वाक्य-भेद Show रचना के अनुसार वाक्य के निम्नलिखित भेद हैं- 1. साधारण वाक्य जिस वाक्य में केवल एक ही उद्देश्य (कर्ता) और एक ही समापिका क्रिया हो, वह साधारण वाक्य कहलाता है। जैसे- 1. बच्चा दूध पीता है। 2. कमल गेंद से खेलता है। 3. मृदुला पुस्तक पढ़ रही हैं। विशेष-इसमें कर्ता के साथ उसके विस्तारक विशेषण और क्रिया के साथ विस्तारक सहित कर्म एवं क्रिया-विशेषण आ सकते हैं। जैसे-अच्छा बच्चा मीठा दूध अच्छी तरह पीता है। यह भी साधारण वाक्य है। 2. संयुक्त वाक्य दो अथवा दो से अधिक साधारण वाक्य जब सामानाधिकरण समुच्चयबोधकों जैसे- (पर, किन्तु,
और, या आदि) से जुड़े होते हैं, तो वे संयुक्त वाक्य कहलाते हैं। ये चार प्रकार के होते हैं। जब एक साधारण वाक्य दूसरे साधारण या मिश्रित वाक्य से संयोजक अव्यय द्वारा जुड़ा होता है। जैसे-गीता गई और सीता आई। जब
साधारण अथवा मिश्र वाक्यों का परस्पर भेद या विरोध का संबंध रहता है। जैसे-वह मेहनत तो बहुत करता है पर फल नहीं मिलता। जब दो बातों में से किसी एक को स्वीकार करना होता है। जैसे- या तो उसे मैं अखाड़े में पछाड़ूँगा या अखाड़े में उतरना ही छोड़ दूँगा। जब एक साधारण वाक्य दसूरे साधारण या मिश्रित वाक्य का परिणाम होता है। जैसे- आज मुझे बहुत काम है इसलिए मैं तुम्हारे पास नहीं आ सकूँगा। 3. मिश्रित वाक्य जब किसी विषय पर पूर्ण विचार प्रकट करने के लिए कई साधारण वाक्यों को मिलाकर एक वाक्य की रचना करनी पड़ती है तब ऐसे रचित वाक्य ही मिश्रित वाक्य कहलाते हैं। आश्रित वाक्य तीन प्रकार के होते हैं- 1. संज्ञा उपवाक्य- जब आश्रित उपवाक्य किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम के स्थान पर आता है तब वह संज्ञा उपवाक्य कहलाता है। जैसे- वह चाहता है कि मैं यहाँ कभी न आऊँ। यहाँ कि मैं कभी न आऊँ, यह संज्ञा उपवाक्य है। जो आश्रित उपवाक्य मुख्य उपवाक्य की संज्ञा शब्द अथवा सर्वनाम शब्द की विशेषता बतलाता है वह विशेषण उपवाक्य कहलाता है। जैसे- जो घड़ी मेज पर रखी है वह मुझे पुरस्कारस्वरूप मिली है। यहाँ जो घड़ी मेज पर रखी है यह विशेषण उपवाक्य है। जब आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की क्रिया की विशेषता बतलाता है तब वह क्रिया-विशेषण उपवाक्य कहलाता है। जैसे- जब वह मेरे पास आया तब मैं सो रहा था। यहाँ पर जब वह मेरे पास आया यह क्रिया-विशेषण उपवाक्य है। वाक्य-परिवर्तन वाक्य के अर्थ में किसी तरह का परिवर्तन किए बिना उसे एक प्रकार के वाक्य से दूसरे प्रकार के वाक्य में परिवर्तन करना वाक्य-परिवर्तन कहलाता है। (1) साधारण वाक्यों का संयुक्त वाक्यों में परिवर्तन- (2) संयुक्त वाक्यों का साधारण वाक्यों में परिवर्तन- (3) साधारण वाक्यों का मिश्रित वाक्यों में परिवर्तन- साधारण वाक्य मिश्रित वाक्य मिश्रित वाक्य साधारण वाक्य रचना के आधार पर वाक्य भेद क्या है?1- सरल वाक्य – राधा नाचती-गाती है। मिश्र वाक्य – जो नाचती-गाती है, वह राधा है। 2- सरल वाक्य – मोहन हँसकर बोला। मिश्र वाक्य – वह मोहन है जो हँसकर बोला।
रचना के आधार पर भेद कैसे पहचाने?रचना के आधार पर वाक्य भेद, सरल, मिश्र, संयुक्त, उद्देश्य, विधेय, उपवाक्य rachna ke adhar par waky bhed. इस पोस्ट में हमलोग 'रचना के आधार पर वाक्य भेद' का विस्तृत अध्ययन करेंगे । दूसरे शब्दों में इसे हम 'बनावट के आधार पर वाक्यभेद' भी कहते हैं । शब्दों के सार्थक व्यवस्थित रूप को वाक्य कहते हैं ।
रचना के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं Class 10?1- सरल वाक्य - राधा नाचती-गाती है। मिश्र वाक्य - जो नाचती-गाती है, वह राधा है। 2- सरल वाक्य - मोहन हँसकर बोला। मिश्र वाक्य - वह मोहन है जो हँसकर बोला।
वाक्यों के भेद?अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद. विधान वाचक वाक्य. निषेधवाचक वाक्य. प्रश्नवाचक वाक्य. विस्म्यादिवाचक वाक्य. आज्ञावाचक वाक्य. इच्छावाचक वाक्य. संकेतवाचक वाक्य. संदेहवाचक वाक्य. |