नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। कार चलाने के शौकीन तो सभी होते है, कुछ को स्पोर्टी कार पसंद है तो कुछ को माइलेज वाली, लेकिन क्या आपको मालूम है कि दुनिया में 14 ऐसी कार कंपनियां हैं जिनके आस-पास पूरा कार ब्रांड घूमता है। हम आपको ऐसी ही कार कंपनी और 54 पॉपुलर कार ब्रांड के बारे में बता रहे हैं। फॉक्सवैगन फॉक्सवैगन जर्मनी की कार उत्पादन कंपनी है। जिसका मुख्यालय वोल्फ़्सबर्ग, जर्मनी में है। कंपनी की स्थापना 28 मई 1937 हुई थी। यह अब विश्व में टोयोटा के बाद दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। गीली Geely एक चीनी बहुराष्ट्रीय मोटर वाहन कंपनी है। जिसका मुख्यालय हांग्जो में है। यह लंदन ईवी कंपनी और युआन चेंग ऑटो ब्रांड के तहत गीली ऑटो, कमल, लिंक एंड कंपनी, प्रोटन, और वोल्वो ब्रांड के तहत यात्री वाहन बेचता है। बीएमडब्ल्यू ग्रुप बीएमडब्ल्यू ऑटोमोबाइल, मोटरसाइकिल और इंजन का निर्माण करने वाली एक जर्मन कंपनी है। 1916 में स्थापित यह कंपनी लक्जरी वाहनों के लिए जानी जाती है। यह MINI (मिनी) ब्रांड की उत्पादनकर्ता एवं स्वामित्व वाली कंपनी है तथा रोल्स रॉयस मोटर कारों की भी मूल कंपनी है। पीएसए पीएसए फ्रांसीसी ऑटोमोबाइल बहुराष्ट्रीय कंपनी है। इसके तहत प्यूजोट, साइट्रॉन, डीएस, ओपेल ब्रांडों के तहत बेचे गए ऑटोमोबाइल आते हैं। प्यूजोट दुनिया भर में सबसे बड़ा पीएसए ब्रांड है, जबकि ओपेल यूरोप का सबसे बड़ा पीएसए ब्रांड है। पीएसए ने आने वाले वर्षों में भारतीय, अमेरिकी, कनाडाई, आसियान और अन्य बाजारों में प्रवेश करने की योजना की घोषणा की है। होंडा होंडा एक जापानी सार्वजनिक बहुराष्ट्रीय समूह है जो मुख्य रूप से निर्माता के रूप में जाना जाता है। यह ऑटोमोबाइल के साथ ही, विमान, और बिजली के उपकरण बनाता है। होंडा 1959 से दुनिया का सबसे बड़ा मोटरसाइकिल निर्माता रहा है। निसान निसान, एक बहुराष्ट्रीय ऑटोनिर्माता कंपनी है, इसका मुख्यालय जापान में है। पहले यह डैटसन ब्रांड के नाम से वाहनों का मार्केटिंग किया करता था और यह दुनिया के सबसे बड़े कार निर्माताओं में एक है। एफसीए फिएट क्रिसलर ऑटोमोबाइल वर्तमान में दुनिया का आठवां सबसे बड़ा ऑटो निर्माता है। इस ग्रुप को 2014 के अंत में फिएट और क्रिसलर को एक नई होल्डिंग कंपनी, फिएट क्रिसलर ऑटोमोबाइल में मर्ज करके स्थापित किया गया था। डेमलर डेमलर एक जर्मन कार कंपनी है। यह दुनिया की तेरहवीं सबसे बड़ी कार निर्माता और दूसरी सबसे बड़ी ट्रक निर्माता कंपनी है। ऑटोमोबाइल के अलावा डेमलर बसों का भी निर्माण करती है। फोर्ड फोर्ड एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कार निर्माता कंपनी है, इसकी स्थापना हेनरी फोर्ड ने की थी। कंपनी फोर्ड ब्रांड के तहत ऑटोमोबाइल और कमर्शियल वाहन बेचती है और लिंकन ब्रांड के तहत सबसे लक्जरी कारें बेचती है। टोयोटा टोयोटा एक जापानी मोटर वाहन निर्माण करने वाली कंपनी है। इसका मुख्यालय आएची, जापान के टोयोटा में है। टोयोटा मोटर्स वर्ष 2012 में दूसरी सबसे बड़ी यात्री वाहन निर्माण करने वाली कंपनी थी। टाटा टाटा मोटर्स भारत में व्यावसायिक वाहन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। इसका पुराना नाम टेल्को (टाटा इंजिनीयरिंग ऐंड लोकोमोटिव कंपनी लिमिटेड) था। यह टाटा समूह की प्रमुख कंपनियों में से एक है। इसकी उत्पादन इकाइयां भारत में जमशेदपुर (झारखंड), पुणे (महाराष्ट्र) और लखनऊ (उत्तर प्रदेश) सहित अन्य कई देशों में हैं। रेनो रेनो 1899 में स्थापित एक फ्रांसीसी बहुराष्ट्रीय ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनी है। कंपनी में कारों और वैन के अलावा ट्रक, ट्रैक्टर, टैंक, बसों/कोच वाहनों का निर्माण करती है। जनरल मोटर्स जनरल मोटर्स कंपनी जिसे आमतौर पर जनरल मोटर्स (जीएम) के रूप में जाना जाता है, एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी है, जिसका मुख्यालय डेट्रॉइट में है। यह गाड़ियों के साथ ही उनके पार्ट्स बनाती है और डिजाइन करती है। Show
Edited By: Pramod Kumar जागरण फॉलो करें और रहे हर खबर से अपडेट
भारत में वाहन उद्योग विश्व का सातवां सबसे बड़ा वाहन उद्योग है, जिसने वर्ष 2009 में 26 लाख इकाइयों का उत्पादन किया।[1] 2009 में, जापान, दक्षिण कोरिया और थाइलैंड के बाद भारत एशिया का चौथा सबसे बड़ा वाहन निर्यातक बन गया।[2] अनुमान है कि 2050 तक भारत की सड़कों पर 61.1 करोड़ वाहन होंगे जो विश्व में सर्वाधिक वाहन संख्या होगी। [3] 1991 भारत में शुरू हुए आर्थिक उदारीकरण के बाद, बढ़ती प्रतियोगिता और सरकार द्वारा नियमों को सरल बनाने के कारण भारतीय वाहन उद्योग ने लगातार वृद्धि की है। टाटा मोटर्स, मारुति सुज़ुकी एवं महिन्द्रा एंड महिन्द्रा जैसे भारतीय वाहन निर्माताओं ने अपने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय को बढ़ाया है। भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि के कारण भारत के घरेलू वाहन बाजार का विस्तार हुआ है और बहु-राष्ट्रीय वाहन निर्माता भारत-केन्द्रित निवेश के लिए आकर्षित हुए हैं।[4] फरवरी 2009 में भारत ने यात्री कारों की मासिक बिक्री 1 लाख कारों से अधिक रही। [5] भारत में वाहन उद्योग की शुरुआत 1940 के दशक में हुई। 1947 में आजादी के बाद, वाहन उद्योग को आपूर्ति करने के लिए, भारत सरकार और निजी क्षेत्र द्वारा वाहन के कल-पुर्जों के निर्माण हेतु उद्योग लगाने के प्रयास किए गए। हालांकि राष्ट्रीयकरण और निजी क्षेत्र के विकास में बाधा डालने वाले लाइसेंस राज के कारण तुलनात्मक रूप से 1950 और 1960 के दशक में इस उद्योग की वृद्धि दर धीमी रही। 1970 के बाद, वाहन उद्योग ने विकास करना आरंभ किया लेकिन यह विकास मुख्य रूप से ट्रैक्टरों, व्यावसायिक वाहनों और स्कूटरों के निर्माण में लक्षित हुआ। कारें अब भी बड़ी विलासिता की वस्तु बनी रही। जापानी वाहन निर्माताओं ने भारतीय बाजार में प्रवेश के प्रयास किए और आखिरकार मारुति उद्योग की स्थापना हुई। अनेक विदेशी फर्मों ने भारतीय कम्पनियों के साथ संयुक्त उद्यमों की स्थापना की। [6] 1980 के दशक में, कई जापानी निर्माताओं ने मोटरसाइकिलों एवं हल्के व्यावसायिक वाहनों के उत्पादन हेतु संयुक्त उद्यमों की स्थापना की। इसी समय भारत सरकार ने सुज़ुकी को छोटी कारों के निर्माण हेतु संयुक्त उद्यम स्थापित करने हेतु चुना। 1991 में शुरू हुए आर्थिक उदारीकरण के बाद और साथ ही लाइसेंस राज के धीरे-धीरे कमजोर होने पर कई भारतीय एवं बहु-राष्ट्रीय कार कम्पनियां भारतीय बाजार में उतरीं. तब से, घरेलू एवं निर्यात मांगों की पूर्ति हेतु वाहनों के पुर्जे बनाने वाले उद्योग और वाहन निर्माण उद्योग की वृद्धि लगातार होती रही है। < ref name=BBC-Auto/> भारत विश्व में छोटी कारों के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक बनकर उभरा है। