डॉ० चंद्रा क्यों कहती है कि कोई मुझे सामान्य सा सहारा भी न दे? - do0 chandra kyon kahatee hai ki koee mujhe saamaany sa sahaara bhee na de?

विषयसूची

  • 1 डॉ चन्द्रा की क्या क्या उपलब्धियाँ थी?
  • 2 बालिका चंद्रा चल क्यों नहीं सकती थी?
  • 3 डॉ चंद्रा को पहली बार देखकर लेखिका के मन में क्या क्या भाव उठे?
  • 4 चंद्रा को डॉक्टरेट कब मिली?
  • 5 अपराजिता पाठ की नायिका कौन है?
  • 6 श्यामू ने बोला के सामने क्या रहस्य खोला?

डॉ चन्द्रा की क्या क्या उपलब्धियाँ थी?

अपराजिता पाठ की लेखक शिवानी है।

  • डॉ. चंद्रा अदम्य साहस की प्रतिमूर्ति थी।
  • डॉ. चंद्रा की माताजी श्रीमती टी. सुब्रह्मण्यम् ने अपनी बेटी के लिए कोई साधना नहीं की।
  • हमें विपरीत परिस्थितियों में हाथ-पर-हाथ धर कर बैठ जाना चाहिए।
  • डॉ. चंद्रा का निचला धड़ काम नहीं करता था।
  • बालिका चंद्रा चल क्यों नहीं सकती थी?

    इसे सुनेंरोकेंबालिका चन्द्रा का गर्दन से निचला शरीर जब निर्जीव-सा हो गया और डॉक्टरों ने स्पष्ट कहा कि इसका इलाज करने से कोई लाभ नहीं रहेगा। तब चन्द्रा की माता ने उस अपंगता को अपनी पुत्री के लिए और स्वयं के लिए भी भयानक अभिशाप माना। परन्तु उस दशा में भी वह बच्ची के जीवन की भीख माँगती रही और उसके स्वस्थ होने की आशा करती रही।

    डॉ चंद्रा की माताजी का क्या नाम है?

    इसे सुनेंरोकेंउत्तर– डॉ. चंद्रा की माताजी का नाम श्रीमती टी. सुब्रह्मण्यम है ।

    डॉक्टर चंद्रा क्या बनना चाहती थी?

    इसे सुनेंरोकेंउत्तर: डॉ. चन्द्रा चाहती थी कि कोई उसे सामान्य सा सहारा भी न दे और इसलिए वे ऐसी कार बनाना चाहती थी जिससे वे स्वयं चला सकती।

    डॉ चंद्रा को पहली बार देखकर लेखिका के मन में क्या क्या भाव उठे?

    इसे सुनेंरोकें’शिवानी’ द्वारा लिखी गई “अपराजिता” कहानी में जब डॉक्टर चंद्रा को लेखिका शिवानी ने पहली बार देखा तो वह डॉक्टर चंद्रा को देखकर अचंभित रह गई क्योंकि डॉक्टर चंद्रा का शरीर का निचला हिस्सा बिल्कुल निषप्राण था अर्थात डॉक्टर चंद्रा का धड़ से नीचे का हिस्सा काम नहीं करता था और वह बैसाखी और व्हीलचेयर के सहारे चलती थी।

    चंद्रा को डॉक्टरेट कब मिली?

    इसे सुनेंरोकेंडॉक्टर चंद्रा को डॉक्टरेट की उपाधि कब मिली थी? 3. सन 1976 में ट.

    लेखिका क्यों चाहती है कि उसकी पंक्तियों को लखनऊ का मेधावी युवक अवश्य पढ़ें?

    इसे सुनेंरोकेंलखनऊ का युवक उनकी पंक्तियां पढ़े, लेखिका ऐसा इसलिए चाहती थी क्योंकि लेखिका ने देखा कि लखनऊ के युवक का केवल एक हाथ कटा था और वह उच्च शिक्षा भी प्राप्त था, फिर भी वह निराश था।

    साहसी जननी किसे कहा गया है और क्यों?

    इसे सुनेंरोकें’वीर जननी’ का पुरस्कार अद्भुत साहसी जननी श्रीमती टी. सुब्रह्मण्यम को मिला। श्रीमती सुब्रह्मण्यम ने लगातार पच्चीस वर्ष तक सहिष्णुता के साथ अपनी पुत्री के साथ-साथ कठिन साधना की।

    अपराजिता पाठ की नायिका कौन है?

    इसे सुनेंरोकेंAnswer. Answer: अपराजिता पाठ के अनुसार डॉक्टर चंद्रा को अपराजिता इसलिए कहा गया है, क्योंकि डॉक्टर चंद्रा ने पक्षाघात से पीड़ित होने के बावजूद भी अपने जीवन को एक चुनौती की तरह लिया और उन्होंने पराजय स्वीकार नहीं की। वह जीवन में संघर्ष करती रही और उन्होंने अपने प्रयासों को जारी रखा।

    श्यामू ने बोला के सामने क्या रहस्य खोला?

