बादलों को बरसते देख कभी का मन क्या करने को करता है? - baadalon ko barasate dekh kabhee ka man kya karane ko karata hai?

1. कवि बादल में किसका स्वर सुनता है?

(क) रूदन

(ख) क्रांति

(ग) वेदना

(घ) इनमें से कोई नहीं

► (ख) क्रांति

2. किस महीने में चारों तरफ हरियाली छा जाती है?

(क) फागुन

(ख) माघ

(ग) वैशाख

(घ) अषाढ़

► (क) फागुन

3. कवि के अनुसार किसके केश सुंदर, काले और घुँघराले हैं?

(क) प्रेयसी के

(ख) बादल के

(ग) धरती के

(घ) इनमें से कोई नहीं

► (ख) बादल के

4. कविता में जल का बरसना किसका प्रतीक है?

(क) बारिश होना

(ख) शांति और सुख की स्थापना

(ग) प्यास बुझना

(घ) इनमें से कोई नहीं

► (ख) शांति और सुख की स्थापना

5. ‘तप्त धरा’ का सांकेतिक अर्थ क्या है?

(क) गर्म धरती

(ख) सूखी धरती

(ग) दुखों से पीड़ित धरती

(घ) इनमें से कोई नहीं

► (ग) दुखों से पीड़ित धरती

6. कवि ने ‘निदाघ’ अर्थात् भीषण गर्मी से किसकी ओर इशारा किया है?

(क) अधिक गर्मी

(ख) सांसारिक कष्ट

(ग) असफलता

(घ) इनमें से कोई नहीं

► (ख) सांसारिक कष्ट

7. फागुन मास में कैसी हवाएँ चल रही हैं?

(क) शुष्क

(ख) नमीयुक्त

(ग) मादक

(घ) मंद-मंद

► (ग) मादक

8. कवि ने बादलों का आह्वान करते हुए उनसे क्या करने का आग्रह किया है?

(क) न बरसने का

(ख) बरसने का

(ग) गरजने का

(घ) इनमें से कोई नहीं

► (ख) बरसने का

9. बादल को कवि ने गरजने के लिए कहा है, जिससे कि वातावरण में-

(क) जोश और क्रांति फ़ैल सके|

(ख) गर्मी समाप्त हो सके|

(ग) बच्चे डर जाए|

(घ) इनमें से कोई नहीं

► (क) जोश और क्रांति फ़ैल सके|

10. कविता में बादल किसका प्रतीक है?

(क) भावनाओं का

(ख) सुख का

(ग) दुःख का

(घ) क्रांति का

► (घ) क्रांति का

11. फागुन मास के कारण लोगों के चेहरे पर क्या है?

(क) मायूसी

(ख) डर

(ग) दुःख

(घ) ख़ुशी

► (घ) ख़ुशी

12. ‘धाराधर’ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?

(क) पृथ्वी

(ख) आकाश

(ग) समुद्र

(घ) बादल

► (घ) बादल

13. बादल अपनी गर्जन-तर्जन से किसे घेर लेता है?

(क) समुद्र को

(ख) पृथ्वी को

(ग) आकाश को

(घ) इनमें से कोई नहीं

► (ग) आकाश को

14. कविता ‘अट नहीं रही है’ में किस ऋतु के प्राकृतिक सौदर्य का चित्रण किया गया है?

(क) ग्रीष्म ऋतु

(ख) वर्षा ऋतु

(ग) शरद ऋतु

(घ) वसंत ऋतु

► (घ) वसंत ऋतु

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मनभावन सावन कविता का अर्थ समत पाशों की व्याख्या

झमे-झम …………………………… बूंदें झलमल।

संदर्भ:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘मनभावन सावन’ नामक कविता से ली गई हैं। (UPBoardSolutions.com) इसके रचयिता सुमित्रानन्दन पन्त हैं।

प्रसंग:
प्रस्तुत कविता में कवि ने सावन के बरसते बादल का मनोरम चित्र खींचा है। कविता के अन्त में कवि ने जन-जन के जीवन में सावन का उल्लास भरने की कामना की है।

व्याख्या:
प्रस्तुत कविता में कवि ने सावन के बरसते बादल का मनोरम चित्र खींचा है। कवि कहता है कि सावन के बादल झम झम करके तेज वर्षा करते हैं। बादलों की बूंदें पेड़ों पर गिरती हैं और उनसे
छनकर पृथ्वी पर छम-छम की आवाज करके गिरती हैं। बादल से चमचम करके बार-बार बिजली चमकती है। दिन में अँधेरा हो जाता है और आदमी रुक-रुक कर सोचने लगता है, मानो स्वप्न देख रहा हो। ताड़ के पत्ते पंखों से नजर आते हैं, लम्बी-लम्बी अँगुलियाँ (UPBoardSolutions.com) और हथेली के साथ उन पर पानी की धार तड़-तड़ करके पड़ती है। हाथ और मुँह से बूंदें झिल-मिल करती हुई उप-टप गिरती हैं।

