बच्चेदानी की सूजन को एंडोमेट्राइटिस कहते हैं. यह गर्भाशय की ऐसी स्थिति है, जिसमें संक्रमण की वजह से बच्चेदानी में सूजन आ जाती है. इस समस्या की वजह से महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यह महिलाओं में इनफर्टिलिटी के मुख्य कारणों में से एक है. Show
बच्चेदानी की सूजन के कारण महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान पेल्विक में दर्द होता है, यह सबसे आम लक्षणों में से एक है. इसके अलावा, कई महिलाओं को पेट में ऐंठन और गंभीर दर्द का भी सामना करना पड़ सकता है. बच्चेदानी की सूजन में होने वाली समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आप घरेलू उपायों का सहारा ले सकते हैं. आज हम इस लेख में बच्चेदानी की सूजन के घरेलू उपायों के बारे में विस्तार से जानेंगे - (और पढ़ें - बच्चेदानी बाहर निकलना)
बच्चेदानी में सूजन के घरेलू उपाय के डॉक्टर बच्चेदानी की सूजन के घरेलू उपायबच्चेदानी की सूजन में होने वाली परेशानी को दूर करने के लिए आप निम्न प्रभावी घरेलू उपाय कर सकते हैं - हीटबच्चेदानी की सूजन को कम करने के लिए आप हीट का प्रयोग कर सकते हैं. यह एक बेहतरीन घरेलू उपायों में से एक है. यह बच्चेदानी की सूजन में होने वाले लक्षणों को कम करने में प्रभावी हो सकता है. हीट देकर आप पेल्विक मांसपेशियों को आराम दे सकते हैं, जिससे ऐंठन और दर्द कम हो सकता है. ऐंठन का प्रभावी ढंग से इलाज करने के लिए आप गर्म पानी से नहा सकते हैं या फिर गर्म पानी की बोतल व हीटिंग पैड का उपयोग कर सकते हैं. (और पढ़ें - बच्चेदानी में गांठ का इलाज) पेल्विक मसाजबच्चेदानी की सूजन में होने वाली समस्याओं को कम करने के लिए आप पेल्विक मसाज कर सकते हैं. यह मासिक धर्म के दौरान होने वाले पेट, बाजू व पीठ के हिस्सों में होने वाले दर्द को कम करने में प्रभावी हो सकता है. अगर आपकी बच्चेदानी में सूजन है, तो आप मासिक धर्म शुरू होने से कुछ समय पहले पेल्विक की मालिश करें, इससे आपको अधिक आराम महसूस हो सकता है. पेल्विक की मालिश करने के लिए आप मसाज तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. हल्दीबच्चेदानी की सूजन को कम करने के लिए हल्दी काफी प्रभावी घरेलू उपायों में से एक है. यह एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है. रिसर्च में देखा गया है कि हल्दी एस्ट्रोजन के एक रूप एस्ट्राडियोल को रोक सकती है. यह बच्चेदानी के सूजन को प्रभावी ढंग से कम करने में असरदार हो सकती है. हल्दी की खुराक कैप्सूल के रूप में ले सकते हैं. इसके अलावा, हल्दी की चाय या फिर अपने नियमित आहार में भी आप हल्दी को शामिल कर सकते हैं. इससे बच्चेदानी की सूजन को प्रभावी रूप से कम किया जा सकता है. (और पढ़ें - गर्भाशय की रसौली में डाइट) आहार में बदलावआहार में परिवर्तन करने से बच्चेदानी की सूजन के लक्षणों को कम किया जा सकता है. हालांकि, डाइट में किस तरह के बदलाव से बच्चेदानी की सूजन को कम किया जा सकता है, इसके लिए अभी और अधिक शोध की आवश्यकता है. एक्सपर्ट का कहना है कि रेड मीट के सेवन को कम करने और फलों, सब्जियों व साबुत अनाज का अधिक सेवन करने से समग्र स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है. अरंडी का तेलएंडोमेट्रियोसिस के इलाज के लिए कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल कई वर्षों से किया जा रहा है. इस तेल के इस्तेमाल से ऐंठन की परेशानी को दूर किया जा सकता है. अगर आप बच्चेदानी की सूजन से राहत पाना चाहते हैं, तो अरंडी के तेल से अपने पेट की मालिश करें. यह तेल पेल्विक मांसपेशियों को आराम दिलाने में असरदार होता है. बेहतर रिजल्ट के लिए आप इस तेल में लैवेंडर तेल को मिक्स करके लगाएं. इससे आपको काफी लाभ मिलेगा. (और पढ़ें - गर्भाशय में फाइब्रॉएड) अदरक की चायबच्चेदानी की सूजन होने पर कुछ लोगों को मतली का अनुभव होता है. इस स्थिति में अदरक की चाय महिलाओं के लिए लाभकारी हो सकती है. रिसर्च में देखा गया है कि अदरक की चाय बच्चेदानी की सूजन में प्रभावी और सुरक्षित साबित हो सकती है. आप कई