    इसे सुनेंरोकेंश्यामू ने भोला के सामने कौन-सा रहस्य खोला? श्यामू ने भोला के सामने पतंग को ऊपर राम के पास भेजने का रहस्य खोला।

    डॉ चन्द्रा को अपराजिता क्यों कहा गया है?

    इसे सुनेंरोकें➲ अपराजिता पाठ के अनुसार डॉक्टर चंद्रा को अपराजिता इसलिए कहा गया है, क्योंकि डॉक्टर चंद्रा ने पक्षाघात से पीड़ित होने के बावजूद भी अपने जीवन को एक चुनौती की तरह लिया और उन्होंने पराजय स्वीकार नहीं की। वह जीवन में संघर्ष करती रही और उन्होंने अपने प्रयासों को जारी रखा।

    डॉक्टर चंद्रा की शिक्षा दीक्षा कैसे हुई?

    इसे सुनेंरोकेंउनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा मद्रास में हुई। मद्रास के प्रेसीडेंसी कॉलेज से स्नातक की उपाधि लेने तक उनके कई शोध पत्र प्रकाशित हो चुके थे। उनमें से एक `प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसाइटी’ में प्रकाशित हुआ था, जो इतनी कम उम्र वाले व्यक्ति के लिए गौरव की बात।

    Rajasthan Board RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 अपराजिता

    RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

    पाठ से
    सोचें और बताएँ

    प्रश्न 1.
    डॉ. चन्द्रा ने कौन-कौन सी उपाधियाँ प्राप्त की थीं?
    उत्तर:
    डॉ. चन्द्रा ने बी.एससी., एम-एससी. एवं पीएच.डी. उपाधि प्राप्त की थी।

    प्रश्न 2.
    लेखिका ने नशे की गोलियाँ खाने लगा” किस व्यक्ति के लिए कहा और क्यों?
    उत्तर:
    लखनऊ का जो मेधावी लड़का आई.ए.एस. की परीक्षा देने इलाहाबाद गया था। लौटते समय स्टेशन से चाय लेकर चलती गाड़ी पर चढ़ा। चढ़ते समय वह गिर गया और उसका दायाँ हाथ पहिए के नीचे आकर विच्छिन्न हो गया और वह निराशा में डूबकर नशे की गोलियाँ खाने लगा। था । उसके लिए कहा।

    RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 लिखेंबहुविकल्पी प्रश्न

    प्रश्न 1.
    अपराजिता कहा गया है-
    (क) श्रीमती टी. सुब्रह्मण्यम् को
    (ख) प्रोफेसर को
    (ग) आई.ए.एस. को
    (घ) चंद्रा को

    प्रश्न 2.
    डॉ. चंद्रा को माइक्रोबायोलॉजी में पीएच.डी. मिली-
    (क) 1976 ई. में
    (ख) 1977 ई. में
    (ग) 1967 ई. में
    (घ) 1966 ई. में
    उत्तर:
    1. (घ) 2. (क)

    प्रश्न.
    निम्नलिखित वाक्यों में से गलत वाक्यों को सही करके लिखिए-
    1. अपराजिता पाठ की लेखक शिवानी है।
    2. डॉ. चंद्रा अदम्य साहस की प्रतिमूर्ति थी।
    3. डॉ. चंद्रा की माताजी श्रीमती टी. सुब्रह्मण्यम् ने अपनी बेटी के लिए कोई साधना नहीं की।
    4. हमें विपरीत परिस्थितियों में हाथ-पर-हाथ धर कर बैठ जाना चाहिए।
    5. डॉ. चंद्रा का निचला धड़ काम नहीं करता था।
    उत्तर:
    वाक्य 2 व 5 सही हैं। गलत वाक्यों के सही रूप-
    1. अपराजिता’ पाठ की लेखिका शिवानी हैं।
    3. डॉ. चंद्रा की माताजी श्रीमती टी. सुब्रह्मण्यम् ने अपनी बेटी के लिए कठिन साधना की।
    4. हमें विपरीत परिस्थितियों में हाथ-पर-हाथ धर कर नहीं बैठना चाहिए।

    RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

    प्रश्न 1.
    ”मैडम मैं चाहती हूँ कि कोई मुझे सामान्य-सा सहारा न दे।” ये शब्द किसके हैं?
    उत्तर:
    ये शब्द डॉ. चन्द्रा के हैं।

    प्रश्न 2.
    लेखिका ने डॉ. चन्द्रा को सबसे पहले कहाँ देखा?
    उत्तर:
    लेखिका ने डॉ. चन्द्रा को सबसे पहले उनकी कोठी के अहाते में कार से उतरते हुए देखा।

