आलू की तासीर क्या होती है? - aaloo kee taaseer kya hotee hai?

1 दिन में कितना आलू खाना चाहिए?

दिन में एक बार आलू का सेवन सब्जी के रूप में या आलू के रस के रूप में किया जा सकता है. हालांकि अधिक मात्रा में आलू का सेवन नुकसानदायक हो सकता है. यदि आप आलू तलकर या भूनकर ले रहे हैं तो सीमित मात्रा में इसका सेवन करें.

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  5. क्या आपने भी आलू खाना छोड़ रखा है? इसके फ़ायदों के बारे में जानते तो शायद ऐसा न करते

क्या आपने भी आलू खाना छोड़ रखा है? इसके फ़ायदों के बारे में जानते तो शायद ऐसा न करते

आलू की तासीर क्या होती है? - aaloo kee taaseer kya hotee hai?

आलू की तासीर क्या होती है? - aaloo kee taaseer kya hotee hai?

आलू भारतीयों के लिए एक विचित्र सब्ज़ी है. देखा जाए तो यह मूल रूप से सब्ज़ी नहीं है (आलू कंद है), पर इसे सब्ज़ी में गिना जाता है. ज़्यादातर लोगों की आलू से जमती नहीं, पर क्या करें आलू के बिना उनकी चलती भी नहीं. जैसा कि आप जानते ही हैं यह सब्ज़ी नहीं है, पर हर सब्ज़ी में डाला जाता है. तो है ना आलू अफ़लातून. तो आइए, आलू के उन फ़ायदों के बारे में जानते हैं, जो इसे हरफ़नमौला बनाते हैं. 

आलू की तासीर क्या होती है? - aaloo kee taaseer kya hotee hai?

सबसे पहले आलू को जान लें 
भारतीय किचन की सबसे पसंदीदा सब्ज़ी आलू मूल रूप से दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप की है. दुनिया के उस हिस्से में मशहूर आलू से कोलम्बस ने सबसे पहले यूरोप का परिचय कराया. भारत में आलू को लाने का श्रेय अंग्रेज़ों को जाता है. गर्वनर जनरल वॉरेन हेस्टिंग ने देश में आलू के उत्पादन को बढ़ावा दिया. वैसे तो यूरोप में शुरुआती दौर में आलू को ज़हरीला कंद माना जाता था. अठाहरवीं सदी में इसे वहां के खानपान में तब शामिल किया गया, जब अकाल के चलते वहां खाने की कमी हो गई थी. यह बात है वर्ष 1771 की. फ्रांस में अकाल जैसी स्थिति पैदा हो गई थी. तब वहां गेहूं की जगह किसी दूसरे खाद्य पदार्थ के खोज के लिए सरकार ने भारी ईनाम की घोषणा कर दी थी. उसके बाद से ही वहां आलू खाद्यपदार्थ के रूप में ख़ूब मशहूर हुआ. 

आलू की तासीर क्या होती है? - aaloo kee taaseer kya hotee hai?


क्या हैं आलू की ख़ासियतें 
आलू की तासीर ठंडी है. खाने में स्वादिष्ट होता है. शरीर को तत्काल ऊर्जा की आपूर्ति करता है. इसके पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें 74.7% पानी होता है. 1.6% प्रोटीन, 22.9% कार्बोहाइड्रेट, 0.01% कैल्शियम और 0.03% फ़ॉस्फ़ोरस की मात्रा होती है. इसके अलावा आलू में आयरन (0.7 मिलीग्राम/100 ग्राम), विटामिन ए, विटामिन बी1, बी2, नियोसिन और विटामिन सी भी पाया जाता है. 
इस तरह आप देखें तो आलू में वह सारे तत्व होते हैं, जो हमारे शरीर को चाहिए होते हैं. आलू पचने में भी आसान होता है. सेवन के क़रीब ढाई घंटे में इसके पोषक तत्व शरीर द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं. औषधीय रूप से देखें तो आलू पुंसत्व में वृद्धि करता है. रक्त पित्त और कुष्ठ रोग को ठीक करता है. 

आलू की तासीर क्या होती है? - aaloo kee taaseer kya hotee hai?