सुपरमार्केट और किराना स्टोर से अदरक की चाय का पैकेट खरीद सकते हैं. इसके अलावा, आप 1 मध्यम आकार के अदरक के टुकड़े को पानी में उबालकर पिएं. इससे आपको मतली की परेशानी से काफी लाभ मिलेगा. दिन में तीन बार अदरक की चाय का सेवन करने से मतली से आराम मिल सकता है. लाइट एक्सरसाइजनियमित रूप से एक्सरसाइज करने से शरीर में एंडोर्फिन सही तरीके से रिलीज हो सकता है. यह एक "फील गुड" हार्मोन है, जो दर्द को कम करने में आपकी मदद कर सकता है. साथ ही व्यायाम शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को कम करने और लक्षणों में सुधार करने में भी मददगार हो सकता है. एक्सरसाइज करने से पहले स्ट्रेच करना न भूलें. (और पढ़ें - बच्चेदानी में रसौली का होम्योपैथिक इलाज) आराम भी जरूरीबच्चेदानी में सूजन होने पर आराम भी जरूरी होता है. खासतौर पर मासिक धर्म के दौरान अतिरिक्त आराम करना महत्वपूर्ण है. करवट लेकर घुटनों को छाती की ओर खींचकर लेटने से पीठ में दर्द और दबाव से राहत मिल सकती है. ओमेगा-3 फैटी एसिडकैमोमाइललंबे समय तक शरीर और दिमाग को शांत करने में कैमोमाइल बेहतरीन हर्बल हो सकता है. यह प्रभावी रूप से प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम, एंडोमेट्रियल दर्द और ऐंठन को कम करने में मददगार हो सकता है. दरअसल, कैमोमाइल में आइसोफ्लेवोन होता है, जिसे क्रिसिन कहा जाता है. अध्ययन में कहा गया है कि कैमोमाइल और शहद जैसे अन्य पदार्थों में पाया जाने वाला क्रिसिन बच्चेदानी की सूजन को कम करने में प्रभावी हो सकता है. हालांकि, इस पर अभी और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है. एक्यूपंक्चरबच्चेदानी की सूजन को कम करने में एक्यूपंचर भी प्रभावी घरेलू उपाय है. यह दर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए प्रभावी है. अध्ययन में पाया गया है कि एक्यूपंक्चर पेल्विक और पेट के दर्द को कम करने और एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं में घाव के आकार को कम करने में मददगार हो सकता है. (और पढ़ें - फाइब्रॉएड निकालने की सर्जरी) सारांशबच्चेदानी की सूजन को कम करने में कैमोमाइल, हल्दी, अदरक की चाय काफी प्रभावी हो सकती है. इससे बच्चेदानी की सूजन में होने वाली समस्याओं को कम किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रखें कि अगर आपकी समस्या ज्यादा बढ़ रही है, तो एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें, ताकि समय पर आपका इलाज किया जा सके. ध्यान रखें कि बच्चेदानी में सूजन होने पर इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ सकती है, इसलिए इसका समय पर इलाज करना बहुत ही जरूरी है. (और पढ़ें - अंडाशय में गांठ) शहर के आयुर्वेदिक डॉक्टर खोजें
बच्चेदानी में सूजन के घरेलू उपाय के डॉक्टरसम्बंधित लेखबच्चेदानी में सूजन हो तो कौन सी दवाई खानी चाहिए?निर्गुंडी का इस्तेमाल आमतौर पर किसी भी प्रकार के बाहरी या भीतरी सूजन के लिए किया जाता है. दरअसल इसमें वेदना शामक और मज्जा तंतुओं को शक्ति देने का औषधीय गुण मौजूद होता है. इसलिए बच्चेदानी के सूजन को खत्म करने के लिए इसका भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
सूजन की दवाई क्या है?नींबू पानी पिएं
नींबू में पावरफुल एंटी- इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को किसी भी डैमेज टिश्यू की मरम्मत करने और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। ये गठिया जैसी सूजन संबंधी बीमारियों के लिए भी बेहतर हैं।
बच्चेदानी का इन्फेक्शन कैसे खत्म होगा?आप चाहें, तो विटामिन सी का कोई सप्लीमेंट भी ले सकते हैं। विटामिन सी इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ शरीर में होने वाले संक्रमण से लडऩे की क्षमता प्रदान करता है। नाश्ते में साबुत अनाज का सेवन उन महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है, जिन्हें कमजोर बच्चेदानी के कारण गर्भ नहीं ठहर रहा है। दलिया, किनोवा ओट्स बहुत अच्छे विकल्प हैं।
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