UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 2 The World Population: Distribution, Density and Growth (विश्व जनसंख्या-वितरण, घनत्व और वृद्धि) Show
UP Board Class 12 Geography Chapter 2 Text Book QuestionsUP Board Class 12 Geography Chapter 2 पाठ्यपुस्तक से अभ्यास प्रश्न प्रश्न 1. (ii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक विरल जनसंख्या वाला क्षेत्र नहीं है (iii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक प्रतिकर्ष कारक नहीं है (iv) निम्नलिखित में से
कौन-सा एक तथ्य सही नहीं है प्रश्न 2.
(ii) विश्व में उच्च जनसंख्या वाले अनेक क्षेत्र हैं। ऐसा क्यों होता है?
(iii) जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक कौन-से हैं?
प्रश्न 3. (ii) प्रवास के प्रतिकर्ष कारक और अपकर्ष कारक प्रश्न 4. (I) भौगोलिक कारक
(II) आर्थिक कारक
(III) सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक (ii) जनांकिकीय संक्रमण की तीन अवस्थाओं की विवेचना कीजिए। द्वितीय अवस्था – इस अवस्था के प्रारम्भ में
प्रजननशीलता उच्च बनी रहती है किन्तु यह समय के साथ घटती जाती है। यह अवस्था घटी हुई मृत्यु-दर के साथ आती है। स्वास्थ्य सम्बन्धी दशाओं व स्वच्छता में सुधार . के साथ मर्त्यता में कमी आती है। इस अन्तर के कारण, जनसंख्या में होने वाला शुद्ध योग उच्च होता है। अन्तिम अवस्था में प्रजननशीलता और मर्त्यता दोनों अधिक घट जाती हैं। जनसंख्या या तो स्थिर हो जाती है या मन्द गति से बढ़ती है। जनसंख्या नगरीय और शिक्षित हो जाती है तथा उसके पास तकनीकी ज्ञान होता है। ऐसी जनसंख्या विचारपूर्वक परिवार के आकार को नियन्त्रित करती है। इससे प्रदर्शित होता है कि मनुष्य जाति अत्यधिक नम्य है और अपनी प्रजननशीलता को समायोजित करने की योग्यता रखती है। वर्तमान में विभिन्न देश जनांकिकीय संक्रमण की विभिन्न अवस्थाओं में हैं। UP Board Class 12 Geography Chapter 2 Other Important QuestionsUP Board Class 12 Geography Chapter 2 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर विस्तृत उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. विश्व में विरल जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्र जिन क्षेत्रों में 1 से 2 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी रहते हैं उन्हें ‘विरल जनसंख्या घनत्व वाले प्रदेश’ कहते हैं। ऐसे प्रदेश पृथ्वी के धरातल का लगभग 95 करोड़ वर्ग किमी अर्थात् तीन-चौथाई भाग घेरे हुए हैं। इनमें निम्नलिखित प्रदेश शामिल हैं 1. उष्ण मरुस्थल – सहारा, कालाहारी (अफ्रीका), अटाकामा (द. अफ्रीका), पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, अरब व थार (एशिया) तथा सैनोरैन मरुस्थल ऐसे ही उष्ण मरुस्थल हैं जहाँ जल के अभाव के कारण पशुचारण मुख्य व्यवसाय है और जनसंख्या विरल है। 2. अति ठण्डे क्षेत्र – ध्रुवीय व उप-ध्रुवीय क्षेत्रों में तापमान अत्यन्त कम व फसलों का वर्धन काल बहुत छोटा होता है। इन क्षेत्रों में कनाडा व साइबेरिया का उत्तरी भाग तथा ग्रीनलैण्ड आते हैं। दक्षिणी ध्रुव के चारों तरफ . विस्तृत अंटार्कटिक महाद्वीप तो पूर्णतया जनविहीन है। 