भारतीय समाज में नारी का क्या महत्व है? - bhaarateey samaaj mein naaree ka kya mahatv hai?

Bhartiya samaj aur nari ka mahatva essay in hindi

भारतीय समाज में नारी और पुरुष दोनों वर्ग के लोग रहते हैं । हमारे भारतीय समाज में नारी का विशेष रूप से महत्व है । भारतीय समाज में नारी को देवी का अवतार समझा जाता है , नारी की इज्जत की जाती है । 

भारतीय समाज में नारी का क्या महत्व है? - bhaarateey samaaj mein naaree ka kya mahatv hai?

भारतीय समाज में नारी सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है । किसी भी शुभ कार्य में नारी की भूमिका अहम होती है । नारी घर की लक्ष्मी होती है , नारी मां भी होती है और एक बहन भी होती है , नारी जीवनसंगिनी भी होती हैं और नारी बेटी भी होती है । यह नारी कई तरह से समाज में अपने कर्तव्यों को निभाती है । 

समाज में नारी का विशेष रूप से महत्व है । भारतीय समाज में समय के साथ कई कुर्तियां आई जिसकी वजह से समाज को काफी नुकसान हुआ । बाल विवाह प्रथा , दहेज प्रथा जैसी बुराइयों ने देश में कई समस्याएं उत्पन्न कर दी लेकिन धीरे-धीरे यह सभी बुराइयां दूर होती जा रही हैं । आजकल हम सभी को चाहिए कि हम नारी को विशेष रूप से महत्व दें । 

नारी को भी पुरुषों के समान अधिकार हैं । नारी पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर जीवन में आगे बढ़ सकती हैं । नारी किसी से कम नहीं है वह जीवन में अपने समाज के लिए अपने परिवार के लिए बहुत कुछ कर सकती है । आजकल महंगाई के दौर में नारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । 

वह पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर बाहर का कामकाज करके अपने परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत भी करती है । साथ में वह अपने बच्चों की देखभाल भी करती है । नारी अपने घर की जिम्मेदारी भी वह अच्छी तरह से निभाती है । इस तरह से हम देखें तो नारी की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका रही है । नारी किसी से भी कमजोर नहीं है । 

नारी सबसे बढ़कर है हम सभी के जीवन में नारी बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं । नारी के अंदर बहुत से ऐसे गुण होते हैं जिनकी वजह से परिवार और समाज तेजी से विकास की ओर आगे बढ़ता है ।

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समाज में नारी का क्या महत्व है?

भारतीय समाज में नारी को देवी का अवतार समझा जाता है , नारी की इज्जत की जाती है । भारतीय समाज में नारी सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है । किसी भी शुभ कार्य में नारी की भूमिका अहम होती है । नारी घर की लक्ष्मी होती है , नारी मां भी होती है और एक बहन भी होती है , नारी जीवनसंगिनी भी होती हैं और नारी बेटी भी होती है ।

भारतीय समाज में नारी का क्या स्थान है?

भारतीय समाज में नारी को लक्ष्मी देवी का रूप समझा जाता है। नर और नारी जीवन के दो पहिये माने जाते है। दोनों का समाज में समान महत्व होता है। प्राचीन भारत के समय नारी स्वतंत्र थी, महिलाओं पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबन्ध नहीं था।

भारतीय संस्कृति में नारी का क्या स्थान है?

नारी सृजनात्मक शक्ति का प्रतीक होने के साथ ही सनातन संस्कृति एवं परंपराओं की संवाहक होती हैं। आदिकाल से भारतीय संस्कृति में उनको काफी ऊंचा स्थान हासिल है। रानी लक्ष्मीबाई, जीजाबाई, अहिल्या एवं सावित्री जैसी अनेक नारियों ने अपनी क्षमता के बूते समय-समय पर इसको प्रमाणित करने का कार्य किया है।

परिवार में नारी का क्या महत्व है?

नारी के समुचित सहयोग से ही संतान के साथ ही पति एवं परिवार के वातावरण का निर्माण करती है। परिवार के स्तर एवं वातावरण को बनाने में सुसंस्कृत नारी की ही भूमिका होती है। परिवार के अन्य लोग उसके सहायक या सहयोगी मात्रा ही हो सकते हैं, निर्णायक नहीं। नारी को घर परिवार का उत्तरदायित्व विशेष रूप से सम्हालना होता है।