आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रमुख प्रावधानों को स्पष्ट कीजिए - aapada prabandhan adhiniyam 2005 ke pramukh praavadhaanon ko spasht keejie

नई दिल्लीः पं. बंगाल (West Bengal) के मुख्य सचिव रहे अलपन बंदोपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच शुरू हुई रार बढ़ती जा रही है. पूर्व सचिव रिटायर होने से महज कुछ घंटे पहले एक और बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं.

आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रमुख प्रावधानों को स्पष्ट कीजिए - aapada prabandhan adhiniyam 2005 ke pramukh praavadhaanon ko spasht keejie

आशंका है कि उन पर कार्रवाई हो सकती है और वह कड़ी सजा भी झेल सकते हैं. दरअसल केंद्र सरकार ने बंदोपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को रिटायरमेंट से चंद घटे पहले कारण बताओ नोटिस भेजा है और पूछा है कि उन्हें आपदा प्रबंधन अधिनियम (Disaster Management Act, 2005) का उल्लंघन कर्ता क्यों न माना जाए? 

सोमवार को जारी हुआ नोटिस

जानकारी के मुताबिक, अलपन बंदोपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 (Disaster Management Act, 2005) के तहत गृह मंत्रालय ने सोमवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इसमें 2 साल तक की सजा या जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं.

गृह मंत्रालय के एक अफसर ने मंगलवार को बताया कि सोमवार को केंद्र सरकार के आदेश का पालन करने से इंकार करने की वजह से नोटिस जारी किया गया.

अधिकारी का कहना है कि केंद्र सरकार के आदेश का पालन से इंकार करना आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51-बी का उल्लंघन होता है. बंदोपाध्याय से तीन दिन के अंदर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है. 

आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 क्या है?

बंदोपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) पर कार्रवाई आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 की धारा 51-B के तहत हो सकती है. ऐसे में आपदा प्रबंधन अधिनियम (Disaster Management Act, 2005) को समझना जरूरी है.

दिसबंर 2005 में लागू आपदा प्रबंधन अधिनियम (Disaster Management Act, 2005) एक राष्ट्रीय कानून है जिसका इस्तेमाल केंद्र सरकार उस सूरत में करती है जब किसी आपदा से निपटने के लिए एक देशव्यापी योजना बनाने की जरूरत पड़े.

यह दीगर है कि भारत में 24 मार्च 2020 की रात से ही आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू है, जबसे पीएम मोदी ने Lockdown की घोषणा की थी. 

दूसरी बात यह भी सही है कि ठीक इसी समय से महामारी अधिनियम 1897 (एपिडेमिक डिज़िज़ एक्ट 1897) भी लागू है. हालांकि दोनों ही अधिनियम अलग-अलग शक्तियां देते हैं. 

इस लाइन पर फिट नहीं बैठे बंदोपाध्याय

आपदा प्रबंधन एक्ट के दूसरे हिस्से में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के गठन का वर्णन है. जिसका अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है. इसके अलावा इसके अधिकतम नौ सदस्य हो सकते हैं और पीएम इन्हें चुने जाने के लिए सुझाव देता है.

यह एक्ट लागू होते ही केंद्र सरकार के पास अधिकार होता है कि वह दिए गए निर्देशों का पालन न करने वाले पर कार्रवाई कर सकती है. इस कानून के तहत राज्य सरकारों को केंद्र की बनाई योजना का पालन करना होता है. अलपन बंदोपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) के मामले में इसी लाइन को कैपिटल और बोल्ड में पढ़ने की जरूरत है. ताजा मामले में यह एक मुख्य बिंदु है. 

अब कानून की एक और खासियत पर नजर डालें तो सामने आता है कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण आदेशों का पालन न करने पर किसी भी राज्य के अधिकारी के साथ-साथ प्राइवेट कंपनियों के अधिकारी भी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं. 

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अधिनियम में हैं कई धाराएं

गृह मंत्रालय की ओर से दिए गए नोटिस में आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 (Disaster Management Act, 2005) की धारा 51-बी के तहत अलपन बंदोपाध्याय पर आरोप लगाया जा रहा है.

दरअसल यह अधिनियम कई धाराओं में बंटा है. इनमें है धारा 51 - बाधा डालना, धारा 52 - मिथक / झूठे दावे, धारा 53 - सामग्री का दुरुपयोग, धारा 54 - गलत चेतावनी, धारा 56 - कर्तव्य पूरा न करना, धारा 57 - आदेश का उल्लंघन और धारा 58 (निजी कंपनियों), धारा- 60 कोर्ट द्वारा हुए अपराध के संज्ञान और धारा 59 किसी अभियोजन के लिए पूर्व मंजूरी (धारा 55 व 56 के मामलों में / सरकारी विभागों के लिए) के संबंध में है. 

अब जानते हैं कि एक्ट का 51-बी हिस्सा क्या कहता है?

धारा 51 (बी) कहता है कि जो कोई भी इस अधिनियम (Disaster Management Act, 2005) के तहत केंद्र सरकार या राज्य सरकार या राष्ट्रीय कार्यकारी समिति या राज्य कार्यकारी समिति या जिला प्राधिकरण द्वारा या उसकी ओर से दिए गए किसी भी निर्देश का पालन करने से इनकार करता है तो उस पर दोष सिद्ध होने पर जुर्माना लगाया या सकता है या एक साल के कारावास अथवा दोनों सजाएं दी जा सकती हैं. 

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सोमवार को बनाए गए सीएम सलाहकार

1987 बैच के, पश्चिम बंगाल कैडर के IAS अधिकारी बंदोपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को साठ साल की उम्र पूरी होने के बाद सोमवार को सेवानिवृत्त होना था. लेकिन पिछले दिनों केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद बंगाल के मुख्य सचिव के तौर पर तीन माह का सेवा विस्तार दिया गया था.

अलपन बंदोपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) के सोमवार को रिटायर होने के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें बंगाल सरकार और सीएम का सलाहकार नियुक्त करने का सोमवार को ऐलान किया. इसके बाद वह कारण बताओ नोटिस की जद में आ गए हैं. देखते हैं क्या होता है. 

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आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में क्या बताया गया है?

आपदा प्रबंधन अधिनियम,2005 में आपदा को परिभाषित किया गया है। इस अधिनियम के मुताबिक, आपदा का तात्पर्य किसी भी क्षेत्र में प्राकृतिक या मानव निर्मित कारणों से उत्पन्न "तबाही, दुर्घटना एवं गंभीर घटना" से है। आपदा प्रबंधन अधिनियम,2005 के तहत सरकार ने कोविड-19 महामारी को आपदा घोषित किया गया है।

राजस्थान आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 कब लागू हुआ?

इस अधिनियम को वर्ष 2005 में भारत सरकार द्वारा आपदाओं के कुशल प्रबंधन और इससे जुड़े अन्य मामलों के लिये पारित किया गया था। हालाँकि यह जनवरी 2006 में लागू हुआ

आपदा प्रबंधन अधिनियम कब पारित किया गया था?

आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 को राज्यसभा ने 28 नवंबर को और लोकसभा ने 12 दिसंबर को पारित किया और 23 दिसंबर को भारत के राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त की।

भारत में आपदा राष्ट्रीय संस्थान प्रबंधन कहाँ स्थित है?

आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत, NIDM को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, अनुसंधान, प्रलेखन और नीति वकालत के लिए नोडल जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। यह विक्रम नगर, नई दिल्ली में स्थित है।