‘संघ लोक सेवा आयोग’ (UPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली ‘भारतीय प्रशासनिक सेवा’ (IAS) की परीक्षा तीन चरणों में संपन्न की जाती है। इन तीन चरणों में प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार शामिल हैं। इस परीक्षा प्रणाली के तीनों ही चरणों के दृष्टिकोण से अंतरराष्ट्रीय संबंध इसके पाठ्यक्रम का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत संघ लोक सेवा आयोग ने ‘विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के
अध्ययन’ टॉपिक का भी उल्लेख किया है। इनके विषय में आईएएस की परीक्षा की तैयारी कर रहे प्रत्येक अभ्यर्थी को पढ़ना होता है क्योंकि इनके बारे में देर सबेर संघ लोक सेवा आयोग द्वारा इस परीक्षा के विभिन्न चरणों में प्रश्न पूछे जाते रहे हैं। ऐसी स्थिति में, अंतरराष्ट्रीय संबंध के अंतर्गत उल्लेखित टॉपिक ‘विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थानों का अध्ययन’ एक महत्वपूर्ण टॉपिक बन जाता है। प्रत्येक अभ्यर्थी को इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए इस टॉपिक का गहराई से अध्ययन करना होता है।
इस टॉपिक के अंतर्गत कई अन्य विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ ही एक ‘यूरोपीय संघ’ (European Union – EU) नामक अंतरराष्ट्रीय संस्थान का अध्ययन भी करना होता है। आज अपने इस आलेख के अंतर्गत हम ‘यूरोपीय संघ’ नामक अंतर्राष्ट्रीय संस्थान से संबंधित विभिन्न पहलुओं को समझने का प्रयास करेंगे। इस दौरान हम कोशिश करेंगे कि अपने इस आलेख के अंतर्गत हम यूरोपीय संघ से संबंधित उन सभी आयामों पर चर्चा कर सकें, जो संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली आईएएस की परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। तो आइए, इस विषय से संबंधित हम अपनी चर्चा की शुरुआत करते हैं। लिंक किए गए लेख से IAS हिंदी की जानकारी प्राप्त करें। यूरोपीय संघ का परिचय
यूरोपीय संघ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
यूरोपीय संघ के लक्ष्य
यूरोपीय संघ के नैतिक मूल्ययूरोपीय संघ ने अपने विभिन्न नैतिक मूल्य घोषित किए हैं, जिनके अंतर्गत यूरोपीय संघ ने अंतिम रूप से समाज में समावेशन, न्याय, एकता और सहिष्णुता को निहित करने का प्रयास किया है। इसके अलावा, उसके इन नैतिक मूल्यों का आधार समाज में उपस्थित विभेद कारी प्रवृत्तियाँ भी हैं। इसलिए वह अपने नैतिक मूल्यों के माध्यम से इस सामाजिक विभेद को भी समाप्त करना चाहता है। इस दृष्टिकोण से यूरोपीय संघ ने जो नैतिक मूल्य घोषित किए हैं, उनका विवरण इस प्रकार है-
यूरोपीय संघ के कार्ययूरोपीय संघ अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न कानून निर्माण करता है और अनेक कार्यों को संपादित करता है। इस दृष्टिकोण से हम यह देखेंगे कि यूरोपीय संघ विशेष रूप से कौन-कौन से कार्यों पर ध्यान केंद्रित करता है। इन कार्यों का विवरण क्रमवार तरीके से इस प्रकार है-
यूरोपीय संघ से संबंधित विभिन्न शासी निकाययूरोपीय संघ के शासी निकायों (Governing Bodies) के माध्यम से अपने कार्यों का संचालन करता है। ये शासी निकाय यूरोपीय संघ की विभिन्न तरीके से मदद करते हैं, ताकि वह अपने कार्यों को सुचारु तरीके से संचालित कर सके। इनमें से कुछ प्रमुख शासी निकायों का जिक्र हम इस आलेख में आगामी खंड में कर रहे हैं, जिनका विवरण इस प्रकार है-
ब्रेक्जिट क्या है? (What is Brexit?)
