आज की ग्रह स्थिति क्या है - aaj kee grah sthiti kya hai

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हिंदी न्यूज़ धर्मGrah Gochar 2022: अक्टूबर में इन 5 बड़े ग्रहों की स्थिति में होगी हलचल, जानें कब कौन-सा ग्रह बदलेगा राशि

ज्योतिषशास्त्र में ग्रहों के राशि परिवर्तन को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। ग्रहों के राशि परिवर्तन का सभी राशियों पर शुभ- अशुभ प्रभाव पड़ता है। जानें अक्टूबर में किन ग्रहों की बदलेगी स्थिति-

आज की ग्रह स्थिति क्या है - aaj kee grah sthiti kya hai

Grah Rashi Parivartan 2022 October: ग्रह-नक्षत्रों के लिहाज से अक्टूबर माह महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अक्टूबर महीने में पांच ग्रहों का राशि परिवर्तन होना है। खास बात यह है कि अक्टूबर माह में सूर्य ग्रहण भी लगेगा। ऐसे में ग्रहण व राशि परिवर्तन का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा। जानें अक्टूबर माह में कौन-सा कब करेगा राशि परिवर्तन-

अक्टूबर 2022 में ग्रह गोचर लिस्ट-

बुध मार्गी- 2 अक्टूबर को बुध कन्या राशि में मार्गी।
मंगल गोचर- 16 अक्टूबर को मंगल मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे।
शुक्र गोचर- 18 अक्टूबर को तुला राशि में प्रवेश।
शनि मार्गी- शनि 23 अक्टूबर को मकर राशि में मार्गी।
बुध गोचर- 26 अक्टूबर को तुला राशि में प्रवेश।

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मंगल राशि परिवर्तन-

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 16 अक्टूबर को मंगल मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। मंगल ग्रह का मिथुन राशि में गोचर सुबह 06 बजकर 49 मिनट पर होगा। इस राशि में वे 13 नवंबर तक रहेंगे।

सूर्य राशि परिवर्तन-

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 17 अक्टूबर को सूर्य तुला राशि में गोचर करेंगे। सूर्य गोचर 17 अक्टूबर को शाम 07 बजकर 36 मिनट पर होगा। इस राशि में सूर्य 16 नवंबर तक रहेंगे।

शुक्र राशि परिवर्तन- 

शुक्र 18 अक्टूबर को रात 09 बजकर 50 मिनट पर तुला राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि में शुक्र 11 नवंबर तक विराजमान रहेंगे।

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बुध गोचर-

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुध गोचर 26 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 55 मिनट पर होगा। तुला राशि में बुध 13 नवंबर तक मौजूद रहेंगे। 

आज की ग्रह स्थिति क्या है - aaj kee grah sthiti kya hai

ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विनोद शुक्ला Updated Sat, 24 Dec 2022 05:20 PM IST

सार

पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण।

आज की ग्रह स्थिति क्या है - aaj kee grah sthiti kya hai

पंचांग - फोटो : SELF

विस्तार

25 दिसंबर 2022 का दैनिक पंचांग / Aaj Ka Panchang: हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास एवं पक्ष आदि की जानकारी देते हैं। आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय।

मेष राशिफल 2023। वृषभ राशिफल 2023 । मिथुन राशिफल 2023 । कर्क राशिफल 2023 

सिंह राशिफल 2023 । कन्या राशिफल 2023 । तुला राशिफल 2023 । वृश्चिक राशिफल 2023

धनु राशिफल 2023 । मकर राशिफल 2023 । कुंभ राशिफल 2023 । मीन राशिफल 2023

 

तिथि  

द्वितिया

08:25 तक
नक्षत्र   उत्तराषाढ़ा 19:16 तक
करण

कौवाला
तैतिल

08:25 तक
18:38 तक

पक्ष शुक्ल  
वार    रविवार  
योग   व्याघात 24:55 तक
सूर्योदय 07:15  
सूर्यास्त 17:26  
चंद्रमा    मकर  
राहुकाल 16:10 − 17:26  
विक्रमी संवत्   2079  
शक सम्वत 1944   
मास पौष  
शुभ मुहूर्त अभिजीत 12:00 − 12:41

पंचांग के पांच अंग तिथि
हिन्दू काल गणना के अनुसार 'चन्द्र रेखांक' को 'सूर्य रेखांक' से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। एक माह में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं। शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। तिथि के नाम - प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा।

  नक्षत्र: आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।

वार: वार का आशय दिन से है। एक सप्ताह में सात वार होते हैं। ये सात वार ग्रहों के नाम से रखे गए हैं - सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार।

योग: नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम - विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।

करण: एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं - बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।

पढ़ें- राशिफल 2023 । अंकज्योतिष राशिफल 2023

आज का ग्रह गोचर क्या है?

मंगल- मंगल चंद्रराशि से 3,6,10 और 11 वें भाव में शुभ तथा 4,8 और 12 वें भाव में अशुभ फल देता है। बुध- बुध ग्रह चंद्रराशि से 2,4,6,8,10 और 11 वें भाव में शुभ फल देता है, बाकी अन्य भावों में यह अशुभ फल प्रदान करता है। गुरु- गुरु चंद्र राशि से 2,5,7,9 और 11 वें भाव में शुभ फल देता है।

कौन सी राशि पर कौन सा ग्रह चल रहा है?

अक्टूबर 2022 में ग्रह गोचर लिस्ट- मंगल गोचर- 16 अक्टूबर को मंगल मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। शुक्र गोचर- 18 अक्टूबर को तुला राशि में प्रवेश। शनि मार्गी- शनि 23 अक्टूबर को मकर राशि में मार्गी। बुध गोचर- 26 अक्टूबर को तुला राशि में प्रवेश।

कौन सा ग्रह किस राशि में कितने दिन रहता है?

ग्रहों का राशि भोगकाल::: नव ग्रहो में प्रत्येक ग्रह एक निश्चित अवधि तक एक निश्चित राशि में रहता है। सूर्य, बुध तथा शुक्र एक महीना एक राशि में रहते हैं। चंद्रमा सवा दो दिन एक राशि में रहता है। मंगल डेढ़ महीना, गुरु तेरह महीने, शनि 30 महीने, राहु-केतु 18 महीने एक राशि में रहते है।

कुंडली में ग्रहों की स्थिति को कैसे देखते हैं?

हर कुंडली में ग्रह अलग-अलग स्थान पर होते हैं। सूर्य प्रथम- नवम और दशम स्थान पर, चंद्रमा- चतर्थ, मंगल- तृतीय और षष्टम, बुध- चतुर्थ और दशम, बृहस्पति- द्वितीय, पंचम, नवम, दशम और एकादश, शनि- षष्टम, अष्टम और दशम स्थान पर कुंडली में विराजमान रहते हैं। कुंडली में बृहस्पति अपने से पांचवें और नौवें भाव पर भी दृष्टि रखता है।