    प्रश्न 3.
    ‘वीर जननी’ पुरस्कार किसे मिला?
    उत्तर:
    ‘वीर जननी’ का पुरस्कार डॉ. चन्द्रा की माँ श्रीमती शारदा सुब्रह्मण्यम् को मिला।

    RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 लघूत्तरात्मक प्रश्न

    प्रश्न 1.
    डॉ. चन्द्रा की शारीरिक अक्षमता उसका साहस थी, कैसे?
    उत्तर:
    डॉ. चन्द्रा का निचला धड़ एकदम निर्जीव था, परन्तु वह अपने सारे काम स्वयं करना चाहती थी। उसमें अपंग होने की हीन भावना जरा भी नहीं थी। वह अपनी अपंगता से मुकाबला करती रहती थी और जिन्दगी में प्रत्येक काम बड़े साहस से करती रही। अपनी शारीरिक अक्षमता से ही वह साहस रखकर अपने जीवन को ढालने में सफल रही।

    प्रश्न 2.
    ”ईश्वर सब द्वार एक साथ बन्द नहीं करता। यदि एक द्वार बन्द करता भी है, तो दूसरा द्वार खोल देता है।” चन्द्रा की माताजी ने यह बात क्यों कही ?
    उत्तर:
    डॉ. चन्द्रा की माताजी ने यह बात इसलिए कही कि जब उनकी पुत्री को मेडिकल में प्रवेश नहीं मिला तब उनकी पुत्री ने विज्ञान के क्षेत्र में शिक्षा पाकर उच्चतम सफलता प्राप्त की और विज्ञान की प्रगति में महान योगदान दिया।

    प्रश्न 3.
    लखनऊ की छात्रा डॉ. चन्द्रा से क्या प्रेरणा लेनी चाहिए?
    उत्तर:
    लखनऊ की छात्रा डॉ. चन्द्रा से अपंग होने पर भी साहस रखने, अपने शरीर के अक्षम होने पर भी मानसिक सन्तुलन रखकर प्रतिभा का उपयोग करने, जीवन से निराश ने होकर पूरी तरह स्वावलम्बी बनने की प्रेरणा लेनी चाहिए। अपनी बुरी नियति पर आँसू न बहाने और बुद्धि के बल पर सारे काम करके जिजीविषा रखने की प्रेरणा भी उससे मिलती है।

    RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

    प्रश्न 1.
    अपराजिता डॉ. चन्द्रा की माताजी सहृदयता और वात्सल्य की प्रतिमूर्ति थी, कैसे ? अपने शब्दों में लिखिए।
    उत्तर:
    डॉ. चन्द्रा जब डेढ़ साल की थी, तो उसे पोलियो हो गया था। गर्दन के नीचे सारा शरीर निर्जीव हो गया था। उस दशा में उसकी माताजी ने ईश्वर से यही प्रार्थना की कि बेटी का जीवन बचा रहे। उसने काफी परिश्रम किया, बेटी का इलाज अनेक डॉक्टरों से करवाया, उसके साथ स्कूल में हर समय रही। घर पर भी हर तरह से बेटी की सुखसुविधा का ध्यान रखा। डॉ. चन्द्रा को अनेक पदक मिले, डॉक्टरेट की उपाधि मिली। इन सब कामों में उसकी माताजी छाया की तरह उसके साथ रही। उसने कभी भी अपंग बेटी का दिल नहीं दुखाया। इस प्रकार चन्द्रों की माताजी ने सहृदयता एवं ममता रखने में कोई कमी नहीं रखी। उसके लिए उक्त कथन पूरी तरह उचित कहा गया है।

    प्रश्न 2.
    “विचार परिवर्तनशील होते हैं।” लेखिका ने ऐसा क्यों कहा था?
    उत्तर:
    मन चंचल होता है। हृदय में ज्ञान का भण्डार रहता है। इस कारण जब भी कोई वस्तु या घटना आदि दिखाई देती है अथवा कोई नयी स्थिति सामने आती है, तो हृदयगत भावों से प्रेरित होकर मन में विचार उठने लगते हैं। विचार सदा गतिशील होते हैं, चिन्तन की परिपक्व दशा में बदलते रहते हैं। एक वस्तु को लेकर जो विचार पहले उठते हैं, वे। बाद में कुछ बदल भी जाते हैं और उनमें संशोधन होता रहता है और वे नये बन जाते हैं। इसी कारण विचार को परिवर्तनशील माना जाता है। उदाहरण के लिए जब डॉ. चन्द्रा मेडिकल में प्रवेश न पा सकी तब उसने विचार परिवर्तन के कारण ही विज्ञान प्रगति में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।

    भाषा की बात

    प्रश्न 1.
    “डॉ. चंद्रा अदम्य साहस की धनी थी” वाक्य में ‘साहस’ शब्द डॉ. चंद्रा की विशेषता बता रहा है, यह गुणवाचक विशेषण है। इसी प्रकार के अन्य विशेषण छाँटकर सूची बनाइए।
    उत्तर:

