1 ग्राम एंटीमैटर की कीमत क्या है? - 1 graam enteemaitar kee keemat kya hai?

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कण भौतिकी में, प्रतिद्रव्य या एंटीमैटर (antimatter) वस्तुतः पदार्थ के एंटीपार्टिकल के सिद्धांत का विस्तार है। दूसरे शब्दों में, जिस प्रकार पदार्थ कणों का बना होता है उसी प्रकार प्रतिद्रव्य प्रतिकणों से मिलकर बना होता है।[1] उदाहरण के लिये, एक एंटीइलेक्ट्रॉन (एक पॉज़ीट्रॉन, जो एक घनात्मक आवेश सहित एक इलेक्ट्रॉन होता है) एवं एक एंटीप्रोटोन (ऋणात्मक आवेश सहित एक प्रोटोन) मिल कर एक एंटीहाईड्रोजन परमाणु ठीक उसी प्रकार बना सकते हैं, जिस प्रकार एक इलेक्ट्रॉन एवं एक प्रोटोन मिल कर हाईड्रोजन परमाणु बनाते हैं। साथ ही पदार्थ एवं एंटीमैटर के संगम का परिणाम दोनों का विनाश (एनिहिलेशन) होता है, ठीक वैसे ही जैसे एंटीपार्टिकल एवं कण का संगम होता है। जिसके परिणामस्वरूप उच्च-ऊर्जा फोटोन (गामा किरण) या अन्य पार्टिकल-एंटीपार्टिकल युगल बनते हैं। वैसे विज्ञान कथाओं और साइंस फिक्शन चलचित्रों में कई बार एंटीमैटर का नाम सुना जाता रहा है।

एंटीहाइड्रोजन परमाणु का त्रिआयामी चित्र

एंटीमैटर केवल एक काल्पनिक तत्व नहीं, बल्कि असली तत्व होता है। इसकी खोज बीसवीं शताब्दी के पूर्वाद्ध में हुई थी। तब से यह आज तक वैज्ञानिकों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है। जिस तरह सभी भौतिक वस्तुएं मैटर यानी पदार्थ से बनती हैं और स्वयं मैटर में प्रोटोन, इलेक्ट्रॉन और न्यूट्रॉन होते हैं, उसी तरह एंटीमैटर में एंटीप्रोटोन, पोसिट्रॉन्स और एंटीन्यूट्रॉन होते हैं।[1][2] एंटीमैटर इन सभी सूक्ष्म तत्वों को दिया गया एक नाम है। सभी पार्टिकल और एंटीपार्टिकल्स का आकार एक समान किन्तु आवेश भिन्न होते हैं, जैसे कि एक इलैक्ट्रॉन ऋणावेशी होता है जबकि पॉजिट्रॉन घनावेशी चार्ज होता है। जब मैटर और एंटीमैटर एक दूसरे के संपर्क में आते हैं तो दोनों नष्ट हो जाते हैं। ब्रह्मांड की उत्पत्ति का सिद्धांत महाविस्फोट (बिग बैंग) ऐसी ही टकराहट का परिणाम था। हालांकि, आज आसपास के ब्रह्मांड में ये नहीं मिलते हैं लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार ब्रह्मांड के आरंभ के लिए उत्तरदायी बिग बैंग के एकदम बाद हर जगह मैटर और एंटीमैटर बिखरा हुआ था। विरोधी कण आपस में टकराए और भारी मात्रा में ऊर्जा गामा किरणों के रूप में निकली। इस टक्कर में अधिकांश पदार्थ नष्ट हो गया और बहुत थोड़ी मात्रा में मैटर ही बचा है निकटवर्ती ब्रह्मांड में। इस क्षेत्र में ५० करोड़ प्रकाश वर्ष दूर तक स्थित तारे और आकाशगंगा शामिल हैं। वैज्ञानिकों के अनुमान के अनुसार सुदूर ब्रह्मांड में एंटीमैटर मिलने की संभावना है।[1]

अंतरराष्ट्रीय स्तर के खगोलशास्त्रियों के एक समूह ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के गामा-किरण वेधशाला से मिले चार साल के आंकड़ों के अध्ययन के बाद बताया है कि आकाश गंगा के मध्य में दिखने वाले बादल असल में गामा किरणें हैं, जो एंटीमैटर के पोजिट्रान और इलेक्ट्रान से टकराने पर निकलती हैं। पोजिट्रान और इलेक्ट्रान के बीच टक्कर से लगभग ५११ हजार इलेक्ट्रान वोल्ट ऊर्जा उत्सर्जित होती है। इन रहस्यमयी बादलों की आकृति आकाशगंगा के केंद्र से परे, पूरी तरह गोल नहीं है। इसके गोलाई वाले मध्य क्षेत्र का दूसरा सिरा अनियमित आकृति के साथ करीब दोगुना विस्तार लिए हुए हैं।[3]

एंटीमैटर की खोज में रत वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्लैक होल द्वारा तारों को दो हिस्सों में चीरने की घटना में एंटीमैटर अवश्य उत्पन्न होता होगा। इसके अलावा वे लार्ज हैडरन कोलाइडर जैसे उच्च-ऊर्जा कण-त्वरकों द्वारा एंटी पार्टिकल उत्पन्न करने का प्रयास भी कर रहे हैं।

1 ग्राम एंटीमैटर की कीमत क्या है? - 1 graam enteemaitar kee keemat kya hai?

पार्टिकल एवं एंटीपार्टिकल

पृथ्वी पर एंटीमैटर की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन वैज्ञानिकों ने प्रयोगशालाओं में बहुत थोड़ी मात्रा में एंटीमैटर का निर्माण किया है। प्राकृतिक रूप में एंटीमैटर पृथ्वी पर अंतरिक्ष तरंगों के पृथ्वी के वातावरण में आ जाने पर अस्तित्व में आता है या फिर रेडियोधर्मी पदार्थ के ब्रेकडाउन से अस्तित्व में आता है।[2] शीघ्र नष्ट हो जाने के कारण यह पृथ्वी पर अस्तित्व में नहीं आता, लेकिन बाह्य अंतरिक्ष में यह बड़ी मात्र में उपलब्ध है जिसे अत्याधुनिक यंत्रों की सहायता से देखा जा सकता है। एंटीमैटर नवीकृत ईंधन के रूप में बहुत उपयोगी होता है। लेकिन इसे बनाने की प्रक्रिया फिल्हाल इसके ईंधन के तौर पर अंतत: होने वाले प्रयोग से कहीं अधिक महंगी पड़ती है। इसके अलावा आयुर्विज्ञान में भी यह कैंसर का पेट स्कैन (पोजिस्ट्रान एमिशन टोमोग्राफी) के द्वारा पता लगाने में भी इसका प्रयोग होता है। साथ ही कई रेडिएशन तकनीकों में भी इसका प्रयोग प्रयोग होता है।

नासा के मुताबिक, एंटीमैटर धरती का सबसे महंगा मैटेरियल है। 1 मिलिग्राम एंटीमैटर बनाने में 250 लाख डॉलर रुपये तक लग जाते हैं। एंटीमैटर का इस्तेमाल अंतरिक्ष में दूसरे ग्रहों पर जाने वाले विमानों में ईधन की तरह किया जा सकता है। 1 ग्राम एंटीमैटर की कीमत 312500 अरब रुपये (3125 खरब रुपये) है।[4]

नई दिल्ली: क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया की सबसे महंगी चीज (Most Expensive Element) क्या हो सकती है? दुनिया की सबसे महंगी चीज (Most Expensive Element Of The Universe) की एक ग्राम की मात्रा को खरीदने में जितना पैसा (Antimatter Cost) चाहिए, उतने पैसे में दुनिया के 100 छोटे-छोटे देश आसानी से खरीदे जा सकते हैं. एंटीमैटर (Antimatter) दुनिया की सबसे बेशकीमती चीज है.

आपने कई अंग्रेजी फिल्मों में एंटीमैटर को चुराने और उसकी सुरक्षा में सुरक्षा एजेंसियों के लगने की कहानी देखी होगी. दरअसल, अंतरिक्ष यात्रा या दूसरे ग्रहों पर आने-जाने के लिए अंतरिक्ष यान में जो ईंधन पड़ता है, वो इसी एंटीमैटर (Antimatter) से बनता है. अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें ऐसा क्या मिलाते हैं, जो अंतरिक्ष यानी दूसरे ग्रह तक पहुंच जाते हैं. चलिए आपको बताते हैं पूरा मामला.

क्या है एंटीमैटर (What Is Antimatter)

एंटीमैटर दुनिया का सबसे महंगा पदार्थ (Most Expensive Element) है. इसे आम भाषा में प्रतिपदार्थ भी कहा जाता है. इसे बनाना मुश्किल ही नहीं बल्कि असंभव है. वैज्ञानिक जानकारियों के अनुसार, तमाम कोशिशों के बावजूद इसके सिर्फ 309 एटम (Atom) बनाए जा सके हैं. जनवरी 2011 में अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी (American Astronomical Society) ने बताया कि यह थंडरस्टॉर्म क्लाउड्स (Thunderstorm Clouds) की ऊपरी लेयर में भी पाया जाता है.

