नहाने के समय को शिशु के लिए सुरक्षित और मजेदार बनाने के लिए हमारी इन फोटो और सुझावों को देखें। Show
1 / 21 जरुरत का सभी सामान इकट्ठा कर लेंशिशु को नहलाना शुरु करने से पहले, जरुरत का सब सामान इकट्ठा कर लें। जिन चीजों की आपको जरुरत पड़ेगी, वे हैं:
शिशु को नहलाने के लिए किन-किन चीजों की जरुरत होती है, हमारा यह स्लाइडशो देखकर जानें! 2 / 21 नहाने का पानी तैयार करें और उसका तापमान जांच लेंशिशु को नहलाने से पहले बाल्टी में पानी भरकर रख लें और पानी का तापमान भी जांच लें। पानी हल्का गुनगुना होना चाहिए, गर्म नहीं। शिशु को नहलाने के पानी का तापमान आदर्शत: 37 डिग्री सेल्सियस (98.6 डिग्री फेरेनहाइट) से 38 डिग्री सेल्सियस (100.4 डिग्री फेरेनहाइट) के करीब होना चाहिए। अगर, नहाने के पानी का तापमान जांचने के लिए आपके पास बाथ थर्मोमीटर नहीं है, तो हाथ की बजाय अपनी कोहनी डालकर पानी का तापमान मापें। अगर आप पानी गर्म करने के लिए इमर्जन रॉड का इस्तेमाल करती हैं, तो इसे समय पर बाहर निकालने का ध्यान रखें। इसके प्लग को बिजली के सॉकेट से हटा दें और नहाने की जगह से दूर किसी सुरक्षित जगह पर रख दें। नवजात शिशुओं और छह महीने तक के शिशुओं के लिए बाथ टब या बेसिन को इतना ही भरें कि पानी शिशु की नाभि तक ही आए। बड़े बच्चों के लिए भी टब में पानी कमर से ऊपर तक न भरें, जब वह बैठी अवस्था में हो। अगर आप शिशु को बाथ टब में पानी के अंदर नहीं रखना चाहती हैं, तो शिशु को बाथ सीट पर बैठाकर ऊपर मग से पानी डाल सकती हैं। पानी बाथ सीट के नीचे इकट्ठा हो जाएगा। 3 / 21 शिशु के कपड़े उतारेंशिशु को बाथरूम मे ले जाएं और नहालाने के लिए उसके सभी कपड़े उतार दें। अगर शिशु की मालिश की गई थी और उसने कपड़े नहीं पहने हुए हैं, तो उसे तौलिये में लपेट लें। इस तरह वह बाथ टब में जाने से पहले
आरामदेह रह सकेगा। अगर आपके शिशु ने लंगोट (नैपी) पहनी हुई है और उसमें शिशु ने मल त्याग कर रखा है, तो बाथ टब में रखने से पहले शिशु के जननांगों और नितंबों को अच्छी तरह साफ कर दें। 4 / 21 शिशु को सुरक्षित तरीके से टब में रखेंजब धीरे-धीरे आप शिशु को टब में बिठाएं तो एक हाथ से उसे नितंब के नीचे से कस कर पकड़े रहें। दूसरे हाथ से उसकी गर्दन और सिर को सहारा दें। शिशु को मजबूती से पकड़े रहें, क्योंकि हो सकता है तेल की मालिश, क्लींजर या पानी की वजह से वह फिसलने लगे। शिशु के सिर को आधार देने और शिशु पर मजबूत पकड़ बनाए रखने के लिए, शिशु के बाईं बाजू के कंधे को अपने बाएं हाथ से पकड़ें। इस तरह उसका सिर आपकी बाजू पर टिक सकेगा (जैसा कि फोटो में दर्शाया गया है)। अगर आप बाएं हाथ से काम करती हैं, तो आप शिशु को दाएं हाथ से पकड़ सकती हैं। जब शिशु टब में सही ढंग से व्यवस्थित हो गया हो, तो जिस हाथ से आप उसके नितंबों को सहारा दे रही थीं, उससे आसपास के पानी को हिला सकती हैं। नहलाते हुए पूरे समय शिशु को एक हाथ से सहारा देती रहें और उसका सिर पानी से ऊपर ही रखें। 5 / 21 शिशु को पानी का मजा लेने दें!शिशु के ऊपर धीरे-धीरे मग से गुनगुना पानी डालें। कुछ शिशुओं को पानी का अहसास बहुत पसंद आता है और वे नहाने का आनंद लेते हैं। मगर, यदि आपके शिशु को पानी में रहना अच्छा नहीं लगता, तो उसे ज्यादा देर तक न नहलाएं। नवजात शिशु को पांच से 10 मिनट से ज्यादा न नहलाएं, इससे उसकी त्वचा को