भारत और यूरोपीय संघ के मध्य सहयोग के बिंदु
भारत और यूरोपीय संघ के बीच विवाद के बिंदु
निष्कर्ष
हमने इस आलेख में अपनी उपरोक्त चर्चा में यूरोपीय संघ से संबंधित विभिन्न बिंदुओं को अच्छी तरह से समझने की कोशिश की और निरंतर यह प्रयास किया कि इस आलेख को इस रूप में प्रस्तुत किया जाए कि ‘संघ लोक सेवा आयोग’ (UPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली ‘भारतीय प्रशासनिक सेवा’ (IAS) की परीक्षा की दृष्टि से यह आलेख अधिक से अधिक उपयोगी बन सके। इस आलेख में ना सिर्फ हमने यूरोपीय संघ को एक संस्था के रूप में समझने का प्रयास किया, बल्कि उसके भारत के साथ रिश्ते पर भी विस्तार पूर्वक चर्चा की। हमने यूरोपीय संघ से संबंधित अनेक पहलुओं, जैसे- उसके उदय की पृष्ठभूमि, उसके कार्य, उसके उद्देश्य, यूरोपीय संघ के विभिन्न शासी निकाय, ब्रिटेन का यूरोपीय संघ से अलग होना (ब्रेक्जिट) और भारत के साथ यूरोपीय संघ के संबंध इत्यादि को इस आलेख के माध्यम से हमने यथासंभव बेहतर ढंग से प्रस्तुत करने की कोशिश की है। अतः हमें उम्मीद है कि आईएएस की परीक्षा की तैयारी करने वाले प्रत्येक अभ्यर्थिय को इस आलेख को पढ़ने के बाद बहुत अधिक सहायता मिलेगी और वे इस बात को लेकर सहज महसूस करेंगे कि यदि अंतरराष्ट्रीय संबंध विषय के ‘यूरोपीय संघ’ नामक टॉपिक से संबंधित कोई प्रश्न आता है, तो परीक्षा के प्रत्येक चरण में आप उसे हल करने की स्थिति में रहेंगे। हमें इस आलेख को लिखते समय हमने इस बात का पर्याप्त ध्यान रखा है कि इसके अंतर्गत लिखी जाने वाली विषय वस्तु को एक वैज्ञानिक ढंग से व्यवस्थित किया जाए, ताकि इसे पढ़ने वाले अभ्यर्थी इसका कम समय में अधिक से अधिक लाभ उठा सकें। सम्बंधित लिंक्स: यूरोपीय समुदाय ने अपना नाम यूरोपीय संघ कब?यूरोपीय संघ (European Union) एक 27 यूरोपीय महाद्वीप के देशों का संगठन है जिसकी स्थापना 1 नवंबर 1993 में हुई। यह संगठन यूरोप में राजनीतिक और आर्थिक एकीकरण की भावना से मास्ट्रिच संधि द्वारा बनाया गया। इसमें यूरोपीय संसद, यूरोपीय न्यायालय और यूरोपीय सेंट्रल बैंक भी शामिल है।
यूरोपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना कब हुई थी?25 मार्च 1957, फ़्रांसयूरोपीय आर्थिक समुदाय / स्थापना की तारीख और जगहnull
यूरोपीय संघ संघ की स्थापना कब हुई?1 नवंबर 1993, मास्ट्रिच, नीदरलैण्डयूरोपीय संघ / स्थापना की तारीख और जगहnull
यूरोपीय संघ ने यूरोपीय संविधान कब पारित किया?यूरोपीय संघ
1993 में मास्त्रिख संधि द्वारा इसके आधुनिक वैधानिक स्वरूप की नींव रखी गयी। दिसम्बर 2007 में लिस्बन समझौता जिसके द्वारा इसमें और व्यापक सुधारों की प्रक्रिया 1 जनवरी 2008 से शुरु की गयी है।
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