Show आयरन की गोलियां खा रहे हैं तो भूलकर भी ना खाएं ये चीज, उल्टा हरो सकता है असरiron tabletsHealth Tips: शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई तरह के पोषक तत्वों, विटामिन्स और मिनरल्स की जरूरत होती है. इन चीजों की कमी से शरीर को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में कई बार लोग शरीर में विटामिन्स की कमी को पूरा करने के लिए सप्लिमेंट्स का सहारा लेते हैं. जिसमें से आयरन भी एक है. आयरन (Iron Tablets)की कमी से शरीर में खून कम बनता है. जिस कारण आयरन की गोलियां लेने की सलाह दी जाती है. प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को आयरन की गोलियां लेना पड़ता है. ऐसे में अगर आप आयरन की गोलियां ले रहे हैं तो आपको भूलकर भी कुछ चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं उन चीजों के बारे में- आयरन की गोलियों के साथ ना खाएं नींबू- अगर आप आयरन की गोलियां खाते हैं तो इसके साथ कभी भी नींबू का सेवन ना करें. इससे दवाई का असर बेअसर हो जाएगा. नींबू के साथ ना खाएं ये चीजें- नींबू के साथ दूध, पपीता, रेड मीट, दही, टमाटर, डेयरी प्रोडक्ट्स ना खाएं. दरअसल, नींबू में सिट्रिक एसिड होता है जो इन चीजों के साथ मिलकर गलत रिएक्ट करता है. इससे गैस, एसिडिटी, पाचन से जुड़ी समस्या हो सकती हैं. सीधे स्किन पर ना लगाएं नींबू- इसे सीधे त्वचा पर नहीं लगाना चाहिए. खासकर जिनकी स्किन सेंसटिव हो. सिट्रिक होने के कारण इससे त्वचा में जलन, खुजली व मुंहासे हो सकते हैं. ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें लाइफस्टाइल की और अन्य ताजा-तरीन खबरें
जब शरीर में आयरन जमा हो
शरीर में आयरन जमा होना यानी हेमोक्रोमैटोसिस हो तो इससे अंग प्रभावित होने लगते हैं। शरीर में आयरन का स्तर 3-4 ग्राम होता है। आयरन की संपूर्ण मात्रा बड़ी सावधानी से नियंत्रित होती है। हर दिन एक मिग्रा. आयरन पसीने, त्वचा की मृत कोशिकाओं और आंतों की अंदरूनी परत गिरने से निकलता है। महिलाओं के शरीर से मासिक धर्म के दौरान प्रतिदिन औसतन एक मिलिग्राम आयरन बाहर निकल जाता है। सामान्य वयस्क व्यक्ति में इस आयरन की क्षति की भरपाई करने के लिए प्रतिदिन एक मिलिग्राम आयरन अवशोषित होता है। यही कारण है कि शरीर में आयरन की अतिरिक्त मात्रा जमा नहीं हो पाती। जब शरीर अधिक मात्रा में आयरन खोता है, तब स्वाभाविक रूप से आयरन का अवशोषण भी बढ़ जाता है। लेकिन जो लोग हेमोक्रोमैटोसिस से पीड़ित होते हैं, उनमें प्रतिदिन आंतों से उससे अधिक मात्रा में आयरन अवशोषित होता है, जितनी आवश्यकता शरीर को खोए हुए आयरन से बदलने के लिए होती है। क्या होता है हेमोक्रोमैटोसिस? लक्षण और स्वास्थ्य जटिलताएं : आयरन की यह अधिक मात्रा जोड़ों, लीवर, टेस्टिकल और हृदय में जमा हो जाती है। फिर इन अंगों को क्षति पहुंचाती है। जो महिलाएं इस रोग से पीड़ित होती हैं, उनके शरीर में आयरन का संग्रह पुरुषों की तुलना में धीमी गति से होता है, क्योंकि मासिक धर्म और स्तनपान के दौरान उनके शरीर से काफी मात्रा में आयरन बाहर निकल जाता है। इसलिए उनमें हेमोक्रोमैटोसिस के कारण होने वाले अंगों की क्षति के लक्षण पुरुषों की तुलना में दस वर्ष बाद दिखाई देते हैं। > पुरुषों में इससे त्वचा का रंग गहरा होता है। > लिवर