नाच रहे पागल …………………….. भरते गर्जन।

संदर्भ एवं प्रसंग: पूर्ववत्।

व्याख्या:
कवि ने सावन के बरसते बादलों का मनोरम चित्र खींचा है। वर्षा के कारण पीपल के पत्ते मानो ताली बजाकर नाच रहे हैं और नीम की पत्तियाँ आनन्दित हो झूम रही हैं। हरसिंगार के फूल झर रहे हैं और बेलों की कली प्रत्येक क्षण बढ़ रही है। (UPBoardSolutions.com) ऐसी सुखद हरियाली में मेंढकों की टर-टर और झिल्ली की झन-झन, मोर की ‘म्याव’ और पपीहे की ‘पीट-पीउ’ सुनाई देती है। बगुले सुखी होकर अपनी बोली बोलकर उड़ रहे हैं। बादल घुमड़-घुमड़ कर आ रहे हैं और आकाश को अपनी गर्जना से भर दिया है।

रिमझिम-रिमझिम ……………………. सावन मनभावन।

संदर्भ एवं प्रसंग: पूर्ववत्।

व्याख्या:
कवि ने बरसते बादलों का सुन्दर चित्रण किया है, रिमझिम करके बूंदें आवाज कर रही हैं, मानो कुछ कह रही हैं। उससे रोमांच हो जाता है और हृदय पर प्रभाव पड़ता है। पानी की गिरती धाराओं से धरती के कण-कण में हरे-भरे अंकुर फूट रहे हैं। कवि का मन पानी की धार रूपी रस्सी के सहारे झूलना चाहता है और सबके द्वारा घिरकर उनसे सावन के गीत गाने को कहता है। कवि इन्द्रधनुष के झूले में सबको मिलकर झूलने के लिए कहता है (UPBoardSolutions.com) और कामना करता है कि यह मन को अच्छा लगने वाला सावन बार-बार आकर जीवन को सुखी बनाए।

Manbhavan Sawan प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को

मनभावन सावन प्रश्न 1:
निम्नलिखित शब्दों की सहायता से एक कविता स्वयं बनाइए
बादल, बरसात, पानी, बिजली, हरियाली, दादुर, मोर, पंख, फुहार, काले।
उत्तर:
बरसात आई, बरसात आई
काले बादल घिरकर आए।
मनभावन हरियाली लाए।।
बिजली चमक रही घन माही।
छम-छम बरस रहा है पानी।। (UPBoardSolutions.com)
नन्हीं-नन्हीं पड़े फुहार।
मोर नाचता पंख पसार।।
दादुर-ध्वनि चहुंओर सुहाई।
बरसात आई, बरसात आई।।

Manbhavan Sawan Poem Question Answer प्रश्न 2:
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

Manbhavan Sawan Kavita प्रश्न 3:
नोट– विद्यार्थी स्वयं करें।

मनभावन सावन कविता का भावार्थ विचार और कल्पना

मनभावन सावन के प्रश्न उत्तर प्रश्न 1:
कविता को पढ़कर आप के मन में (UPBoardSolutions.com) सावन का जो चित्र उभरता है, उसे लिखिए।
उत्तर:
कविता को पढ़कर मन में सावन की हरियाली का चित्र उभरता है।

Manbhavan Sawan Question Answers प्रश्न 2:
सावन में चारों ओर हरियाली फैल जाती है। दादुर, मोर, चातक, सोनबलाक सभी खुशी से बोलने लगते हैं। आपको सावन कैसा लगता है- दस-पन्द्रह पंक्तियों में लिखिए।
उत्तरे:
हमें सावन अच्छा लगता है। सावन में चारों ओर हरियाली छा जाती है। पेड़-पौधे और वनस्पतियाँ सभी हरे-भरे हो जाते हैं। गर्मी और सूखे रेत के दब जाने से राहत मिलती है। चारों ओर हँसी-खुशी का वातावरण होता है। (UPBoardSolutions.com) पशु-पक्षी, जीव-जन्तु सभी प्रसन्न रहते हैं। गरजते बादल अच्छे लगते हैं। उनमें चमकती बिजली देखकर बच्चे खुश होते हैं। नीम के वृक्ष हिलते हुए अच्छे लगते हैं। बच्चे और स्त्रियाँ सावन में झूले पर झूलती हैं और सावन के गीत गाती हैं। मेंढक, मोर, चातक और सोनबालक आदि पक्षी खुशी से अपनी-अपनी बोली बोलते हैं। प्रकृति में मनमोहक दृश्य दिखाई देता है, जो बच्चों को खुश करता है। नदी-नाले सब पानी से परिपूर्ण होते हैं।

कविता से

Manbhavan Sawan Question Answers Class 7 प्रश्न 1:
ताड़ के पत्ते किस रूप में दिखायी पड़ रहे हैं ?
उत्तर:
ताड़ के पत्ते पंखों के रूप में दिखाई दे रहे हैं जिनमें अंगुलियाँ और चौड़ी हथेली हैं।

मनभावन सावन कविता प्रश्न 2:
हरसिंगार और बेला के फलों पर सावन की बूंदों का क्या प्रभाव पड़ रहा है?
उत्तर:
हरसिंगार के फूल झर रहे हैं और बेला के (UPBoardSolutions.com) फूलों की कलियाँ प्रतिपल बढ़ रही हैं।

Manbhavan Sawan Kavita Ka Bhavarth प्रश्न 3:
निम्नलिखित भाव कविता की किन पंक्तियों में आये हैं?