शुष्क होने से बचाया जा सकता है। 6 / 21 पी.एच. संतुलित सौम्य साबुन या क्लींजर का इस्तेमाल करेंअपने शिशु को थोड़ी मात्रा में सौम्य और पी.एच. संतुलन वाली लिक्विड साबुन या क्लींजर से नहलाएं। अगर आपके शिशु की त्वचा रुखी या संवेदनशील (उदाहरण के लिए चकत्ते की वजह से) है, तो आप नहाने के पानी में डॉक्टर द्वारा बताए गए एमोलिएंट भी मिला सकती हैं। ध्यान रखें कि एमोलिएंट शिशु की त्चचा को चिकना बना सकता है, जिससे शिशु आपके हाथों से फिसल सकता है, इसलिए उसे नहलाते समय मजबूती से थामकर रखें। 7 / 21 साबुन या क्लींजर को हल्के से मलेंशिशु की छाती और पेट पर हल्के हाथों से क्लींजर को मलें। एक हाथ से उसकी पीठ और नितंबों पर क्लींजर लगाएं। साथ ही, पूरे समय उसे दूसरे हाथ से सुरक्षित ढंग से
पकड़े रहें। 8 / 21 गर्दन साफ करेंसुनिश्चित करें कि आप शिशु के गर्दन के आसपास की त्वचा की सिलवटों को अच्छी तरह
साफ करें, क्योंकि इनमें अक्सर दूध, लार और धूल-मिट्टी जमा हो जाती है। शिशु की गर्दन, बाजू, छाती, कमर और जांघों पर ये सिलवटें हो सकती हैं। 9 / 21 बाजू साफ करेंशिशु की बाजुओं को उठाकर उसकी बगल भी अच्छी तरह साफ करें। 10 / 21 शिशु की पीठ धोएंशिशु को अपनी एक बाजू से सहारा देते हुए बैठने की मु्द्रा में लाएं। सौम्यता से शिशु की पीठ पर साबुन लगाएं और इसे धो दें। अगर, आपका शिशु अभी अपना सिर का नियंत्रण ठीक से नहीं कर पाता है, तो उसके सिर को अपनी बाजू पर टिका रहने दें और उसे इतना ही ऊंचा उठाएं कि उसकी पीठ साफ हो सके। 11 / 21 शिशु के जननांगों को साफ करेंअपनी एक बाजू से शिशु को सहारा देते हुए सौम्यता से उसके जननांगों को साफ करें। पेट और जांघ के बीच के हिस्से की और जांघो में अंदर की तरफ की सिलवटों को भी अच्छी तरह साफ करें। अपनी पुत्री के जननांगों को साफ करते समय ध्यान रखें कि सामने से पीछे की तरफ पौंछे, ताकि कोई जीवाणु उसकी गुदा से उसकी योनि में प्रवेश न कर सके। अपने पुत्र के लिए, यह जरुरी नहीं है कि आप उसके लिंग को साफ करने के लिए लिंग की अग्रत्वचा (फोरस्किन) को पीछे की ओर खींचे। जब यह अग्रत्वचा स्वत: अलग हो जाती है और इसे पीछे की ओर करना आसान हो, तब भी सलाह यही दी जाती है कि इसे न छेड़ा जाए। लिंग के ऊपर की त्वचा अपने आप साफ होती रहती है, ऐसे में यदि आप कुछ ओर आजमाने के प्रयास करेंगी तो हो सकता है शिशु को फायदे की बजाय नुकसान हो जाए। 12 / 21 पैरों की उंगलियों के बीच साफ करेंअपनी उंगलियों से शिशु के पैरों की उंगलियों के बीच की जगह को साफ करें। कुछ शिशु अपने पैरों को मुंह तक ले जाते हैं, और उंगलियों को चबाने लगते
हैं! 13 / 21 शिशु के हाथ और उंगलियां साफ करेंजब शिशुओं के दांत निकलते हैं, तो अधिकांश शिशु अपने हाथ
मुंह में चबाते रहते हैं। इससे उंगलियों के बीच दूध और लार एकत्र हो सकती है। इसलिए शिशु की उंगलियों के बीच से भी अच्छी तरह गंदगी साफ करें। 14 / 21 शिशु का चेहरा धोएंअपना हाथ गीला करके या फिर चेहरा पौंछने वाले साफ और मुलायम तौलिये से शिशु के चेहरे को सौम्यता से पौंछ दीजिए। 15 / 21 शिशु की आंखें साफ करेंसाफ उंगली या फिर रुई के फोहे से शिशु की आंखों को नाक के पास के कोने से लेकर बाहर की तरफ पौंछें। शिशु की आंखें साफ करते हुए कोई दबाव न डालें और बहुत ही नरमी से आंखों को पौंछें। पहले एक आंख साफ करने के बाद अपना हाथ अवश्य धोएं और उसके बाद ही दूसरी आंख को पौंछना शुरु करें या फिर दोनों आंखों के लिए अलग-अलग रुई के फोहे का इस्तेमाल करें। इस तरह यदि एक आंख में कोई इनफेक्शन हुआ, तो वह दूसरी आंख तक नहीं पहुंच सकेगा। 16 / 21 शिशु के कान साफ करेंअपने गीले हाथ से या फिर ईयर बड का इस्तेमाल करते हुए शिशु के कान के बाहरी हिस्से को साफ करें। साथ ही, शिशु के कान के पीछे के हिस्से को भी पौंछना न