वास्तव में इनकी कीमत भी इसलिए ही बहुत ज्यादा है क्योंकि ये बेहद कम समय के लिए ही पैदा किए जा सकते हैं.

कीमत सुन कर उड़ जाएंगे होश 

एंटीमैटर की कीमत (Antimatter Cost) की बात करें तो आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी. अगर इसे एक ग्राम बेचा जाए तो दुनिया के 100 छोटे-छोटे देशों को खरीदा जा सकता है. इसमें पाकिस्तान (Pakistan) जैसे दो देश खरीदे जा सकते हैं. इसकी 1 ग्राम की कीमत 31 लाख 25 हजार करोड़ रुपये है. इसे दुनिया का सबसे महंगा पदार्थ माना जाता है.

नासा (NASA) की मानें तो एंटीमैटर को तैयार करने में सबसे ज्यादा रुपये भी खर्च होते हैं. इसलिए भी इसकी कीमत ज्यादा है. आंकड़ों की मानें तो 1 मिलीग्राम एंटीमैटर बनाने में 160 करोड़ रुपये लगते हैं.

यह भी पढ़ें- Universe Sound: वैज्ञानिकों को सुनाई दी ब्रह्मांड की 'आवाज', क्या यही है 'दूसरी दुनिया' का इशारा?

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विश्व की सबसे अच्छी और पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था

जिस जगह पर एंटीमौटर का उत्पादन किया जाता है, वहां विश्व की सबसे अच्छी और पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था रखी जाती है. दुनिया में सबसे ज्यादा सुरक्षा व्यवस्था भी इसे प्रदान की जाती है. इतना ही नहीं, नासा जैसे संस्थानों में भी इसे रखने के लिए अमेरिका (America) की सबसे बेहतरीन सुरक्षा एजेंसी लगी रहती है.

अंतरिक्ष के लिए है बेहद बेशकीमती 

वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी पर धरती की बात की जाए तो एंटीमैटर किसी काम का नहीं है लेकिन अंतरिक्ष (Space) से जुड़े किसी भी काम के लिए एंटीमैटर बहुत बेशकीमती है. अंतरिक्ष में Black Hole द्वारा तारों को दो हिस्सों में चीरने की घटना में एंटीमैटर उत्पन्न होता है. बहरहाल एंटीमैटर किसी भी लिहाज से धरती और अंतरिक्ष के लिए इतना बेशकीमती है कि कोई भी इसे पाने के लिए हर संभव रकम देने को तैयार हो जाएगा.

1 ग्राम एंटीमैटर का कीमत कितना है?

1 ग्राम एंटीमैटर को बेचकर विश्व के 100 छोटे देशों को खरीदे जा सकते हैं. 1 ग्राम एंटीमैटर की कीमत 393.75 लाख करोड़ रुपए है. नासा के मुताबिक, एंटीमैटर धरती का सबसे महंगा मटीरियल है.

एंटीमैटर इतना महंगा क्यों है?

बिग बैंग के बाद एंटीमैटर पदार्थ (मैटर) के साथ ही बने थे, लेकिन एंटीमैटर आज के ब्रह्मांड में दुर्लभ है और वैज्ञानिकों के लिए अब तक ये रहस्य ही बना हुआ है कि ऐसा क्यों है। अब आपको लग रहा होगा कि एंटीमैटर शायद कोई काल्पनिक पदार्थ हो, इसलिए नहीं मिलता, लेकिन आपको बता दें कि यह कोई काल्पनिक पदार्थ नहीं बल्कि असली पदार्थ है।

दुनिया की सबसे महंगी चीज एंटीमैटर क्या है?

हम जिस चीज की बात कर रहे हैं उसका नाम 'एंटीमेटर' (Antimatter) यानी 'प्रति पदार्थ' है। इसे दुनिया का सबसे कीमती पदार्थ माना जाता है। नासा के मुताबिक इसके एक ग्राम की कीमत करीब 90 ट्रिलियन डॉलर (करीब 63 लाख अरब रुपए) है। एंटीमेटर (Antimatter) हमारे आसपास के वातावरण या जमीन के अंदर नहीं पाया जाता है।

एंटीमैटर की कीमत रुपए में क्या है?

Convert AntiMatter (MATTER) to INR.