आवेश का क्वांटीकरण meaning in english - aavesh ka kvaanteekaran maianing in ainglish

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आवेश क्वान्टीकृत है , charge is quantised meaning ,

quantization of charge in hindi आवेश का क्वांटीकरण : आवेश का स्थानान्तरण जब एक वस्तु से दूसरी वस्तु में किया जाता है तो यह इलेक्ट्रॉन के पूर्ण गुणन के रूप में होता है अर्थात स्थानांतरित आवेश को इलेक्ट्रॉन के पूर्ण गुणज जैसे e , 2e , 3e इत्यादि लिखा जाता है।

आवेश का स्थानांतरण भिन्न के रूप में संभव नहीं है अर्थात e/2 , e/3 इत्यादि संभव नहीं है।

आवेश का वह न्यूनतम मान (e) जिसका आदान-प्रदान प्रक्रिया में उपयोग किया जा सकता है उसे उस भौतिक राशि का क्वाण्टम तथा इस प्रक्रिया को क्वांटीकरण कहते है।

आवेश का स्थानांतरण e के गुणज के रूप में होता है तथा न्यूनतम मान 1e होता है।

उदाहरण :

जब काँच की छड़ को रेशम के कपड़े से रगड़ा गया तो काँच की छड़ से इलेक्ट्रॉन रेशम की छड़ पर स्थानांतरित होते है यहाँ स्थानांतरित इलेक्ट्रॉन पूर्ण संख्या (गुणज) के रूप में होते है तथा न्यूनतम स्थानांतरण 1 इलेक्ट्रॉन (1e) का हो सकता है इस गुण को ही आवेश का क्वांटीकरण नियम कहते है।

अतः स्थानांतरित आवेश को (उत्पन्न आवेश) को निम्न सूत्र द्वारा लिखा जा सकता है।

Q = ± ne

यहाँ n = 1 , 2 , 3 , 4 …….

e = 1.6 x 10-19 कूलॉम

यदि n = 1

Q = ± e

अर्थात न्यूनतम संभव स्थानांतरण आवेश 1e = 1.6 x 10-19 कूलॉम होगा।

नोट : आवेश सदैव द्रव्यमान से सम्बन्धित है अर्थात बिना द्रव्यमान के आवेश का कोई अस्तित्व नहीं है अर्थात यदि किसी वस्तु पर आवेश उपस्थित है तो उस वस्तु का कुछ न कुछ द्रव्यमान है।

लेकिन द्रव्यमान आवेश से सम्बन्धित नहीं भी हो सकता , अर्थात यदि किसी वस्तु का द्रव्यमान है तो यह आवश्यक नहीं की उस पर आवेश उपस्थित हो ही।

उदाहरण : न्यूट्रॉन का द्रव्यमान है पर आवेश शून्य होता है।

नोट : स्थिर अवस्था में आवेश विद्युत क्षेत्र उत्पन्न करता है।

एक समान वेग से गतिशील आवेश वैधुत क्षेत्र तथा चुंबकीय क्षेत्र दोनों उत्पन्न करता है।

त्वरित गति से गतिमान आवेश वैधुत क्षेत्र , चुंबकीय क्षेत्र के साथ साथ विद्युत चुंबकीय विकिरण भी उत्सर्जित करता है।

आवेश क्वान्टीकृत है (charge is quantised) : किसी भी आवेशित वस्तु पर आवेश सदैव वैद्युत आवेश की मूल इकाई का पूर्ण गुणज होता है। यह इकाई एक इलेक्ट्रॉन के आवेश के परिमाण के बराबर है। (1 e = 1.6 x 10-19कूलाम ) इसलिए किसी वस्तु पर आवेश Q = ± ne , जहाँ n एक पूर्णांक है और e एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश है। मिलिकन के तेल बूंद प्रयोग से आवेश का क्वान्टीकरण या आवेश की परमाणुकता सिद्ध होती है।

अपवाद : हाल ही में ±e/3 व ±2e/3 आवेश के कणों की परिकल्पना की गयी है , इन कणों को क्वार्क्स कहते है लेकिन इसे आवेश का क्वान्टम नहीं माना गया है क्योंकि यह अस्थायी है।

Solution : प्रत्येक आवेशित पदार्थ पर आवेश की मात्रा एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश की मात्रा के पूर्ण गुणज में होती है | <br> अत: किसी आवेशित पदार्थ पर आवेश की मात्रा `q=+-"ne"` हो सकती है | जहाँ n = 1,2,3,4...... तथा `e=1.6xx10^(-19)` कूलॉम | <br> इस प्रकार किसी आवेशित पदार्थ पर आवेश सदैव e के पूर्ण गुणज जैसे- e,2e,3e,4e,5e,......... इत्यादि में होता है | किसी पदार्थ पर आवेश e की भिन्न जैसे- `(3)/(2)e,(5)/(2)e,(7)/(2)e,........` इत्यादि में नहीं होता | <br> स्पष्ट है की विधुत आवेश को अनिश्चित रूप से विभाजित नहीं किया जा सकता है | विधुत आवेश के इस गुण को विधुत आवेश का क्वांटीकरण कहते हैं |

