Show
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक तथा सामाजिक परिषद (अंग्रेज़ी लघुरूप:ईसीओएसओसी) संयुक्त राष्ट्र संघ के कुछ सदस्य राष्ट्रों का एक समूह है, जो सामान्य सभा को अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक एवं सामाजिक सहयोग एवं विकास कार्यक्रमों में सहायता करता है। यह परिषद सामाजिक समस्याओं के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय शांति को प्रभावी बनाने में प्रयासरत है। इसके अनुसार विश्व में शांति बनाये करने का एकमात्र हल राजनीतिक नहीं है। इसकी स्थापना 1945 की गयी थी।[1] आरंभिक समय में इस परिषद में मात्र 18 सदस्य होते थे। 1965 में संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र को संशोधित करके इसके सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 27 कर दी गई और 1971 में सदस्यों की संख्या बढ़कर 54 हो गई।[2] प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है। एक-तिहाई सदस्य प्रतिवर्ष पदमुक्त होते हैं, यानि प्रतिवर्ष 18 सदस्य बदले जाते हैं।[2] पदमुक्त होने वाला सदस्य पुन: निर्वाचित भी हो सकता है। आर्थिक तथा सामाजिक परिषद में प्रत्येक सदस्य राज्य का एक ही प्रतिनिधि होता है। अध्यक्ष का कार्यकाल एक वर्ष के लिए होता है और उसका चयन ईसीओएसओसी के छोटे और मंझोले प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है। वर्तमान में इसके अध्यक्ष सिल्वी ल्सूकस है। 1992 में आर्थिक और सामाजिक परिषद के अधिकारों को बढ़ाया गया। अल्जीरिया, चीन, बेलारुस, जापान, सूडान, न्यूजीलैंड इसके सदस्य हैं। यहां के निर्णय उपस्थित एवं मतदान में भाग लेने वाले सदस्यों के साधारण बहुमत द्वारा लिए जाते हैं। किसी विशेष राज्य के विषय पर विचार करने के लिए जब परिषद की बैठक होती है, तो वह उस राज्य के प्रतिनिधि को आमंत्रित करती है। इस बैठक विशेष में उस प्रतिनिधि को मत देने का अधिकार नहीं होता है। परिषद हर वर्ष जुलाई में चार सप्ताह के लिए मिलती है और 1998 के बाद से वह अप्रैल में विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक निधि के वित्तीय मंत्रियों के साथ एक और सम्मेलन होता है। आर्थिक एवं सामाजिक परिषद विश्व की जनसंख्या के जीवन में सुधार हेतु गरीबों, घायलों एवं अशिक्षितों की सहायता करके अंतर्राष्ट्रीय शांति बहाली के प्रयास करती है। यह अंतर्राष्ट्रीय मामलों में आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य आदि मामलों का अध्ययन करती है। क्षेत्रीय आयोगआर्थिक विकास में सहयोग के लिए विश्व को इन पाँच क्षेत्रों में विभाजित करके हर एक क्षेत्र का दायित्व एक आर्थिक आयोग को सौंपा गया है।
सदस्यपरिषद के 54 सदस्य राष्ट्र हैं, जिनका चुनाव तीन-वर्ष की अवधि के लिए होता है। परिषद की सीटें भूगोलीय क्षेत्र के आधार पर किया जाता है, जिसमें 14 सीटें अफ्रीकी राज्यों को, 11 सीटें एशियाई राज्यों, 6 सीटें पूर्वी यूरोपीय राज्यों, 10 सीटें लातिनी अमरीकी राज्यों और कैरीबियन राज्यों तथा 13 सीटें पश्चिमी यूरोपीय व अन्य राज्यों के लिए होती हैं।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संयुक्त राष्ट्र की सामाजिक आर्थिक भूमिका क्या थी?आर्थिक एवं सामाजिक परिषद विश्व की जनसंख्या के जीवन में सुधार हेतु गरीबों, घायलों एवं अशिक्षितों की सहायता करके अंतर्राष्ट्रीय शांति बहाली के प्रयास करती है। यह अंतर्राष्ट्रीय मामलों में आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य आदि मामलों का अध्ययन करती है।
संयुक्त राष्ट्र संघ की क्या भूमिका है?संयुक्त राष्ट्र एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है, संक्षिप्त रूप से इसे कई समाचार पत्र संरा भी लिखते हैं। जिसके उद्देश्य में उल्लेख है कि यह अन्तर्राष्ट्रीय कानून को सुविधाजनक बनाने के सहयोग, अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, मानव अधिकार और विश्व शान्ति के लिए कार्यरत है।
संयुक्त राष्ट्र संघ की वर्तमान संदर्भ में क्या उपयोगिता है?संयुक्त राष्ट्र के कार्यों में अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखना, मानवाधिकारों की रक्षा करना, मानवीय सहायता पहुँचाना, सतत् विकास को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय कानून का भली-भाँति कार्यान्वयन करना शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव का क्या महत्व है?महासचिव के कर्तव्य हैं अंतर्राष्ट्रीय संघर्षों को सुलझाना, शांतिरक्षा कार्यों का प्रबंध करना, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करना, सुरक्षा परिषद प्रस्तावों के कार्यान्वयन को जांचना और सदस्य सरकारों से बातचीत करना। 21 मार्च 2005 को, महासचिव कोफ़ी अन्नान ने सचिवालय में कई परिवर्तनों के प्रस्ताव रखे।
|