    1.  गुणवाचक विशेषण: कठोरतम, प्रौढा, निर्जीव, निचला, कम, उदास, गोरा, मेधावी, अदम्य, सामान्य, बुरा, सुदृढ़, नन्हीं, प्रसिद्ध, प्रख्यात, सर्वोच्च, बड़ी, उदास, साहसी, पटुता।
    2.  संख्यावाचक विशेषण: अठारहवें, चौथे, एक, प्रथम, दोनों, दूसरा, पच्चीस।
    3.  परिमाणवाचक विशेषण: थोड़ा, कुछ।
    4.  संकेतवाचक विशेषण: यह, वह, वे।
    5.  भिन्नतावाचक विशेषण: प्रत्येक, प्रतिपल, प्रतिक्षण।

    प्रश्न 2.
    अपठित शब्द का अर्थ होता है, जो पहले से न पढ़ा हो। अपठित गद्यांश गद्य के वे अंश हैं, जो हमने पहले नहीं पढ़े हैं, ऐसे गद्यांशों को पढ़कर समझा जाता है, फिर उस पर आधारित पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दिए जाते हैं। आप भी नीचे लिखे गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
    बाँस का यह झुरमुट मुझे अमीर बना देता है। उससे मैं अपना घर बना सकता हूँ। बाँस के बर्तन और औजार इस्तेमाल करता हूँ। सूखे बाँस को मैं ईंधन की तरह इस्तेमाल करता हूँ। बाँस का अचार खाता हूँ। बाँस के पालने में मेरा बचपन गुजरी। आज मेरा बच्चा भी बाँस के पालने में ही झूलता है। मैं बॉस से बनी सामग्री बेचकर जीवन यापन करता हूँ।
    (क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
    (ख) लेखक को अमीर कौन बना देता है?
    (ग) लेखक की जीविका कैसे चलती है?
    उत्तर:
    (क) शीर्षक-बॉस के विविध उपयोग।
    (ख) बॉस का झुरमुट अर्थात् बाँस को झाड़, लेखक को अमीर बना देता है।
    (ग) बाँस से बनी सामग्री बेचकर लेखक की जीविका चूलती है।

    प्रश्न 3.
    निम्नलिखित शब्दों को शब्दकोश क्रम में लिखिए-
    अपराजिता, चंद्रा, चिकित्सा, लखनऊ, प्रयोगशाला, ईश्वर, पुत्री, ईंट, चींटी, प्रसिद्ध, प्रौढ़ा, आश्चर्य।
    उत्तर:
    अपराजिता, आश्चर्य, ईश्वर, ईंट, चंद्रा, चिकित्सा, चींटी, पुत्री, प्रयोगशाला, प्रसिद्ध, प्रौढा, लखनऊ।

    पाठ से आगे

    प्रश्न 1.
    अपराजिता के स्थान पर आप होते तो क्या करते ? सोचकर लिखिए।
    उत्तर:
    अपराजिता को ऐसी माँ मिली, जिसके पास पुत्री के लिए काफी समय था, उचित धन एवं सुविधा थी। अपराजिता स्वयं बुद्धिमती एवं साहसी थी। अगर हम अपराजिता के स्थान पर होते, तो जीवित रहने और हाथ-पैर चलाने का प्रयास अवश्य करते। लेकिन हमें माता-पिता या परिवार के लोगों का कितना सहयोग मिलता, यह कहा नहीं जा
    सकता। प्रतिभा भी अपराजिता की तरह होती या नहीं, यह भी नहीं कह सकते। अतएव हम अपनी परिस्थितियों के अनुसार जीवित रहते एवं कुछ-न-कुछ काम करते रहने का प्रयास अवश्य करते।

    प्रश्न 2.
    पाठ में सम्मिलित निम्न योग्यताओं/परीक्षाओं के पूरे नाम शिक्षक से जानिए-
    बी.एससी., एम.एससी., पीएच.डी., आई.ए.एस.। ऐसी अन्य उपाधियों/योग्यताओं की सूची बनाइए।
    उत्तर:

    1. बी.एससी : बेचुलर ऑफ साइंस।
    2. एम.एससी : मास्टर ऑफ साइंस।
    3. पीएच.डी : डॉक्टर ऑफ फिलोसॉफी।
    4. आई.ए.एस : इण्डियन एडमिनिस्ट्रेट सर्विस।
    5. एम.फिल्मा : स्टर ऑफ फिलोसॉफी।
    6. एम.बी.बी.एस : बेचुलर ऑफ मेडिकल एण्ड सर्जरी।
    7. बी.ई : बेचुलर ऑफ इंजीनियरिंग।

