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अध्याय : 2. भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्राकतृतीयक क्षेत्राक का महत्वतृतीयक क्षेत्राक की वृद्धि के लिए उत्तरदायी कारक : नवीनतम लेख और ब्लॉग
Download Old Sample Papers For Class X & XII भारत में तृतीयक क्षेत्र अधिक महत्वपूर्ण क्यों होता जा रहा है?परिवहन, भण्डारण, संचार, बैंक सेवाएँ और व्यापार तृतीयक गतिविधियों के कुछ उदाहरण हैं। चूँकि ये गतिविधियाँ वस्तुओं के बजाय सेवाओं का सृजन करती हैं, इसलिए तृतीयक क्षेत्रक को सेवा क्षेत्रक भी कहा जाता है। सेवा क्षेत्रक में कुछ ऐसी अपरिहार्य सेवाएँ भी हैं, जो प्रत्यक्ष रूप से वस्तुओं के उत्पादन में सहायता नहीं करती हैं।
उत्पादन में तृतीयक क्षेत्र का क्या महत्व है?तृतीयक क्षेत्र – तृतीयक क्षेत्र प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्र को सहायता प्रदान करता है और यह उत्पादन प्रक्रिया के लिए भी सहायता प्रदान करता है। तृतीयक क्षेत्र को सेवा क्षेत्र भी कहा जाता है। तृतीयक गतिविधियों में वित्तीय सेवाएं, परिवहन, दूरसंचार, स्वास्थ्य सेवाएं, परामर्श, खुदरा आदि शामिल हैं।
तृतीय क्षेत्र को क्या कहा जाता है?इसके अन्तर्गत व्यापार, यातायात, संप्रेषण (कमुनिकेशन्स), वित्त, पर्यटन, सत्कार (हॉस्पितैलिटी), संस्कृति, मनोरंजन, लोक प्रशासन एवं लोक सेवा, सूचना, न्याय, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि आते हैं। . 13 संबंधों: न्याय, परिवहन, पर्यटन, मनोरंजन, लोक प्रशासन, शिक्षा, संचार, संस्कृति, स्वास्थ्य, सूचना, वित्त, विनिर्माण, व्यापार।
भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में तृतीयक छेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभा रहा है क्या आप इससे सहमत हैं?Solution : तृतीयक क्षेत्रक महत्त्वपूर्ण हैं। मैं उपयुक्त कथन से सहमत नहीं हूँ क्योंकि ये गतिविधियाँ प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रक के विकास में मदद करती हैं। ये गतिविधियाँ स्वतः वस्तुओं का उत्पादन नहीं करतीं, बल्कि उत्पादन प्रक्रिया में सहयोग या मदद करती हैं।
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