अमेरिका और चीन की लड़ाई में कौन जीतेगा? - amerika aur cheen kee ladaee mein kaun jeetega?

वारदात: दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध का खतरा! कौन जीतेगा वर्चस्व की लड़ाई?

वारदात: दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध का खतरा! कौन जीतेगा वर्चस्व की लड़ाई?

दो महाशक्तियां आमने-सामने हैं. दुनिया पर तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा है. वर्चस्व की इस जंग में अमेरिका दबाव में है. अमेरिका बड़ी कशमकश में है, वो रूस से लड़ेगा तो चीन मज़बूत हो जाएगा, चीन से लड़ेगा तो रूस मज़बूत हो जाएगा. एक ही वक्त में दोनों से लड़ने की अमेरिका की मौजूदा वक्त में फिलहाल हैसियत नहीं है तो क्या रुसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के सामने झुक जाएगा अमेरिका, या चीन को दबाने के लिए अमेरिका को रूस के साथ समझौता करना पड़ेगा. यूं भी देखें तो हथियारों के लिहाज़ से रूस से लड़ पाने की हैसियत यूक्रेन के पास नहीं है. बिना अमेरिका या नॉटो सेना के ये नामुमकिन है, लेकिन अमेरिका अपने अलग ही गुणा-भाग में लगा हुआ है. देखें वारदात.

Russia needed its partners to either vote against or abstain on the procedural vote at the UNSC to allow discussion on the situation on the Ukraine border. Watch the bulletin.

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बीजिंग
यूक्रेन को लेकर अमेरिका और रूस में जारी तनाव को और भड़काने के लिए अब चीन भी कूद पड़ा है। चीन की सरकारी मीडिया रूस के समर्थन में लगातार अमेरिका को उकसाने वाली बयानबाजी कर रही है। ग्लोबल टाइम्स, पीपुल्स डेली, सीजीटीएन और सोहू वेब पोर्टल अपने-अपने संपादकीय में लगातार अमेरिका को धमका रहे हैं। इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बात की है। उन्होंने वादा किया कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है, तो अमेरिका और उसके सहयोगी निर्णायक कार्रवाई करेंगे।

चीनी मीडिया ने अमेरिका को धमकाया
सोहू वेब पोर्टल ने चेतावनी दी है कि अगर पेंटागन (अमेरिकी रक्षा मंत्रालय) ने अपने एफ-36 लड़ाकू विमानों के जरिए काला सागर में रूस के खिलाफ हमला किया तो इसका करारा जवाब दिया जाएगा। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूस का अपग्रेडेड S-300PM-2 लंबी दूरी का एयर डिफेंस सिस्टम किसी भी विदेशी लड़ाकू विमान को मार गिराने में सक्षम है। यह भी कहा गया है कि इसका बेहतर रडार और अल्ट्रासेंसेटिव सेंसर 200 से 250 किलोमीटर की रेंज तक किसी भी घुसपैठिए को पहचान सकते हैं।

अमेरिका के एफ-35 के पास कोई हथियार नहीं
चीनी मीडिया की इस रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि अमेरिका के एफ-35 के पास कोई ऐसी मिसाइल नहीं है, जो इतनी दूरी तक मार कर सके। विशेषज्ञ के हवाले से बताया गया है कि ऐसा माना जाता है कि पूर्वी यूरोप में गहराते संकट को देखते हुए अमेरिका और नाटो बड़ी लड़ाई करने से बचेंगे। वे अपने एफ-35 लड़ाकू विमानों के जरिए एयर स्ट्राइक का रास्ता अपना सकते हैं।

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ग्लोबल टाइम्स ने रूसी एयर डिफेंस सिस्टम का नाम गिनाया
इतना ही नहीं, ग्लोबल टाइम्स ने भी अपने संपादकीय में चेतावनी दी है कि रूस के पास इतने शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम हैं कि अमेरिका और बाकी पश्चिमी देश चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते हैं। चीनी मीडिया ने रूस के एस-400, एस-500, एस-550, अपग्रेडेड एस-300 का जिक्र किया गया है। इसके अलावा भी रूस के पास कई ऐसे शॉर्ट रेंज और मीडियम रेंज के एयर डिफेंस सिस्टम हैं, जो अमेरिका को पटखनी दे सकते हैं।

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रूसी उप विदेश मंत्री ने दी परमाणु युद्ध की चेतावनी
रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा कि 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट को एक भयानक परमाणु युद्ध के साथ दोहराने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर चीजें वैसी ही जारी रहती हैं तो परमाणु युद्ध को देखना संभव है। दुनिया में परमाणु हथियारों के मामले में रूस और अमेरिका लगभग बराबर हैं। रूस के पास ऐसी हाइपरसोनिक मिसाइलों का जखीरा है, जिसे अमेरिकी एयर डिफेंस सिस्टम के लिए रोकना लगभग नामुमकिन है।

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यूक्रेनी रक्षा मंत्री बोले- हमले की तैयारी में है रूस
यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने दावा किया कि उनके देश की तरफ से हालात को बिगाड़ने वाली कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर रूस हमला करता है तो यूक्रेन जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने बताया कि हमारी खुफिया एजेंसी ने सबसे बुरे हालातों का विश्लेषण किया है। इसमें यह पता चला है कि रूस की ओर से बड़े स्तर पर आक्रामक कार्रवाई का डर बना हुआ है।

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चीन और अमेरिका में सबसे ताकतवर कौन है?

चीन का रक्षा बजट अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरे नंबर पर है. 2021 में उसने 270 अरब डॉलर रक्षा मद में खर्च किए, जबकि अमेरिका ने 768 अरब डॉलर. भारत तीसरे नंबर पर है और उसने 74 अरब डॉलर खर्च किए थे.

अमेरिका ने चीन को कब मान्यता दी?

1971 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने माओ के पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को एकमात्र चीन के रूप में मान्यता दी। इसके पीछे अमेरिकी कूटनीति का ही हाथ था।

रूस में युद्ध हुआ तो कौन जीतेगा?

अमेरिका बड़ी कशमकश में है, वो रूस से लड़ेगा तो चीन मज़बूत हो जाएगा, चीन से लड़ेगा तो रूस मज़बूत हो जाएगा. एक ही वक्त में दोनों से लड़ने की अमेरिका की मौजूदा वक्त में फिलहाल हैसियत नहीं है तो क्या रुसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के सामने झुक जाएगा अमेरिका, या चीन को दबाने के लिए अमेरिका को रूस के साथ समझौता करना पड़ेगा.

यूक्रेन और रशिया में कौन जीतेगा?

क्या यूक्रेनी सेना रूस को वहां खदेड़ने में सफल हो सकती है, जिन जगहों पर रूसी सेना का कब्‍जा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलेदिमीर जेलेंस्‍की ऐसा दावा तो जरूर करते हैं। यूक्रेनी राष्‍ट्रपति ने कई मौकों पर कहा है कि यूक्रेन निश्चित तौर पर इस युद्ध को जीतेगा

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