    प्रश्न 3.
    ऐसी अन्य उपाधियों/योग्यताओं की सूची बनाइए।
    उत्तर:

    1. बी.ए : बैचलर ऑफ आर्ट्स।
    2. बी.कॉम : बैचलर ऑफ कॉमर्स।
    3. एम.ए : मास्टर ऑफ आर्ट्स।
    4. बी.एड : बैचलर ऑफ एजूकेशन।

    यह भी करें
    प्रश्न 1.
    राजस्थान में कई ऐसी संस्थाएँ हैं जो विशेष योग्यजन की चिकित्सा सहायता से जुड़ी हैं। उनका पता कीजिए और अपनी व्यक्तिगत डायरी में लिखिए। जरूरतमंद व्यक्तियों तक उक्त जानकारी पहुँचाइए।
    उत्तर:
    अपनी डायरी में ऐसे नाम-पते लिखिए। कुछ संस्थाएँ ये हैं-

    1.  मानव सेवा आश्रम, उदयपुर
    2.  प्राकृतिक चिकित्सालय, जयपुर।
    3.  मानव सेवा संस्थान, जोधपुर।

    प्रश्न 2.
    इस प्रकार की कहानियों का संकलन कर साहस और सौहार्द की घटनाएँ बाल-सभा में सुनाइए।
    उत्तर:
    अज्ञेय की ‘खितीन बाबू’ तथा अमरकान्त की ‘जिन्दगी और जोंक’ इस तरह की कहानियाँ हैं। ऐसी कहानियों का संकलन करें और बाल-सभा में सुनाएँ।

    मन की बात
    प्रश्न 1.
    डॉ. चंद्रा को लेखिका ने अपराजिता कहा है। आप उसे और क्या नाम देना चाहेंगे?
    उत्तर:
    उसे ‘सुसाहसी’ या ‘विजयिनी’ नाम दिया जा सकता है।

    प्रश्न 2.
    ‘मेरी माँ’ विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए।
    उत्तर:
    मेरी माँ अन्य माताओं से विशिष्ट है। वह मेरे लिए भाई, बहिन, पिता आदि सभी कुछ है। मेरी माँ हमें संस्कार देती है। वह ममता, वात्सल्य एवं करुणा की साक्षात् देवी है। मेरी माँ मुझे मनचाहा पौष्टिक भोजन देती है और मुझे लाड़-प्यार से रखती है। वह मेरे सुख-दु:ख का, मेरी इच्छाओं और भविष्य का पूरा ध्यान रखती है। माँ के हृदय में मेरे लिए असीम प्यार और आशीष रहती है। वह मेरे जीवन की भलाई के लिए देवताओं की मनौती मनाती है, व्रत-उपवास और मन्दिर में पूजन भी करती है। मेरी माँ प्रत्येक काम में मेरा साहस बढ़ाती है, मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। वह मुझे अच्छी तरह पढ़ा-लिखाकर सुयोग्य बनाना चाहती है, मुझे कोई बड़ी अफसर या डॉक्टर बनाना चाहती है। वह स्वयं कष्ट सहकर भी मेरा पूरा ध्यान रखती है। मेरी माँ के आँचल में मुझे अतीव आनन्द मिलता है।

    तब और अब

    प्रश्न.
    नीचे लिखे शब्दों के मानक रूप लिखिए-
    द्वार, बुद्धि, दीप्त, प्रसिद्ध।
    उत्तर:
    द्वार         –    द्वार
    बुद्धि       –     बुद्धि
    प्रसिद्ध    –     प्रसिद्ध
    दीप्त      –     दीप्त

    RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

    RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

    प्रश्न 1.
    अपराजिता में कौन-सा गुण सर्वाधिक बताया गया है?
    (क) साहस
    (ख) उत्साह
    (ग) जिजीविषा
    (घ) जिज्ञासा

    प्रश्न 2.
    जन्म के अट्ठारहवें महीने अपराजिता को हो गया था?
    (क) कैंसर
    (ख) पोलियो
    (ग) मलेरिया
    (घ) लकवा

    प्रश्न 3.
    लेखिका को वह बित्तेभर की लड़की किससे कम नहीं लगी?
    (क) देवांगना से
    (ख) परी से
    (ग) गुड़िया से
    (घ) महारानी से

    प्रश्न 4.
    डॉ. चन्द्रा ने एम. एससी. किस विषय में किया?
    (क ) भौतिक विज्ञान में
    (ख) रसायन विज्ञान में
    (ग) मानव विज्ञान में
    (घ) प्राणिशास्त्र में

    प्रश्न 5.
    चन्द्रा की बड़ी इच्छा क्या बनने की थी ?
    (क) इंजीनियर
    (ख) डॉक्टर
    (ग) प्रोफेसर
    (घ) अफसर
    उत्तर:
    1. (ग) 2. (ख) 3. (क) 4. (घ) 5. (ख)

    रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

    प्रश्न 6.
    निम्न रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिये गये सही शब्दों से कीजिए
    (i) मैं अपंग डॉ. मेरी वर्गीज के सफल…….. की कहानी पढ़ चुकी थी।(जीवन/कार्य)
    (ii) इधर चन्द्रा, जिसका निचला………है निष्प्राण मांस पिण्ड मात्र।(अंग/धड़)
    (iii) एक वर्ष तक कष्टसाध्य………चला।(व्यायाम/उपचार)
    (iv) भारतीय एवं पाश्चात्य……दोनों में उसकी समान रुचि थी।(गायन/संगीत)
    (v) प्रत्येक परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर चन्द्रा ने…………जीते।(स्वर्णपदक/पुरस्कार)
    उत्तर:
    (i) जीवन
    (ii) धड़
    (iii) उपचार
    (iv) संगीत
    (v) स्वर्णपदक

    RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

    प्रश्न 7.
    लेखिका ने पिछले महीने कैसी अभिशप्त काया देखी?
    उत्तरे:
    लेखिका ने पिछले महीने ऐसी अभिशप्त काया देखी, जिसका निचला धड़े एकदम निर्जीव था।

    प्रश्न 8.
    जीवन में किसने हथियार डाल दिये थे ?
    उत्तर:
    उस युवक ने जीवन में हथियार डाल दिये थे, जिसका एक हाथ चलती ट्रेन से गिरने पर कट गया था।

    प्रश्न 9.
    डॉ. चन्दा अब कहाँ पर नौकरी कर रही है?
    उत्तर:
    डॉ. चन्द्रा अब आई.आई.टी. मद्रास में नौकरी कर रही है।

    प्रश्न 10.
    डॉ. चन्द्रा ने कहाँ से और किस विषय में शोध कार्य किया?
    उत्तर:
    डॉ. चन्द्रा ने बेंगलूर के इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से माइक्रो बायोलॉजी विषय में अपना शोध कार्य किया।

    प्रश्न 11.
    चन्द्रा को लैदर जैकेट में कसी देखकर लेखिका को किसका स्मरण ओता था?
    उत्तर:
    चन्द्रा को लैदर जैकेट में कसी देखकर लेखिका को जिरह बख्तर से सज्जित एवं युद्ध-क्षेत्र में डटे राणा सांगा का स्मरण आता था।

    RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 लघूत्तरात्मक प्रश्न

    प्रश्न 12.
    गर्दन से नीचे अचल होने पर चन्द्रा के लिए सभी डॉक्टरों ने क्या कहा? बताइये।
    उत्तर:
    सभी डॉक्टरों ने चन्द्रा के माता-पिता से कहा कि आप पैसा व्यर्थ बरबाद मत कीजिए। आपकी पुत्री जीवन भर केवल गर्दन ही हिला सकेगी। संसार की कोई भी शक्ति इसे रोग-मुक्त अर्थात् पोलियो के प्रभाव से मुक्त नहीं कर सकती। इसका उपचार करने से कोई लाभ नहीं है।

    प्रश्न 13.
    पुत्री की विलक्षण प्रतिभा देखकर श्रीमती टी. सुब्रह्मण्यम् ने क्या किया?
    उत्तर:
    पुत्री की विलक्षण प्रतिभा देखकर श्रीमती टी. सुब्रह्मण्यम् ने उसे विधिवत् शिक्षा दिलाने का निश्चय किया। इसके लिए बेंगलूर के प्रसिद्ध माउंट कारमेल कान्वेंट में उसे प्रवेश दिलाने का प्रयास किया और उस स्कूल की प्रत्येक शर्त को स्वीकार करने में जरा भी संकोच नहीं किया।

    प्रश्न 14.
    गर्ल गाइड के रूप में बालिका चन्द्रा का उल्लेख कीजिए
    उत्तर:
    बालिका चन्द्रा अपंग होने पर भी गर्ल गाइड के रूप में राष्ट्रपति का स्वर्ण-पदक पाने वाली बालिका थी। उसे राष्ट्रपति को सलामी देने का और उनसे पुरस्कार ग्रहण करने का अवसर मिला था। उसी समय वह ह्वील चेयर में प्रधानमन्त्री के साथ भी रही। निर्जीव टाँगों की होने पर भी वह गर्ल गाइड की श्रेष्ठ सहभागी थी।

    प्रश्न 15.
    ”मैंने विधाता से ये नहीं कहा कि प्रभो, इसे उठा लो।” चन्द्रा की माता ने ऐसा भाव कब व्यक्त किया?
    उत्तर:
    बालिका चन्द्रा का गर्दन से निचला शरीर जब निर्जीव-सा हो गया और डॉक्टरों ने स्पष्ट कहा कि इसका इलाज करने से कोई लाभ नहीं रहेगा। तब चन्द्रा की माता ने उस अपंगता को अपनी पुत्री के लिए और स्वयं के लिए भी भयानक अभिशाप माना। परन्तु उस दशा में भी वह बच्ची के जीवन की भीख माँगती रही और उसके स्वस्थ होने की आशा करती रही। उसने ममता का भाव कम नहीं होने दिया।

