बहुभुज तथा चतुर्भुज की परिभाषा लिखिए तथा उदाहरण बताइए - bahubhuj tatha chaturbhuj kee paribhaasha likhie tatha udaaharan bataie

इस पेज पर हम बहुभुज की समस्त जानकारी को पड़ेगें तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए।

पिछले पेज पर हमने गोला की जानकारी शेयर की हैं तो उस आर्टिकल को जरूर पढ़े।

चलिए आज हम बहुभुज की जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।

  • बहुभुज क्या हैं
  • बहुभुज के प्रकार
    • 1. नियमित बहुभुज
    • 2. अनियमित बहुभुज
    • 3. उत्तल बहुभुज
    • 4. अवतल बहुभुज
  • बहुभुज के सूत्र

बहुभुज क्या हैं

बहुभुज तथा चतुर्भुज की परिभाषा लिखिए तथा उदाहरण बताइए - bahubhuj tatha chaturbhuj kee paribhaasha likhie tatha udaaharan bataie
बहुभुज

बहुभुज का क्षेत्रफल उसको कई त्रिभुजों या चतुर्भुजों या अन्य मानक आकृतियों में बांटकर निकाला जाता हैं। यदि बहुभुज में पाँच, छः या दस भुजाएँ हों, तो उसको क्रमशः पंचभुज, छट्भुज, दसभुज कहाँ जाता हैं। रेखा खंड से घिरी आकृति के प्रत्येक भाग को बहुभुज की भुजा कहा जाता हैं।

बहु + भुज = बहुभुज संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर से बना हैं। जिसमे बहु का अर्थ “अनेक” एवं भुज का अर्थ “भुजा” होता हैं।

दूसरे शब्दों में ऐसी आकृति जो तीन या तीन से अधिक भुजाओं या रेखाखंडो से मिलकर बनी हो उसे बहुभुज कहते हैं। त्रिभुज, चतुर्भुज, पंचभुज, अष्टभुज आदि बहुभुज के अंतर्गत आते हैं।

बहुभुज के प्रकार

इसे मुख्यतः चार वर्गों में विभाजित किया जाता हैं।

  • नियमित बहुभुज
  • अनियमित बहुभुज
  • उत्तल बहुभुज
  • अवतल बहुभुज

1. नियमित बहुभुज

किसी भी बहुभुज के सभी भुजाएँ एवं कोण एक दुसरें से बराबर माप के हो, तो उसे नियमित बहुभुज कहा जाता हैं।

जैसे :- वर्ग, समबाहु त्रिभुज आदि।

2. अनियमित बहुभुज

यदि किसी बहुभुज के सभी भुजाएँ एवं कोण अलग-अलग माप के हो, तो उसे अनियमित बहुभुज कहा जाता हैं।

जैसे :- विषमबाहु त्रिभुज, आयत, पतंगाकार, आदि।

3. उत्तल बहुभुज

ऐसा बहुभुज जिसके प्रत्येक कोण 180 डिग्री से कम हो, उसे उत्तल बहुभुज कहा जाता हैं।

4. अवतल बहुभुज

यदि किसी बहुभुज के एक या एक से अधिक कोणों का माप 180 डिग्री से अधिक हो, तो उसे अवतल बहुभुज कहा जाता हैं।

बहुभुज के सूत्र

  • n भुजा वाले चतुर्भुज का अन्तः कोणों का योग = 2(n – 2) × 90°
  • n भुजा वाले बहुभुज के बहिष्कोणों का योग = 360°
  • n भुजा वाले समबहुभुज का प्रत्येक अन्तः कोण = [2(n – 2) × 90°] / n
  • n भुजा वाले समबहुभुज का प्रत्येक भहिष्यकोण = 360°/n
  • बहुभुज की परिमिति = n × एक भुजा
  • नियमित षट्भुज का क्षेत्रफल = 6 × ¼√3 (भुजा)²
  • नियमित षट्भुज का क्षेत्रफल = 3√3×½ (भुजा)²
  • नियमित षट्भुज की परिमति = 6 × भुजा
  • समषट्भुज की भुजा = परिवृत की त्रिज्या
  • n भुजा वाले नियमित बहुभुज के विकर्णो की संख्या = n(n – 3)/2

जरूर पढ़िए :

  • घन
  • घनाभ
  • शंकु
  • बेलन

उम्मीद हैं आपको बहुभुज की जानकारी पसंद आयी होगी।

यदि आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

बहुभुज, सरल रेखाओं से घिरी द्वि-आयामी ज्यामितीय आकृति है जिसकी भुजाओं की संख्या सिमित होती है. रेखाओं या रेखाखंड से घिरी लगभग सभी ज्यामितीय आकृति बहुभुज के रूप में परिभाषित किया जाते है. मुख्यरूप से, Bahubhuj की भुजाएँ सीधी रेखा के खंड से बनी होती हैं जो एक दूसरे से अंत तक जुड़ी रहती हैं.

bahubhuj में रेखाखंडों को भुजा या किनारा कहा जाता है. वह बिंदु जहां दो रेखा खंड एक दुसरें से मिलते हैं, शीर्ष कहलाते हैं. भुजाओं के मिलान से कोण का निर्माण होता है जिसे बहुभुज का कोण कहा जाता है.

