भारत के राष्ट्रपति की योग्यताएंभारतीय संविधान के अनुच्छेद 58 के अनुसार कोई व्यक्ति राष्ट्रपति होने योग्य तब होगा, जब वह - Show
भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन प्रक्रियाभारतीय राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए निर्वाचक मंडल का उल्लेख भारतीय के अनुच्छेद अनुच्छेद 54 में है।
भारत के राष्ट्रपति का कार्यकाल
राष्ट्रपति पर महाभियोग प्रक्रिया
राष्ट्रपति के सैलरी एवं भत्ते
राष्ट्रपति की शक्तियां एवं अधिकारभारतीय संविधान के तहत भारत के राष्ट्रपति को अनेक प्रकार की शक्तियां एवं अधिकार प्राप्त है जैसे-
राष्ट्रपति की कार्यपालिका शक्तियांकेंद्र सरकार की समस्त शक्तियां राष्ट्रपति के हाथों में निहित होती है। राष्ट्रपति के नाम से देश की नीतियों का संचालन होता है। राष्ट्रपति को निम्न पदों पर नियुक्ति करने का अधिकार है -
राष्ट्रपति की विधायी शक्तियां
राष्ट्रपति की न्यायिक / क्षमादान शक्तियां
क्षमा :- दंड और बंदी कारण दोनों हटा दिया जाता है तथा दोषी को मुक्त कर दिया जाता है। प्रविलंवन :- राष्ट्रपति किसी धन पर रोक लगाता है ताकि दोषी व्यक्ति क्षमा याचना कर सके। परिहार :- दंड के स्वरूप में बिना परिवर्तन किए हुए उसकी अवधि कम कर दी जाती है। लघुकरण :- दंड के स्वरूप में परिवर्तन कर दिया जाता है।
राष्ट्रपति की सैन्य शक्तियां
राष्ट्रपति की विवेकी शक्तियांभारतीय संविधान के अनुसार राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करता है किंतु विशेष परिस्थितियों में उसे अपने विवेक से काम करना होता है वह स्थितियां निम्न है-
राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियांभारतीय संविधान में राष्ट्रपति को तीन स्थितियों में विशिष्ट आपातकालीन शक्तियां प्रदान की गई है:-
राष्ट्रपति की विटों शक्तियांराष्ट्रपति को तीन प्रकार की वीटो शक्तियां प्राप्त है:- Absolute Veto :- इस वीटो शक्ति के तहत राष्ट्रपति किसी विधेयक पर अपनी अनुमति नहीं देता है, अर्थात वह अपनी अनुमति को सुरक्षित रख सकता है। Suspension Veto :- इस वीटो शक्ति के अंतर्गत राष्ट्रपति किसी विधेयक को संसद के पास पुनर्विचार हेतु भेज सकता है। जेबी वीटो Pocket veto :- इस वीटो शक्ति के तहत राष्ट्रपति किसी विधेयक को अनिश्चितकाल के लिए अपने पास सुरक्षित रख सकता है अर्थात इस वीटो शक्ति का प्रयोग राष्ट्रपति द्वारा किसी विधेयक पर न अनुमति देता है, न ही अनुमति देने से इनकार करता है और न ही पुनर्विचार हेतु संसद के पास भेजता है। नोट :- विवादास्पद भारतीय डाक संशोधन विधेयक 1986 के संबंध में तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह द्वारा जेबी वीटो का प्रयोग किया गया भारत में किसी राष्ट्रपति द्वारा जेबी वीटो का यह प्रथम बार प्रयोग किया गया था। राष्ट्रपति शासन की सूची / लिस्ट
नोट :- वी. वी. गिरि 3 मई, 1969 ई. से 20 जुलाई, 1969 ई. तक न्यायमूर्ति मोहम्मद हिदायतुल्ला 20 जुलाई, 1969 ई. से 24 अगस्त, 1969 ई. तक एवं बी. डी. जत्ती 11 फरवरी, 1977 ई. से 22 जुलाई, 1977 ई. तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के पद पर रहे। राष्ट्रपति की शक्तियां एवं कार्य PDF Downloadराष्ट्रपति की शक्तियां एवं कार्य को ऑफलाइन पढ़ने के लिए नीचे दिए गए PDF Logo पर click कर डाउनलोड करें धन्यवाद... निष्कर्ष (Conclusion)दोस्तों हमें उम्मीद है कि राष्ट्रपति की शक्तियां एवं कार्य के अंतर्गत शामिल टॉपिक राष्ट्रपति की संवैधानिक स्थिति, राष्ट्रपति की निर्वाचन प्रक्रिया, राष्ट्रपति की योग्यता, राष्ट्रपति की सैलरी व भत्ते, राष्ट्रपति की कार्यकाल, राष्ट्रपति की निर्वाचन प्रक्रिया, राष्ट्रपति पर महाभियोग, राष्ट्रपति के कार्य एवं शक्तियां प्रक्रिया से संबंधित यह लेख आपके लिए फायदेमंद साबित हुआ होगा। सामान्य ज्ञान से जुड़ी नई-नई जानकारियां के लिए हमारा वेबसाइट www.MyNearExam.in विजिट करते रहे धन्यवाद राष्ट्रपति की शक्तियां और कार्य क्या क्या है?राष्ट्रपति को संसद सत्र आहूत, सत्रावसान करना एवं लोकसभा को भंग करने की शक्ति भी रखता है। नए राज्यों के निर्माण राज्य की सीमा में परिवर्तन संबंधित विधेयक, धन विधेयक या संचित निधि से व्यय करने वाला विधेयक एवं राज्य हित से जुड़े विधेयक बिना राष्ट्रपति के पूर्व अनुमति के संसद में प्रस्तुत नहीं होते हैं।
राष्ट्रपति की शक्तियां कितने प्रकार की होती है?राष्ट्रपति की विधायी शक्तियां. राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग होता है। ... . राष्ट्रपति लोकसभा का प्रथम सत्र को संबोधित करता है तथा संयुक्त अधिवेशन बुलाकर अभी भाषण देने की शक्तियां प्राप्त है।. राष्ट्रपति को संसद सत्र आहूत, सत्रावसान करना एवं लोकसभा को भंग करने की शक्ति भी रखता है।. राष्ट्रपति की न्यायिक शक्तियां कौन कौन सी है?संविधान का 72वाँ अनुच्छेद राष्ट्रपति को न्यायिक शक्तियाँ देता है कि वह दंड का उन्मूलन, क्षमा, आहरण, परिहरण, परिवर्तन कर सकता है। क्षमादान – किसी व्यक्ति को मिली संपूर्ण सजा तथा दोष सिद्धि और उत्पन्न हुई निर्योज्ञताओं को समाप्त कर देना तथा उसे उस स्थिति मे रख देना मानो उसने कोई अपराध किया ही नही था।
भारत में राष्ट्रपति का कार्यकाल कितना होता है?राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बिना भारत में कोई भी कानून लागू नहीं हो सकता है.
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