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भैंस दूध नहीं दे तो क्या करें?
इसे सुनेंरोकेंगाय-भैंस का दूध उतारने के लिए घातक ऑक्सिटोसिन इंजेक्शन की जगह पानी (डिस्टिल वाटर) का इंजेक्शन ही कारगर है। यह खोज चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के विशेषज्ञों ने की है
क्या खिलाने से दूध बढ़ता है?
इसे सुनेंरोकेंहरे चारे से दूध तो बढ़ता है, लेकिन उसमें चर्बी कम हो जाती है। इसके विपरीत यदि सूखा चारा/ भूसा खिलाया जाए तो दूध की मात्रा घट जाती है। इसलिए दुधारू जानवर को 60 फीसदी हरा चारा और 40 फीसदी सूखा चारा खिलाना चाहिए
भैंस चारा नहीं खा रही है क्या करें?
इसे सुनेंरोकेंसर्दी की वजह से भैंस ने चारा खाना छोड़ दिया है। पशु चिकित्सक को बताकर गोली ले आएं। कीड़े मारने की भी दवा भी खिलाएं
भैंस का दूध कितने रुपए लीटर है 2021?
इसे सुनेंरोकें49 रुपए प्रति लीटर हो जाएगा दूध रविवार से इसका दाम 49 रुपए लीटर हो जाएगा. वहीं भैंस के दूध का दाम 58 से बढ़कर 60 रुपए लीटर हो जाएगा
भैंस को दूध बढ़ाने के लिए क्या खिलाएं?
इसे सुनेंरोकेंगाय, भैंस का दूध बढ़ाने के लिए ऑक्सीटोसिन नामक इंजेक्शन धड़ल्ले से लगाया जा रहा है। इससे दूध गाढ़ा तो होता है लेकिन यह मनुष्य के लिए भी हानिकारक है। सूबे के अधिकांश जिलों में पशुपालक एवं डेयरी व्यवसायी इस इंजेक्शन का इस्तेमाल कर पशुओं पर अत्याचार कर रहे हैं।
दूध बढ़ाने के लिए क्या करें?
ब्रेस्ट में मिल्क बढ़ाने के अन्य तरीके
- स्तनपान करवाने वाली महिला को अधिक पानी, दूध और जूस पीना चाहिए।
- डिलीवरी के बाद दिन में थोड़ा-थोड़ा कर के पांच बार खाना खाएं।
- कैफीन युक्त चीजों का सेवन कम या बिल्कुल ना करें।
- शराब और तंबाकू से दूर रहें। इस समय दिनभर में 1800 से कम मात्रा में कैलोरी लें।
दुधारू पशु का दूध कैसे बढ़ाया जाए?
पशुओं में दूध की मात्रा को कैसे बढाएं?
- सबसे पहले दलिये, मैथी व गुड़ को पका ले, बाद मे उसमे नारियल को पीसकर डाल दे. ठण्डा होने पर खिलाये.
- ये सामग्री 2 महीने तक केवल सुबह खाली पेट ही खिलाये.
- इसे गाय को बच्चा देने से एक महीने पहले शूरू करना और बच्चा देने के एक महीने बाद तक देना.
भैंस को नमक खिलाने से क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंनमक पशुओं को आहार खाने में चाव भी उत्पन्न करता है। नमक से लार निकलने में सहायता मिलती है और लार से आहार के पचने में प्रोत्साहन मिलता है।
गर्भवती गाय को क्या खिलाना चाहिए?
इसे सुनेंरोकें} गाभिन गाय या भैंस को साधारणतया 25 से 30 किलोग्राम हरा चारा, दो से चार किलोग्राम सूखा चारा, दो से तीन किलोग्राम दाना एवं 50 ग्राम नमक रोज दें। } गाभिन पशु के ब्याने के करीब दो सप्ताह पहले अन्य पशुओं से अलग कर दें।
दूध का व्यापार कैसे करे?
