआई इंफेक्शन का इलाज करते हुए गुर्दे के कार्यों को प्रबंधित करने में मददगार है।

लीवर के लिए आयुर्वेदिक दवाई कौन सी है?

​अश्वगंधा अश्वगंधा एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो लीवर के संतुलन को बहाल करने में मदद करती है। ... .
​भुम्यमालकी लीवर से संबंधित सभी विकारों के लिए फाइलेन्थस अमरुस सर्वोच्च दवा मानी जाती है। ... .
​लहसुन एक स्टडी के अनुसार लहसुन एक संभावित लीवर सेवर है। ... .
​त्रिफला ... .
​हल्दी.

लिवर और किडनी कैसे साफ करें?

दालचीनी की चाय किडनी और लिवर को साफ यानी डिटॉक्स करने के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है। इससे आप अपनी सुबह की शुरुआत कर सकते हैं। चुकंदर की चाय एक बेहतरीन किडनी क्लींजर है और यह आपके लिवर के स्वास्थ्य को भी बेहतर करेगा। चुकंदर का रस एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो फ्री रेडिकल्स को दूर करता है।

लिवर और किडनी को मजबूत कैसे बनाएं?

लिवर और किडनी के लिए एक टॉनिक की तरह काम करने वाले इन मसालों के बारे में जानें…..
हल्दी औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी को आज ही नहीं पुराने समय में भी एक औषधी के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. ... .
त्रिफला आयुर्वेद में बताया गया है कि शरीर को स्वस्थ रखने में त्रिफला भी बहुत कारगर होता है. ... .

लिवर के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

आयुर्वेद में आंवला का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है. विटामिन सी से भरपूर आंवला खाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है. आंवला खाने से लिवर और पाचन तंत्र भी बहुत अचछा रहता है. अगर आपको फैटी लिवर की शिकायत है तो आपके लिए आंवला किसी दवा से कम नहीं है.