2 मुखी रुद्राक्ष की क्या पहचान है? - 2 mukhee rudraaksh kee kya pahachaan hai?

इस पोस्ट में 2 मुखी रुद्राक्ष के बारे में चर्चा करेंगे और यह जानेंगे की 2 मुखी रुद्राक्ष कैसा होता है और साथ ही 2 मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या फायदा होता है

दो मुखी रुद्राक्ष आसानी से उपलब्ध हो जाता है। 2 मुखी रुद्राक्ष चपटे आकार का या कहा जाये तो बादाम जैसे आकार का होता है, इस पर 2 धारियां होती है, एक धारी को गौरी और दूसरी धारी को शंकर का स्वरुप माना जाता है

2 मुखी रुद्राक्ष की क्या पहचान है? - 2 mukhee rudraaksh kee kya pahachaan hai?

दो मुखी रुद्राक्ष सभी पापों को नष्ट करता है और इसको धारण करने से सभी देवी,देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है

2 मुखी रुद्राक्ष के लाभ,2 मुखी रुद्राक्ष के फायदे

मानसिक शांति प्रदान करता है,आत्मविश्वास को बढ़ाता है,मन की शांति प्रदान करता है और बुरी संगतों से दूर रखने में सहायक होता है।
अगर आपको आध्यात्मिक साधना में ,मन्त्र साधना में ,तंत्र साधना,उनत्ति चाहिए और आप इसमें आगे बढ़ना चाहते है तो, २ मुखी रुद्राक्ष आवश्य धारण करना चाहिए।

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२ मुखी रुद्राक्ष धारण करने का एक लाभ यह भी है की आकस्मिक मृत्यु का भय कम रहता है।
अगर कोई गर्भवती स्त्री २ मुखी रुद्राक्ष धारण करती है, तो गर्भावस्ता में उस स्त्री को किसी की भी बुरी नजर नहीं लगती है। नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाव रहता है और गर्भ में पल रहे बच्चे की भी सुरक्षा रहती है।

अगर आपको लगता है की जाने अनजाने में आपसे कोई भूल,गलती या पाप हुआ है तो यह २ मुखी रुद्राक्ष जरूर धारण करना चाहिए या अपने घर के मंदिर में रखना चाहिए और नित्य पूजन करना चाहिए।

शास्त्रों में ऐसा वर्णन है कि, 2 मुखी रुद्राक्ष धारणकर्ता को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है, सुरक्षा प्राप्त होती है और धारक के अंदर शक्ति का संचार रहता है।
इसके अलावा 2 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले पर किसी भी तरह के वशीकरण का प्रभाव नहीं होता है।

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2 मुखी रुद्राक्ष का क्या महत्व है

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में रुद्राक्षों को दिव्य स्थान दिया गया है। ऐसा कहा गया है की जन्म कुंडली में विराजमान ग्रहों की दशाओं के अनुसार विधिवत रूप से रुद्राक्ष को धारण करने से ग्रहों की अशुभ दशा से प्राप्त होने वाले बुरे परिणामों को दूर कर जीवन में सफलता पाई जा सकती है। साथ ही यह भी कहा गया है कि उनसे पूर्ण शुभता की प्राप्ति के लिए उन्हें विधिवत संस्कारित करना अत्यंत आवश्यक होता है और यह कार्य किसी विद्वान, ब्राह्मण के द्वारा ही करवाना चाहिए।

2 मुखी रुद्राक्ष देवी देवता का स्वरूप माना गया है। 2 मुखी रुद्राक्ष को अर्द्धनारीश्वर का प्रतीक भी माना गया है। 2 मुखी रुद्राक्ष द्वैत और अद्वैत का, आत्मा व परमात्मा का, ब्रह्मा व जीव का, पुरुष और नारी का, ईश्वर और माया का प्रतीक बीज भी है।

दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से अनेक प्रकार के पाप, अपराध,गुनाह दोष का नाश होता है और धारण करने वाला व्यक्ति जीवन के दौरान हर प्रकार के सुख प्राप्त करते हुए सुखी रहता है

2 मुखी रुद्राक्ष और ग्रह दोष

दो मुखी रुद्राक्ष का संबंध चंद्र से है। चंद्र से सम्बंधित समस्त दोषों के निवारण के लिए दो मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाता है। इस ग्रह की अशुभ दशा में जातक को गंभीर शारीरिक रोगों का सामना करना पड़ता है। मुख्य रूप से गुर्दे और आंख के रोग होते हैं। पारिवारिक संबंधों की मधुरता भी जाती रहती है। दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से उक्त प्रकार की समस्याएं समाप्त हो जाती हैं, समस्त प्रकार की इच्छाएं पूर्ण होती है ,धन-धान्य की वृद्धि होती है, द्विसपनोँ का नाश होता है, गहरी नींद आती है। जिसके फलस्वरूप एकाग्रता बढ़ती है, मन स्थिर होता है और मानसिक शांति प्राप्त होकर आध्यात्मिक उन्नति होती है।