    प्रश्न 16.
    बालिका चन्द्रा डॉक्टरी की पढ़ाई क्यों नहीं कर सकी ?
    उत्तर:
    बालिका चन्द्रा की इच्छा डॉक्टर बनने की थी। उसने प्रवेश परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर लिया था। परन्तु सभी ने कहा कि उसका निचला धड़ निर्जीव होने से वह एक सफल शल्य-चिकित्सक नहीं बन सकेगी। विज्ञान की प्रगति में वह अच्छा योगदान दे सकती है, परन्तु चिकित्सा-क्षेत्र में नहीं। इसी कारण बालिका चन्द्रा डॉक्टरी
    की पढ़ाई नहीं कर सकी।

    RBSE Class 8 Hindi Chapter 13 निबन्धात्मक प्रश्न

    प्रश्न 17.
    पाठ के आधार पर डॉ. चन्द्रा के चरित्र की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
    उत्तर:
    ‘अपराजिता’ कहानी में डॉ. चन्द्रा के चरित्र की ये विशेषताएँ व्यक्त हुई हैं-

    1.  अदम्य साहसी: निचला धड़ अपंग होने पर भी चन्द्रा अदम्य साहसी थी और अपना सारा काम करती थी।
    2.  जिजीविषा: अपंग होने पर भी उसमें प्रबल जिजीविषा थी।
    3.  प्रतिभाशाली: चन्द्रा में विलक्षण प्रतिभा थी। वह प्रत्येक परीक्षा में सर्वोच्च स्थान पाती रही।
    4.  प्रसन्न-हृदय: अभिशप्त जीवन होने पर भी वह प्रसन्न रहती थी।
    5.  स्वावलम्बी: चन्द्रा अपना सारा काम स्वयं करना चाहती थी। वह स्वयं कुर्सी के सहारे सब काम कर लेती थी।
    6.  परिश्रमी: चन्द्रा काफी परिश्रमी एवं मेहनती थी।

    प्रश्न 18.
    चन्दा के अलबम के अन्तिम पृष्ठ पर जो चित्र था, उसके अनुसार, उसकी माँ का व्यक्तित्व बताइए।
    उत्तर:
    चन्द्रा के अलबम के अन्तिम पृष्ठ पर उसकी माँ श्रीमती टी. सुब्रह्मण्यम् का चित्र उसके व्यक्तित्व का परिचायक था। उस चित्र में वह बेंगलूर में वीर-जननी का पुरस्कार ग्रहण करती दिखाई गई थी। उसमें उसकी बड़ी-बड़ी उदास एवं व्यथा को प्रकट करने वाली आँखें थीं। अपने सारे सुख त्याग कर हमेशा छाया की तरह पुत्री की पहिया-लगी कुर्सी को पीछे से धकेलती रहती थी। उसकी नाक के दोनों ओर हीरे की दो जगमगाती लोंगे, अधरों पर विजय का उल्लास और जूडे में पुष्पवेणी थी। इस प्रकार चन्द्रा की माँ को चित्र बहुत ही सुन्दर और आकर्षक था। वह चित्र उसके हृदय के भावों को भी प्रकट कर रहा था।

    प्रश्न 19.
    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

    (क) केवल एक हाथ खोकर ही उसने हथियार डाल दिए। इधर चंद्रा, जिसका निचला धड़ है निष्प्राण मांसपिंड मात्र, सदा उत्फुल्ल है, चेहरे पर विषाद की एक रेखा भी नहीं, बुद्धिदीप्त, आँखों में एक अदम्य उत्साह, प्रतिपल प्रतिक्षण भरपूर जीने की उत्कट जिजीविषा और फिर कैसी-कैसी महत्त्वाकांक्षाएँ।

    प्रश्न
    (i) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
    (ii) चन्द्रों का निचला शरीर कैसी था ?
    (iii) चन्द्रा का चेहरा कैसा रहता था?
    (iv) चन्द्रा की आँखों में क्या झलकता रहता था?
    उत्तर:
    (i) शीर्षक-चन्द्रा के जीवन में समायी उमंग और जिजीविषा भाव।
    (ii) चन्द्रा का निचला शरीर पोलियो के कारण एकदम निर्जीव मांसपिण्ड जैसा हो गया था।
    (iii) अपंग होने पर भी चन्द्रा का चेहरा सदा प्रसन्नता से खिला रहता था।
    (iv) चन्द्रा की आँखों में अदम्य साहस, उत्कट जिजीविषा और जीवन की अनेक महत्त्वाकांक्षाओं को भाव झलकता रहता था।

