नाक का मांस बढ़ने का कारण - naak ka maans badhane ka kaaran

जब साइनस या नाक के श्वसन मार्गों के अंदरूनी परत का मांस बढ़ने लगता है तो इस स्थिति को नाक का मांस बढ़ना कहते हैं, इसके अलावा इस स्थिति को नाक का नाकड़ा के नाम से भी जाना जाता है। नाक के अंदर का यह बढ़ा हुआ मांस कैंसरमुक्त और दर्द रहित होता है। यह बढ़ा हुआ मांस नाक के अंदर पानी की बूंद या अंगूर की तरह लटका हुआ होता है।

कई स्थितियों के परिणामस्वरूप नाक के अंदर का मांस बढ़ने लगता है। इसकी जड़ में दमा के कारण रहने वाली सूजन, बार-बार संक्रमण होना, एलर्जी, दवाओं व नशीले पदार्थों के प्रति संवेदनशीलता और कुछ प्रकार की प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़े विकार आदि शामिल हैं।

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यदि नाक के अंदर का मांस थोड़ा-बहुत बढ़ा हुआ है तो उससे किसी प्रकार के लक्षण विकसित नहीं होते। लेकिन यदि नाक के अंदर का मांस अधिक बढ़ा हुआ है तो उस से श्वसन मार्ग रुक जाते हैं जिससे सांस लेने में दिक्कत होना, सूंघने की शक्ति कम होना और नाक में बार-बार संक्रमण होने जैसे लक्षण विकसित होने लगते हैं।

नाक का मांस पुरुषों व महिलाओं दोनों ही लिंगों में किसी भी उम्र में बढ़ सकता है लेकिन यह स्थिति ज्यादातर वयस्कों में आम होती है। दवाओं की मदद से बढ़े हुए मांस को हटा दिया जा सकता है या फिर उसके आकार को छोटा कर दिया जा सकता है। मांस को हटाने के लिए कुछ मामलों में सर्जरी की भी आवश्यकता पड़ती है। हालांकि इलाज की मदद से मांस को सफलतापूर्वक हटाने के बाद भी नाक के अंदर का मांस फिर से भी बढ़ सकता है।

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नाक का मांस बढ़ने पर उसका इलाज कैसे किया जाता है?

नाक का मांस बढ़ने पर होने वाले या इससे बिना होने वाले साइनसाइटिस को पूरी तरह से ठीक करना काफी मुश्किल स्थिति होती है। साइनसाइटिस के लक्षणों को मैनेज करने के लिए और एलर्जी जैसी स्थितियां जो नाक में सूजन व लालिमा पैदा कर सकती हैं उनका इलाज करने के लिए आपको उपचार के एक ऐसे प्लान की आवश्यकता पड़ेगी जिसमें लंबे समय तक इलाज किया जाता है। एक लंबे समय तक चलने वाले उपचार प्लान के लिए आपको कई बार डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञों से सलाह लेने की आवश्यकता पड़ सकती है। 

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नाक का मांस बढ़ने के इलाज का मुख्य लक्ष्य मांस को कम करना या पूरी तरह से हटाना होता है। आमतौर पर सबसे पहले दवाओं के साथ ही इलाज किया जाता है। कुछ मामलों में सर्जरी का इस्तेमाल भी किया जाता है लेकिन यह मांस बढ़ने का स्थायी समाधान नहीं है क्योंकि मांस फिर से भी बढ़ने लग सकता है।

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दवाएं:

नाक के बढ़े हुए मांस का इलाज आमतौर पर दवाओं के साथ किया जाता है, ये दवाएं बढ़े हुए मांस को कम कर सकती हैं और यहां तक कि गायब भी कर सकती हैं। इन दवाओं में निम्न प्रकार की दवाएं शामिल हो सकती हैं:

  • नेजल कोर्टिकोस्टेरॉयड (Nasal corticosteroids): नाक के अंदर सूजन व लालिमा जैसी स्थितियों को ठीक करने के लिए डॉक्टर आमतौर पर नाक के लिए एक कोर्टिकोस्टेरॉयड स्प्रे लिखते हैं। इस इलाज की मदद से नाक का बढ़ा हुआ मांस कम हो सकता है और यहां तक कि पूरी तरह से गायब भी हो सकता है। (और पढ़ें - बंद नाक खोलने के उपाय)

    नाक में इस्तेमाल किये जाने वाले स्प्रे निम्न प्रकारों में आ सकते हैं जैसे:

    • फ्लूटीकासोन (Flonase, Veramyst)
    • ब्यूडेसोनाइड (Rhinocort) 
    • फ्लूनिसोलाइड 
    • मोमेटासोन (Nasonex)
    • ट्रायामसीनोलोन (Nasacort Allergy 24HR)
    • बेक्लोमीथासोन (Beconase AQ)
    • साइकल्सोनाइड (Omnaris)
       