ज्यामितीय में बहुभुज का प्रयोग प्रतियोगिता एग्जाम एवं क्लास 8th से 12th तक के प्रशों को हल करने के लिए किया जाता है. Bahubhuj का फार्मूला, परिभाषा एवं गुण सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, इसलिए, सभी तथ्यों को यहाँ उपलब्ध कराया गया है.

  • बहुभुज की परिभाषा | Polygon in Hindi
    • बहुभुज का प्रकार | Types of Polygon in Hindi
      • नियमित बहुभुज
      • अनियमित बहुभुज
      • उत्तल बहुभुज
      • अवतल बहुभुज
    • बहुभुज का फार्मूला | Polygon Formula in Hindi
    • महत्वपूर्ण बहुभुजों के नाम, विकर्ण, भुजा एवं कोण
    • बहुभुज का गुण | Properties of Polygon
    • बहुभुज से सम्बंधित आवश्यक बातें

बहुभुज की परिभाषा | Polygon in Hindi

Bahubhuj एक समतल सतह पर समित भुजाओं से घरी एक ऐसी ज्यामितीय आकृति है, जिसमे दो भुजा मिलकर एक शीर्ष का निमार्ण करते है. जिसे बहुभुज कहते है. रेखा खंड से घिरी आकृति के प्रत्येक भाग को बहुभुज की “भुजा” कहा जाता है.

बहुभुज संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर यानि “बहु + भुज” से बना है, जिसमे “बहु” का अर्थ “अनेक” एवं “भुज” का अर्थ “भुजा” होता है.

सरल शब्दों में, वैसी आकृति जो तीन या तीन से अधिक भुजाओं या रेखाखंडो से मिलकर बना हो, उसे बहुभुज कहते है. त्रिभुज, चतुर्भुज, पंचभुज, अष्टभुज आदि बहुभुज के अंतर्गत परिभाषित किए जाते है.

अवश्य पढ़े,

बहुभुज का प्रकार | Types of Polygon in Hindi

गणितज्ञों के अनुसार बहुभुज का प्रकार बहुत है. लेकिन प्रयोग के अनुसार इसे मुख्यतः दो वर्गों में विभाजित किया जाता है. लेकिन आप यहाँ चार प्रकार के बहुभुज के विषय में अध्ययन करेंगे. जो एग्जाम के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है.

  1. नियमित बहुभुज
  2. अनियमित बहुभुज
  3. उत्तल बहुभुज
  4. अवतल बहुभुज

नियमित बहुभुज

किसी भी बहुभुज के सभी भुजाएँ एवं कोण एक दुसरें से बराबर माप के हो, तो उसे नियमित बहुभुज कहा जाता है. जैसे; वर्ग, समबाहु त्रिभुज आदि.

अनियमित बहुभुज

यदि किसी बहुभुज के सभी भुजाएँ एवं कोण अलग-अलग माप के हो, तो उसे अनियमित बहुभुज कहा जाता है. जैसे; उदाहरण के लिए, विषमबाहू त्रिभुज, आयत, पतंगाकार, आदि.

उत्तल बहुभुज

वैसा बहुभुज जिसके प्रत्येक कोण 180 डिग्री से कम हो, उसे उत्तल बहुभुज कहा जाता है.

अवतल बहुभुज

यदि किसी बहुभुज के एक या एक से अधिक कोणों का माप 180 डिग्री से अधिक हो, तो उसे अवतल बहुभुज कहा जाता है.

Note:
किसी भी बहुभुज में तीन या तीन से अधिक भुजाएँ हो सकते है.

बहुभुज का फार्मूला | Polygon Formula in Hindi

प्रश्न को हल करने के लिए उदेश्य से कुछ महत्वपूर्ण फार्मूला का प्रयोग किया जाता है. जो इस प्रकार है;

1. बहुभुज के कुछ अंतः कोणों का योग = (n – 2) × 180°

2. समबहुभुज के प्रत्येक अंतः कोण = (n – 2) / 2 × 180°

3. समबहुभुज के प्रत्येक बहिष्कोण = 360 / n, (जहाँ n भुजाओं की संख्या है)

4. बहुभुज के कुल बहिष्कोण का योग = 360

5. बहुभुज के विकर्ण की संख्या = n(n – 3)/2

गणित से सम्बंधित महत्वपूर्ण पोस्ट,

महत्वपूर्ण बहुभुजों के नाम, विकर्ण, भुजा एवं कोण

बहुभुज, जो अत्यधिक मात्रा में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों द्वारा प्रश्न हल करने के लिए किया जाता है. शिक्षकों के विशेष निर्देश पर यह जानकारी प्रदान किया जा रहा है. जो विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है.