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, भारत के मजबूत इंजीनियरिंग आधार और कम-लागत, इंधन-दक्ष कारों के निर्माण में विशेषज्ञता के कारण अनेक वाहन निर्माता कम्पनियों जैसे हुंडई मोटर्स, निसान, टोयोटा, वॉक्सवैगन तथा सुज़ुकी की उत्पादन सुविधाओं का विस्तार हुआ है।[7] 2008 में, अकेला हुंडई मोटर्स ने ही भारत में निर्मित अपनी 2,40,000 कारों का निर्यात किया। निसान मोटर्स की योज़ना 2011 तक अपने संयंत्र में बनी 2,50,000 कारों के निर्यात करने की है।[8] इसी प्रकार जनरल मोटर की योजना भारत में बनी 50,000 कारों के निर्यात की है।[9] सितम्बर 2009 में, फोर्ड मोटर्स ने 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की लागत से, 2,50,000 कारों की वार्षिक उत्पादन क्षमता वाले संयंत्र की स्थापना की अपनी योजना घोषित की है। कारों का निर्माण भारतीय बाजारों में बिक्री और साथ ही निर्यात के लिए किया जाएगा.[10] कम्पनी के अनुसार संयंत्र की स्थापना भारत को कम्पनी के भौगोलिक उत्पादन का केन्द्र बनाने की योजना का हिस्सा है।[11] फिएट ने भी घोषणा की है कि इसके द्वारा 1 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश वाहन के कल-पुर्जों का भारत से आयात करने के लिए किया जाएगा.[12] ब्लूमबर्ग एल. पी. के अनुसार 2009 में भारत ने एशिया के चौथे सबसे बड़े कार निर्यातक के रूप में उभर कर चीन को पीछे छोड़ दिया। [2] बिक्री के अनुसार भारत के बड़े वाहन निर्माताओं की क्रमानुसार सूची[संपादित करें]भारतीय वाहन क्षेत्र विदेशी ब्रांडों के स्थानीय निर्मित वाहन[संपादित करें]
सीबीयू (कम्प्लीटली बिल्ट यूनिट्स) के रूप में भारत में बेचा गया वाहन[संपादित करें]
* सीकेडी (CKD) के रूप में टोयोटा मोटर थाईलैंड कंपनी लिमिटेड से टोयोटा फॉरच्युनर आयातित है भारत में वाणिज्यिक वाहन निर्मातागण[संपादित करें]
भारत में बिजली के कार के निर्मातागण[संपादित करें]भारत में वाहन कंपनियां ऑटोमोटिव भारत साँचा:Cars in India साँचा:Economy of India related topics साँचा:Indianscience भारत में कार की कुल कितनी कंपनी है?टाटा मोटर्स, मारुति सुज़ुकी एवं महिन्द्रा एंड महिन्द्रा जैसे भारतीय वाहन निर्माताओं ने अपने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय को बढ़ाया है। भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि के कारण भारत के घरेलू वाहन बाजार का विस्तार हुआ है और बहु-राष्ट्रीय वाहन निर्माता भारत-केन्द्रित निवेश के लिए आकर्षित हुए हैं।
भारत की कार कंपनियां कौन कौन सी हैं?भारत की सर्वश्रेष्ठ ऑटोमोबाइल कंपनियां कौन सी हैं?. Tata Motors Ltd.. Mahindra & Mahindra Ltd.. Maruti Suzuki India Ltd.. Hero MotoCorp Ltd.. Ashok Leyland Ltd.. Bajaj Auto Ltd.. Eicher Motors Ltd.. TVS Motor Company Ltd.. भारत की सबसे बड़ी कार कंपनी कौन सी है?टाटा मोटर्स भारत की सबसे बड़ी (राजस्व के अनुसार) और दुनिया की अग्रणी ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक है, जो 175 से अधिक देशों को मोबिलिटी सॉल्यूशन प्रदान करती है। इसके पोर्टफोलियो में कारों, यूटिलिटी व्हीकल्स, ट्रकों और बसों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।
वर्ल्ड नंबर 1 कार कंपनी कौन सी है?Toyota Motor Corp. (TM) - टोयोटा ने 2021 के लिए दुनिया की सबसे बड़ी कार निर्माता का खिताब जीतकर 10.5 मिलियन से अधिक गाड़ियों की बिक्री की है।
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