    (ख) एक वर्ष तक कष्टसाध्य उपचार चला और एक दिन स्वयं ही इसके ऊपरी धड़ में गति आ गई, हाथ हिलने लगे, नन्हीं उँगलियाँ मुझे बुलाने लगीं। निर्जीव धड़ को = मैंने सहारा देकर बैठना सिखा दिया। पाँच वर्ष की हुई, तो मैं ही इसका स्कूल बनी। मेधावी पुत्री की विलक्षण बुद्धि ने फिर मुझे चमत्कृत कर दिया।

    प्रश्न.
    (i) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
    (ii) उस उपचार का क्या असर रहा?
    (iii) बालिका का स्कूल कौन और कैसे बना?
    (iv) पुत्री ने किस बात से चमत्कृत कर दिया?
    उत्तर:
    (i) शीर्षक:चन्द्रा का उपचार और विलक्षण प्रतिभा।
    (ii) उस उपचार का यह असर रहा कि उसके ऊपरी धड़ में गति आ गई, उसकी उँगलियाँ हिलने-डुलने लगीं।
    (iii) बालिका को घर पर ही उसकी माँ ने पढ़ाना प्रारम्भ किया, इस तरह माँ ही उसकी स्कूल बनी।
    (iv) पुत्री ने अपनी कुशाग्र बुद्धि एवं विलक्षण प्रतिभा से माँ को चमत्कृत कर दिया।

    अपराजिता पाठ-सार

    अपराजिता’ कहानी की लेखिका शिवानी हैं। यह पाठ ऐसी युवती की कहानी है जो पोलियो होने से अपंग हो गई, उसका निचला शरीर एकदम निर्जीव हो गया। फिर भी उसने जीवन में हार नहीं मानी और उच्च शिक्षा प्राप्त कर डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की। अदम्य साहस रखने से उसे अपराजिता कहा गया है।

    कठिन शब्दार्थ-अपराजिता = जो कभी पराजित नहीं हुई हो। विधाता = संसार को बनाने वाला, ईश्वर। विलक्षण = अनोखा। अन्तर्यामी = हृदय की बात जानने वाला। अकस्मात् = अचानक। विच्छिन्न = अलग। अभिशप्त = शाप से ग्रस्त। उत्फुल्ल = प्रसन्नतापूर्वक। आवागमन = आना-जाना। नियति = भाग्य, विधाता। देवांगना = देव-नारी, देवी। निष्प्राण = प्राणों से रहित, निर्जीव। जिजीविषा = जीने की इच्छा। बायोडेटा = जन्म एवं शिक्षा आदि का विवरण। प्रतिभा = विशिष्ट बुद्धि। अस्तित्व = विद्यमान होना। सहिष्णु = सहनशील। पीएच.डी. = एक उपाधि का नाम, डॉक्टर ऑफ फिलासोफी। अवरुद्ध = रुका हुआ। पक्षाघात = लकवा रोग। सर्वांग = सारा शरीर। उपचार = इलाज। परिक्रमा = चारों ओर घूमना। लैदर = चमड़ा। आभामण्डित = चमक से सुन्दर। पाश्चात्य = पश्चिमी देशों का। जननी = माता। चक्र = पहिया, गोलाकार चीज। पुष्पवेणी = फूलों की माला या गुच्छा।

    RBSE Solution for Class 8 Hindi

    2 लेखिका को डॉ० चंद्रा देवांगना सी क्यों लगी ?`?

    लेखिका को डॉ० चन्द्रा देवांगना सी क्यों लगी? जीवन जी रही थी। इसलिए उसे देवांगना-सी लगी

    डॉ चंद्रा को मेडिकल में प्रवेश क्यों नहीं मिला?

    उत्तर : डॉ. चन्द्रा के प्रोफेसर ने कहा था डॉ. चन्द्रा मेडिकल पढ़ना चाहती थी वह एक सफल शल्य चिकित्सक बनना चाहती थी पर उसका निचला धड़ निर्जीव है इसलिए डॉ. चन्द्रा को मेडिकल में प्रवेश नहीं मिला

    मैं चाहती हूँ कि मुझे कोई सामान्य सा सहारा भी न दे यह कैसे संभव हो पाया?

    (ख) मैडम, मैं चाहती हूँ कि कोई मुझे सामान्य-सा भी सहारा न दे। (ग) चिकित्सा ने जो खोया, वह विज्ञान ने पाया। आशय-लेखिका का कथन सही है क्योंकि चिकित्सा ने डॉ. चन्द्रा की अपंगता को ठीक नहीं किया जबकि विज्ञान के क्षेत्र में डॉ.

    डॉक्टर चंद्रा लेखिका से क्या करने के लिए कहती थी?

    3. अपंगता क्या होती है?