बहुभुज के नाम भुजाओं की संख्या  विकर्ण की संख्या आंतरिक कोण
त्रिभुज 3 0 60°
चतुर्भुज 4 2 90°
पंचभुज 5 5 108°
षट्‍भुज 6 9 120°
सप्तभुज 7 14 128.571°
अष्टभुज 8 20 135°
नौभुज 9 27 140°
दसभुज 10 35 144°
एकादसभुज 11 44 147.273°
द्वादशभुज 12 54 150°
त्रयोदसभुज 13 65 152.308°
चतुर्दसभुज 14 77 154.286°
पंचदसभुज 15 90 156°
n भुजा n n (n – 2) × 180° / n

बहुभुज का गुण | Properties of Polygon

  • अलग-अलग बहुभुज में विकर्णों की संख्या अलग होती है.
  • समबहुभुज के सभी भुजाएँ एवं कोण समान होते है.
  • बहुभुज का कोई भी कोण पूर्ण नही होता है.
  • किसी बहुभुज के अंत: कोणों का योगफल, बाह्य कोणों के योगफल से बड़ा होता है.
  • त्रिभुज ही एक ऐसा बहुभुज है जिसके अंत: कोणों का योग बाह्य कोणों के योग का आधा होता है.
  • Bahubhuj में भुजाओ की संख्या = 360° / प्रत्येक बाह्य कोण

बहुभुज से सम्बंधित आवश्यक बातें

Bahubhuj का अर्थ अनेक भुजाओं वाली वैसी आकृति है जिसमे तीन या तीन से अधिक रेखा या रेखाखंड स्थिर हो. सामान्यतः बहुभुज में भुजाओं की संख्या के आधार पर उनका नामकरण किया जाता है. जैसे, त्रिभुज, अष्टभुज, दसभुज आदि.

यहाँ बहुभुज के फार्मूला, परिभाषा एवं गुण विशेष नियमों के आधार पर दिया गया है, जो जल्द स्मरण हो जाता है. उम्मीद है आपको पसंद आएगा और आप इसे स्मरण भी रखेंगे.

Hey, मैं Jikesh Kumar, Focusonlearn का Author & Founder हूँ. शिक्षा और शिक्षण शैली को सम्पूर्ण भारत में प्रसार के लिए हम अन्तःमन से कार्यरत है. शिक्षा एवं सरकारी योजना से सम्बंधित सभी आवश्यक जानकारी इस वेबसाइट के माध्यम से प्रदान किया जाता है जो शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देने में सक्षम है.

चतुर्भुज को परिभाषित कैसे करें?

चार सरल रेखाओं से घिरी बन्द आकृति को चतुर्भुज (Quadrilateral) कहते हैं। यूक्लिडियन समतल ज्यामिति में, चतुर्भुज एक बहुभुज है जिसमें चार किनारे (या भुजा) और चार शीर्ष (या कोने) होते हैं।

बहुभुज से आप क्या समझते है वर्णन कीजिए?

बहुभुज (Polygon) एक समतल सतह पर बनी ज्यामितीय आकृतियों का सामान्य नाम है। बहुभुज कई सरल रेखाओं से बंद होता है। इन सरल रेखाओं को बहुभुज की 'भुजा' कहते हैं। जहां दो भुजाएँ मिलती हैं वह कोण कहलाता है।

बहुभुज का सूत्र क्या है?

बहु + भुज = बहुभुज संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर से बना हैं। जिसमे बहु का अर्थ “अनेक” एवं भुज का अर्थ “भुजा” होता हैं। दूसरे शब्दों में ऐसी आकृति जो तीन या तीन से अधिक भुजाओं या रेखाखंडो से मिलकर बनी हो उसे बहुभुज कहते हैं। त्रिभुज, चतुर्भुज, पंचभुज, अष्टभुज आदि बहुभुज के अंतर्गत आते हैं।

बहुभुज कितने प्रकार के होते हैं?

बहुभुज, मुख्य रूप से 2 प्रकार के होते हैं:.
सम बहुभुज- वह बहुभुज, जिसमें समान भुजाएँ और समान कोण हों। आमतौर पर, परीक्षा में सम बहुभुज से प्रश्न पूछे जाते हैं।.
विषम बहुभुज – जिसमें भुजा और कोण असमान हो।.