विषयसूची डॉ चन्द्रा की क्या क्या उपलब्धियाँ थी?अपराजिता पाठ की लेखक शिवानी है। बालिका चंद्रा चल क्यों नहीं सकती थी?इसे सुनेंरोकेंबालिका चन्द्रा का गर्दन से निचला शरीर जब निर्जीव-सा हो गया और डॉक्टरों ने स्पष्ट कहा कि इसका इलाज करने से कोई लाभ नहीं रहेगा। तब चन्द्रा की माता ने उस अपंगता को अपनी पुत्री के लिए और स्वयं के लिए भी भयानक अभिशाप माना। परन्तु उस दशा में भी वह बच्ची के जीवन की भीख माँगती रही और उसके स्वस्थ होने की आशा करती रही। डॉ चंद्रा की माताजी का क्या नाम है? इसे सुनेंरोकेंउत्तर– डॉ. चंद्रा की माताजी का नाम श्रीमती टी. सुब्रह्मण्यम है । डॉक्टर चंद्रा क्या बनना चाहती थी? इसे सुनेंरोकेंउत्तर: डॉ. चन्द्रा चाहती थी कि कोई उसे सामान्य सा सहारा भी न दे और इसलिए वे ऐसी कार बनाना चाहती थी जिससे वे स्वयं चला सकती। डॉ चंद्रा को पहली बार देखकर लेखिका के मन में क्या क्या भाव उठे?इसे सुनेंरोकें’शिवानी’ द्वारा लिखी गई “अपराजिता” कहानी में जब डॉक्टर चंद्रा को लेखिका शिवानी ने पहली बार देखा तो वह डॉक्टर चंद्रा को देखकर अचंभित रह गई क्योंकि डॉक्टर चंद्रा का शरीर का निचला हिस्सा बिल्कुल निषप्राण था अर्थात डॉक्टर चंद्रा का धड़ से नीचे का हिस्सा काम नहीं करता था और वह बैसाखी और व्हीलचेयर के सहारे चलती थी। चंद्रा को डॉक्टरेट कब मिली?इसे सुनेंरोकेंडॉक्टर चंद्रा को डॉक्टरेट की उपाधि कब मिली थी? 3. सन 1976 में ट. लेखिका क्यों चाहती है कि उसकी पंक्तियों को लखनऊ का मेधावी युवक अवश्य पढ़ें? इसे सुनेंरोकेंलखनऊ का युवक उनकी पंक्तियां पढ़े, लेखिका ऐसा इसलिए चाहती थी क्योंकि लेखिका ने देखा कि लखनऊ के युवक का केवल एक हाथ कटा था और वह उच्च शिक्षा भी प्राप्त था, फिर भी वह निराश था। साहसी जननी किसे कहा गया है और क्यों? इसे सुनेंरोकें’वीर जननी’ का पुरस्कार अद्भुत साहसी जननी श्रीमती टी. सुब्रह्मण्यम को मिला। श्रीमती सुब्रह्मण्यम ने लगातार पच्चीस वर्ष तक सहिष्णुता के साथ अपनी पुत्री के साथ-साथ कठिन साधना की। अपराजिता पाठ की नायिका कौन है?इसे सुनेंरोकेंAnswer. Answer: अपराजिता पाठ के अनुसार डॉक्टर चंद्रा को अपराजिता इसलिए कहा गया है, क्योंकि डॉक्टर चंद्रा ने पक्षाघात से पीड़ित होने के बावजूद भी अपने जीवन को एक चुनौती की तरह लिया और उन्होंने पराजय स्वीकार नहीं की। वह जीवन में संघर्ष करती रही और उन्होंने अपने प्रयासों को जारी रखा। श्यामू ने बोला के सामने क्या रहस्य खोला?इसे सुनेंरोकेंश्यामू ने भोला के सामने कौन-सा रहस्य खोला? श्यामू ने भोला के सामने पतंग को ऊपर राम के पास भेजने का रहस्य खोला। डॉ चन्द्रा को अपराजिता क्यों कहा गया है? इसे सुनेंरोकें➲ अपराजिता पाठ के अनुसार डॉक्टर चंद्रा को अपराजिता इसलिए कहा गया है, क्योंकि डॉक्टर चंद्रा ने पक्षाघात से पीड़ित होने के बावजूद भी अपने जीवन को एक चुनौती की तरह लिया और उन्होंने पराजय स्वीकार नहीं की। वह जीवन में संघर्ष करती रही और उन्होंने अपने प्रयासों को जारी रखा। डॉक्टर चंद्रा की शिक्षा दीक्षा कैसे हुई? इसे सुनेंरोकेंउनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा मद्रास में हुई। मद्रास के प्रेसीडेंसी कॉलेज से स्नातक की उपाधि लेने तक उनके कई शोध पत्र प्रकाशित हो चुके थे। उनमें से एक `प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसाइटी’ में प्रकाशित हुआ था, जो इतनी कम उम्र वाले व्यक्ति के लिए गौरव की बात। Rajasthan Board RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 अपराजिताRBSE Class 8 Hindi Chapter 13 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नपाठ से प्रश्न 1. प्रश्न 2. RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 लिखेंबहुविकल्पी प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न. RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 लघूत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. भाषा की बात प्रश्न 1.