अगर चंद्रमा और शुक्र अपनी दशा में बुरे प्रभाव दे रहे हैं तो, दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से इन ग्रहों के बुरे एवं दुष्प्रभाव दूर होते हैं। इन ग्रहों की मारक दशा में दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से कष्टों का निवारण होता है। दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से जीवन में आने वाले कष्ट दूर होते हैं और किसी भी तरह की चोट लगना एक्सीडेंट होने से भी बचाव होता है।

2 मुखी रुद्राक्ष की विशेषता

दो मुख वाला रुद्राक्ष को साक्षात शिव और पार्वती का रूप माना गया है। अगर दो मुखी रुद्राक्ष को पवित्र मन से धारण किया जाए तो, परस्त्री गमन से होने वाले दोष, गौ हत्या का पाप तथा अगर किसी मनुष्य के हाथों किसी जीव को अस्त्र-शस्त्र से मारने का पाप लगा हुआ हो तो वह भी समाप्त हो जाता है।

2 मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है

दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को सुख, शांति ,धन लाभ, घर, मकान, संपत्ति, शिक्षा, ज्ञान एव मोक्ष प्रदान करता है।
दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला जातक समाज द्वारा पसंद किया जाता है, उसे संपन्ता प्राप्त होती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

ठंडक, खांसी, खिन्नता, बाई आंख, मानसिक कष्ट, हृदय, फेफड़े, गुर्दा, खून व जल संबंधित रोग, मासिक धर्म, आदि रोगों के लिए दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने पर सहायक होता है।

अगर कोई गर्भवती स्त्री २ मुखी रुद्राक्ष धारण करती है, तो गर्भावस्ता में उस स्त्री को किसी की भी बुरी नजर नहीं लगती है। नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाव रहता है और गर्भ में पल रहे बच्चे की भी सुरक्षा रहती है।
दो मुखी रुद्राक्ष स्त्रियों के स्वास्थ्य के लिए और स्त्रियों के मासिक धर्म, रोगों और गर्भ से संबंधित परेशानियों के लिए बहुत लाभकारी माना गया है।

दो मुखी रुद्राक्ष को शिव और शक्ति का स्वरूप माना जाता है, इसलिए इस रुद्राक्ष को धारण करने से प्रेम बढ़ता है, दांपत्य सुख की प्राप्ति होती है और व्यक्ति अच्छा सांसारिक जीवन जीता है।

2 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि

दो मुखी रुद्राक्ष को विधिवत पूजा करके, मंत्रों का उच्चारण करके ही धारण करना चाहिए। मन्त्र- “ॐ ह्रीं नम:” और “ॐ नमः शिवाय”

FAQ.

दो मुखी रुद्राक्ष की पहचान

बादाम जैसी शक्ल का होता है,इस पर 2 धारियाँ होती है।

दो मुखी रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें

रुद्राक्ष को पानी में डालने से वह डूब जाता है।

दो मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

सभी पापों को नष्ट करता है और इसको धारण करने से सभी देवी,देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है

दो मुखी रुद्राक्ष के लाभ

धारण करने वाले व्यक्ति को सुख, शांति ,धन लाभ, घर, मकान, संपत्ति, शिक्षा, ज्ञान एव मोक्ष प्रदान करता है।

दो मुखी रुद्राक्ष को कैसे धारण करें

विधिवत पूजा करके, मंत्रों का उच्चारण करके ही धारण करना चाहिए।

दो मुखी रुद्राक्ष मंत्र

“ॐ ह्रीं नम:” और “ॐ नमः शिवाय”

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2 मुखी रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें?

दो मुखी रुद्राक्ष की पहचान बादाम जैसी शक्ल का होता है,इस पर 2 धारियाँ होती है।

2 मुखी रुद्राक्ष क्या काम करता है?

प्राचीन हिंदू वैदिक ग्रंथों के अनुसार, एक 2 मुखी रुद्राक्ष नपुंसकता, एकाग्रता की कमी, गुर्दे की विफलता, तनाव, चिंता, अवसाद, नकारात्मक सोच, आंखों की समस्याओं को दूर करता है। मानसिक अराजकता, उन्माद, आंतों के विकार आदि जैसे विभिन्न रोगों के उपचार के लिए उल्लेखनीय रूप से काम करता है।

2 मुखी रुद्राक्ष कौन धारण कर सकता है?

दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति उद्देश्यपूर्ण बनता है और जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है। चूंकि यह मन और आत्मा के एकीकरण का दिव्य रूप है, यह आंतरिक आनंद, सुख और धन प्रदान करना सुनिश्चित करता है। भले ही रुद्राक्ष का सीधा संबंध ज्योतिष से नहीं है, लेकिन भगवान शिव की कृपा से इसके ज्योतिषीय लाभ हैं।

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