इसे सुनेंरोकेंइसके लिए आपको पहले किसी दूध कंपनी से कॉन्ट्रेक्ट करना होता है और फिर उन्हें घर-घर से दूध इकट्ठा करके देना होता है. इस काम सहकारी संघ के द्वारा किया जाता है, जिसमें पहले कुछ लोग मिलकर एक समिति बनाते हैं. फिर कुछ गांवों पर एक कलेक्शन सेंटर मिलता है और उन्हें डेयरी की कंपनी की ओर से ही इसके लिए पैसा दिया जाता है
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गांवों में जाकर जगाई अलख, पशुओं को आॅक्सीटोसिन इंजेक्शन से दिलाई मुक्ति
जिलेमें पशुओं मेें दूध ज्यादा लेने की जिद में पशुआंे में बांझपन, गर्भपात होना इत्यादि बीमारियां जन्म ले रही थीं। एक सर्वे में पाया गया था कि जब दूधारु भैंस गाय का बछड़ा (पड़ा) मर जाता है तब भैंस या गाय दूध देना बंद कर देती है। इसको दूध में लाने के लिए जिले के करीब 80-90 फीसदी पशुपालक ऑक्सीटोसीन इंजेक्शन का प्रयोग कर रहे थे। ग्रामीण क्षेत्र के पशुपालकों में इंजेक्शन को लेकर यह भ्रांतिया थीं कि आक्सीटोसीन इंजेक्शन पशुओं के लिए रामबाण है। यह बिना बछड़े पड़े के दूध देने में मदद करता है। इस इंजेक्शन को ग्रामीण भाषा में दूध बढाने वाला, जिरकाने वाला (दोहन) या दुग्ध वाला इंजेक्शन कहा जाने लगा और इसी भ्रांति के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालक धडल्ले से इसका उपयोग पशुओं में करने में लगे हुए थे और दूधारु पशुओं को बांझ अनुपयोगी बनाते जा रहे थे। जिससे उनको हर वर्ष लाखों रुपए की आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा था, लेकिन अब पशुपालकों में जागरुकता पैदा कर पशुअों में इस इंजेक्शन के प्रति भ्रांतियां दूर की जा चुकी हैं।
क्याहै आॅक्सीटोसीन
जिलेके गांव गांव में अलख जगाकर इस इंजेक्शन को लेकर जो भ्रांति थी, उसे समझाकर दूर किया और इसके नुकसान बताए। उन्हें समझाया कि यह दूध बढाने वाला होकर मौत का इंजेक्शन है। पशुपालन वैज्ञानिक शिवमूरत मीणा ने पशुपालकों को प्रशिक्षणों के दौरान बताया कि आक्सीटोसीन प्रोस्टिरियर पिपटुटरी ग्रंथि के न्यूरो हाईप्रोफाईलिसिस से निकलने वाला एक हार्मोन है। यह हार्मोन मुख्य रुप से प्रसव के दौरान पशु की गर्भाशय पेशियों के संकुचन को बढाकर बच्चे के निकास की प्रक्रिया को सरल बनाता है। इसका दूध बढाने दूध दोहन की प्रक्रिया से दूर दूर तक कोई सरोकार नहीं है, लेकिन धौलपुर के पशुपालकों ने इसे दूध दोहन का मुख्य साधन बना लिया था।
विकल्प में बताई मिल्को फ्लेक्स गोली, 10 दिन बाद दूध सामान्य
अगरअापके पशु का बछडा मर जाता है ताे अाप दूध दोहन के लिए मिल्को फ्लेक्स गोली दूध निकालने से एक घंटा पहले दें। 10-15 दिन बाद गोली हटाकर एक कर दें। कुछ दिन बाद गोली बंद कर दंे। भैंस दूध निकालना प्रारंभ कर देगी। वहीं स्वादिष्ट बांट दूध निकालने के समय खिलाएं। तथा पशु काे प्यार से पीठ पर सहलाएं। भैंस बिना पड़े के लिए भी पूर्व की भांति दूध देना प्रारंभ कर देगी। इस तरह से करने से पशु को खतरनाक आक्सीटोसिन इंजेक्शन से बचाया जा सकता है। जिससे दूध पर पड़ने वाले विपरीत परिणामों से भी मुक्ति मिलती है। इसलिए पशु को इस तरह की आदत डाले जिससे पशु के साथ पशु से मिलने वाले दूध से पशुपालक को भी फायदा होगा।
इंजेक्शन का पशुओं मानव जीवन पर घातक प्रभाव
इसइंजेक्शन के प्रयोग से दूध बनाने वाली ग्रंथिया (ग्लांडस)फट जाती हैं पशु दूध देना बंद कर देता है। पशु शरीर में हार्मोन खनिज तत्वों का संतुलन बिगड जाने से पाचन अन्य शारिरिक क्रियाएं बिगडती हैं। इससे मादा पशु कभी गर्मी में समय पर नहीं अाते, गर्भपात हो जाता है। बच्चा अधूरा पैदा होता है। वहीं स्थाई बांझपन भी हो जाता है। अगर पशुपालक समय रहते नहीं समझता है तो उसे 80 हजार रुपए की दूधारु भैंस 800 रुपए में बेचनी पडेगी। वैज्ञानिक मीणा कहते हैं कि इस दूध के सेवन में इंसान में हदय रोग, मंदबृद्धिता, नपुसंकता। महिलाओं में स्तन कैंसर, गर्भपात बच्चेदानी में संक्रमण जैसी जानलेवा बीमारियां हो जाती हैं एवं रोग प्रतिरोधक की कमी हो जाती है।
धौलपुर. किसान ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन भरते हुए।