Research Journal of Humanities and Social Sciences (RJHSS) is an international, peer-reviewed journal, correspondence in the fields of arts, commerce and social sciences. The aim of RJHSS is to publishes Original research Articles, Short Communications, Review Articles in Linguistics, Commerce, Anthropology, Sociology, Geography, Economics, History, Environmental Studies, Business Administration, Home Science, Public Health, Political Science, Demography, Cultural Studies, Ethnography and Sociolinguistics. Show
The journal is published quarterly every year in last week of March, June, September and December. जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय लघु/सीमांत भूमि जोतों के लिए सिंचाई की सुविधाएंPosted On: 06 AUG 2018 7:14PM by PIB Delhi कृषि गणना वर्ष 2010-11 के अनुसार, विभिन्न आकार के वर्गों में परिचालन भूमि जोतों तथा निवल सिंचित क्षेत्र की अनुमानित संख्या निम्नलिखित हैः-
केन्द्र एवं राज्य के हिस्से दोनों के लिए सरकार द्वारा नाबार्ड के माध्यम से वित्त पोषण तंत्र की स्वीकृति की गई। इसमें लघु और सीमांत भूमि जोत भी शामिल हैं। यह जानकारी केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज राज्यसभा में दी। ****** वीके/आरआरएस/जीआरएस–9767 (Release ID:
1541826) Visitor Counter : 290 लघु जोतधारक तथा कृषि विपणन
प्रीलिम्स के लिये:कृषि जोत के प्रकार मेन्स के लिये:लघु जोतधारक तथा कृषि विपणन चर्चा में क्यों?COVID-19 महामारी के तहत लगाए गए लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था के अधिकांश क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित किया है, ऐसे में कृषि को पुन: आर्थिक विकास के इंजन और महत्त्वपूर्ण उपशामक के रूप में चर्चा के केंद्र में ला दिया है। प्रमुख बिंदु:
कृषि संबंधी सुधारों की घोषणा:
कृषि सुधारों का उद्देश्य:
लघु जोतधारकों की स्थिति:
लघु जोतधारकों की समस्याएँ:
सुधारों की आवश्यकता:विपणन प्रणाली तथा अवसंरचना में सुधार:
ई-मार्केटप्लेस जैसी पहलों की आवश्यकता:
उत्पादों की गुणवत्ता का निर्धारण:
गैर-अनाज फसलों संबंधी पहल:
पशुधन को महत्त्व:
अंतर-राज्य समन्वय:
निष्कर्ष:
स्रोत: इकनॉमिक टाइम्ससीमांत जोत का आकार कितना है?सीमांत (एक हेक्टेयर से कम जोत के साथ)
2015-16 की कृषि जनगणना के अनुसार, भारत में अधिकांश भूमि जोत 86 प्रतिशत छोटी और सीमांत है। वे आकार में दो हेक्टेयर से कम हैं, और इन परिवारों की आय पहले से ही उपभोग व्यय पर खर्च से कम है।
भारत में कृषि जोत का औसत आकार कितना है?स्रोत: : एसएएस, 2021 के आंकड़ों के आधार पर । 7.35 एसएएस रिपोर्ट, 2021 भी जोत के बढ़ते विखंडन को दर्शाती है जैसा कि चित्र 18 में छोटे किसानों की बढ़ती हिस्सेदारी से स्पष्ट है। घरेलू स्वामित्व वाले जोत का औसत आकार वर्ष 2003 में 0.725 हेक्टेयर से घटकर वर्ष 2013 में 0.592 हेक्टेयर और आगे 0.512 हेक्टेयर हो गया है।
भारत में छोटी भूमि जोत का औसत आकार क्या है?सही उत्तर 1-2 हेक्टेयर है।
भूमि जोत क्या है?किसी व्यक्ति को भू-स्वामी या भूमिधर, मौसमी काश्तकार या पट्टेदार के रूप में जितनी भूमि पर स्थायी और पैतृक अधिकार मिले, उसे भू-स्वामी की जोत कहते है । भूस्वामी की जोत तथा कृषक की जोत समान आकार की हो सकती है, अथवा भिन्न प्रकार की भी हो सकी हे ।
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