आयु-संरचना का क्या महत्त्व है? Show आयु संरचना जनसंख्या संघटन का महत्त्वपूर्ण सूचक है। यह विभिन्न आयु वर्गों में लोगों की संख्या को प्रदर्शित करती है। इसके अंतर्गत किसी देश की जनसंख्या को तीन आयुवर्गों में बाँटा जाता है:- 0-4 आयुवर्ग, 15-59 आयुवर्ग और 60 से ऊपर का आयु वर्ग । इसके द्वारा ही देश की जनसंख्या की जन्म-दर, उत्पादकता, मानव क्षमता, रोज़गार की स्थिति तथा आश्रित जनसंख्या आदि का पता चलता है। इससे ही भविष्य में जनसंख्या वृद्धि का अनुमान होता है। निम्नलिखित में से कौन-सी संख्या जनसंख्या के कार्यशील आयु-वर्ग का प्रतिनिधित्व करतीं है?
लिंग-अनुपात कैसे मापा जाता है? जनसंख्या में पुरुषों और स्त्रियों की संख्या के बीच के अनुपात को लिंग-अनुपात कहा जाता है। भारत में यह अनुपात प्रति हजार पुरुषों और स्त्रियों की संख्या के रूप में दर्शाया जाता है। लिंगानुपात = (स्त्रियों की जनसंख्या / पुरुषों की जनसंख्या) X 1000 विश्व के विभिन्न भागों में आयु-लिंग में असंतुलन के लिए उत्तरदायी कारकों तथा व्यावसायिक संरचना की विवेचना कीजिए । जनसंख्या की आयु-लिंग संरचना से अभिप्राय विभिन्न आयु-वर्गों में स्त्रियों और पुरुषों की संख्या से है। इसे एक विशेष प्रकार के रेखाचित्र द्वारा दर्शाया जाता है जिसकी आकृति पिरामिड से मिलती है। इस कारण इसे आयु-लिंग अथवा जनसंख्या पिरामिड कहा जाता है। विश्व के विभिन्न भागों में आयु-लिंग में असंतुलन के लिए उत्तरदायी कारक निम्नलिखित हैं-
व्यावसायिक संरचना - किसी क्षेत्र की विशिष्ट आर्थिक क्रियाओं में लगे जनसंख्या के अनुपात को व्यावसायिक संरचना कहते हैं। व्यावसायिक संरचना को चार मुख्य वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है:-
जनसंख्या के ग्रामीण - नगरीय संघटन का वर्णन कीजिए । आवास केआधार पर जनसंख्या को दो वर्गों में बाँटा गया है
ग्रामीण तथा नगरीय जनसंख्या की अपनी अलग-अलग विशेषताएँ होती हैं तथा इनको अपने अलग-अलग व्यवसाय, संरचना, जीवन-पद्धति आदि के आधार पर पहचाना जा
सकता है। गांव के लोग साधारण, सामाजिक संबंधों से ओत-प्रोत तथा अधिकतर कृषि - कार्यों में संलग्न रहते हैं। उनके आचार-विचार तथा सांसारिक दृष्टिकोण नगर में रहने वाले लोगों से भिन्न होते हैं। इसके विपरीत, नगरों में रहने वाले लोग उद्योग तथा व्यापार में संलग्न रहते हैं । इनके आपसी सामाजिक संबंध औपचारिक होते हैं तथा विश्व में नगरीय जनसंख्या में वृद्धि के प्रमुख कारण हैं -
निम्नलिखित में से किसने संयुक्त अरब अमीरात के लिंग-अनुपात को निम्न किया है?
C. स्त्रियों की निम्न जन्म-दर आयु संरचना का क्या महत्व है ?`?आयु-संरचना का क्या महत्त्व है? आयु संरचना जनसंख्या संघटन का महत्त्वपूर्ण सूचक है। यह विभिन्न आयु वर्गों में लोगों की संख्या को प्रदर्शित करती है। इसके अंतर्गत किसी देश की जनसंख्या को तीन आयुवर्गों में बाँटा जाता है:- 0-4 आयुवर्ग, 15-59 आयुवर्ग और 60 से ऊपर का आयु वर्ग ।
आयु संरचना से आप क्या समझते?आयु सरंचना विभिन्न आयु वर्गों द्वारा एक राष्ट्र के संघटन से संबंधित है। आयु संरचना (Age Composition) आयु संरचना जनसंख्या की एक आधारभूत विशेषता है। आयु संरचना किसी जनसंख्या में आयु या आयु वर्गों के अनुसार जनसंख्या के वितरण को प्रदर्शित करती है। इसे आयु संघटन (Age Structure) भी कहते हैं।
20 दिन में आयु संरचना का क्या महत्व है?हालांकि, आयु संवितरण का मतलब यह है कि भारत की कामकाजी उम्र की जनसंख्या की वृद्धि 2021 - 31 में 9.7 मिलियन प्रति वर्ष और 2031-41 में 4.2 मिलियन प्रति वर्ष होगी। इस बीच प्राथमिक विद्यालयों में जाने वाले बच्चों के अनुपात, यानि कि 5-14 वर्ष वाले समूह, में काफी गिरावट आएगी।
आयु संरचना को बदलने के क्या कारण है?आयु संरचना विकास के स्तरों और औसत आयु संभाविता के स्तरों में होने वाले परिवर्तनों के अनुसार बदलती रहती है। प्रारंभ में निम्न स्तर की चिकित्सा सुविधाओं, रोगों के प्रकोप और अन्य कई कारणों से जीवन अवधि अपेक्षाकृत कम थी । इसके अलावा, शिशुओं तथा प्रसूताओं की मृत्यु की ऊँची दरें भी आयु संरचना को प्रभावित करती हैं।
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