भूलें। ऐसा इसलिए, क्योंकि अक्सर दूध पीते समय इसकी कुछ बूंदे जाकर कान के पीछे की सलवटों में इकट्ठी हो सकती हैं। 17 / 21 शिशु के बाल धोएंअपनी बाजू से शिशु की गर्दन को सहारा देते हुए उसके सिर को थोड़ा पीछे की तरफ झुकाएं और शिशु के बाल धोएं। 18 / 21 बच्चों वाला सौम्य शैम्पू लगाएंअगर आप चाहें तो शिशु के बालों में थोड़ा सा बच्चों के लिए खास बना हुआ सौम्य शैम्पू भी लगा सकती हैं। बस यह ध्यान रखें कि शैम्पू शिशु की आंखों तक न पहुंचे। आप ऐसे शैम्पू का चयन कर सकती हैं, जो कि बाल धोते समय अचानक शिशु की आंखों में चले जाने पर भी जलन पैदा नहीं करता हो। 19 / 21 शिशु के शरीर में गर्माहट रखेंशिशु के शरीर पर समय-समय पर मग से पानी डालती रहें, ताकि उसे ठंड न लगे। 20 / 21 शैम्पू धोकर साफ कर देंसावधानी बरतते हुए शिशु के सिर से सारा शैम्पू धो दें। इस दौरान शिशु की गर्दन और सिर को अपनी बाजू से सहारा देकर रखें, ताकि वह सुरक्षित रह सके। 21 / 21 टोपी वाले तौलिये में शिशु को सुरक्षित ढंग से लपेटेंशिशु को तौलिये में लपेटें और थपथपाकर पौंछ दें। अगर शिशु की त्वचा रुखी हो, या फिर उसे थोड़ा नैपी रैश है, तो आप नहलाने के बाद शिशु की त्वचा पर सौम्य मॉइस्चराइजिंग लोशन लगा सकती हैं। अंत में, शिशु को कपड़े पहनाएं, उसे अपने सीने से लगाकर दूध पिलाएं। उम्मीद है कि अब वह जल्द ही सो जाएगा! ध्यान दें: अपने शिशु को नहलाते समय कभी भी अकेला न छोड़ें, एक सैकंड के लिए भी नहीं। अगर आपका ध्यान हटा तो शिशु एक सैकंड के अंदर पानी में किसी मुश्किल में फंस सकता है, फिर चाहे वह बाथ सीट पर ही क्यों न बैठा हो। अगर, शिशु को स्नान करवाते समय दरवाजे या फोन की घंटी बजे और आपका उठना जरुरी हो, तो शिशु को भी पानी से बाहर निकालकर, तौलिये में लपेटकर अपने साथ ले जाएं। सुनिश्चित करें कि यदि शिशु को आपके पति, परिवार का कोई सदस्य या आया, नहला रही है, तो वे भी इन निर्देशों को पालन करें। ये सब आपके शिशु के नहाने के समय को मजेदार, एक समान और सुरक्षित अनुभव बना सकते हैं। Click here to see the English version of this slideshow! Neha translates BabyCenter India's English content into Hindi to make it available to a wider audience. नवजात शिशु को कितने दिन में नहलाना चाहिए?वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार जन्म के 24 घंटे बाद नवजात शिशु को नहला देना चाहिए। यदि किसी कारण से पूरा दिन इंतजार न कर पाएं, तो नवजात शिशु को नहलाने के लिए कम से कम छह घंटे का इंतजार जरूर करना चाहिए।
नवजात शिशु को कैसे नहाना चाहिए?शिशु को कैसे नहलाएं: फोटो. 1 / 21. जरुरत का सभी सामान इकट्ठा कर लें ... . 2 / 21. नहाने का पानी तैयार करें और उसका तापमान जांच लें ... . 3 / 21. शिशु के कपड़े उतारें ... . 4 / 21. शिशु को सुरक्षित तरीके से टब में रखें ... . 5 / 21. शिशु को पानी का मजा लेने दें! ... . 6 / 21. पी. ... . 7 / 21. साबुन या क्लींजर को हल्के से मलें ... . 8 / 21. गर्दन साफ करें. जन्म के बाद बच्चे को कब नहलाना चाहिए?जन्म के तुरंत बाद नवजात को नहलाने से उसके शरीर का तापमान गिरने का खतरा रहता है। अधिकांश अस्पताल यही सलाह देते हैं कि शिशु का पहला स्नान उसके जन्म के एक दिन बाद ही कराया जाए। मगर, यदि आप चाहें और आपका शिशु ठीक-ठाक है, तो जन्म के कुछ घंटों बाद उसे स्नान कराया जा सकता है।
छोटे बच्चों को कौन से साबुन से नहाना चाहिए?स्नान साबुन. बेबी सोप + वाष्प रबब बाम. स्नान साबुन + एंटी-मच्छर रोल ऑन. स्नान साबुन + बेबी क्रीम + बेबी शैम्पू. स्नान साबुन + बेबी शैम्पू और वॉश. |