भारत माता कविता में भारत का कौन सा चित्र प्रस्तुत किया गया है? - bhaarat maata kavita mein bhaarat ka kaun sa chitr prastut kiya gaya hai?

भारत माता कविता में भारत का कैसा चित्र प्रस्तुत किया गया है?...

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भारत माता कविता में भारत का कौन सा चित्र प्रस्तुत किया गया है? - bhaarat maata kavita mein bhaarat ka kaun sa chitr prastut kiya gaya hai?

Rajeev Rajbhar

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भारत माता कविता में भारत को मात्र देवी का रूप बताया गया है इसको भारत माता नो करते मात्र रूप कहते हैं मां श्रीदेवी कहते हैं और जिसमें ने उग्र रूप में दिखाया गया

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भारत माता कविता में भारत का कौन सा चित्र प्रस्तुत किया गया है? - bhaarat maata kavita mein bhaarat ka kaun sa chitr prastut kiya gaya hai?

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भारत माता कविता में भारत का कौन सा चित्र प्रस्तुत किया गया है? - bhaarat maata kavita mein bhaarat ka kaun sa chitr prastut kiya gaya hai?

ऐसे और सवाल

प्रस्तुत कविता में कौन बन ठन कर आए हैं?...

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भारत माता कविता की व्याख्या करें?...

बहुत ही उपयुक्त और बहुत ही सटीक शब्दों के साथ अपने इस का व्याख्यान दियाऔर पढ़ें

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भारत माता कविता में किसका चित्र है?

भारतमाता शीर्षक कविता में पंत जी ने भारतीयों का कैसा चित्र खींचा है ? उत्तर :- प्रस्तुत कविता में कवि ने दर्शाया है कि परतंत्र भारत की स्थिति दयनीय हो गई थी। परतंत्र भारतवासियों को नंगे वदन, भूखे रहना पड़ता था। यहाँ की तीस करोड़ जनता शोषित-पीड़ित, मूढ, असभ्य, अशिक्षित, निर्धन एवं वृक्षों के नीचे निवास करने वाली थी।

भारत माता कविता का भावार्थ क्या है?

<br> कवि कहते हैं कि वैसे तो भारत माता की धरती बहुत ही उपजाऊ है, प्राकृतिक सम्पदा से समृद्ध है। किन्तु भारतवासी निर्धन हैं, उनका मन कुंठित है। कवि भारत माता को दु:ख की प्रतिमा के रूप में प्रस्तुत करने के बाद, भारतवासियों से आशा करते हैं कि अहिंसा, सत्य और तप-संयम के मार्ग पर चलकर अवश्य सफल होंगें।

भारत माता कविता का मूल भाव क्या है?

भारत माता दौनता से पीड़ित अपलक आँखें झुकाये हुए, होठों पर शान्त भाव से क्रन्दन करते, युगों की पराधीनता रूपी अंधकार से खिन्न मन होकर मानो अपने ही घर में प्रवासिनी हो गयी हैं। कवि तत्कालीन परिस्थितियों का जिक्र करते हुए कहते हैं, कि भारत माता की तीस करोड़ सन्तानों के पास तन बँकने को कपड़े तक नहीं हैं।

भारत माता कविता की दृष्टि से वर्तमान भारत में क्या परिवर्तन हुआ है?

इसमें उन्होंने भाग्यहीन तथा पीड़ित जनता का चित्रण किया है । कविता में यह पीड़ा थोड़ी देर बाद व्यक्त हुई ।