(क) पीपल के पत्ते मानो ताली बजाकर नाच रहे हैं और नीम आनंदित हो झूम रही हैं।
उत्तर:
नाच रहे पागल हो ताली दे-दे चल-चल झूम-झूम सिर नीम हिलातीं सुख से विह्वल।

(ख) पानी की गिरती धाराओं से धरती के कण-कण में हरे-भरे
उत्तर:
धाराओं पर धाराएँ झरती धरती पर रज के कण-कण में तृण-तृण का पुलकावलि भर।।

Manbhavan Sawan Poem In Hindi प्रश्न 4:
निम्नलिखित पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए

(क) उड़ते सोनबलाक, आर्द-सुख से कर क्रन्दन।
भाव: बरसात में सुखी होकर आवाज करते हुए बगुले उड़ते हैं।

(ख) रोम सिहर उठते छूते वे भीतर अन्तर।
भाव:  बरसात को देखकर रोमांच होता है (UPBoardSolutions.com) जिसका दिल पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

(ग) फिर फिर आये जीवन में सावन मनभावन।
भाव:  मन को अच्छा लगने वाला सावन जीवन में बार-बार आए और जीवन में खुशियाँ भर दे।

Manbhawan Sawan प्रश्न 5:
कविता की अन्तिम पंक्तियों में कवि ने क्या इच्छा व्यक्त की है?
उत्तर:
कवि ने इच्छा व्यक्त की है कि मनभावन (UPBoardSolutions.com) सावन जीवन में बार-बार आए।

Manbhavan Sawan Poem भाषा की बात

Manbhavan Sawan Question Answers Class 8 प्रश्न 1:
‘झम-झम, झम-झम मेघ बरसते हैं सावन के’ – इसमें ‘झम-झम’ ध्वनि सूचक शब्द है। कविता में अन्य कई ध्वनि सूचक शब्दों का प्रयोग हुआ है, जिससे सावन की बरसात का बड़ा सहज एवं सरस चित्रण हुआ है। इस प्रकार के ध्वनि सूचक शब्दों को चुनकर लिखिए।
उत्तर:
छम-छम, तड़-तड़, टप-टप, चम-चम, थम-थम, झूम-झूम, घुमड़-घुमड़, झन-झन आदि।

मन भावन सावन प्रश्न 2:
कविता की उन पंक्तियों को चुनकर (UPBoardSolutions.com) लिखिए जिनमें अनुप्रास अलंकार है।
उत्तर:
झम-झम, झम-झम मेघ बरसते हैं, सावन के,
छम-छम-छम गिरती बूंदें तरुओं से छन के।

Class 7 Hindi Chapter 15 प्रोजेक्ट कार्य- विद्यार्थी स्वयं करें।

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बादलों को बरसते देख कवि का मन क्या करने को करता है?

उत्तर:- कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के लिए नहीं कहता बल्कि 'गरजने के लिए कहा है, क्योंकि कवि बादलों को क्रांति का सूत्रधार मानता है । 'गरजना' विद्रोह का प्रतीक है । कवि बादलों से पौरुष दिखाने की कामना करता है । कवि ने बादल के गरजने के माध्यम से कविता में नूतन विद्रोह का आहवान किया है।

कभी बादल से बरसने की प्रार्थना क्यों करते हैं?

उत्तर: कवि बादलों से प्रार्थना करता है क्योंकि उसे धरती की तपन बुझानी है। कवि के अनुसार धरती पर रहने वाले लोगों ने अत्यधिक कष्टों का सामना किया है, वे गर्मी के प्यासे हैं। वह बादलों के बरसने से धरती की प्यास बुझाकर उसे शीतल करना चाहता है।

कवि ने बादलों से क्या करने के लिए कहा है?

कवि बादल से गरजने के लिए कह रहे हैं क्योंकि 'गरजना' शब्द क्रान्ति विप्लव और विरोध का सूचक है। परिवर्तन के लिए आह्वान है। कवि को विश्वास है कि बादलों के गरजने से प्राणि जगत में नई स्फूर्ति और चेतना का संचार होगा।

कवि ने बादलों को मानव मन को सुख से भर देने वाला क्यों कहा है?

कवि कहता है कि चारों ओर वातावरण में बेचैनी व्याप्त थी, लोगों के मन भी दुःखी थे, इसलिए वह बादलों को कहता है-लोगों के मन को सुख से भर देने वाले बादलों ! आकाश को घेर घेर कर गरजो। संसार के सभी प्राणी भयंकर गर्मी के कारण बेचैन और उदास हो रहे हैं।