स्पेशल ने हमें दिया बाकी आवेश के क्वांटम ई करण से आप क्या समझते हैं ठीक है ना उसका जो कमेंट में गण सिद्धांत है वह क्या है इसलिए कर लिया कर देखें तो आवेश का सी मात्रक होता हमारे पास क्या होता है गुलाम होता ठीक है आवेश का मात्रक होता लेकिन इसकी अगर सबसे छोटी इकाई की अगर बात है ठीक है सबसे छोटी इकाई क्या कर बात करेंगे तो क्या होगा यहां से यहां पर सबसे छोटी इकाई होती है इसकी इलेक्ट्रॉन के बराबर इलेक्ट्रॉन पर आवेश के बराबर इलेक्ट्रॉन के आवेश सुजुकी कितना होता है वह होता है सबसे छोटी 1 वर्ड 6 * 10 की पावर माइनस 19 ग्राम के बराबर यहां पर इसके आधार पर उन्होंने बताया कि जो कांटेक्ट मी का मतलब क्या है कोई भी विलगित निकाय हो हमारे पास उसके ऊपर जैसे मान लो कोई हमारे पास इस तरह से कोई नहीं का है ठीक है इसने कहा कि ऊपर अगर आवेश का मान अगर देखेंगे तो आवेश का मान क्या होता है इलेक्ट्रॉन के आवेश का क्या होता है पूर्ण हो जाता है ठीक है इलेक्ट्रॉन के आवेश की परिमाण का क्या होता है पूर्ण गुण होता है या नहीं यहां पर

अगर देखें तो इसके ऊपर आकर आवेश का मान निकालना चाहेंगे तो वह क्या होगा यहां पर यात्रियों पर धनात्मक हरात्मक आवेश होगा वह क्या होगा इससे प्लस माइनस एंड के बराबर ओं का जैनिया कर देखें तो यहां से एंड का मान क्या है क्रश यह पूर्णांक संख्या होगी हमारी ठीक है ना यहां पर नंबर है फोन स्विच ऑफ पूनम से क्या मतलब क्या है क्या है अगर बात करें हमारे पास अगर एंड का मान हम यहां पर एक बटा दो उन्हें तो क्या यह संभव नहीं है हमारे पास क्या है संभव नहीं हो पाएगा यहां पर गधे खेती बटा 2 बटा 3 बटा चार इस तरह के आवेश या फिर हमारे पास जहां पर इसमें नहीं ले सकते यही बोला है किसी भी बिल्कुल नहीं गाय के लिए अगर आवेश का करमा देखे तो वह आवेश का मान क्या होता है उसके लिए कौन क्या है इसका पूर्ण होता है ठीक है यहां से कर दे क्या तू यह मेरा फोन बंद हो गया या नहीं अगर यह आवेश का क्वांटम सिद्धांत अगर हम कोई आगर मालवा दशमलव 5 वाले 1 बटा तीन वाले अगर ऐसे आवेश लेंगे तो यहां

पर इसमें अप्लाई नहीं हो पाएंगे तो यही हमारा आवेश का क्वांटम ई करण का सिद्धांत है कि किसी विलगित निकाय पर आवेश का जो प्रवेश होगा वह क्या अकाउंट के आदेश का क्या होगा यहां पर कौन-कौन होगा ठीक अब यहां पर मैंने देखो यह प्लस माइनस क्यों रखा है प्लस माइनस इसलिए रखा है कि जब हमारे पास जाकर इलेक्ट्रॉन अगर - कब होता है जब इलेक्ट्रॉन क्या है जब हमारे पास क्या होता है इलेक्ट्रॉन होता है और धनात्मक कब होता है जब हमारी क्या होता पास क्या होता है प्रोकॉन होता है इस समय अगर बात करें तो इलेक्ट्रॉन त्यागने के कारण क्या है धनायन बनते हैं और ग्रहण करने के कारण क्या बनता है बनता है तो कि यहां पर किसी अगर मान लो यह विलगित निकाय हमारे पास चाहे इलेक्ट्रॉनिक रहा है तो उसके ऊपर क्या जाएगा ऋण आत्मक आवेश आ जाएगा अगर जाग रहे तो क्या नहीं आती प्लस माइनस के ऊपर लगाए तो यही हमारा क्या हो जाएगा इससे आवेश का क्वांटम सिद्धांत हो जाएगा क्वांटम सिद्धांत हो जाएगा

आवेश का क्वांटीकरण क्या है in English?

भौतिकी में क्वांटीकरण भौतिकीय घटनाओं की चिरसम्मत समझ को नये रूप से जिसे क्वांटम यांत्रिकी कहते हैं के रूप में व्यक्त करने की प्रक्रिया है। यह चिरसम्मत क्षेत्र सिद्धान्त को क्वांटम क्षेत्र सिद्धान्त निर्माण की प्रक्रिया है।

1 आवेश का क्वांटीकरण क्या है ?`?

दो विधुतरूधर ताँबे के समरूप आवेशित गोलों A और B में क्रमश: `q _(A )` और `q _(B )` आवेश है। उसी साइज का तीसरा अनावेशित गोला C पहले गोले A के संपर्क में रखा जाता है। तथा उसके बाद गोले B के संपर्क में रखा जाता है। अंत में दोनों से दूर कर दिया जाता है।

आवेश का क्वांटम मान क्या होता है?

Solution : प्रकृति में आवेश सदैव एक निश्चित न्यूनतम मान का पूर्ण गुणज होता है। ऐसे आवेश की क्वांटम प्रकृति कहते है। इस (e) न्यूनतम आवेश को ही मूल आवेश या इलेक्ट्रॉनिक आवेश कहते है। इसका मान `1.6 xx 10^(-19)` कॉलम होता है।

क्वांटिटी करण से आप क्या समझते हैं?

परीक्षा प्रारम्भ होने के तुरन्त बाद आप इस परीक्षण पुस्तिका की पड़ताल अवश्य कर लें कि इसमें कोई बिना छपा, फटा या छूटा हुआ पृष्ठ अथवा प्रश्नांश आदि न हो ।