भारत में ईसाई धर्म के लोग
माना जाता है कि भारत में ईसाई धर्म की शुरुवात ईसा मसीह के बारह मूल धर्मदूतों में से एक थॉमस के सन ५२ में केरल में आने के बाद हुई। विद्वानों की सहमति है कि ईसाई धर्म निश्चित तौर पर ६वीं शताब्दी ईस्वी से भारत में स्थापित हो गया था। भारत की २०११ की जनगणना मे मुताबीक २.॰३% जनसंख्या ईसाई धर्म की है, जो की लगभग २ करोड़ ७० से ज्यादा होती है। Show सन्दर्भ[संपादित करें]
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भारत में ईसाई कितने प्रतिशत है?विद्वानों की सहमति है कि ईसाई धर्म निश्चित तौर पर ६वीं शताब्दी ईस्वी से भारत में स्थापित हो गया था। भारत की २०११ की जनगणना मे मुताबीक २. ॰३% जनसंख्या ईसाई धर्म की है, जो की लगभग २ करोड़ ७० से ज्यादा होती है।
ईसाई धर्म की जनसंख्या कितनी है?प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार इस अवधि में भारत में हर प्रमुख धर्मों की आबादी बढ़ी. हिंदुओं की आबादी 30 करोड़ से बढ़कर 96.6 करोड़, मुसलमानों की आबादी 3.5 करोड़ से बढ़कर 17.2 करोड़ और ईसाइयों की आबादी 80 लाख से बढ़कर 2.8 करोड़ हो गई.
विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या वाला धर्म कौन सा है?ईसाई धर्म; में लगभग 2.4 अरब अनुयायी हैं, जो कि लगभग 7.2 अरब लोगों में से हैं।. दुनिया की लगभग एक-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है और विश्व में सबसे बड़ा धर्म है, जिसमें कैथोलिक चर्च, प्रोटेस्टेंटिज़म और पूर्वी रूढ़िवादी चर्च होने वाले ईसाई में तीन सबसे बड़े समूह हैं।
भारत में ईसाई धर्म कौन लाया?मान्यता है कि भारत में ईसाई धर्म की शुरुआत सबसे पहल केरल के तटीय नगर क्रांगानोर से हुई. माना जाता है कि ईसा मसीह के 12 प्रमुख शिष्यों में से एक सेंट थॉमस 52 A.D में केरल के कोडुन्गल्लुर आए थे. भारत आने के बाद सेंट थॉमस ने 7 चर्च बनावाए. साथ ही कुछ दूसरे धर्म के लोगों को भी ईसाई धर्म स्वीकार करने के लिए राजी किया.
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