  • मुंह के द्वारा या इंजेक्शन के द्वारा ली जाने वाली कोर्टिकोस्टेरॉयड: यदि नाक के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले स्प्रे काम ना कर पाएं तो डॉक्टर खाने वाली (ओरल) कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाएं लिखते हैं जैसे प्रेडनीसोन। कई बार डॉक्टर स्प्रे और मुंह से लेने वाली दवाओं को एक साथ भी दे सकते हैं। कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाएं गंभीर साइड इफेक्ट भी पैदा कर सकती हैं इसलिए इनको कुछ सीमित समय के लिए ही दिया जाता है। यदि नाक का मांस गंभीर रूप से बढ़ा हुआ हो तो कोर्टिकोस्टेरॉयड इंजेक्शन भी लगाए जा सकते हैं।
     
  • अन्य दवाएं - आपके साइनस या नाक के श्वसन मार्गों में सूजन, लालिमा व जलन जैसी समस्याओं का इलाज करने के लिए डॉक्टर कुछ अन्य दवाएं भी लिख सकते हैं। इन दवाओं में एलर्जी का इलाज करने के लिए एंटीहिस्टामिन और बार-बार होने वाले या लंबे समय से हो रहे संक्रमण का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं शामिल हैं। जिन लोगों को एस्पिरिन दवाओं से सेंसिटिविटी है उनके लिए एस्पिरिन डीसेंसिटाइजेशन (एस्पिरिन के प्रति सेंसिटिविटी खत्म करने की एक प्रक्रिया) करने से भी नाक के अंदर बढ़े हुए मांस का इलाज किया जाता है। (और पढ़ें - सर्दी जुकाम की दवा)

सर्जरी:

यदि दवाओं की मदद से नाक के अंदर बढ़े हुए मांस को कम या हटाया ना जा सके तो मांस को हटाने के लिए एंडोस्कोपिक सर्जरी की जरूरत पड़ती है। सर्जरी की मदद से नाक के अंदर के मांस को हटाया जाता है और उन सभी समस्याओं का इलाज भी किया जाता है जो बार बार सूजन व लालिमा पैदा करती हैं।

एंडोस्कोपिक सर्जरी में डॉक्टर एक पतली सी ट्यूब जिसके आगे एक लेंस या छोटा सा कैमरा लगा होता है इस उपकरण को नाक के अंदर डालते हैं और साइनस तक ले जाते हैं। इस दौरान डॉक्टर एक छोटे से उपकरण का इस्तेमाल करते हैं जिसकी मदद से नाक के बढ़े हुए मांस और अन्य अवरोधों को हटा दिया जाता है जो हवा व अन्य द्रवों में रुकावट पैदा करते हैं।

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डॉक्टर आपके साइनस से नाक से श्वसन मार्गों तक जाने वाले रास्तों को भी खोल देते हैं। एंडोस्कोपिक सर्जरी एक आउट पेशेंट सर्जरी होती है। आउट पेशेंट सर्जरी का मतलब होता है कि इस प्रक्रिया के लिए मरीज को रातभर अस्पताल में रुकने की आवश्यकता नहीं होती वे सर्जरी करवा कर उसी दिन अपने घर जा सकते हैं।

सर्जरी के बाद नाक के मांस को बढ़ने से रोकथाम करने के लिए डॉक्टर आपको कोर्टिकोस्टेरॉयड स्प्रे का उपयोग करने का सुझाव देते हैं। सर्जरी के घावों को जल्दी ठीक करने के लिए डॉक्टर आपकी नमक के पानी के साथ अपनी नाक व साइनस को धोने का सुझाव भी देते हैं।

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नाक का मांस बढ़ने से क्या होता है?

इससे पीड़ित व्यक्ति का नाक एक या दोनों तरफ से बंद रह सकती है. इन लोगों को जुकाम की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है. नाक का मांस बढ़ने वाले व्यक्ति के सूंघने की क्षमता में कमी आ सकती है. इस दौरान कुछ लोगों को सिरदर्द की भी शिकायत हो सकती है.

नाक के अंदर मांस बढ़ जाए तो क्या करना चाहिए?

नाक के मस्से से निजात पाने के लिए इन 4 तेलों का क्रमवृद्ध तरीके से इस्तेमाल करे। सबसे पहले नाक में बादामरोगन, फिर अणु तेल उसके बाद श्रणबिंदु तेल और अंत में घर मौजूद सरसों का तेल डाल सकते हैं। रात में रीठा, त्रिकुटा को पानी में भिगो दें और सुबह छानकर इसे धीरे से नाक में डाले। 5 बादाम, 5 काली मिर्च चबाकर खा लें।

नाक में मसा होने से क्या होता है?

जिन लोगों की नाक के दाईं तरफ तिल होता है वो बड़े ही सुन्दर और सौभाग्यशाली होते हैं. संतान का सुख भी इन्हें मिलता है. अगर किसी महिला के नाक के दायीं तरफ तिल है तो उसे मायके पक्ष से पूरा साथ मिलता है. जिन लोगों की नाक के अगले हिस्से पर, यानी फ्रंट साइड पर तिल होता है, वे लोग अनेक कलाओं के जानकार होते हैं.

साइनस का परमानेंट इलाज क्या है?

साइनस में भाप लेना जरूरी होता है। गर्म पानी के बड़े बर्तन में सिर डाले और गर्म भाप लें। नाक के अंदर तक आराम मिलेगा। एक और तरीका यह है कि पानी में नमक और बेकिंग पावडर मिलाएं और सूंघें या स्प्रे बोतल से इसे थोड़ा-थोड़ा नाक में स्प्रे भी किया जा सकता है।