में जमा होने से लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। रोकथाम और उपचार : इसको रोकने का सबसे कारगर उपाय स्क्रीनिंग है। एक बार जब किसी व्यक्ति में हेमोक्रोमैटोसिस की पहचान हो जाए, तब उसके सभी भाई-बहनों और रिश्तेदारों को स्क्रीनिंग करानी चाहिए। यदि उन्हें यह रोग है, तब उन्हें तुरंत इलाज करना चाहिए। हेमोक्रोमैटोसिस का सबसे प्रभावी उपचार फ्लेमबोटॉमी यानी भुजाओं की शिराओं से रक्त निकालना। इसके द्वारा शरीर में आयरन के स्तर को कम किया जा सकता है। इसमें एक या दो हफ्ते में रक्त की एक यूनिट निकाली जाती है, जिसमें लगभग 250 मिलिग्राम आयरन होता है। धीरे-धीरे इस प्रक्रिया को दो-तीन महीने में एक बार किया जाता है। इससे उन अंगों की कार्यप्रणाली सुधर जाती है जो आयरन के जमाव के कारण प्रभावित हो गई थी। नियमित रूप से रक्तदान करना भी हेमोक्रोमैटोसिस का एक उपचार हो सकता है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि जिनके शरीर में आयरन अधिक मात्रा में संग्रहित है अगर वो नियमित रूप से रक्तदान करेंगे तो उनकी इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता और डायबिटीज की समस्या समाप्त हो जाएगी। जो एनीमिया या हृदय से संबंधित जटिलताओं के कारण रक्त नहीं निकलवा सकते उनके लिए कीलैशन उपचार है। इसमें शरीर से आयरन निकालने के लिए कुछ दवाइयां दी जाती हैं। > फैक्ट : कुछ अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि टैनिनयुक्त चाय पीने से शरीर में आयरन के संग्रह होने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। डॉ. गौरव खरया शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ने से क्या होता है?हृदय की मांसपेशियों में आयरन के जमा होने से कार्डियोमायोपैथी हो सकती है, जिसके कारण हार्ट फेलियर होने की आशंका बढ़ जाती है। इसकी अधिक मात्रा हृदय की धड़कनों को अनियमित करती है, जिसे अरदिमिया कहते हैं। > लिवर में जमा होने से लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
आयरन की गोली ज्यादा खाने से क्या होता है?लेकिन जब शरीर में आयरन बहुत ज्यादा होता है, तो यह लीवर और हृदय को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। डायबीटीज, ऑर्थराइटिस जैसी बीमारियां होने लगती हैं। की मानें तो निश्चित समय तक इसका उपचार नहीं होने की वजह से लिवर डेमेज होने की संभावना बढ़ जाती है।
क्या आयरन की गोली रोज खा सकते हैं?आयरन सप्लीमेंट्स को खाने के साथ कभी भी सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप आयरन सप्लीमेंट्स लेना चाहते हैं तो खाने के एक घंटे पहले या बाद में ही इसका सेवन करें। एक निश्चित समय पर ही कैल्शियम सप्लीमेंट को लेना चाहिए। वहीं, गर्भवती महिलाओं को आयरन और कैल्शियम की गोली कभी भी खाली पेट खाने की सलाह नहीं दी जाती है।
आयरन की गोली कितने दिन तक खानी चाहिए?ज्यादातर डॉक्टर प्रेग्नेंसी के पहले 12 हफ्तों के बाद आयरन सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं। प्रेग्नेंसी की शुरुआत में इसे पचाना मुश्किल भी होगा और पहली तिमाही में इसकी जरूरत भी नहीं होती है। खाना खाने के एक से दो घंटे बाद आयरन की गोली लेने की सलाह दी जाती है।
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