3. ठण्डे मरुस्थल व उच्च पर्वतीय प्रदेश – मध्य एशिया के क्षेत्र, गोबी व तकला मकान मरुस्थल समुद्र के समकारी प्रभाव से दूर महाद्वीप के भीतरी भागों में स्थित क्षेत्र हैं। वृष्टि छाया प्रदेश में स्थित इन क्षेत्रों में वर्षा न्यून व वार्षिक तापान्तर बहुत अधिक होता है। रॉकीज, एण्डीज, हिमालय आदि उच्च पर्वतीय प्रदेशों में भी विरल जनसंख्या पायी जाती है। 4. विषुवत् – रेखीय क्षेत्र-इसमें सघन वनों से युक्त दक्षिण अमेरिका का अमेजन बेसिन तथा अफ्रीका का जायरे बेसिन शामिल हैं। यहाँ सारे साल भारी वर्षा व उच्च तापमान पाए जाते हैं। जलवायु अस्वास्थ्यकर है तथा वन दुर्गम व आर्थिक रूप से कम उपयोगी हैं। प्रश्न 2. जनसंख्या की वृद्धि दर – यह जनसंख्या में परिवर्तन है जो कि प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है। उदाहरणत:-2001 व 2011 के दशक में जनसंख्या की वृद्धि दर 17.64 प्रतिशत थी। प्राकृतिक
वृद्धि – दो समय बिन्दुओं में जन्म-दर और मृत्यु-दर के अन्तर से बढ़ने वाली जनसंख्या को उस क्षेत्र की ‘प्राकृतिक वृद्धि’ कहते हैं। वास्तविक वृद्धि – इसमें जनसंख्या की जन्म-दर व मृत्यु-दर के साथ-साथ प्रवास व अप्रवास की भी गणना की जाती है। . धनात्मक वृद्धि – धनात्मक वृद्धि तब होती है जब दो समय बिन्दुओं के बीच जन्म-दर, मृत्यु-दर से अधिक हो या अन्य देशों के लोग स्थायी रूप से उस देश में प्रवास कर जाएँ। ऋणात्मक वृद्धि-यदि दो समय बिन्दुओं के बीच जनसंख्या कम हो जाए तो उसे ऋणात्मक वृद्धि कहते हैं। यह तब होती है जब जन्म-दर, मृत्यु-दर से कम हो जाए या लोग अन्य देशों में प्रवास कर जाएँ। प्रश्न 3. प्रवास के प्रकार 1. बाह्य प्रवास-अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं को पार करने वाला प्रवास ‘बाह्य प्रवास’ कहलाता है। दिशा के आधार पर बाह्य प्रवास दो प्रकार का होता है
2. आन्तरिक प्रवास-किसी देश के विभिन्न क्षेत्रों के मध्य होने वाले पारस्परिक प्रवास को आन्तरिक प्रवास’ कहते हैं। यह दो प्रकार का हो सकता है–
दिशा के आधार पर आन्तरिक प्रवास चार प्रकार का होता है। इन्हें प्रवास की धाराएँ कहते हैं(i) गाँव से नगर को प्रवास,
प्रश्न 4. 2. अशोधित मृत्यु-दर – जनसंख्या परिवर्तन में मृत्यु-दर की सक्रिय भूमिका होती है। जनसंख्या वृद्धि केवल जन्म-दर के अधिक होने के कारण ही नहीं होती बल्कि मृत्यु-दर के कम होने से भी होती है। अशोधित मृत्यु-दर किसी क्षेत्र
में मृत्यु-दर को मापने की अत्यन्त सरल विधि है। एक वर्ष में प्रति हजार जनसंख्या के अनुपात में मरने वाले व्यक्तियों की संख्या ‘अशोधित मृत्यु-दर’ कहलाती है। इस दर को ज्ञात करने के लिए किसी वर्ष विशेष में हुई मृत्युओं को मध्यवर्षीय जनसंख्या से भाग दे दिया जाता है। इस प्रकार प्राप्त भागफल को 1,000 से गुणा करके जो संख्या प्राप्त होती है, उसे ‘अशोधित मृत्यु-दर’ कहा जाता है। मुख्य रूप से मृत्यु-दर किसी क्षेत्र की जनांकिकीय संरचना, सामाजिक उन्नति और आर्थिक विकास के स्तर द्वारा प्रभावित होती है। प्रश्न 5. 2. पश्चिमी यूरोप – पश्चिमी यूरोप में खनन व निर्माण उद्योगों का विकास हुआ है। यहाँ की उत्तम जलवायु के कारण भी जनसंख्या का अधिक सान्द्रण पाया जाता है। 3. संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कनाडा के पूर्वी
