पेट्रोल के दाम को लेकर इन दिनों कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दल हायतौबा मचा रहे है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि मोदी सरकार के चार वर्षों के कार्यकाल में पेट्रोल के दाम आसमान पर पहुंच गए है, लेकिन कांग्रेस और यूपीए सरकार के दौरान उसके सहयोगी रहे राजनीतिक दलों को शायद अपना कार्यकाल याद नहीं है। आपको बता दें कि यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोल के दाम करीब ढाई गुना बढ़ गए थे। यूपीए
सरकार से पहले 29 रुपये प्रति लीटर था पेट्रोल
मोदी सरकार के 4 साल में सिर्फ 3.5 रुपये प्रति लीटर बढ़े दाम
तो देखा आपने किस तरह कांग्रेस और दूसरी पार्टियां पेट्रोल के दामों को लेकर झूठ बोल रही हैं और यूपीए सरकार के दौरान के आंकड़ों को छिपा रही हैं। जबकि सच्चाई यह है कि मोदी सरकार पेट्रोल के दामों को स्थिर रखने में कामयाब रही है, अगर इन चार वर्षों में भी यूपीए सरकार की तरह पेट्रोल के दाम बढ़ाए जाते तो आज पेट्रोल की कीमत कहां होती इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। अब सरकार के हाथ में नहीं पेट्रोल-डीजल के दाम |