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प्रश्न 18. प्रश्न 19. (क) केवल एक हाथ खोकर ही उसने हथियार डाल दिए। इधर चंद्रा, जिसका निचला धड़ है निष्प्राण मांसपिंड मात्र, सदा उत्फुल्ल है, चेहरे पर विषाद की एक रेखा भी नहीं, बुद्धिदीप्त, आँखों में एक अदम्य उत्साह, प्रतिपल प्रतिक्षण भरपूर जीने की उत्कट जिजीविषा और फिर कैसी-कैसी महत्त्वाकांक्षाएँ। प्रश्न (ख) एक वर्ष तक कष्टसाध्य उपचार चला और एक दिन स्वयं ही इसके ऊपरी धड़ में गति आ गई, हाथ हिलने लगे, नन्हीं उँगलियाँ मुझे बुलाने लगीं। निर्जीव धड़ को = मैंने सहारा देकर बैठना सिखा दिया। पाँच वर्ष की हुई, तो मैं ही इसका स्कूल बनी। मेधावी पुत्री की विलक्षण बुद्धि ने फिर मुझे चमत्कृत कर दिया। प्रश्न. अपराजिता पाठ-सार अपराजिता’ कहानी की लेखिका शिवानी हैं। यह पाठ ऐसी युवती की कहानी है जो पोलियो होने से अपंग हो गई, उसका निचला शरीर एकदम निर्जीव हो गया। फिर भी उसने जीवन में हार नहीं मानी और उच्च शिक्षा प्राप्त कर डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की। अदम्य साहस रखने से उसे अपराजिता कहा गया है। कठिन शब्दार्थ-अपराजिता = जो कभी पराजित नहीं हुई हो। विधाता = संसार को बनाने वाला, ईश्वर। विलक्षण = अनोखा। अन्तर्यामी = हृदय की बात जानने वाला। अकस्मात् = अचानक। विच्छिन्न = अलग। अभिशप्त = शाप से ग्रस्त। उत्फुल्ल = प्रसन्नतापूर्वक। आवागमन = आना-जाना। नियति = भाग्य, विधाता। देवांगना = देव-नारी, देवी। निष्प्राण = प्राणों से रहित, निर्जीव। जिजीविषा = जीने की इच्छा। बायोडेटा = जन्म एवं शिक्षा आदि का विवरण। प्रतिभा = विशिष्ट बुद्धि। अस्तित्व = विद्यमान होना। सहिष्णु = सहनशील। पीएच.डी. = एक उपाधि का नाम, डॉक्टर ऑफ फिलासोफी। अवरुद्ध = रुका हुआ। पक्षाघात = लकवा रोग। सर्वांग = सारा शरीर। उपचार = इलाज। परिक्रमा = चारों ओर घूमना। लैदर = चमड़ा। आभामण्डित = चमक से सुन्दर। पाश्चात्य = पश्चिमी देशों का। जननी = माता। चक्र = पहिया, गोलाकार चीज। पुष्पवेणी = फूलों की माला या गुच्छा। RBSE Solution for Class 8 Hindi2 लेखिका को डॉ० चंद्रा देवांगना सी क्यों लगी ?`?लेखिका को डॉ० चन्द्रा देवांगना सी क्यों लगी? जीवन जी रही थी। इसलिए उसे देवांगना-सी लगी।
डॉ चंद्रा को मेडिकल में प्रवेश क्यों नहीं मिला?उत्तर : डॉ. चन्द्रा के प्रोफेसर ने कहा था डॉ. चन्द्रा मेडिकल पढ़ना चाहती थी वह एक सफल शल्य चिकित्सक बनना चाहती थी पर उसका निचला धड़ निर्जीव है इसलिए डॉ. चन्द्रा को मेडिकल में प्रवेश नहीं मिला।
मैं चाहती हूँ कि मुझे कोई सामान्य सा सहारा भी न दे यह कैसे संभव हो पाया?(ख) मैडम, मैं चाहती हूँ कि कोई मुझे सामान्य-सा भी सहारा न दे। (ग) चिकित्सा ने जो खोया, वह विज्ञान ने पाया। आशय-लेखिका का कथन सही है क्योंकि चिकित्सा ने डॉ. चन्द्रा की अपंगता को ठीक नहीं किया जबकि विज्ञान के क्षेत्र में डॉ.
डॉक्टर चंद्रा लेखिका से क्या करने के लिए कहती थी?3. अपंगता क्या होती है?
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