भाग – संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तर-पूर्वी भाग और कनाडा के दक्षिण-पूर्वी तटों पर जनसंख्या का भारी बसाव हुआ है। इसका मुख्य कारण यह है कि यूरोप से अटलाण्टिक मार्ग से आने वाले प्रवासी सबसे पहले यहीं आकर बसे। इससे यहाँ उद्योगों, व्यवसाय तथा नगरीकरण की प्रक्रिया तीव्र हुई। ज्यों-ज्यों इस क्षेत्र में आर्थिक सम्भावनाएँ बढ़ती गईं, लोग इस ओर आकर्षित होते गए। लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1.
प्रश्न 2. 2. अपकर्ष प्रवास – काम के बेहतर अवसर और जीने की दशाओं, शान्ति व स्थायित्व, जीवन व सम्पत्ति की सुरक्षा तथा सुखद जलवायु जैसे कारण गंतव्य को उद्गम स्थल की अपेक्षा अधिक आकर्षक बनाते हैं। अपनी बेहतरी के अवसरों से आकर्षित होकर किया गया प्रवास ‘अपकर्ष-प्रेरित प्रवास’ कहलाता है। प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7.
प्रश्न 8.
प्रश्न 9.
प्रश्न 10. अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3.
प्रश्न
4. प्रश्न 5.
प्रश्न 6.
प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 16. प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. बहविकल्पीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. विश्व में उच्च जनसंख्या घनत्व वाले अनेक क्षेत्र हैं ऐसा क्यों?(ii) विश्व में उच्च जनसंख्या घनत्व वाले अनेक क्षेत्र हैं। ऐसा क्यों है? उत्तर: विश्व के जिन क्षेत्रों की जलवायु मानव व मानवीय क्रियाओं के अनुकूल है, भूमि समतल व उपजाऊ है तथा जल व खनिज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं वहाँ जनसंख्या का उच्च घनत्व पाया जाता है।
जनसंख्या घनत्व का मुख्य कारण क्या है?जहाँ जनसंख्या का घनत्व 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से ज्यादा पाया जाता है। ऐसे क्षेत्र अधिक घनत्व वाले क्षेत्र कहलाते हैं। इन क्षेत्रों में घनी आबादी होने का मुख्य कारण उपजाऊ मृदा तथा भरपूर वर्षा का पाया जाना है। इससे सघन एवं सशक्त खेती द्वारा उपज मिलती है।
विश्व में जनसंख्या घनत्व क्या है?पृथ्वी पृष्ठ के एक इकाई क्षेत्र में रहने वाले लोगों की संख्या को जनसंख्या का घनत्व कहते हैं। सामान्य रूप से यह प्रतिवर्ग किलोमीटर में व्यक्त किया जाता है | संपूर्ण विश्व का औसत जनसंख्या घनत्व 51 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
जनसंख्या घनत्व से आप क्या समझते हैं विश्व में विरल जनसंख्या घनत्व वाले प्रदेश का वर्णन कीजिए?पर्वतीय भूभाग है, अतः जनसंख्या का घनत्व सबसे कम एवं वितरण भी विरल एवं फैला हुआ है। इसके अलावा भौतिक कारकों में स्थान विशेष का जल-प्रवाह क्षेत्र, भूमि जल स्तर जनसंख्या वितरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।
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