कैसे करें आलू का इस्तेमाल? 
आलू का सही फ़ायदा पाने के लिए इसके इस्तेमाल के दौरान काफ़ी सावधानियां बरतनी चाहिए. इसका पहला रूल तो यह है कि आलू को तभी काटा जाना चाहिए, जब उसका इस्तेमाल करना हो. काटकर देर तक रखने से उसमें से विटामिन सी नष्ट हो जाता है. इसमें मौजूद आयरन का हवा से संपर्क होने के चलते इसका रंग बदल जाता है. वहीं अगर आप आलू उबाल रहे हों तो छिलके सहित उबालें. उबालने से पहले छिलके उतारने से इसके अधिकांश पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं. 
अगर आलू का कोई हिस्सा हरा हो गया हो तो उसका वह हिस्सा काटकर फेंक देना चाहिए. उस हिस्से में सोलानाइन नामक ज़हर होता है, जो हमारी सेहत को नुक़सान पहुंचा सकता है. साथ ही यदि आलू में अंकुर आ गए हों तो इस्तेमाल से पहले अंकुरवाले हिस्से को काटकर निकाल देना चाहिए. सब्ज़ी में आलू डालने के अलावा आजकल आलू के रस का भी काफ़ी इस्तेमाल किया जा रहा है. जूसर से इसका रस निकाल कर उसका सेवन किया जाता है. 

आलू की तासीर क्या होती है? - aaloo kee taaseer kya hotee hai?


ये हैं आलू के कमाल के फ़ायदे
आलू का रस पेट और आंतों के अल्सर में अमृत के समान प्रभावकारी है. जिन लोगों को कब्ज़ या बवासीर की समस्या हो उनको भी आलू से आराम पहुंचता है. आल पेट में उन बैक्टीरियाज़ की वृद्धि में मददगार है, जो भोजन के पाचन में सहायक होते हैं. आलू में सोडा और पोटाश की मात्रा भी अच्छी होती है, जिसके चलते यह रक्त में से एसिड की मात्रा को कम करने में बेहद कारगर है. यह शरीर के क्षारों को सुरक्षित रखता है. गठिया के रोगियों के लिए भी आलू किसी वरदान से कम नहीं. 
इसके कई फ़ायदे त्वचा से जुड़े भी हैं. आपने आंखों के नीचे के काले घेरों को हटाने में आलू की भूमिका के बारे में तो पढ़ा ही होगा. यह त्वचा की रंगत को बेहतर करता है. आलू का रस एग्ज़िमा, खाज-खुजली और त्वचा के दूसरे रोगों को दूर करने में विशेष रूप से सहायक होता है. जिन लोगों को त्वचा की समस्या हो वे आलू के रस का सेवन तो करें ही, त्वचा के प्रभावित हिस्से पर आलू का रस लगाएं भी. आलू कुष्ठ रोग को ठीक करने में भी अहम है. यह पुंसत्व में वृद्धि करता है. 
रही बात इसके साइड इफ़ेक्ट्स की तो आपको पता ही होगा कि डायबिटीज़ के मरीज़ों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि कार्बोहाइड्रेट की अधिकता की वजह से यह रक्त में शर्करा की मात्रा को बढ़ा देता है. इसके अलावा आलू का अधिक सेवन कफ़ और वायु-विकार यानी गैस को बढ़ाता है. 
कहने का मतलब है आलू का इस्तेमाल समझदारी से करें, तो इसके फ़ायदे ही फ़ायदे हैं. अति तो हर चीज़ की ग़लत होती है. तो आलू किस खेत की मूली है. 

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आलू कब नहीं खाना चाहिए?

मोटापे की समस्या में आलू का सेवन बहुत नुकसानदायक होता है। ऐसे लोग जो पहले से ही अधिक वजन या मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें आलू का सेवन करने से बचना चाहिएआलू में अधिक मात्रा में कार्ब्स मौजूद होते हैं, इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से मोटापे का खतरा बढ़ जाता है।

क्या आलू की तासीर गर्म होती है?

आलू मीठा और गर्म तासीर का होता है। यह खाने में रुची बढ़ाने के साथ-साथ सूजन कम करने में मददगार (potato benefits) होता है। इससे प्राप्त सोलैनिन (Solanine) वेदना कम करने वाला तथा तंत्रिका शूलरोधी (Anti-neuralgic) यानि नर्व के दर्द से राहत दिलाता है।

आलू गर्मी करता है क्या?

आलू की तासीर ठंडी है. खाने में स्वादिष्ट होता है. शरीर को तत्काल ऊर्जा की आपूर्ति करता है. इसके पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें 74.7% पानी होता है.

आलू खाने से गैस बनती है क्या?

तला हुआ आलू खाने से अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) की समस्या हो सकती है। साथ ही तला हुआ आलू इनडाइजेशन, गैस और एसिडिटी का भी कारण बन सकता है।